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चित्रकोट महोत्सव: 24.72 लाख किसानों के खातों में 12 मार्च को भेजेंगे 13 हजार करोड़ रूपए : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- जगदलपुर से हैदराबाद और रायपुर की नियमित विमान सेवा 31 मार्च से आरंभ होगी। इससे विमान सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। बस्तर के समग्र विकास के लिए शासन हर संभव कदम उठायेगी। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के चित्रकोट में आयोजित चित्रकोट महोत्सव में कही। उन्होंने माँ दंतेश्वरी की पावन भूमि चित्रकोट में आयोजित चित्रकोट महोत्सव के शुभारंभ की बधाई के साथ अपने सम्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 14 साल से लगातार यह महोत्सव भव्य होता जा रहा है। मेरी शुभकामना है कि आने वाले समय में इस महोत्सव की भव्यता और बढ़े। चित्रकोट महोत्सव में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 340 जोड़ों की शादी हुई, मुख्यमंत्री ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया और नव दम्पत्तियों के सुखमय जीवन की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने महोत्सव में अबूझमाड़ के मलखम्ब में पारंगत बच्चों के प्रोत्साहन के लिए 2 लाख रूपए और स्थानीय निवासियों की मांग पर तीरथगढ़ महोत्सव के लिए 5 लाख रूपए और चित्रकोट का समुचित विकास करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने चित्रकोट में बस्तर संभाग के सभी जिलों के लिए 208 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक राशि के 643 विकास कार्यों की लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। इन कार्यों में 104 करोड़ 20 लाख 61 हजार की लागत से 177 विकास कार्यों का लोकार्पण और 104 करोड़ 11 लाख 65 हजार रुपए की लागत से 466 विकास कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तेंदुपत्ता को हमारे वनवासियों द्वारा हरा सोना कहा जाता है, अब हम इसे 5,500 रूपए प्रति मानक बोरा में खरीदेंगे। इसी तरह पुरानी व्यवस्था में चरण पादुका योजना, संग्राहक परिवार के बच्चों को स्कॉलरशिप योजना जारी रखेंगें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार सरगुजा और बस्तर की चिंता करते रहते हैं, यहां के विकास के बारे में पूछते रहते हैं। मुझे यहां पता चला कि पिछले 14 वर्षों से आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए सरकार की तरफ से 10 लाख रूपए मिलता था, हमारी सरकार ने इसे बढ़ाते हुए 15 लाख रूपए देने का निर्णय लिया है। इसी तरह से गोंचा पर्व के लिए जो 3 लाख रूपए मिलता था, उसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख रूपए और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के लिए मिलने वाले 35 लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रूपए देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार को ढाई महीने होने जा रहा है, इतने अल्प समय में ही हम कई अहम् निर्णय लेते हुए मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। 18 लाख से ज्यादा गरीब परिवार आवास से वंचित थे, हमने उन्हें आवास की स्वीकृति दी है। 12 लाख से ज्यादा किसानों को हमने 3716 करोड़ रुपए का दो साल का बकाया धान बोनस दिया। किसानों से किया वादा हमने पूरा किया। प्रदेश के किसानों को धान का 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल दिया है और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान ख़रीदा है। इस साल सबसे ज्यादा 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है, जो अंतर की राशि बची हुई है, उसे आने वाले 12 मार्च को 24 लाख 72 हजार किसानों के खातों में भेजेंगे। महतारी वंदन योजना के लिए भी अब विवाहित माताओं बहनों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, अभी दो-चार दिनों में ही पात्र हितग्राहियों के खाते में पैसे आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आज मोदी की एक और गारंटी श्रीरामलला दर्शन योजना का वादा पूरा किया है।

इस कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत सदस्य पदमा कश्यप, जनपद पंचायत लोहण्डीगुडा अध्यक्ष महेश कश्यप, सरपंच चित्रकोट बुटकी कश्यप भी उपस्थित थे।

लोकसभा निर्वाचन की तैयारियों को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ली प्रदेश के रिटर्निंग, सहायक रिटर्निंग एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों की समीक्षा

रायपुर- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने लोकसभा निर्वाचन के लिए सभी रिटर्निंग तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को आवश्यक तैयारियाँ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता लागू हो जाती है और ऐसे में शासकीय अमला इसे कड़ाई से पालन करने के लिए हर स्तर पर तैयार रहे। वे आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के रिटर्निंग, सहायक रिटर्निंग एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं।

श्रीमती कंगाले ने कहा कि सभी जिलों में निर्वाचन की तैयारियों को अब अंतिम रूप देने का समय है। उन्होंने एमसीसी (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू होने के बाद पहले 72 घंटों में किए जाने वाले सभी कार्यों की चेकलिस्ट तैयार करने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त करने से लेकर विभिन्न समितियों के गठन संबंधी तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश दिए।

श्रीमती कंगाले ने अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन अधिकारी की विश्वसनीयता और निष्पक्षता ही उसकी योग्यता की कसौटी है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। इस अवसर पर उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा डाक मतपत्र संबंधी नए संशोधन का उल्लेख करते हुए बताया कि अब 85 वर्ष या अधिक आयु के मतदाता को डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी। पूर्व में यह 80 वर्ष या अधिक उम्र के मतदाता को यह सुविधा प्रदान की गई थी। इसके अतिरिक्त पहले की तरह दिव्यांग मतदाताओं को डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा जारी रहेगी।

समीक्षा बैठक के दौरान उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यू एस अग्रवाल ने नामांकन प्रक्रिया, आदर्श आचरण संहिता, निर्वाचन के दौरान रैली, वाहन , प्रचार सामग्री सहित विभिन्न अनुमतियों जैसे विषयों पर प्रकाश डाला । इस दौरान उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय अग्रवाल ने मतदाता सूची की तैयारी , डाक मतपत्र, ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रानिकली ट्रांस्मीटड पोस्टल बैलेट सिस्टम) , डाक मतदान हेतु सुविधा केन्द्र, सेवा मतदाता, मतदान दलों की तैयारियों जैसे विषयों पर संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर , जिलों के कलेक्टर तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव -2024 का किया शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बस्तर जिले में आयोजित तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव-2024 का शुभारंभ किया। श्री साय ने वहां मुख्यमंत्री कन्या विवाह कार्यक्रम में 340 नव दंपत्तियों को आशीर्वाद प्रदान किया एवं उपहार स्वरूप नव विवाहित दंपत्तियों को 21-21 हजार रूपए की राशि और सामग्री भेंट की।

श्री साय ने शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को सामग्री एवं सहायता राशि वितरित की। उन्होंने जसविंदर कौर को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत रोज़गार प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र, किसानों को ट्रेक्टर, पॉवर वीडर, पॉवर स्प्रेयर, पैक हाउस, मछली पालकों को आइस बॉक्स, जाल और पूरक आहार, आंगनबाड़ी में आने वाले छह बच्चों को जाति प्रमाणपत्र का वितरण किया। पांच लाख रुपये तक के मुफ़्त इलाज के लिए हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, रेटावंड निवासी रतन बघेल को उनकी माता तेंदूपत्ता संग्राहक खिरोबाई की आकस्मिक मृत्यु पर सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दो लाख रुपए की सहायता राशि का चेक वितरित किया।

इस मौके पर वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत सदस्य पदमा कश्यप, जनपद पंचायत लोहण्डीगुडा अध्यक्ष महेश कश्यप, सरपंच चित्रकोट बुटकी कश्यप भी उपस्थित थे।

प्रदेश में महतारी वंदन सम्मेलन आयोजन 07 मार्च को राजधानी रायपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों, नगरीय निकाय क्षेत्रों में होगा

रायपुर- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर 07 मार्च को सुबह 11 बजे प्रदेश की राजधानी रायपुर के साथ सभी जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय, नगरीय निकाय क्षेत्रों में महिला सम्मेलन का आयोजन महतारी वंदन सम्मेलन के रूप में किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य मुख्यालय, जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय एवं नगरीय निकायों में आयोजित कार्यक्रमों से सीधे ऑनलाईन जुड़कर लोगों को संबोधित करेंगे और हितग्राहियों से बात करेंगे।

राजधानी रायपुर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल होंगे और महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की सभी पात्र विवाहित महिला हितग्राहियों के खाते में प्रथम बार राशि का अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय हितग्राहियों से बात कर योजना के लाभ के बारे में चर्चा करेंगे। महिलाओं के खाते में राशि का भुगतान ऑनलाईन डी.बी.टी. मोड के माध्यम से किया जाएगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने के अभियान का शुभारंभ भी किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा प्रदेश की जनता को दी गई गारंटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मार्च 2024 से नवीन महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के तहत 21 वर्ष से अधिक आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को 1000 रूपए की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस प्रकार महिलाओं को 12 हजार रूपए वार्षिक प्राप्त होगा। योजना के तहत 07 मार्च को पहली बार सहायता राशि दी जाएगी। इससे लगभग 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी।

महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। विभाग की संचालक तुलिका प्रजापति के द्वारा सभी कलेक्टरों, जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को महतारी वंदन सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देश में कार्यक्रम के प्रदेश में सीधा प्रसारण के लिए राज्य मुख्यालय से सभी जिला मुख्यालयों, ब्लाक मुख्यालय और नगरीय निकायों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लिंक करने कहा गया है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, नगरीय निकाय के प्रतिनिधिगण, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि की सहभागिता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

सम्मेलन में विभागीय गतिविधियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का विक्रय हेतु स्टॉल भी लगाए जाएंगे। साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने के संकल्प भी लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के हाथों बस्तर के ग्राम पंचायत बबूसेमरा की जुनी नाग और श्रीमती डोमीनी को मिला पक्का मकान

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चित्रकोट महोत्सव कार्यक्रम में जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत हितग्राहियों को उनके आवास की चाबी उन्हें सौंपी है। अब उन्हें कच्चे मकानों में रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विकासखंड जगदलपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बाबूसेमरा में निवासरत जुनी नाग पति श्री सुकरू और श्रीमती डोमीनी पति श्री सोमारू दोनों का परिवार पहले छोटे-छोटे कच्चे आवास में रहते थे। आवास जर्जर स्थिति में था और वहां रहना मुश्किल था। इन दोनों हितग्राहियों का नाम एसईसीसी 2011 की स्थाई प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित था। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत इन्हें आवास की स्वीकृति दी गई। उक्त आवास निर्माण हेतु उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से स्वीकृत 1 लाख 30 हजार की राशि चार किस्तों में सीधे डीबीटी के माध्यम से खाते में हस्तांतरित किया गया, साथ ही मनरेगा से 95 दिवस का मजदूरी भुगतान भी प्रदाय किया गया। वर्तमान में दोनों हितग्राही आवास निर्माण पूर्ण कर पक्के आवास में परिवार सहित निवास कर रहे हैं।

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री

रायपुर-  ‘शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि उच्च शिक्षा युवाओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए उन्नत ज्ञान, कौशल और अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में 93 छात्रों को गोल्ड मेडल, 43 छात्रों को पीएचडी और एक मानद उपाधि प्रदान की गई।

समारोह में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से युवा गंभीर सोच क्षमताओं, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। यह बेहतर करियर संभावनाओं के द्वार खोलता है, आर्थिक विकास में योगदान देता है और अपने समुदायों में सशक्त नेताओं और सक्रिय नागरिकों को तैयार करता है। एक साक्षर युवा किसी भी समाज, राज्य या देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार विशेष रूप से युवाओं से अपेक्षा करती है कि वे शांति, सद्भाव और प्रगति के मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्हें रोजगार क्षमता बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में योगदान देने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और शोधकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि बस्तर समृद्ध, प्राकृतिक प्रचुरता और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध भूमि है। प्रकृति ने बस्तर को अप्रतिम सौंदर्य का उपहार दिया है। इसके हरे-भरे जंगल, बहती नदियाँ और खनिज युक्त मिट्टी इसकी पारिस्थितिक समृद्धि का प्रमाण हैं। बस्तर के आकर्षण के केंद्र में इसकी जीवंत सांस्कृतिक पच्चीकारी निहित है। गोंड, माड़िया और मुरिया जैसी जनजातियों ने अद्वितीय भाषाओं, रीति-रिवाजों और कला रूपों का पोषण किया है। बस्तर में आधुनिकता को अपनाते हुए सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है।

श्री हरिचंदन ने कहा कि आधुनिक उपकरणों, प्लेटफार्मों और संसाधनों तक पहुंच के साथ, आज के युवाओं के पास गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने की क्षमता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्न्ता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय को केंद्रीय परियोजना ‘‘मेरु‘‘ के तहत 100 करोड़ रुपये के अनुदान की स्वीकृति मिली है, जिससे विश्वविद्यालय में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, जिनमे कई विभागों का संचालन भी शामिल है। ‘‘विकसित भारत‘‘ /2047 अभियान में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्रों की सक्रिय भागीदारी पर भी उन्होंने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 2047 तक पूर्ण विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक पूरी पीढ़ी को शामिल करने के लिए एक मंच है। हम सब मिलकर एक प्रगतिशील और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास करना जारी रखें।

कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक प्रोफेसर राम कुमार काकानी ने दीक्षांत भाषण दिया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर अंचल में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर निकले सभी स्नातक एवं स्नाकोत्तर छात्र बस्तर के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने इस समारोह में पिछले दो सत्रों में 93 स्वर्ण पदक प्राप्त युवाओं से भेंट की, जिसमें 71 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता बस्तर और सरगुजा के विकास की है। जनजातीय क्षेत्र को भी विकास की दौड़ में आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हीं पिछड़े क्षेत्रों को आगे लाने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं।

श्री साय ने कहा कि बस्तर में बेटियां पढ़ रही हैं यह बहुत सुखद है। यहां शिक्षा को लेकर सकारात्मक परिवर्तन आया है। प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के मेरु योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। इस अनुदान से बस्तर में उच्च शिक्षा के एक नये युग की शुरुआत होगी।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को 20 नये विभागों में 33 नये पाठ्यक्रम आरंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन नये पाठ्यक्रमों में बहुत से पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो उद्यम के इच्छुक युवाओं के लिए काफी उपयोगी हैं।

इस अवसर पर पद्मश्री धर्मपाल सैनी, वनमंत्री केदार कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, कुलसचिव अभिषेक कुमार बाजपेई अन्य गणमान्य अतिथि, प्राध्यापक, फेकल्टी मेम्बर सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 में लगीप्रदर्शनी का किया शुभारंभ

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के बाद स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने हर स्टॉल पर जाकर वहां प्रदर्शित मॉडलों, जड़ी-बूटी, उपकरणों, हर्बल प्रोडक्ट की जानकारी ली। वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री का पगड़ी और बिरन माला पहनाकर स्वागत किया गया।

दर्पण सोसायटी जशपुर के सदस्यों ने स्टाल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री साय को सरई फूल से बना गुलदस्ता भेंट किया। सोसायटी के सदस्यों श्री लोचन यादव ने बताया कि उनका समूह वन एवं वनोपजों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। वे ग्रामीणों को वनोपजों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षित करने के साथ ही उसके प्रसंस्करण की तकनीक से भी अवगत कराते हैं। जिससे ग्रामीणों को उनके उत्पादों का सही दाम मिल सके।

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा ) के स्टॉल पर इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम की यूनिट लगाई गयी थी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस यूनिट में थर्मल बैटरी का उपयोग किया गया है जिससे सौर ऊर्जा को स्टोर कर लिया जाता है। इससे रात्रि के समय या बिजली नहीं होने पर भी स्टोर ऊर्जा का उपयोग कर खाना बनाया जा सकता है। स्टाल में प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की भी जानकारी दी जा रही है।

कोरबा महामाया कृषक उत्पादक संघ के किसान इतवारी बंजारे ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका संघ कोरबा जिले के करतला ब्लॉक में काजू और ब्लैक राइस का उत्पादन कर रहा है। जहाँ काजू के लगभग 7500 पेड़ लगाए गए हैं और शुरूआती दौर में प्रति पेड़ 15 से 20 किलोग्राम काजू का उत्पादन होता है।

छत्तीसगढ़ हर्बल के स्टॉल पर अंजलि डहरिया ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत मिलने वाले उत्पादों आँवला जूस, मुरब्बा, कैण्डी, महुआ आचार, शहद जैसे अन्य उत्पादों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ये उत्पाद छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में मिलने वाले वनोपजों से राज्य की महिलाओं द्वारा ही निर्मित किया जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के स्टॉल पर श्री बी. राव गोडबोले ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने बीजापुर के जंगलों में मिलने वाले वनौषधियों का संग्रहण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को काली अदरक और बोहार पेड़ के तने के बारे में बताया। बोहार पेड़ के तने का उपयोग आदिवासी अंचल में बनने वाले तुम्बा में पेय पदार्थ को ठंडा रखने के लिए किया जाता है।

छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परम्परा एवं औषधि बोर्ड के स्टॉल के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को लेमन ग्रास और पामाशेसा के एसेंसियल ऑयल भेंट किये। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में सुगंध के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भेंट के लिए अधिकारियों का धन्यवाद दिया।

जाने का किराया रखे हो ?- मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा, फिर अपनी जेब से निकाल कर दिया यात्रा खर्च

रायपुर-   'वैष्णव जन तो तेने रे कहिए जे पीड़ पराई जाणे रे'- बापू के इस प्रिय भजन में जिस वैष्णव भाव का ज़िक्र है, वो लोकधर्म की नींव है। इससे सुखद और क्या होगा कि जनता लोकतंत्र में जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुने वे अपने पास आये पिछड़े से पिछड़े व्यक्ति के साथ इस लोकधर्म का पालन करे। 

लोगों के दुख दर्द को समझने का ऐसा ही वैष्णव भाव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अंदर भी है, जो उनसे मिलने वालों के दिलों को छू जाता है। इसी की बानगी एक बार फिर दिखाई दी, जब मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर के दूरस्थ ग्राम- बटईकेला से आये कोरवा आदिवासियों के उन भावों को भी समझ लिया जो संकोचवश वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा- जाने का किराया रखे हो ? और फिर अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया। साथ ही कहा कि आज रात यहीं रुको, कल खाना खाकर ही जाना। 

दरअसल कल देर रात जब बस्तर और राजिम के दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री साय पहुना पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि तीन कोरवा आदिवासी ग्रामीण उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रात्रि के तकरीबन सवा बारह बज गए थे। मगर ये जानकर कि जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक के कोरवा आदिवासी लम्बी दूरी का सफर कर उनसे मिलने आये हैं, मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें अपने कक्ष में बुलवाया। नंगे पांव आये कोरवा बिशुन राम, बालकिशुन राम और अजीर साय मुख्यमंत्री के कक्ष में दाखिल हुए। मुख्यमंत्री ने बड़े ध्यान से उनकी समस्या को सुना और हर सम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया। 

मगर फिर जो हुआ उसकी कल्पना भी इन ग्रामीणों ने नहीं की थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने सबसे पहले उनसे पुछा- खाना खाए हो ? जब उन्होंने बताया कि पहुना में ही उन्हें भोजन कराया गया है। तो मुख्यमंत्री ने पूछा कि रायपुर कब आये और किस रूट से आये हो? उन्होंने बताया कि कल वे बटईकेला से रायगढ़ बस से आये और रायगढ़ से ट्रेन के जनरल बोगी का टिकट लेकर रायपुर आये हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी ही आत्मियता से उनसे पूछा- जाने का किराया रखे हो ? इस प्रश्न के जवाब में ग्रामीण चुप रहे। मगर मुख्यमंत्री श्री साय ने इस खामोशी के पीछे के उन भावों को भी पढ़ लिया जिसे वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया और कहा कि आज रात आप यहीं रुको और कल खाना खाकर ही जाना। मुख्यमंत्री श्री साय की इस सहृदयता ने इन कोरवा आदिवसियों के दिल को छू लिया। 

पुराने साथी को पहचान कर स्नेहभाव में कहा- अब तैं बुढ़ा गए हस

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बहुत साल बाद मिल रहे पुराने साथी अजीर साय को पहचान लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि मैं तोर साथ भोपाल गए रहेन। अजीर साय ने बताया कि वे कोरवा आदिवासियों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से कई साल पहले तब मिले थे जब वे विधायक थे। उस समय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उन्हें अपने साथ लेकर भोपाल लेकर गए थे और तत्कालीन सरकार के मंत्रियों से उन्हें मिलवा कर कोरवा आदिवासियों की बात रखी थी। मुख्यमंत्री ने अजीर साय से स्नेहभाव में कहा कि अब तैं बुढ़ा गए हस। इस बात को सुनकर सभी खिलखिला उठे। 

युवा कोरवा  बिशुनराम और बालकिशुन राम का हौसला बढ़ाया

मुख्यमंत्री श्री साय ने पहुना आये कोरवा आदिवासी युवा बिशुनराम और बालकिशुन राम से उनका हाल चाल जाना और उनकी शिक्षा के बारे में पूछा । किशुन ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है और किशुनराम ने एमएससी। दोनों ने कम्प्यूटर का भी कोर्स किया है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने इन आदिवासी युवाओं के जज़्बे और योग्यता की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। 

मुख्यमंत्री ने लंबे लोकजीवन में समझा है लोगों का सुख-दुख, लगा रहता है मिलने वालों का तांता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की खासियत है कि वे हर तबके के व्यक्ति के दुख सुख को बहुत गहनता से समझते हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में उनका लम्बा कार्यकाल रहा है। वे सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री और अब मुख्यमंत्री रहते हुए लोगों की समस्याओं को हर स्तर पर रूबरू हुए हैं । यही कारण है जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाला है, प्रदेश भर से उनसे मिलकर अपनी समस्या रखने वालों का तांता लगा रहता है। उनसे मिलने वालों को उनका आत्मीय भाव छू जाता है।

राजीव भवन से सुरक्षा हटाने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, व्यवस्था बहाल करने पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र…

रायपुर- कांग्रेस प्रदेश इकाई मुख्यालय ‘राजीव भवन’ की सुरक्षा में लगी कंपनी को पुलिस ने फरवरी से हटा लिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी कार्यालय में विशिष्ट और अतिविशिष्ट लोगों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक से अविलंब सुरक्षा कंपनी तैनात करने की मांग की है.

कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री (संगठन एवं प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय ‘राजीव भवन’ में बीते कई सालों से सुरक्षा कंपनी तैनात थी, लेकिन फरवरी 2024 को सुरक्षा कम्पनी को पूरी तरह से हटा दिया गया है.

गैदू ने आसन्न लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि चुनावी गतिविधियों के मद्देनजर प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ताओं के साथ ही राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट नेताओं को मुख्यालय में आवागमन होते रहता है. ऐसी स्थिति में विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट नेताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजीव भवन में अविलंब सुरक्षा कम्पनी तैनात की जाए.

श्रम मंत्री श्री देवांगन ने बाल्को में किया शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का शुभारंभ

रायपुर-    श्रम, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने कल कोरबा जिले के बाल्को में शहीद वीर नारायणसिंह श्रम अन्न योजना अंतर्गत निर्माण, संगठित एवं असंगठित वर्ग के श्रमिकों के लिए 05 रूपए में भरपेट भोजन की व्यवस्था हेतु दाल-भात केंद्र का शुभारंभ किया। उन्होंने स्वयं भी श्रमिकों को भोजन परोसने के साथ भोजन भी किए और श्रमिकों से अपील की कि वे इस दाल-भात केंद्र में भोजन अवश्य करें। श्रम मंत्री ने इस पहल को गरीब श्रमिकों के लिए लाभदायक बताते हुए श्रम विभाग अंतर्गत श्रमिकों और उनके परिवार के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के विकास में श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान है। श्रमिकों ने सड़क, पुल-पुलिया, महल सहित अन्य बड़े-बड़े कार्य किए हैं। उद्योग मंत्री होने के नाते उनकी भी कोशिश है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों और छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिले।

दाल-भात केंद्र का शुभारंभ करते हुए मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि इस योजना को प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तत्काल सहमति दी और आज उनके प्रयास से गरीब मजदूरों को किफायती दर में भरपेट भोजन उपलब्ध होगा। श्रम मंत्री ने बताया कि उन्होंने भी गरीबी को बहुत ही करीब से देखा है। इसलिए वे श्रमिकों की आवश्यकताओं को भलीभांति जान और समझ सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 21 स्थानों पर दाल-भात केंद्र प्रारंभ है। अन्य 22 स्थानों पर भी इसका संचालन किया जाएगा। कोरबा जिले में तीन स्थानों पर दाल-भात केंद्र का संचालन होगा। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि बहुत से श्रमिक भाई कार्य की वजह से हड़बड़ी में घर से खाना खाकर नहीं आ पाते। ऐसे में दाल-भात केंद्र के माध्यम से कम कीमत पर भोजन उनके लिए लाभदायक साबित होगा। मंत्री श्री देवांगन ने श्रमिकों को बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गरीबों और श्रमिकों के कल्याण के लिए सोचते हैं। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बनाई हैं। प्रदेश में महतारी वंदन योजना के माध्यम से सभी महिलाओं को साल के 12 हजार रूपए देने, किसानों को 3100 रूपए समर्थन मूल्य तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रूपए मानक बोरा सहित अनेक योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त चांवल भी दिया गया ताकि गरीब भूखे पेट न सोए। इसी तरह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू की गई है। इनमें पंजीयन कराने वाले गरीब परिवारों को लोन देकर जीवन स्तर आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। श्रम मंत्री ने श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी श्रमिकों को दी और उनका लाभ उठाने की अपील भी की। कार्यक्रम में बाल्को के सीईओ श्री राजेश कुमार ने दाल-भात केंद्र का शुभारंभ किए जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह सरकार श्रमिकों के योगदान और उनके कल्याण के विषय में सोचती है। देश को विकास की राह में आगे बढ़ाने में श्रमिकों का बड़ा योगदान है। बाल्को में लगभग 14 हजार श्रमिक हैं, जो अपने परिश्रम की बदौलत एल्यूमिनियिम के उत्पादन में सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सब मिलजुल कर इस योजना को अच्छे से चलाएंगे और सभी श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराएंगे। कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस दौरान पार्षद लुकेश्वर चौहान, नरेंद्र देवांगन, नर्मदा लहरे, ईश्वर साहू, नरेंद्र पाटनवार, प्रफुल्ल तिवारी, आकाश श्रीवास्तव सहित सहायक श्रम आयुक्त राजेश आदिले, बाल्को के अवतार सिंह, प्रज्ञा पाण्डेय तथा श्रमिक संगठन के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।

श्रमिकों के साथ भोजन कर श्रम मंत्री ने श्रमिकों से की अपील

श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बाल्को में दाल-भात केंद्र का शुभारंभ करने के साथ भोजन की गुणवत्ता को परखने तथा श्रमिकों का उत्साह वर्धन करने उनके साथ भोजन किया। उन्होंने भोजन भी परोसे। श्रम मंत्री ने एक साथ भोजन कर रहे श्रमिकों से अपील की कि वे बेझिझक इस केंद्र में आएं और निःसंकोच भरपेट खाना खाएं। उन्होंने श्रमिकों से भूखापेट रहकर काम नहीं करने तथा अन्य मजदूर साथियों को भी इस योजना का लाभ लेने सहयोग करने की अपील की।