असम में बाढ़ से हाहाकार, 21 लाख लोग प्रभावित अब तक 62 की मौत*
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देश के पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ से बुरा हाल है। असम में आसमान से मानों आफत बरस रही है। राज्य की बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सड़क, रास्ते, पगडंडियां सब सैलाब में डूब चुकी हैं।बाढ़ से लगातार बिगड़ते हालात के बीच बृहस्पतिवार को छह और लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही बाढ़ भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या बड़क 62 हो गई है। वहीं, राज्य में बाढ़ से 29 जिलों के 21 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बाढ़ प्रभावित मोरीगांव जिले का दौरा किया और भूरागांव गांव के प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने मौजूदा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान राज्यपाल ने जिला प्रशासन को राहत के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया। जबकि, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी महानगर क्षेत्र में मालीगांव, पांडु बंदरगाह, मंदिर घाट और माजुली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में बाढ़ की स्थिति का आकलन किया। सोनोवाल अगले तीन दिनों के लिए विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात रहेंगे। *असम की बाढ़ से 21 लाख से अधिक लोग प्रभावित* सिलचर जिले के ज्यादातर स्कूल-कॉलेज अब राहत केंद्र बन चुके हैं, जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोग यहां आकर रह रहे हैं। असम के नागांव, मोरीगांव जिलों का भी यही हाल है। रिपोर्ट में बताया गया कि बाढ़ से 29 जिलों के कुल 21,13,204 लोग प्रभावित हैं, जबकि 57,018 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक प्रभावित जिलों में धुबरी शामिल है, जहां 6,48,806 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं दरांग में 1,90,261, कछार में 1,45,926, बारपेटा में 1,31,041 और गोलाघाट में 1,08,594 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। *एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया* प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 515 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां करीब 3.86 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद कई बाढ़ प्रभावित लोग सुरक्षित स्थानों, ऊंची स्थलों, स्कूल भवनों, सड़कों और पुलों पर शरण ले रहे हैं। बुलेटिन के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों ने नावों का उपयोग कर एक हजार से अधिक लोगों और 635 जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। *काजीरंगा नेशनल पार्क में भी कई जानवर डूबे* वहीं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अभी तक 31 पशुओं की डूबने के कारण मौत हो चुकी है और 82 अन्य को बाढ़ के पानी से बचाया गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि उद्यान में 23 हॉग हिरण की मौत डूबने से हुई जबकि 15 की मौत इलाज के दौरान हुई। वन अधिकारियों ने 73 हॉग हिरण, दो-दो ऊदबिलाव व साम्भर और एक स्कोप उल्लू सहित अन्य जानवरों को बचा लिया है। अधिकारी ने बताया कि अभी 20 जानवरों का उपचार हो रहा है जबकि 31 अन्य पशुओं को इलाज के बाद छोड़ दिया गया है। *गंभीर रूप से प्रभावित जिलों में ये शामिल* बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित जिलों में बारपेटा, बिस्वनाथ, कछार, चराइदेव, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, जोरहाट, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, पूर्वी कार्बी आंगलोंग, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर और तिनसुकिया शामिल हैं।
Jul 06 2024, 14:26