*टीएमसी के खाते में गई भदोही सीट, सपा से चुनाव लड़ने की चाहत रखने वाले मायूस, अब भाजपा उम्मीदवार पर सबकी निगाहें*
भदोही- पूर्वांचल की बहुचर्चित भदोही लोकसभा सीट को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तृणमूल कांग्रेस के खाते में दे दी। उसके तुरंत बाद ही तृणमूल कांग्रेस की चेयरपर्सन ममता बनर्जी ने ललितेशपति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली भदोही लोकसभा सीट को तृणमूल के खाते में देने से राजतीतिक विश्लेषक भी हतप्रभ हैं।
भदोही लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटे हैं। इसमें भदोही जिले की ज्ञानपुर, भदोही और औराई जबकि प्रयागराज की प्रतापपुर एवं हंडिया सीटें शामिल है। भदोही लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक माने जाते हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस के टिकट पर मिर्जापुर की मड़िहान सीट से विधायक रह चुके हैं। सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है, पार्टी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाएगी।
वाराणसी में कांग्रेस की राजनीति का केंद्र औरंगाबाद हाउस (पं. कमलापति त्रिपाठी का आवास) माना जाता था। कांग्रेस के टिकट पर डॉ राजेश मिश्र के जीतने के बाद कांग्रेस की राजनीति का केंद्र औरंगाबाद के अलावा उनका घर (खजूरी) भी हो गया था। औरंगाबाद हाउस और खजुरी हाउस में खींचतान चलती रहती थी। पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा के भाजपा में चले जाने के बाद इस बात के कयास तेज हो गए थे कि उनको भाजपा भदोही से मैदान में उतार सकती है। इसको देखते हुए ललितेश पति त्रिपाठी की भदोही से चुनाव लड़ने की संभावना तेज हो गई थी। पं. कमलापति त्रिपाठी का परिवार भी तृणमूल कांग्रेस में चला गया था। ऐसे में जैसे ही सीट तृणमूल कांग्रेस के खाते में आई, ललितेश की उम्मीदवारी तय हो गई।
भदोही लोकसभा में जातिगत आंकड़ा
ब्राह्मण - 3 लाख 15 हजार
बिंद- 2 लाख 90 हजार
दलित- 2 लाख 60 हजार
यादव- 1 लाख 40 हजार
राजपूत - एक लाख
मौर्या - 95 हजार
पाल- 85 हजार
वैश्य - 1 लाख 40 हजार
पटेल- 75 हजार
मुस्लिम - 2 लाख 50 हजार
अन्य- 1 लाख 50 हजार
Mar 16 2024, 12:31