*नगर विकास मंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में दिया अपना वक्तव्य*
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए राज्यपाल को योगी सरकार के क्रियाकलापों को विधानसभा में रखने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने इस बात की भी सराहना की राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत भगवान मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम मंदिर में रामलला विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा से किया। प्राणप्रतिष्ठा से लेकर अब तक में पूरा देश एवं प्रदेश राममय हो गया, लेकिन विपक्ष ने अभिभाषण के दौरान सदन में गो-बैक के नारे लगा रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान कहा कि अयोध्याधाम अपने त्रेतायुगीन वैभव के साथ नगरीय विकास और सम्पन्नता का एक मॉडल बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री के कारण ही प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, उन्होंने इसके लिए उनको धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह कार्य हुआ, उनको नमन किया। उन्होंने नगर विकास के कर्मियों, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों के कर्मियों को अयोध्याधाम को दिव्य व भव्य बनाने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कहा कि विपक्ष को यह सब रास नहीं आया, मान्यता है, जहां भगवान होते हैं, वहां सुख, सम्पदा, वैभव अपने आप आती है, श्रीराम रमापति व श्रीपति हैं।
मड़ई-कुटई में रहने वाले विग्रह नहीं, राम का धाम भव्य होना ही चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को राम के नाम और राम मंदिर से ही आपत्ति है, उन्हें बता दें कि राम से राम का नाम और उनके धाम को अलग नहीं किया जा सकता, फिर भी कुछ लोग अयोध्या जाने से डर रहे हैं।
प्राणप्रतिष्ठा के लिए दिव्य व भव्य रूप से ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ। इसके लिए उन्होंने पूरे देश व प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कहा कि प्रधानमंत्री सनातन परम्परा के अनुसार दो सप्ताह का उपवास किया, जमीन पर सोए, अपने को प्राणप्रतिष्ठा के लिए योग्य और उपयुक्त बनाने के लिए तपस्या की। दुर्गा सप्तशती के अर्गला श्लोक में भी कहा गया है कि सुर-असुर राजा हुए, उन्होंने मां के चरणों में अपना मुकुट रखा, मां उनको रूप, यौवन, यश व प्रतिष्ठा प्रदान की।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने भी भगवान राम के चरणों में लोटकर साष्टांग प्रणाम किया, अपने माथे को रगड़ा, जिसको पूरी दुनिया ने देखा। हम सभी को भी अयोध्या जाकर भगवान राम का दर्शन-पूजन जरूर करना चाहिए।
श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार ही प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के तीर्थस्थलों, पूजास्थलों की साफ-सफाई और वहां का सुशोभन किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान राम में जिन्हें श्रद्धा नहीं थी, वे मथुरा में जाकर ही कुछ कर देते। हम लोगों ने आस्था में विश्वास किया, देश की आर्थिक प्रगति में विश्वास करते हैं, पुरातन संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं को अपनाते हुए, इसका संवर्धन करते हुए, देश का विकास कर रहे हैं। कहा कि हमारी सरकार विरासत के साथ विकास पर ध्यान दे रही, संस्कृति के साथ समृद्धि आए ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा, देवालय के साथ डिजिटल इंडिया की अवधारणा पर भी बल दिया जा रहा, मंदिरों के साथ भारत को आधुनिक बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
पूरी दुनिया में मान्यता है कि रामराज्य सुशासन की पराकाष्ठा थी। देश रामराज के सुशासन की स्थापना की ओर बढ़ रहा, भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। कहा कि विरोधी कितना भी प्रयास करें, देश में रामराज की स्थापना होकर रहेगी। भारत विकसित राष्ट्र बनेगा, विरोधियों का विनाश होकर रहेगा। हमारे ऋषि-मुनियों मनीषियों के हजारों वर्षों की तपस्या के पुण्य का फल है, जो भारत का भाग्योदय हो रहा, हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से भारत आगे बढ़ रहा, जिसे कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से अभी विकसित भारत संकल्प यात्रा चली, जिसमें संकल्प लिया गया कि भारत अपनी पुरातन संस्कृति के साथ विकसित राष्ट्र बनेगा। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि भारत को वर्ष 2047 तक दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनाना है, एक ऐसा दिव्य व भव्य राष्ट्र बनेगा, जिसमें सबकी खुशहाली होगी। प्रधानमंत्री की गारंटी की बदौलत ही, जिन्हें अभी तक कल्याणकारी नीतियों का लाभ नहीं मिला उन्हें दिलाया जा रहा। विकसित भारत में पीएम आवास के हर घर की नींव की ईंट लगी से है, मलिन बस्तियों गरीबों के घरों को जाने वाली सड़कों में लगी हर एक कंक्रीट से है, हर व्यक्ति के पास मकान हो, शौचालय हो, खाने के लिए राशन हो, चूल्हे में गैस हो तभी विकसित भारत बनेगा।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत गरीब के चूल्हे से लेकर चंद्रयान तक की यात्रा है, गरीब के आयुष्मान कार्ड से लेकर आधुनिक चिकित्सा संस्थान तथा सेना के अत्याधुनिक आयुध से है। पीएम स्वनिधी योजना में रेहड़ी-पटरी वालों की मदद, गरीबों को पीएम आवास योजना का लाभ देने में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है। भारत एक ऐसा दिव्य व भव्य राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, जहां हमारी पुरानी मान्यताओं का सम्मान होगा और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित, संवर्धित व सुंदर होगा।
कहा कि प्रधानमंत्री ने भगवान राम के प्रति श्रद्धावान होकर ही देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। ऐसे ही जैसे शबरी एवं निषाद का भगराम श्रीराम के प्रति श्रद्धा थी। भगवान राम हम सबको भवसागर से पार कराने वाले हैं, यह निषाद राज भी जानते थे, फिर भी पूर्ण आत्मविश्वास व श्रद्धा के साथ उन्होंने भगवान से कहा कि ‘जौं प्रभु पार अवसि गा चहहू, मोहि पद पदुम पखारन कहहू’। ऐसी हमारी संस्कृति रही है, इसी का प्रधानमंत्री जी ने संकल्प लेकर भारत को वर्ष 2047 तक दिव्य और भव्य बनाकर भगवान श्रीराम के चरणों में और इस देश व प्रदेश की जनता के चरणों में रखने वाले हैं।
Feb 06 2024, 20:27