अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर खुल गए केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट, भक्त ऐसे करें महादेव के दर्शन
अक्षय तृतीया के मौके पर चार धाम यात्रा का आरंभ हो गया है। आज यानी 10 मई को प्रात: काल केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। वहीं अब बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से दो दिन बाद यानी 12 मई को खुलेंगे। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः काल 06 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। 6 बजे के बाद से श्रद्धालुगण श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने हेतु सभी तैयारियां की जा रही हैं। कपाट खुलने की तैयारियों की प्रक्रिया के तहत कल यानी बृहस्पतिवार को जोशीमठ में प्राचीन गरुड़ छाड़ मेला संपन्न हो गया है। विष्णु जी के प्रिय वाहन गरुड़ जी रस्सी के समांतर उड़कर जोशीमठ बाजार की तरफ से श्री नृसिंह मंदिर की तरफ पहुंचे। 8 मई को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा पहुंची। 9 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा रात्रि में रविग्राम जोशीमठ के लिए रवाना हुई।
श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना करने के बाद आज यानी 10 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के बाद गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी तथा श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के साथ योग बद्री पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। हालांकि इस अवसर पर श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में श्रद्धालुओं ने रावल तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी को योग बद्री पांडुकेश्वर हेतु रवाना किया।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गोड़ ने बताया कि, पांडुकेश्वर में रात्रि प्रवास के पश्चात कल 11 मई को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के साथ-साथ श्री बद्रीनाथधाम के रावल के साथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा शाम के समय श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 12 मई को प्रातः काल 6 बजे श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
आज श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान की तैयारियां की जा रही हैं। जहां पर सुबह से ही बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी सहित प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान और मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान मौजूद रहें।
इसी के साथ वेदपाठी रविंद्र भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, केदार सिंह रावत, नरेंद्र खाती और संजय तिवारी आदि लोग भी मौजूद थे।
केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए यहां मंदिर समिति ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। मंदिर के कपाट लगभग 13 से 15 घंटे तक खुले रहेंगे इस बीच भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं। सुबह शिवलिंग को स्नान कराकर घी से अभिषेक करने के बाद दीयों और मंत्र जाप के साथ आरती की जाएगी। भक्त आरती में शामिल होने और दर्शन करने के लिए सुबह गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं।
दोपहर एक से दो बजे तक एक विशेष पूजा होती है जिसके बाद मंदिर के पट विश्राम के लिए बंद कर दिए जाते हैं। शाम पांच बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाते हैं। शाम 07:30 बजे से 08:30 बजे तक एक विशेष आरती होती है, जिसके दौरान भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार किया जाता है। भक्तगण केवल दूर से इसका दर्शन ही कर सकते हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2024 से ही शुरु हो चुके हैं। जिसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 3 मई को बंद कर दिए गए हैं लेकिन 8 मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भक्तों के लिए शुरू कर दी गई हैं। जो लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वह हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
हरिद्वार पहुंचने के बाद ऋषिकेश में यात्री रजिस्ट्रेशन ऑफिस व ट्रांजिट कैंप में चारों धामों की यात्रा के लिए अधिकतम तीन दिनों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। केदारनाथ धाम या फिर किसी भी धाम की य तक पैदल यात्रा एक धार्मिक और अनुभव भरी यात्रा होती है। आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग से यात्रा शुरू कर सकते हैं और पर्वतीय मार्ग से धाम पहुंच सकते हैं। यह यात्रा लगभग 14 किलोमीटर है।
यात्रियों के लिए राजमार्ग सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें बसें और टैक्सियां केदारनाथ धाम तक जाती हैं। राजमार्ग सेवा के लिए गुप्तकाशी से या रुद्रप्रयाग से यात्रा करनी पड़ती है। आसान और तेजी से केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए आप हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं। हरिद्वार, देहरादून और गुप्तकाशी जैसे नजदीकी शहरों से उड़ानें उपलब्ध होती हैं जो केदारनाथ धाम तक पहुंचती हैं। भक्तों के लिए पालकी और घोड़ा खच्चर आदि की सवारी भी उपलब्ध होती है. जिस पर बैठ यात्री धाम तक जा सकते है।

						

 

 
 
 कतर से इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को सकुशल स्वदेश वापसी के बाद भारत को एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है।ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त किए जहाज एमएससी एरीज पर सवार 5 भारतीय को रिहा कर दिया है। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बताया कि सभी लोग भारत के लिए रवाना हो गए हैं।ईरान ने पुर्तगाल के झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज के चालक दल के सात सदस्यों को रिहा कर दिया है। पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मुक्त किए गए लोगों में पांच भारतीय समेत एक फिलिपींस का नागरिक और एक एस्टोनियाई नागरिक हैं। बता दें कि इस कंटेनर जहाज का इजरायल के साथ संबंध होने के कारण ईरान ने इसे जब्त किया था। दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। यह शिप इजराइली अरबपति की एक कंपनी का था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो यूएई से रवाना हुए जहाज पर हेलिकॉप्टर से उतरे थे। ईरान ने आरोप लगाया था कि शिप बिना इजाजत उनके इलाके से गुजर रहा था। इस घटना के बाद ईरान और इजराइल के बीच तनाव और बढ़ गया था। घटना के अगले दिन 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। बचे हुए 11 सदस्य अब भी ईरान की कैद में हैं। इससे पहले 18 अप्रैल को एक भारतीय महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को रिहा किया गया था। अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं। ईरान, इस्राइल-हमास युद्ध में हमास का समर्थन कर रहा है। यही वजह है कि लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते दिनों इस्राइल पर आरोप लगे कि उसने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इस्राइल पर लगाया और बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स की मदद से बड़ा हमला किया, लेकिन इस हमले में इस्राइल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था, उसी दौरान ईरान ने इस्राइल के जहाज को होर्मुज जलडमरूमध्य से जब्त किया था।
 
 कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’ मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’
 



May 10 2024, 13:02
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