अपनी वृत्तियों को सांसारिक विषय वस्तुओं से हटाकर ईश्वरीय गुणों का चिंतन करना ही योग है: योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह
अशीष कुमार ,मुजफ्फरनगर। भारतीय योग संस्थान के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा जनपद प्रभारी योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने उच्च प्राथमिक विद्यालय पटेल कन्या रामलीला टिल्ला मुजफ्फरनगर के निशुल्क योग साधना केंद्र के उद्घाटन अवसर पर दिए। उन्होंने बताया कि मात्र आसन प्राणायाम कर लेना योग नहीं है। योग एक ऐसी विधा है जिससे व्यक्ति का शारीरिक,मानसिक, बौद्धिक तथा आध्यात्मिक विकास एक साथ होता है।
ईश्वर एक ऐसी आदि सत्ता है जो जीवात्मा के कर्मों का निरंतर अवलोकन करती रहती है और उसके कर्मों के अनुसार ही उसको फल का निर्धारण करती है। जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है ईश्वर उसको सुख देता है और जो व्यक्ति बुरे कर्म करता है ईश्वर निश्चित रूप से उसको दंड के रूप में दुख देता है। ईश्वर के दंड विधान से कोई भी बच नहीं सकता। जिला प्रधान राज सिंह पुंडीर ने बताया कि गुरु जी के अथक प्रयास से इस केंद्र का संचालन दुबारा से किया जा रहा है।
सभी से अनुरोध है कि नियमित योग साधना केंद्र पर आकर अपना शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास करें । आज के भौतिकवादी युग में योग के द्वारा ही व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रख सकता है। अन्यथा आज हवा पानी तथा सभी प्रदूषित है। बिना योग व्यास के शारीरिक अंगों के निष्क्रिय हो जाने से और प्रदूषित जल और वायु का सेवन करने से निश्चित रूप से शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। अपने साथ एक अन्य व्यक्ति को भी योग के लिए प्रेरित करें जो आपका पुण्य कर्म होगा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रधान राजीव रघुवंशी ने जोड़ों के दर्द कमर दर्द और घुटनों में दर्द के निवारण के लिए योगिक क्रियाएं करवाई। प्राणायाम आचार्य रामकिशन सुमन ने करवाए। ध्यान योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने करवाया। इस अवसर पर काफी संख्या में मोहल्ले वासियों ने भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से सुभाष चन्द सैनी एडवोकेट, मेहर चंद ,पुरुषोत्तम धीमान, शुभम ,सुशील कुमार,सुनीता, कुसुम आदि प्रमुख रहे ।
May 13 2024, 11:54