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यूपी में शिक्षकों को आज से ही लगानी होगी डिजिटली उपस्थिति

लखनऊ। यूपी में अब सरकारी स्कूलों में समय से न आने वाले शिक्षकों की खैर नहीं है। क्योंकि अब शिक्षकों की उपस्थिति डिजिटली अाज से कर दी गई है। हालांकि इस नये नियम का शिक्षा विभाग में विरोध हो रहा है। फिर भी शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। जिसका आज से सभी को पालन करना होगा। यह आदेश राज्य परियोजना कार्यालय ने परिषदीय विद्यालयों में तैनात सभी शिक्षकों और कर्मचारियों लागू होगा।  राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई के स्थान पर आठ जुलाई से ही स्कूल के डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।


आॅनलाइन हाजिरी का विरोध कर रहे बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक

जानकारी के लिए बता दें कि विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की परेशानियों को समझते हुए निर्धारित समय से 30 मिनट देर तक हाजिरी बनाने की सहूलियत दी है। हां, यह जरूरी है कि किन्हीं कारणों से नियत समय बाद विद्यालय पहुंचकर हाजिरी बनाने वाले शिक्षक और कर्मचारी को कारण बताना होगा। पहले 18 जून के आदेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई से डिजिटली उपस्थिति बनाने के निर्देश दिये गये लेकिन अब इसमें बदलाव हुआ है। अब 05 जुलाई को जारी हुए आदेश में इन्हें 15 जुलाई की बजाय 08 जुलाई से ही उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि 05 जुलाई को जारी आदेश का 18 जून को जारी निदेर्शों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

क्या है 18 जून का आदेश

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के डिजिटलाइजेशन के सम्बन्ध में 18 जून को प्रेरणा पोर्टल पर 'डिजिटल रजिस्टर्स' नाम से विकसित माड्यूल के सम्बन्ध में बताया गया और विद्यालय स्तर पर व्यवहार में लाई जाने वाली 12 डिजिटल पंजिकाओं के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इसके मुताबिक सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी के बाद 25 जून से छात्र उपस्थिति पंजिका एवं मिड-डे मील (एमडीएम) पंजिकाओं को डिजिटल रूप में व्यवहार में लाये जाने हैं। इनके अलावा अन्य सभी पंजिकाओं को 15 जुलाई से डिजिटली अद्यतन करने को भी निर्देशित किया गया है।

शिक्षक कर रहे विरोध

हालांकि इस नयी व्यवस्था का शिक्षकों के स्तर पर भारी विरोध हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकोंं के सभी गुट इस मुद्दे पर एक साथ आ गए हैं। शिक्षक संगठन सभी शिक्षकों से आॅनलाइन हाजिरी नहीं लगाने की अपील कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि फोटो के साथ आॅनलाइन हाजिरी उनकी निजता का उल्लंघन है। इसलिए इसका विरोध होना चाहिए। शिक्षक भौतिक रूप से एकत्र होकर विरोध कर ही रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी वे अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शिक्षकों का यह मुद्दा ट्रेंड में छाया रहा।
श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों की रेस्क्यू कर बचायी गयी जान
लखनऊ ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने, पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश के बाद अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के अधिकारी हरकत में आ गये हैं।  सीएम योगी के निर्देश के बाद अधिकारी अपने जिलों में बाढ़ की स्थितियों पर लगातार नजर बनाए रखे हैं। इसी क्रम में नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को रेस्क्यू आॅपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। इस दौरान कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 20 मवेशियों को भी बचाया गया।

वहीं सीएम योगी ने नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही सीएम योगी ने शासनस्तर के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल की सर्वे रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया है। हालांकि अभी इन जिलों में स्थिति सामान्य है, जबकि कुछ ही इलाकों में फसलों को नुकसान हुआ है।

रात आठ बजे मिली सूचना, सुबह 3 बजे 11 को सुरक्षित निकाला गया

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटर को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गये पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे।

सूचना मिलते ही तत्काल श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ रेस्क्यू आॅपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन एवं फ्लड पीएसी की टीमों ने ज्वॉइंट रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया और लगभग आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद सभी का चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार भी कराया गया। साथ ही सभी पीड़ितों को राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया।

देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने बताया कि सभी पीड़ितों का प्राथमिक उपचार और खाना खिलाने के बाद उन्हे उनके गांव में सुरक्षित भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के दौरान करिका 10 वर्ष, मिन्नी 12 वर्ष, रीता 25 वर्ष, शेरू 8 वर्ष, अर्चना 17 वर्ष, कमला देवी 40 वर्ष, शान्ति देवी 50 वर्ष, सकटराम 18 वर्ष, रेखा देवी 28 वर्ष, नन्दन 30 वर्ष और राम उजागर 50 वर्ष को सुरक्षित निकाला गया। वहीं रविवार को बाढ़ से प्रभावित 18 गांव के करीब चार सौ लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

बाढ़ में कुशीनगर के नारायणपुर के एक टापू पर फंसे 76 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटर को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली। इस पर कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी। इसके बाद कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किया।

साथ ही गांववासियों से गांव को खाली करने की अपील की। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान तहसील खड्डा के नारायणपुर के एक टापू पर कुछ लोगों के साथ मवेशियों के फंसे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद एनडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद 76 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी सुरक्षित बचाया। वहीं बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। यह पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ग्रामीणों के मवेशियों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं।

सीएम बोले, बाढ़ से हुई जनहानि-धनहानि का तत्काल दिया जाए मुआवजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह तड़के नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने सीएम को बताया कि रेस्क्यू कर 87 लोगों के साथ 20 मवेशियों को भी बचाया गया है। इस पर सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने शासनस्तर के अधिकारियों से बात कर क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित जिलों के अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए
ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं : अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एक जुलाई से सात जुलाई तक चल रहे 'प्रदेशव्यापी पीडीए पेड़ रोपण अभियान' के क्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी प्रदेश मुख्यालय में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। अखिलेश ने कार्यालय में बरगद का पेड़ लगाकर पीडीए पेड़ रोपण अभियान का समापन किया।

इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि पृथ्वी को हरा-भरा रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाना और उनकी सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है। आज ग्लोबल वार्मिंग पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वृक्षावरण और वनावरण बढ़ाना जरूरी है। समाजवादी सरकार के समय उत्तर प्रदेश में वृक्षावरण के बढ़ाने की दिशा में काफी कार्य हुए थे। नदियों, झीलों, नहरों के किनारे पार्कों में खाली स्थानों पर बड़ें पैमाने पर पेड़ लगाए गए थे, साथ ही लगाए गये पेड़ों की देखभाल की गयी थी।

समाजवादी सरकार में लखनऊ में बनाए गए डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क, जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवरफ्रंट, लखनऊ पीजीआई में लगाए गए पेड़ इसके उदाहरण हैं। इसी तरह से पूरे प्रदेश में पेड़ लगाए गये। पर्यावरण संरक्षण और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए हर वर्ष की तरह इस साल भी समाजवादियों ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर बड़ी संख्या में नीम, पीपल और बरगद के पेड़ लगाए हैं।
सीबीआई करे आर्मस्ट्रांग हत्याकांड की जांच : मायावती


तमिलनाडु/लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती अपने भतीजे एवं पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के साथ रविवार को तमिलनाडु पहुंचीं और के. आर्मस्ट्रांग को श्रद्धाजंलि अर्पित की। मायावती ने राज्य की स्टालिन सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की।

बसपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग की शुक्रवार को चेन्नई के पेरंबूर इलाके में बेरहमी से हत्या कर दी गई। आर्मस्ट्रांग का पार्थिव शरीर श्रद्धांजलि के लिए पेरंबूर स्थित कॉपोर्रेशन स्कूल परिसर में रखा गया था। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मायावती ने दिवंगत नेता के परिवार से मुलाकात की और ढांढस बढ़ाया।

मायावती ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आर्मस्ट्रांग की हत्या को लेकर स्टालिन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार गंभीर होती तो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाता। हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंप दिया जाए। बसपा प्रमुख ने कहा कि तमिलनाडु में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। तमिलनाडु सरकार को दलितों की रक्षा करनी चाहिए, न कि उनके साथ अपराध करने वालों के साथ खड़ा होकर उन्हें बचाना चाहिए।
कुशीनगर के एक दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, खतरे का निशान पार गई नारायणी


लखनऊ। यूपी के कुशीनगर में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग गांव छोड़ सुरक्षित ठिकानों पर निकल रहे हैं। नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी जिसे बड़ी गंडक नदी भी कहा जाता है, खतरे के निशान को पार कर गई है। खतरे की आशंका देख बीती रात प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।रेताक्षेत्र के ग्राम मरिचहवा, बकुलादह, शिवपुर, नारायनपुर, हरिहरपुर सहित महराजगंज जिला के निचलौल ब्लॉक के ग्राम शिकारपुर, भोतहा में दो से तीन फुट ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है।

नेपाल के पहाड़ तथा बड़ी गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही भारी वर्षा के चलते नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। शनिवार सुबह बालमिकीनगर बैराज से 1 लाख 19 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो दोपहर में बढ़कर 1 लाख 89 हजार, 2 बजे दिन में 2.18 लाख,तीन बजे 2.68 लाख, 5 बजे 2.90 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज होने से नदी छितौनी बांध के भैसहा में खतरें के निशान को पार कर गई।

रात बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना पर बाढ़ खंड के अभियंता, एसडीएम खड्डा सहित पुलिस, प्रशासन नदी के तटवर्ती व रेता क्षेत्र के गांवों में की सूचना देने के साथ बाढ़ में फसे लोगों, पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुचानें की व्यवस्था में जुट गए।बाढ़ खंड के एसडीओ मनोरंजन कुमार के अनुसार नदी में पानी बढ़ने से छितौनी बांध के कुछ स्थानों पर नदी का दबाव बना हुआ है। जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया की प्रशासन अलर्ट मोड में है।
मुख्यमंत्री योगी ने बारिश वाले जिलों में तत्परता से राहत कार्य के दिए निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेज बारिश के दृष्टिगत संबंधित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नज़र रखें और प्रभावित लोगों की तत्काल मदद करें।

उन्होंने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराई जाए। ताकि इस संबंध में अग्रेतर कार्यवाही की जा सके।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, झांसी, गोंडा, बलरामपुर, बहराईच समेत 20 जिलों में भारी बारिश हो रही है। ज्यादातर जिलोंं में शनिवार से ही बारिश हो रही है। जिन जिलों में स्थिति खराब हो रही हैं, मुख्यमंत्री ने उन जिलों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
हाथरस मौत मामले में बड़ों को बचाने की हो रही कोशिश : माले


लखनऊ। भाकपा (माले) ने कहा है कि हाथरस में भगदड़ से हुई 121 मौतों के मामले में जिम्मेदार बड़ों को बचाने की कोशिश हो रही है। दिखाने के लिए गिरफ्तारियां भी जारी हैं, मगर अभी तक न तो बाबा, न ही प्रशासन के जिम्मेदार किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी हुई है।पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि हाथरस जिला प्रशासन जो खुद जांच की जद में है, मामले पर लीपापोती की कोशिश में लगा है। जांच को गलत दिशा में ले जाने और भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है, ताकि असल गुनहगार बचाये जा सकें।

उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रमुख बयान दे रहे हैं कि आयोजन के पीछे कुछ सियासी दलों का हाथ हो सकता है। जबकि मूल मसला शासन-प्रशासन की लापरवाही और विफलता का है, जिसकी वजह से इतनी मौतें हुईं। लाखों लोगों की उपस्थिति वाले कार्यक्रम की अधिकारियों ने जानबूझकर अनदेखी की। न तो भीड़ प्रबंधन के उपाय किये गए, न ही एम्बुलेंस, डॉक्टर व इलाज का प्रबंध किया गया। अगर मुस्तैदी दिखाई गई होती, तो कई जानें बचाई जा सकती थीं।

माले राज्य सचिव ने कहा कि बाबा का एफआईआर में नाम तक नहीं है। उन्हें संरक्षण कहां से मिल रहा है? मुख्य सचिव, डीजीपी और यहां तक कि मुख्यमंत्री का भी दौरा हो चुका है, लेकिन एसपी-डीएम का बाल तक बांका नहीं हुआ, जिनकी जवाबदेही पहले बनती है। नाममात्र का मुआवजा देकर और भगदड़ के पीछे षड्यंत्र की बात कर सरकार मृतकों के परिवारों के शोक व गुस्से को शांत और खुद की विफलता पर पर्दा डालने की जुगत में है। माले नेता ने उम्मीद जताई कि घटना की जांच के लिए बना न्यायिक आयोग उपरोक्त का संज्ञान लेगा, मृतकों को न्याय दिलाएगा और सही निष्कर्ष निकालेगा, जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति न हो।
यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों में मेघ गर्जन के साथ तेज बारिश की संभावना

लखनऊ /कानपुर। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों के आस-पास रविवार को गरज चमक के साथ वर्षा एवं बौछारें पड़ने की संभावना जताई है। रविवार को कानपुर में 28.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। लखनऊ में शनिवार को जहां रुक-रुक कर बारिश हुई, वहीं रविवार की भोर से झमाझम बारिश हो रही है। जिसकी वजह से कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। देवीपाटन मण्डल के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार से ही बारिश हो रही है। झांसी में शनिवार की सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है।

इन जिलों में चमक और गरज के साथ बारिश की संभावना

चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.एन.सुनील पांडेय ने बताया कि रविवार को कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अमेठी, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, फतेहपुर, गोंडा, हरदोई, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, श्रावस्ती, सीतापुर उन्नाव के आस-पास जनपदों में बारिश की संभावना है।

कई जिलों में हो रही रुक-रुक के तेज बारिश

उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश की संभावना है। इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं रविवार को भारी वर्षा की संभावना है। कानपुर में शनिवार रात से रविवार सुबह तक रुक-रुक कर और तेज बारिश हुई है। रविवार को कानपुर में 28.8 मिमी. वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। झांसी में शनिवार की सुबह से बारिश शुरू हुई थी। पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश हुई। रविवार की सुबह से ही जिले के कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। आसमान में बादल अब भी छाए हुए हैं।


लखनऊ में लगातार बारिश से मौसम हुआ सुहाना

राजधानी में रात से झमाझम बारिश होने से कई इलाकों में नाले व नालिया उफनाकर सड़क से बहने लगे।जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना। वहीं लगातार बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है। हालांकि बारिश के कारण बिजली की आवाजाही लगी है। मौसम ठंडा होने के कारण बिजली आने-जाने से लोगों को अधिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा ।
भोले बाबा की संपत्ति कुर्क कर भगदड़ में प्रभावित परिवारों को बांट दी जाए : डॉ. रामदास आठवले
लखनऊ । रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. रामदास आठवले ने हाथरस की घटना पर कहा कि जिस भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ हुई, उसकी संपत्ति कुर्क करके जिन गरीब परिवारों के लोगों की मौत हुई है, उन्हें मुआवजा देना चाहिए। इसके लिए वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे।

वीवीआईपी गेस्ट हाउस में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि अपना दल व निषाद पार्टी को उत्तर प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी मिली है, वैसे ही रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) को भी यहां हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर केवल 33 सीटें भाजपा को मिली है। विपक्षी पार्टियों के संविधान में बदलाव, आरक्षण हटाओ के झूठ से भाजपा को नुकसान हुआ है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भाजपा को आरपीआई को साथ में लेने की आवश्यकता है।

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. रामदास आठवले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जमीन पर उतरकर गरीबों को न्याय दिलाने का काम करें। लोगों की मदद के लिए खड़े रहें। तभी लोग पार्टी से तेजी से जुड़ेंगे और उत्तर प्रदेश में आरपीआई की ताकत दिखेगी। डॉ. रामदास आठवले के तीसरी बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर चारबाग स्थित रवींद्रालय में स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस अवसर पर आरपीआई के प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता भी मौजूद रहे।
यूपी में चौबीस घंटे में आठ लोगों की जान गई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते 24 घण्टों में दो लोगों की आकाशीय बिजली से तो चार लोगों की नदी में डूबने से मौत हुई है। वहीं, दो लोगों की शर्पदंश से जान गयी है। राहत विभाग ने जनपदों जिलाधिकारियों को मृत व्यक्तियों के परिजनों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं । उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने शुक्रवार को वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि 24 घंटे में प्रदेश में 14.6 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 7.6 मिमी के सापेक्ष 192.1 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में एक जून, 2024 से चार जुलाई तक 136.4 मिमी औसत वर्षा हुई, जो सामान्य वर्षा 125.6 मिमी के सापेक्ष 108.6 प्रतिशत है।

राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश के 09 जनपदों (बलरामपुर, बरेली, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महाराजगंज, गाजीपुर, संत कबीर नगर एवं श्रावस्ती) में 30 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में कोई भी नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर नहीं बह रही है। प्रदेश में गत 24 घण्टों में आठ जनहानियाँ हुई हैं, जिसके सापेक्ष जनपदों को मृत व्यक्तियों के परिजनों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संभावित बाढ़ के दृष्टिगत खाद्यान्न सामग्री वितरण हेतु प्री-टेन्डरिंग के कार्य जनपदों द्वारा पूर्ण कर लिये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश के कोई भी जनपद बाढ़ से प्रभावित नहीं है।