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बगैर फिटनेस मिले स्कूली वाहन तो स्कूल प्रबंधक पर होगी कार्रवाई

लखनऊ। उच्च न्यायालय के  निर्देश पर  प्रदेश भर में परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देश पर राजधानी के समस्त विद्यालय के प्राचार्य, प्रधानाचार्य एवं  प्रबन्धकों को को निर्देशित करते हुए स्कूल में लगे वाहनों की फिटनेस और  सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालन कराये जाने के लिए सूचनाये जारी की। बैठक के दौरान कालेजों एवं स्कूलों के समस्त प्रतिनिधियों को निर्देश दिये गये कि जिन स्कूली वाहनों की फिटनेस वैधता समाप्त हो चुकी है, उनका स्कूलों में संचालन न किया जाए। यदि कोई भी स्कूली वाहन बिना फिटनेस के मार्ग परसंचालित पाई जाती है, तो सम्बन्धित वाहन स्वामी एवं प्रबंधक के विरूद्ध कार्रवाई करायी जायेगी। साथ ही जिन स्कूली वाहनों की आयू सीमा 15 वर्ष या उससे अधिक हो गयी है, उनका नियमानुसार पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा।

इस दौरान  सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन)को निर्देश दिये गये कि गीष्म कालीन अवकाश समाप्त होने के उपरान्त स्कूलों का संचालन पुन: प्रारम्भ हो  गया है के दृष्टिगत आईएनसी सेन्टर पर स्कूली वाहनों की फिटनेस के लिए एक अलग से काउन्टर खुलवाया जाए। ताकि उनके स्कूलों में संचालित स्कूली वाहनों के प्रपत्रों की जांच किये जाने के लिए एक नोडल टीचर नामित करे, ताकि स्कूली वाहनों का संचालन वैध प्रपत्रों एवं विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति में दिये गये निर्देशों के अनुरूप हो सके और  संभागीय निरीक्षक (प्रावि.) को निर्देशित किया गया कि स्कली वाहनों की फिटनेस की जांच मानक के अनुरूप होने के उपरान्त ही निर्गत किया जाये। इन्सपेक्शन एण्ड सर्टिफिकेशन सेंटर ट्रान्सपोर्ट नगर में आयोजित बैठक में  संदीप कुमार पंकज, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रदीप कुमार सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ द्वारा नामित सदस्य ए विष्णु कुमार, संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) ने भाग लिए।
नाबालिगों के वाहन चलाने पर पुलिस सख्त, वाहन चलाते पाए जाने पर वाहन स्वामी व अभिभावकों पर दर्ज होगा मुकदमा
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में अब नाबालिग को वाहन चलाने की अनुमति देने परिजनों की खैर नहीं है। चूंकि यातायात विभाग यातायात नियमों को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। अब सड़क पर नाबालिग छात्र-छात्रा वाहन चलाते मिल गए तो वाहन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के साथ-साथ पचीस हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। इसका अनुपालन राजधानी लखनऊ में सोमवार से शुरू कर दिया गया। पहले दिन अभियान चलाकर जागरूक करने के साथ-साथ चालान करने की कार्रवाई की गई।

यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों की अब खैर नहीं

जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी की कमिश्नरेट पुलिस की  यातायात पुलिस 18 वर्ष से कम आयु के स्कूली छात्र और छात्राओं के वाहन  चलाने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिये अभिभावकों से अपील है कि वह अपने नाबालिग बच्चों को दो पहिया और चार पहिया वाहन चलाने के लिए न दें ताकि सड़क हादसों पर लगाम लगाईं जा सके। कमिश्नरेट पुलिस ने यातायात नियमों का उलंघन करने वाले अभिभावकों और वाहन स्वामियों पर सख्त कार्रवाई करने के  आदेश जारी करते हुए कहा की  यातायात नियमों का उलंघन करने वाले लोगों के खिलाफ चेकिंग अभियान रोजाना चलाया जाएगा। इस दौरान ड्राइविंग लाइसेंस के बिना पाए जाने पर अभिभावक, संरक्षक, वाहन स्वामी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

अभियान चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

यातायात पुलिस ने नाबालिग छात्र छात्राओं और बच्चों द्वारा दो पहिया और चार पहिया चलाने को लेकर  सख्त  कार्रवाई करने के सख्त निर्देश जारी कर दिए है।पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर के निर्देश पर डीसीपी यातायात  कमलेश दीक्षित ने राजधानी में तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को नाबालिग बच्चों,छात्र और छात्राओं द्वारा  यातायात नियमो की अनदेखी कर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद सोमवार से राजधानी की ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक करने और यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से अवगत कराया।

यातायात विभाग द्वारा लागू किया गया है यह नियम

ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने राहगीरों और स्थानीय लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम आयु वाले स्कूल के छात्र  व छात्राओं द्वारा बिना ड्राइविंग लाईसेंस के दो पहिया व चार पहिया वाहन चलाया जाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। कोई भी अभिभावक अपनें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दो पहिया, चार पहिया वाहन किसी भी दशा में वाहन ना दें। यदि यातायात पुलिस लखनऊ द्वारा अभियान के दौरान ऐसे वाहनों को पाया गया जिनका संचालन नाबालिग द्वारा किया जा रहा था। वाहन अधिनियम  के तहत कार्रवाई कि जायेगी। साथ हीअभिभावक,संरक्षक और वाहन  स्वामी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा या पचीस हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा। साथ ही एक वर्ष के लिए वाहन कि परमिशन को रदद किया जायेगा। वही आपराधिक गतिविधि में संलिप्त  बच्चों का 25 वर्ष तक कि उम्र में लाइसेंस नहीं बन सकता है।

18 साल से कम उम्र वालों की रफ्तार पर लगी ब्रेक

सोमवार को राजधानी में ट्रैफिक पुलिस ने 18 साल से कम उम्र में वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर चालान की कार्रवाई की गई। इसके अलावा कमर्शियल और स्कूल वाहनों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई।  सोमवार को यातायात पुलिस व लखनऊ पुलिस स्कूल खुलते ही  नाबालिग बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए चेकिंग अभियान शुरू कर दिया। एक तरफ पुलिस स्कूलों के पास छुट्टी  के समय पहुंचकर बच्चों के जीवन के प्रति लापरवाही करने वाले अभिभावकों को जागरूक करते हुए 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दो पहिया और चार पहिया वाहन संचालन न करने की अपील की, तो कही आवश्यकता पड़ने पर चालान भी काटा।

शहर में अभियान चलाकर स्कूल वाहनों के खिलाफ हुई कार्रवाई

नाबालिगो के  वाहन संचालन  पर रोक लगाने और जनता को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत सोमवार को सहायक पुलिस आयुक्त यातायात मध्य क्षेत्र के निर्देशन में हजरतगंज क्षेत्र में वेंकटेश्वर सिंह, टीआई हजरतगंज तथा  देशदीपक सिंह,  कैसरबाग क्षेत्र प्रभारी एवं यातायात पुलिस टीम द्वारा अभियान चलाकर 18 वर्ष से कम उम्र के स्कूली छात्र, छात्राओं द्वारा दोपहिया,चारपहिया वाहनों के संचालन के विरूद्ध चालान किए गए। साथ ही अभिभावकों को जागरूक करते हुए भविष्य के लिये चेतावनी दी गयी।

ट्रैफिक पुलिस जागरूकता व चालान की सख़्ती से व्यवस्था को सुधारने में जुटी

अभियान के दौरान छात्र,छात्राओं को ले जा रहे स्कूली वाहनों की चेकिंग की गई और अनफिट वाहनों के विरूद्ध  कार्रवाई की गई। चेकिंग अभियान के दौरान थाना हजरत गंज प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह ने ट्रैफिक पुलिस का साथ स्कूली वाहनों की फिटनेस को लेकर चेकिंग की। ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली बच्चों की छुट्टी के समय सभी अभिभावकों से अनुरोध करते हुए कहा कि अपनें 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को मोटर वाहन ना दें, तथा शहर की यातयात व्यवस्था को सुगम व सुचारू रूप से संचालन में यातायात पुलिस का सहयोग करें।
ऐतिहासिक सारनाथ में जल्द दिखेगा नए कलेवर में लाइट एंड साउंड शो,पहले हिंदी व अंग्रेजी भाषा में शो

लखनऊ । भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली ऐतिहासिक सारनाथ में देव दीपावली के पहले लाइट एंड साउंड शो नए कलेवर में दिखाई और सुनाई देगा। एनालॉग डिजिटल सराउंडिंग सिस्टम और एडवांस्ड लेज़र तकनीक से यहां शो दिखाया जाएगा । भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े सारे प्रसंगों को समेटे हुए लाइट एंड शो के संचालन की तैयारी चल रही है। इसे उच्च तकनीक से दिखाने की तैयारी चल रही है। दो भाषा में संचालित होने वाले लाइट एंड साउंड शो में भविष्य में तीसरी भाषा पाली को भी जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है। देव दीपावली के पहले पर्यटकों के लिए लाइट एंड साउंड शो शुरू करने का पूरा प्रयास पर्यटन विभाग कर रहा है।

सारनाथ में अब भगवान बुद्ध की जीवनी और उनसे जुड़ा प्रसंग थ्री-डी इफ़ेक्ट में दिखाई देगा । उपनिदेशक पर्यटन आरके रावत की माने तो लाइट एंड शो के पुराने स्क्रिप्ट को और विस्तृत किया जा रहा है। इसमें भगवान बुद्ध की संपूर्ण जीवनी रहेगी। लाइट एंड साउंड शो की अवधि लगभग 35 से 40 मिनट की होगी। अभी ये शो हिंदी और इंग्लिश भाषा में चलेगा, लेकिन भविष्य में इसमें पाली भाषा जोड़ने की योजना है।

18 करोड़ रुपये से किया जाएगा आधुनिकीकरण

उपनिदेशक पर्यटन के अनुसार एनालॉग नार्मल की जगह अब एनालॉग डिजिटल सराउंड सिस्टम और एडवांस लेज़र बेस्ड तकनीक से लाइट एंड शो दिखाया जाएगा ,नई टेक्नॉलजी से संचालित होने वाले शो में आवाज और पिक्चर की क्वालिटी काफी उच्च गुणवक्ता की होगी। सारनाथ में पहले से चल रहे लाइट एंड साऊंड शो को नए और आधुनिक तकनिकी से बनाया जा रहा है। जिसकी लागत लगभग 18 करोड़ है।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर: शारदा, राप्ती, गण्डक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निरंतर वर्षा से शारदा, राप्ती, गण्डक नदियों का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। सोमवार को नेपाल की सीमा से जुड़े जनपदों लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में नदियां ऊफान मार रही है। वहीं पीलीभीत जनपद में शारदा नदी के बढ़े जलस्तर से रेलवे लाइन की पुलिया की मिट्टी बहाव में बह गई।

पलियांकलां के गावों में अलर्ट

लखीमपुर खीरी के पलियांकलां में शारदा नदी का जलस्तर 154.68 मीटर पर पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से .90 मीटर ज्यादा है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान पार करने पर पलियांकलां के गावों में अलर्ट कर दिया गया है। वहीं खीरी के ही शारदानगर हिस्से में शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र .69 मीटर ही बाकि रह गया है। वहां भी ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

राप्ती का जलस्तर खतरे का निशान पार

उत्तर प्रदेश में राप्ती नदी अपने ऊफान पर है। श्रावस्ती जनपद में काकरधारी और भिनगा दो स्थानों पर नदी तट बने है। जिसमें भिनगा क्षेत्र में राप्ती का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया है। भिनगा में राप्ती नदी 119.88 मीटर पर बह रही है, जो सामान्य से .38 मीटर ऊपर है। वहीं काकरधारी क्षेत्र में राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से .96 मीटर ही नीचे है।

बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा

गण्डक नदी का बहाव उत्तर प्रदेश से बिहार की ओर है। यह नदी कुशीनगर जनपद के खड्डा क्षेत्र में खतरे के निशान से .25 मीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, सिद्धार्थनगर के ककरही क्षेत्र में नदी .80 मीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह अयोध्या में सरयू नदी का भी जलस्तर बढ़ा है। सरयू अभी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है।

आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लग गयी

उत्तर प्रदेश में नदियों के जलस्तर बढ़ने से गहराये संकट में आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लग गयी है। श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर में राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदियों के जलस्तर बढ़ने के बाद गांवों में फंसेे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। वहीं पीलीभीत में रेलवे लाइन की पुलिया के बहने की सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन की टीम वहां पहुंची। फिर भी रेलवे प्रबंधन की ओर से रेलवे लाइन के निर्माण के लिए समय मांगा गया है।

गाजीपुर में सोते समय पति-पत्नी व पुत्र की गला रेत कर हत्या
लखनऊ। गाजीपुर जनपद के नंदगंज थाना क्षेत्र के कुसुम्ही कला गांव में बीती रात अपने घर पर सो रहे पति-पत्नी व पुत्र की गला रेत कर हत्या कर दी गई। इस घटना से क्षेत्र में हाहाकार मच गया। घटना का पता तब चला जब मृतक परिवार का ही सबसे छोटा पुत्र गांव में ही आयोजित एक ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रम देखकर घर वापस लौटा।
गौरतलब हो कि बीती रात नंदगंज थाना क्षेत्र के कुसुम्हीकला के खिलवा मौजा निवासी मुंशी बिंद 45 वर्ष, उनकी पत्नी देवांती 40 वर्ष घर के बाहर झोपड़ी में सो रहे थे।

जबकि बड़ा पुत्र रामाशीष 20 वर्ष घर के अंदर सो रहा था। जिनकी अज्ञात हमलावरों द्वारा गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस घटना का पता तब चला जब मृतक मुंशी बिंद का छोटा बेटा आशीष गांव में ही आयोजित एक आर्केस्ट्रा कार्यक्रम देखकर वापस घर लौटा तो उसने माता-पिता को घर के बाहर लहूलुहान देखा। जब वह घर के अंदर भाग कर बड़े भाई को जगाने गया तो वह भी रक्त रंजित पाया गया। अपने माता-पिता व भाई की गला रेती हुई शव देखकर आशीष बदहवास हो गया।

वह चीखने चिल्लाने लगा। शोर सुनकर अगल बगल के लोग पहुंचे। जिन्होंने पुलिस को सूचना दी, सूचना पाकर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह सहित सभी बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए।पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया सुनियोजित हत्या प्रतीत हो रही है। क्योंकि सभी मृतकों के गले पर ही वार किया गया है। मृतकों का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस की सभी टीम घटना अनावरण के लिए लगी हुई हैं।

पीलीभीत में बाढ़ का कहर, रेलवे लाइन की पुलिया बही, ट्रेनों का संचालन बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

लखनऊ । हाल ही में बड़ी लाइन में बदले पीलीभीत मैलानी जंक्शन रेलवे रूट पर शाहगढ़ स्टेशन व संडई हाल्ट के बीच सकरिया नाले के तेज बहाव से पुलिया रविवार की रात पानी के तेज बहाव से बह गई। यह पुलिया रेलवे पोल संख्या 241/2 व 241/3 के बीच बताई गई है। 

पुलिया बहने से घटिया निर्माण की भी पोल खुल गई है। इसके चलते इस रूट की सभी ट्रेनों का संचालन रेलवे प्रशासन ने फिलहाल बंद कर दिया है। नई ट्रेनों के संचालन में भी बाधा पैदा हो गई है। पुलिया के निर्माण में काफी समय लगेगा। इसके अलावा खटीमा पुल पर पानी बढ़ने से टनकपुर पीलीभीत रूट की ट्रेनें बंदकर दी गई है। बता दें कि अभी हाल में ही मैलानी पीलीभीत के बीच कुछ ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिली है। ऐसे में अब लोगों का इंतजार और बढ गया है। इधर लगातार हो रही बारिश के चलते शहर के गोदावरी स्टेट में लोगों के घरों में पानी भर गया।

जिले में बारिश से नेपाल के सीमावर्ती गांव बैल्हा में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। गांव में पानी लोगों के घरों में घुस गया है। जिसके चलते ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं तो घरों पर ही चारपाई पर घरेलू सामान रखकर दिन काट रहे हैं। इधर अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जिले में अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया शारदा व देवहा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है।इसको ध्यान में रखते हुए लोग नदी के किनारे न जाएं एवं नदियों के किनारे बसे लोग वहां से सुरक्षित स्थानों पर निकल जाएं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट करते हुए बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों को भी सतर्क रहने के लिए कहा है।
लखनऊ में खेल-खेल में रायफल से चली गोली, बच्चे की मौत, मामा ने घर में रखी थी लोडेड बंदूक, भाई ने छीना, ट्रिगर दबा और जान चली गई

लखनऊ । राजधानी के कृष्णानगर थानाक्षेत्र में खेल-खेल में चली गोली से बारह साल के बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कि बच्चे के मामा ने लोडेड रायफल घर में रखी थी। दो बच्चों की छीना झपटी फायरिंग हो गई और एक गोली बच्चे के पेट में जा लगी। परिजन आनन फानन में अस्पताल लेकर भागे। जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है।

रविवार को थाना कृष्णा नगर में मोहन शर्मा नामक व्यक्ति के मकान में किराये पर रहने वाले शिवा(12) पुत्र बलबीर प्रेम नगर में किराये के मकान में रहते है। मृतक शिवा के मामा संजय रोजगार के लिए लखनऊ अपने जीजा के यहां 4 जुलाई को आये थे और संजय लखनऊ में गार्ड की नौकरी के लिए लखनऊ आया था और साथ में अपने बेटे को भी पढ़ाई के लिए साथ लाये थे। रविवार शाम को जब संजय बाजार गए अपनी लाइसेंसी रायफल घर पर छोड़कर चले गए। शिवा और उसके मामा का लड़का दोनों साथ में खेल रहे थे इसी दौरान खेल खेल में रायफल से गोली चल गई और शिवा के पेट में गोली लग गई जब परिजनों ने आंनन फानन में उसे केजीएमयू पहुंचाया जहाँ डॉक्टरों ने बच्चे को इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

तीनो बच्चे शिवा और उसकी दोनों बड़ी बहने यहाँ अकेली किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करती थी और जब यह घटना हुई तो संजय सब्जी लेने बाजार गया था। गोली चलने की आवाज सुन दोनों बहने कमरे में पहुंची तो शिवा खून से लठपथ पड़ा था।जिसके बाद दोनों बहनो ने घटना की जानकारी मामा संजय को दी तो संजय घर पहुंचे और घायल शिवा को लोक बंधु लेकर गए जहाँ उसे ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया और जहाँ डॉक्टरो ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। ट्रामा पुलिस चौकी पुलिस ने थाना कृष्णा नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल को सीज करते हुए फॉरेनसिक टीम को मामले की सूचना दी। अभी फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित नहीं किए है। क्योंकि सभी लोग अस्पताल में है

मृतक शिवा के साथ उसके मामा संजय का बेटा दिव्य प्रताप सिंह दोनों कमरे में खेल रहे थे इसी दौरान शिवा की दोनों बड़ी बहन नीतू और रेनू अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी तभी शिवा ने खेल खेल में अपने मामा की रायफल उठा ली। जिसको लेकर उसके मामा संजय के लड़के ने शिवा को बोला की यह क्या कर रहे हो उसने शिवा को बोला की तुम इसको रख दो तो दिव्य प्रताप सिंह ने उसे रायफल रखने को बोला इसी दौरान शिवा के हाथ से ट्रिगर तब गया और उसके पेट में गोली लग गई।

तीनों बच्चे शिवा और उसकी दोनों बड़ी बहने यहाँ अकेली किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करती थी और जब यह घटना हुई तो संजय सब्जी लेने बाजार गया था। गोली चलने की आवाज सुन दोनों बहने कमरे में पहुंची तो शिवा खून से लठपथ पड़ा था।जिसके बाद दोनों बहनो ने घटना की जानकारी मामा संजय को दी तो संजय घर पहुंचे और घायल शिवा को लोक बंधु लेकर गए जहाँ उसे ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया और जहाँ डॉक्टरो ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। ट्रामा पुलिस चौकी पुलिस ने थाना कृष्णा नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल को सीज करते हुए फॉरेनसिक टीम को मामले की सूचना दी। अभी फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित नहीं किए है।

ओबीसी और दलित वोट बैंक खिसकने से बीजेपी परेशान, पार्टी में दोबारा वापस लाने के लिए तमाम बनाई जा रही रणनीति

लखनऊ। यूपी के लोकसभा चुनाव में ओबीसी और दलित वोट बैंक के खिसकने की कसक भाजपा नेताओं को भीतर तक हिला कर रख दिया है। इसलिए पार्टी के सजातीय मंत्रियों और पदाधिकारियों को अब इस वोट बैंक को वापस भाजपा की तरफ लाने का टास्क दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने रविवार को सरकार में दलित मंत्रियों के साथ ही अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने दलित नेताओं से लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की वजह भी जानी। बीएल संतोष ने नेताओं से दलितों और ओबीसी के बीच संवाद और पैठ बढ़ाने के निर्देश दिए।


पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में अपने दूसरे दिन की बैठक में दलित मंत्री और नेताओं ने भी बीएल संतोष के सामने दलितों और ओबीसी समाज में भाजपा को लेकर नाराजगी की वजहें गिनाई। सूत्रों की माने तो कई मंत्रियों और नेताओं रोजगार के मुद्दों के अलावा पार्टी में जातीय कार्यकर्ताओं को तवज्जों न मिलना एक बड़ा कारण है। कुछ लोगों ने कहा कि दलित अधिकारियों को थानेदारों और तहसीलदारों की नौकरियां तो मिलती हैं लेकिन उन्हें पोस्टिंग में दरकिनार रखा जाता है। पार्टी नेताओं ने आउटसोर्सिंग और कॉन्ट्रेक्ट की नौकरी में दलित-ओबीसी समाज के लिए आरक्षण नहीं होने को राज्य में पार्टी की हार की बड़ी वजह बताया है।

बैठक में कई नेताओं ने हार की अलग-अलग वजहें बताईं। वहीं, बीएल संतोष ने भी पार्टी नेताओं से पूछा कि आखिर सरकार के बेहतर काम के बावजूद लोकसबा चुनाव आश्चर्यजनक तरीके से पहली बार बसपा से कट कर दलित वोट सपा और कांग्रेस की ओर चला गया, ऐसा आखिर क्यों हुआ ? इस पर दलित नेताओं ने पार्टी में दलित नेतृत्व को आगे न बढ़ाने की बात रखी। बैठक में अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कन्नौजिया के अलावा सभी दलित मंत्री भी मौजूद रहे। इनमें बेबी रानी मौर्या, असीम अरुण, गुलाब देबी, विजयलक्ष्मी गौतम, दिनेश खटिक, सुरेश राही समेत कई नेता शामिल हैं।
यूपी में शिक्षकों को आज से ही लगानी होगी डिजिटली उपस्थिति

लखनऊ। यूपी में अब सरकारी स्कूलों में समय से न आने वाले शिक्षकों की खैर नहीं है। क्योंकि अब शिक्षकों की उपस्थिति डिजिटली अाज से कर दी गई है। हालांकि इस नये नियम का शिक्षा विभाग में विरोध हो रहा है। फिर भी शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। जिसका आज से सभी को पालन करना होगा। यह आदेश राज्य परियोजना कार्यालय ने परिषदीय विद्यालयों में तैनात सभी शिक्षकों और कर्मचारियों लागू होगा।  राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई के स्थान पर आठ जुलाई से ही स्कूल के डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।


आॅनलाइन हाजिरी का विरोध कर रहे बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक

जानकारी के लिए बता दें कि विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की परेशानियों को समझते हुए निर्धारित समय से 30 मिनट देर तक हाजिरी बनाने की सहूलियत दी है। हां, यह जरूरी है कि किन्हीं कारणों से नियत समय बाद विद्यालय पहुंचकर हाजिरी बनाने वाले शिक्षक और कर्मचारी को कारण बताना होगा। पहले 18 जून के आदेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई से डिजिटली उपस्थिति बनाने के निर्देश दिये गये लेकिन अब इसमें बदलाव हुआ है। अब 05 जुलाई को जारी हुए आदेश में इन्हें 15 जुलाई की बजाय 08 जुलाई से ही उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि 05 जुलाई को जारी आदेश का 18 जून को जारी निदेर्शों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

क्या है 18 जून का आदेश

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के डिजिटलाइजेशन के सम्बन्ध में 18 जून को प्रेरणा पोर्टल पर 'डिजिटल रजिस्टर्स' नाम से विकसित माड्यूल के सम्बन्ध में बताया गया और विद्यालय स्तर पर व्यवहार में लाई जाने वाली 12 डिजिटल पंजिकाओं के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इसके मुताबिक सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी के बाद 25 जून से छात्र उपस्थिति पंजिका एवं मिड-डे मील (एमडीएम) पंजिकाओं को डिजिटल रूप में व्यवहार में लाये जाने हैं। इनके अलावा अन्य सभी पंजिकाओं को 15 जुलाई से डिजिटली अद्यतन करने को भी निर्देशित किया गया है।

शिक्षक कर रहे विरोध

हालांकि इस नयी व्यवस्था का शिक्षकों के स्तर पर भारी विरोध हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकोंं के सभी गुट इस मुद्दे पर एक साथ आ गए हैं। शिक्षक संगठन सभी शिक्षकों से आॅनलाइन हाजिरी नहीं लगाने की अपील कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि फोटो के साथ आॅनलाइन हाजिरी उनकी निजता का उल्लंघन है। इसलिए इसका विरोध होना चाहिए। शिक्षक भौतिक रूप से एकत्र होकर विरोध कर ही रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी वे अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शिक्षकों का यह मुद्दा ट्रेंड में छाया रहा।
श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों की रेस्क्यू कर बचायी गयी जान
लखनऊ ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने, पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश के बाद अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के अधिकारी हरकत में आ गये हैं।  सीएम योगी के निर्देश के बाद अधिकारी अपने जिलों में बाढ़ की स्थितियों पर लगातार नजर बनाए रखे हैं। इसी क्रम में नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को रेस्क्यू आॅपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। इस दौरान कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 20 मवेशियों को भी बचाया गया।

वहीं सीएम योगी ने नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही सीएम योगी ने शासनस्तर के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल की सर्वे रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया है। हालांकि अभी इन जिलों में स्थिति सामान्य है, जबकि कुछ ही इलाकों में फसलों को नुकसान हुआ है।

रात आठ बजे मिली सूचना, सुबह 3 बजे 11 को सुरक्षित निकाला गया

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटर को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गये पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे।

सूचना मिलते ही तत्काल श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ रेस्क्यू आॅपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन एवं फ्लड पीएसी की टीमों ने ज्वॉइंट रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया और लगभग आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद सभी का चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार भी कराया गया। साथ ही सभी पीड़ितों को राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया।

देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने बताया कि सभी पीड़ितों का प्राथमिक उपचार और खाना खिलाने के बाद उन्हे उनके गांव में सुरक्षित भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के दौरान करिका 10 वर्ष, मिन्नी 12 वर्ष, रीता 25 वर्ष, शेरू 8 वर्ष, अर्चना 17 वर्ष, कमला देवी 40 वर्ष, शान्ति देवी 50 वर्ष, सकटराम 18 वर्ष, रेखा देवी 28 वर्ष, नन्दन 30 वर्ष और राम उजागर 50 वर्ष को सुरक्षित निकाला गया। वहीं रविवार को बाढ़ से प्रभावित 18 गांव के करीब चार सौ लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

बाढ़ में कुशीनगर के नारायणपुर के एक टापू पर फंसे 76 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटर को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली। इस पर कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी। इसके बाद कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किया।

साथ ही गांववासियों से गांव को खाली करने की अपील की। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान तहसील खड्डा के नारायणपुर के एक टापू पर कुछ लोगों के साथ मवेशियों के फंसे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद एनडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद 76 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी सुरक्षित बचाया। वहीं बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। यह पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ग्रामीणों के मवेशियों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं।

सीएम बोले, बाढ़ से हुई जनहानि-धनहानि का तत्काल दिया जाए मुआवजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह तड़के नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने सीएम को बताया कि रेस्क्यू कर 87 लोगों के साथ 20 मवेशियों को भी बचाया गया है। इस पर सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने शासनस्तर के अधिकारियों से बात कर क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित जिलों के अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए