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*मतदाता एवं पेंशन जागरूकता रैली निकालकर सरकार से मांगा अपना हक*

रायबरेली। वोट फॉर ओपीएस, जो पेंशन की बात करेगा, वहीं देश पर राज करेगा, … जैसे नारों के बीच में हजारों कर्मचारियों का हूजूम हाथों में दख्ती लेकर शहर की सड़कों पर राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदाताओं को जागरुक करने के लिए निकला।

यह मौका था अटेवा की तरफ से निकाली गई मतदाता एवं पेंशन जागरूकता रैली का। आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार की मतदाताओं निजीकरण और पुरानी पेंशन को लेकर अटेवा की तरफ से रैली निकाली गई।

ऑल टीचर्स एंड इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिशन (अटेवा) के प्रांतीय आह्वन पर शहर में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए रैली निकाली गई।

मतदाता एवं पेंशन जागरूकता मार्च से पूर्व विकास भवन में उपस्थित समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वोट फ़ॉर ओपीएस की शपथ दिलाई गई। इसके बाद मतदाता एवं पेंशन जागरूकता मार्च विकासभवन से शुरू हुआ और शहीद चौक, डिग्री कॉलेज चौराहा, एलआईसी ऑफिस, कैनाल रोड, अग्रसेन चौराहा, अस्पताल चौराहा, खालसा चौराहा, हाथी पार्क, कचेहरी रोड होते हुए शहीद चौक पर ही सम्पन्न हुआ।

कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने के आए प्रदेश महामंत्री नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पेंशन हमारा हक और हम लोग एक दिन इसको लेकर ही रहेंगे। पुरानी पेंशन बहाली आन्दोलन आज पूरे देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है।

आगामी 04 फरवरी को लखनऊ में रन फॉर ओपीएस का आयोजन प्रस्तावित है। अटेवा द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रमों का सफल आयोजन पुरानी पेंशन के आन्दोलन को प्रशस्त करेगा।

प्रदेश कोषाध्यक्ष विक्रमादित्य मौर्य, प्रदेश संगठन मंत्री रजत प्रहरी और विधि सलाहकार नरेंद्र वर्मा ने कर्मचारियों से अपनी आवाज को आगामी लोकसभा चुनाव में भी बुलंद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हमारी आवाज आम जनमानस के साथ ही सोशल मीडिया पर उठ सकती है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री शैलेष यादव ने कहा कि आज हर प्रदेश में पुरानी पेंशन पर चर्चा और संघर्ष किया जारहा है। छः राज्यों में पुरानी पेंशन की बहाली ने देश में पुरानी पेंशन की बहाली के आन्दोलन को मजबूत किया है।

जिला महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सरिता नागेंद्र ने कहा कि आगामी कार्यक्रमों के माध्यम से हम लोकसभा चुनाव से पूर्व ही पुरानी पेंशन पूरे देश बहाल कराकर रहेंगे। बस आवश्यकता है आगामी कार्यक्रमों में पुरज़ोर सहभागिता की। जिला संरक्षक अटेवा राजेश यादव ने कहा कि हमें अपने आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी ले।

जिला संयोजक इरफान, संयोजिका सरला वर्मा, महामंत्री राजकुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्य, मीडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम एवं सोशल मीडिया प्रभारी आशीष पटेल ने कहा मतदान प्रत्येक नागरिक के लिए एक ज़िम्मेदारी का कार्य है। इसे बहुत सोच-समझ कर किया जाना चाहिए। किसी को एमपी एमएलए बनाने के लिए मतदान नहीं करना है।

बल्कि मतदान हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार एवं सामाजिक सुरक्षा (पुरानी पेंशन) आदि मुद्दों पर करना चाहिए।

जिला प्रवक्ता मयंक वर्मा व अनवर अली, मन्त्री शिवनाथ यादव, डलमऊ संयोजक प्रकाश यादव, सतांव संयोजक अविनाश यादव, सरेनी संयोजक सुनील पाल, शिवगढ़ संयोजक आशुतोष यादव ने कहा पुरानी पेंशन की बहाली ही अटेवा का एकमात्र लक्ष्य है उसकी प्राप्ति तक अटेवा निरन्तर प्रयास करता रहेगा। 2024 के लोकसभा चुनाव पुरानी पेंशन बहाली आन्दोलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उससे पहले सभी कर्मचारियों को संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।

इस मौके लूआक्टा जिलाध्यक्ष दिनकर त्रिपाठी, मधुकर सिंह, शत्रुघन कुमार, आशीष पटेल, नसीम अहमद, मयंक वर्मा, अनवर अली, इंद्रशेन, उमाशंकर सिंह, पंकज पटेल, अनिल, राजेश मौर्य, सतीश, अविनाश, आशुतोष, अनूप सिंह, अमित, सुनील पाल, राजेंद्र यादव, दुशांत सिंह, दिलीप पाल, सुनील मिश्रा, चित्रा मधुकर, सुशील कुमार, सूर्यपाल, कंचन शर्मा, अफरोज़ अहमद, संघर्ष कुमार, चंद्रकान्त त्रिपाठी, श्रवण कुमार, शेर बहादुर, शिवमोहन मौर्या, विक्रम चौहान, शशि सिंह, अर्चना वर्मा, अंजू यादव, हनी गुलाटी, कामिनी, दीपिका, सत्यभामा, संजय मोहान, गरिमा सिंह, बिरजिस अंजुम, मधुलता, सना आफ़रीन, सीमा सिंह, पूनम मिश्रा, चित्रा मधुकर, आभा श्रीवास्तव, सुनील मिश्रा, महताब खान, सतीश चौरसिया, इन्द्रसेन यादव, जितेन्द्र कुमार, रोहित चौधरी, महेन्द्र कुमार, जय सिंह यादव, अब्दुल मन्नान, शैलेश कुमार आदि संघर्षशील पेंशनविहीन साथी उपस्थित रहे।

*बेलाखारा गांव के ग्रामीणों ने थाने का किया घेराव,दर्ज हुई रिपोर्ट*

राही,रायबरेली।बुधवार को बेलाखारा गांव के ग्रामीणो द्वारा भदोखर थाने का घेराव किया गया।मामला दर्ज न होने से नाराज ग्रामीणो ने कार्रवाई की मांग की है। थानाध्यक्ष की ओर से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद गांव के लोग शांत हुए और घर लौट गए।ग्रामीणो ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या मे भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूरे उत्साह के साथ गांव के सभी लोगो ने भगवान श्रीरामलला की भव्य शोभा यात्रा निकाली। शोभा यात्रा गांव के प्रमुख मंदिर व सभी गलियो से होकर गुजर रही थी।

तभी दूसरे समुदाय के लोगो द्वारा शोभा यात्रा का विरोध किया गया। जिसमे दूसरे समुदाय की महिलाओ ने रास्ते मे बैठ कर शोभा यात्रा को रोकते हुए विरोध जताया। जिसके चलते दोनो पक्षो मे कहा सुनी होने लगी। जिसकी सूचना मिलते ही थाना प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर मोर्च सभाल लिया। समझा बुझा कर मामले को शांत कराते हुए शांति पूर्वक ढंग से शोभा यात्रा निकलवाई। मामला शांत होने के बाद सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था।

अचानक से बुधवार को सभी ग्रामीणो ने भारी संख्य मे थाने पहुच कर मामला दर्ज करने की मांग करने लगे। उन्होने बताया की उस दिन के बाद से दुसरे समुदाय के लोगो द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है । जिस के चलते सभी लोग डरे सहमे हुए है। ग्रामीणो की माने तो किसी प्रकार की कारवाई न होने से दुसरे समुदाय के लोगो के हौसले बुलंद है। दुसरे समुदाय के लोग कभी भी लडाई झगडा कर सकते है। इसी बीच भाजपा नेता व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी अजय अग्रवाल व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप यादव भी मौके पर थाने पहुंच गए।

ग्रामीणो की पीडा सुनते हुए थाना प्रभारी से मामला दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

उन्होने कहा की शोभा यात्रा का विरोध करना बहुत ही निंदनीय कार्य है। शोभा यात्रा का विरोध करने वाले व लोगो को धमकाने वाले लोगो पर सख्त कारवाई की जाए।भदोखर थानाध्यक्ष शिवाकांत पांडे ने बताया कि राजेश कुमार सिंह व अन्य ग्रामीणों की तहरीर पर 12 लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओ में मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं अन्य की तलाश जारी है।

*डिजिटाइजेशन के खिलाफ शिक्षकों का हल्ला बोल, कहा- नहीं करेंगे काम*

रायबरेली।परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों पर जबरदस्ती अधिकारियों की तरफ से थोपी जा रही व्यवस्था के खिलाफ शिक्षकों ने एक सुर में कहा कि हम लोग डिजिटाइजेशन व्यवस्था को नहीं अपनाएंगे।

मंगलवार को विकास भवन परिसर में एकत्रित हुए शिक्षकों ने कहा कि जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब हम काम नहीं करेंगे।एक ही बैनर तले एकत्रित होकर जिले के 10 शिक्षक संगठनों ने कहा कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग ऑनलाइन काम नहीं करेंगे।

बता दें, अधिकारियों की तरफ से जबरदस्ती और वेतन रोकने धमकी देकर थोफे जा रही डिजिटाइजेशन के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है।

शिक्षक संगठनों के जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने विकास भवन में शिक्षकों ने एक सुर में कहा अगर हम लोगों पर अधिकारी टैबलेट्स पर मैपिंग का जबरदस्ती वेतन रोकने की धमकी देकर दबाव बनाएंगे तो फिर हम लोग भी बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली से काम करेंगे।

जिला स्तरीय समन्वय समिति व जूनियर शिक्षक संघ के संरक्षक समर बहादुर सिंह ने कहा कि सभी प्रधानाध्यापक, एआरपी और शिक्षक संकुल सारे एप्स को मोबाइल से डिलीट करके और वाट्सएप ग्रुप्स को छोड़कर सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षक का अगर अधिकारी वेतन रोकते हैं तो हम लोग फिर से धरना प्रदर्शन यही विकास भवन में करेंगे।

अधिकारियों की तरफ से वेतन रोकने का पत्र जारी करके जबरदस्ती दबाव बनाए जाने के विरोध में मंगलवार को विकास भवन में उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उर्दू शिक्षक संघ, एससीएसटी शिक्षक संघ, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, महिला शिक्षक संघ, अनुदेशक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट बाबूराम को देते हुए कहा कि अधिकारियों का यह दबाब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अधिकारी हम पर दबाव बनाएंगे तो हम लोग भी सभी ऑनलाइन कामों को छोड़कर विरोध करने लगेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि हम आप लोगों की मांग से उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने कहा कि विभाग की तरफ से डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था शोषणकारी है। इस व्यवस्था से शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को आये दिन शोषित होना होगा, जिससे भय व असुरक्षा के वातावरण में शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि हम लोग सारे ऑनलाइन कामों को बंद कर देंगे। इंचार्ज प्रधानाध्यापक अपना पद छोड़कर सिर्फ अब अध्यापन का ही काम करेंगे।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि सरकार अपनी दमननीति से हम लोगों का शोषण करने जा रही है। महामंत्री शैलेश यादव ने कहा कि आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में "हाफ डे लीव" का प्राविधान की मांग की जा रही है, लेकिन अधिकारियों की तरफ से हम लोगों की मांग को ध्यान नहीं दिया है।

डीपीए के महामंत्री अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम लोग भी सिर्फ और सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। सुनील यादव ने कहा कि सारे ऐप को डिलीट करते हुए विभाग के सभी ग्रुप्स को भी छोड़ दिया जाएगा। सिर्फ विभाग के नियमों के हिसाब से ही काम किया जाएगा।

उर्दू शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मोइनुल हक ने कहा कि डिजिटाइजेशन व्यवस्था में शिक्षकों की मौलिक समस्याओं को नजरंदाज कर शिक्षक को मानव नहीं रोबोट समझते हुए लागू किया गया है। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजित सिंह और अजय प्रताप सिंह ने यह निर्णय लिया कि जब तक संगठनों द्वारा डिजिटाइजेशन की मौलिक समस्याओं के समाधान हेतु पूर्व में दिए गए ज्ञापन पत्रों में उल्लेखित मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है।

तब तक जनपद का शिक्षक डिजिटाइजेशन व्यवस्था का पूर्ण बहिष्कार करेगा

इस मौके पर सुनील यादव, राजेश, शिवशरण सिंह, मधुकर सिंह, दिनेश, मेराज, उमाशंकर, सविता नागेंद्र, रामेश्वर, अंकित, केसी सोनकर, विक्रमादित्य सिंह, शिव कुमार सिंह, सुरेश सिंह, जयकरन सिंह, अनूप सिंह, हरिकेश यादव, अनुराम मिश्रा, संजय सिंह, विनोद यादव, सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।

इनसेट

शिक्षकों ने कहा हम नहीं करेंगे यह काम

मध्यान भोजन योजना से संबंधित समस्त सूचनाओं का आदान-प्रदान शिक्षक व कर्मचारी अपने मोबाइल से बंद कर देंगे।

जिले के सभी शिक्षक कार्मिक अपने मोबाइल से समस्त विभागीय ऐप अनइंस्टॉल व डिलीट कर देंगे।

इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कार्य दायित्व निर्वहन कर रहे समस्त सहायक अध्यापक अपने इंचार्ज का दायित्व त्याग कर केवल सहायक अध्यापक के कार्य दायित्व का निर्वहन करेंगे।

जिले में समस्त शिक्षक संकुल,एआरपी,एस आर जी अपने-अपने पदों का त्याग कर अपने विद्यालय में अपना योगदान देंगे तथा डीसीएफ फॉर्म सहित किसी भी विभाग की सूचना से स्वयं को विरत कर लेंगे।

किसी भी विभागीय ऑनलाइन मीटिंग यथा यूट्यूब सेशन व गूगल मीट जूममीटिंग आदि का पूर्ण बहिष्कार शिक्षकों द्वारा किया जाएगा।

अवकाश के दिनों में किसी प्रकार का विभागीय अथवा गैर विभागीय कार्य शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जाएगा।

*राममय हुआ मां गंगा का पावन तट*

देवेश वर्मा

डलमऊ।अयोध्या धाम में हुए भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान डलमऊ गंगा के अधिकतर घाट राममय हो गए। माँ गंगा के पावन तट पर सोमवार शाम को गंगा आरती एवं रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया।

डलमऊ के वीआईपी घाट से लेकर रानी शिवाला घाट एवं पथवारी घाट तक इक्कीस हज़ार दीपक जलाए गए। सुबह से ही डलमऊ तहसील क्षेत्र में राम भक्तों के द्वारा भारी लाव लश्कर के साथ राम दरबार की भव्य झांकी निकाली गई।

डीजे की धुन पर राम भक्तों ने राम के जयकारों के साथ झांकी निकाली। जिस पर राम लक्ष्मण और हनुमान की झांकियां सजाई गई। जगह-जगह पर सजी हुई मनमोहक झांकी एवं भंडारों से कस्बा राम में हो गया।

शाम होते ही डलमऊ के वीआईपी घाट पर पहुंचे राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह, जिला अधिकारी हर्षिता माथुर,अपर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव,नगर पंचायत अध्यक्ष पंडित बृजेश दत्त गौड, क्षेत्राधिकार अरुण कुमार नौहवार, अधिशासी अधिकारी आरती श्रीवास्तव ने राम दरबार की आरती के साथ गंगा आरती की, और भक्त दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए।

सुबह से ही स्वास्थ्य शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार विभाग की महिला कर्मचारियों के द्वारा मनमोहक झांकी तैयार की गई एवं दीप जलाए गए तहसील प्रशासन एवं नगर पंचायत के कर्मचारियों सुबह से ही लगे रहे। इस मौके पर डलमऊ प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार सोनकर, सीएचसी प्रभारी नवीन कुमार, डलमऊ चौकी इंचार्ज संजय शर्मा, मुराईबाग चौकी इंचार्ज राजकिशोर अग्निहोत्री, अध्यक्ष प्रतिनिधि शुभम गौड़, लिपिक सोहराब अली, अभिषेक यादव, अमित मलिक, समेत सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

*कारसेवकों के नायक जैसे थे रायबरेली में जन्मे तत्कालीन डीजीपी श्रीश चंद्र दीक्षित, वो चेहरा जिनका जिक्र किए बगैर राम मंदिर आंदोलन है अधूरा*

दुर्गेश मिश्र

रायबरेली।आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस के पीछे राम मंदिर के लिए कई दशकों तक चले आंदोलन में कई प्रमुख चेहरे रहे हैं। जिन्हें दुनिया जानती और पहचानती हैं,लेकिन, कई ऐसे भी गुमनाम चेहरे हैं, जिनके संघर्ष की बदौलत राम मंदिर निर्माण का सफर मंजिल तक पहुंचा है। जिनमे एक नाम रायबरेली में जन्मे तत्कालीन डीजीपी श्रीश चंद्र दीक्षित का भी है।

कारसेवकों के लिए श्रीश चंद्र दीक्षित नायक की तरह थे।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के सपना सैकड़ों साल के बाद अब अब राम लला उसमे विराजमान हैं। आगामी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है पूरे देश की नजरे अयोध्या पर हैं।वह सपना जो लगभग सभी हिन्दुओं ने देखा था वह साकार होने जा रहा है। राम मंदिर के लिए कई दशकों तक चले आंदोलन में कई प्रमुख चेहरे रहे हैं, जिन्हें दुनिया जानती और पहचानती है, लेकिन, कई ऐसे भी गुमनाम चेहरे हैं, जिनके संघर्ष की बदौलत राम मंदिर निर्माण का सफर मंजिल तक पहुंचा।श्रीश चंद्र दीक्षित के जिक्र के बिना अयोध्या का आंदोलन अधूरा है।

यूपी के तत्कालीन डीजीपी रहे श्रीश चंद्र दीक्षित ने राम मंदिर आंदोलन में कारसेवकों के लिए नायक की भूमिका अदा की थी।रायबरेली के सरेनी विकास खंड के सतवा खेड़ा गांव में 3 जनवरी 1926 को जन्मे श्रीश चंद्र दीक्षित 1982 से लेकर 1984 तक उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे। रिटायर होने के बाद वह विश्व हिंदू परिषद से जुड़ गए और केंद्रीय उपाध्यक्ष बन गए। उनके बारे में कहा जाता है कि पुलिस प्रशासन से नजरें बचाकर कारसेवकों को अयोध्या पहुंचाना हो या फिर कानून को धता बताकर कारसेवा करवाना।इन कामों में श्रीश चंद्र दीक्षित आगे थे उनका तेज दिमाग सब झंझावातों को पर कर रास्ता बना ही लेता था।

1990 में कारसेवा के लिए साधु-संत अयोध्या कूच कर रहे थे।प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था।पुलिस ने विवादित स्थल के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी।30 अक्टबूर, 1990 को कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस ने कारसेवकों पर गोली चला दी तो कारसेवकों के ढाल बनकर श्रीश चंद्र दीक्षित सामने आए थे। पूर्व डीजीपी को सामने देख पुलिस वालों ने गोली चलाना बंद कर दिया।इस तरह से उन्होंने कारसेवकों की जान बचाने में अहम भूमिका अदा की थी।इसी के एक साल बाद 1991 के लोकसभा चुनाव में श्रीश चंद्र दीक्षित काशी से सांसद बने थे।

अंतिम सांस तक रहा मंदिर निर्माण का इंतजार

श्रीश दीक्षित ने 90 वर्ष की उम्र में 2014 में अंतिम सांस ली। लोग बताते हैं कि अंतिम समय तक वह यही इच्छा करते रहे कि श्री राममंदिर का निर्माण पूरा हो।

1992 की कारसेवा में भी वह पूरी तरह सक्रिय रहे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अग्रणी लोगों में शामिल रहे। विवादित ढांचा गिराने की बात कहते हुए हमेशा उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर खास उत्साह झलकता था।

*दुर्गा इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने मनाया रामोत्सव*

रायबरेली- जवाहर विहार कॉलोनी स्थित दुर्गा इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में जय श्री राम मानव श्रृंखला बनाकर इस रामोत्सव को मनाया। सर्वप्रथम विद्यालय के छोटे बच्चों द्वारा राम, लक्ष्मण,सीता एवं हनुमान के रूप में पूजित किया गया।

विद्यालय की प्रबंधिका मीना शुक्ला ने ईश्वर रुप की पूजा अर्चना के बाद इसे ऐतिहासिक पल बताया। तत्पश्चात विद्यालय के कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं ने जय श्री राम की आकृति बनाकर जय श्री राम के नारे लगाए एवं राम आएंगे की धुन पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस भव्य आयोजन का संचालन अंजलिका अवस्थी ने किया। विद्यालय के संचालक देवेंद्र शुक्ला ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए समस्त छात्र-छात्राओं ,अभिभावकों, अध्यापकों एवं जनपद वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

*ऊंचाहार ब्लॉक प्रमुख पर वित्तीय अनियमितता का आरोप, निलंबित जीएसटी फर्मों को भुगतान कर सरकार को लगया चूना*

रायबरेली- ऊंचाहार क्षेत्र पंचायत प्रमुख पर लाखों रुपए वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है। क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए गए विकास कार्यों में सरकार को जीएसटी भुगतान में लाखों का चूना लगाया गया है। जिन फर्मों की जीएसटी निलंबित चल रही थी, उसको 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान कर दिया गया है। यह भुगतान करीब 27 लाख रुपए का बताया जा रहा है।

यह पूरा मामला वित्तीय वर्ष 2022-23 का है। मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कर रही है। इस मामले की शिकायत क्षेत्र पंचायत सदस्य अभिलाष कौशल के नेतृत्व में कई सदस्यों ने प्रमुख सचिव पंचायती राज से की थी। जिसमें आरोप है कि ब्लाक प्रमुख द्वारा नियमों की अनदेखी करके सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया गया है। इसमें उच्च न्यायालय द्वारा जांच हेतु दिशा निर्देश दिए गए थे। उसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ है। मजेदार बात यह है कि अक्टूबर 2022 में ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बावजूद पूरा खेल चलता रहा। जिसमें ब्लाक के कर्मचारियों और अधिकारियों की संलिप्तता रही ।आरोप है कि क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए गए विभिन्न कार्यों में मैटेरियल आपूर्ति का करीब डेढ़ करोड़ का भुगतान किया गया है। जिसमें 18 फीसदी जीएसटी का भी भुगतान किया गया है। जिन्हे भुगतान किया गया ,उन फर्मों की जीएसटी 2018 से निलंबित चल रही थी।

इस बात की लिखित पुष्टि उपायुक्त राज्य कर मनोज कुमार ने की है । उपायुक्त ने अपने पत्र में कहा है कि फर्म को किया गया भुगतान विधिक नहीं है । मामले एडीएम ने एक आख्या रिपोर्ट प्रमुख सचिव को भेजी है । प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद ब्लाक के कई कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है । जिससे ब्लाक में हड़कंप मचा हुआ है ।

जिस लेखाकार के समय हुआ खेल उसकी पुनः हुई नियुक्ति

वित्तीय अनियमितता का खेल जिस समय हुआ था उस समय यहां तैनात रहे लेखाकार की पुनः तैनाती की गई है। जिसको लेकर एक बार फिर मुद्दा गरम हो गया है। इस लेखाकार की पुनः तैनाती को लेकर अभिलाष चंद्र कौशल ने डीएम और सीडीओ को शिकायती पत्र सौंपा है। उनका आरोप है कि उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद जिन कार्यों के आवंटन की प्रक्रिया रूकी हुई थी, उन्हे पुनः चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें सरकारी धन का बंदरबांट होगा।

*दस हजार लोगों को राज्यमंत्री ने दी कंबल की सौगात*

रायबरेली।विकासखंड परिसर लालगंज और सरेनी में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने करीब दस हजार गरीबों को कंबल वितरित किया।शहीद स्मारक में पुष्प अर्पित कर शहीद वीरों के प्रति श्रद्धांजलि भी व्यक्त की। ग्रामीणों को कंबल वितरित करने आए राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के भाषण में पूरा समय कांग्रेस परिवार निशाने पर रहा। उन्होंने फिरोज गांधी से लेकर राहुल गांधी व सोनिया गांधी तक पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदार सीट पर बैठकर स्वयं राजीव गांधी ने कहा था कि जब वह जनता के विकास के लिए 100 रुपये भेजते हैं तो लालगंज तक केवल 15 रुपये ही पहुंचते हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस सरकार में जमकर भ्रष्टाचार था।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में देश को आजादी मिलते ही सभी अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए थे ।केवल एक अंग्रेज इटली की महारानी सोनिया गांधी के रूप में देश में बच गया है जिसे लोकसभा चुनाव में रायबरेली से हराकर वापस उसके घर भेजना है। उन्होंने कहा कि वह पहले ऐसे व्यक्ति है जो हारने के बाद भी रायबरेलीवासियों की सेवा कर रहे हैं।क्योंकि रायबरेली उनके दिल में बसी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता का परिणाम है कि आज संपूर्ण विश्व भारत के सामने नत मस्तक है ।वहीं केंद्र व प्रदेश की सरकार की योजनाएं जन-जन तक घर-घर तक बिना किसी भेदभाव के पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी में भेदभाव नहीं करती। वह सिर्फ गरीब गांव और पात्रों का विकास करना चाहती है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 5 वर्ष तक भी राशन फ्री कर दिया है ताकि लोगों को भोजन की चिंता न रहे।स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जब पत्रकारों ने पूछा कि सोनिया गांधी ने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया है तो उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के राम है ही नहीं ।वे राम को मानती ही नहीं है तो कैसे निमंत्रण स्वीकार करती। वे हिंदू धर्म को भी नहीं मानती हैं। सोनिया गांधी रामसेतु को काल्पनिक कहती हैं। लेकिन प्रदेश के कांग्रेसी अयोध्या जाकर सरयू में डुबकी लगाकर राम-राम जप रहे हैं। कार्यक्रम की व्यवस्था ग्राम प्रधान बच्चा सिंह, राहुल अग्निहोत्री और आदित्य मिश्रा के द्वारा की गयी।

*ग्रामीणों की मदद को आगे आए यश*

रायबरेली। सलोन क्षेत्र की एक ग्राम में लगभग कई सालों से आए दिन पानी की समस्या को लेकर शिकायत पत्र तहसील व जिला प्रशासन के दफ्तरों में दे रहे थे लेकिन किसी प्रकार की कोई मदद उन तक नहीं पहुंच सकी।

जब यश पांडे जो को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस समस्या का निदान कराया। इसके लिए यश राकेश पांडे ने आरके फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ भारती पांडे की तरफ से हैंडपंप लगवाया और कई सालों की समस्या का निदान कर दिया।

जिससे क्षेत्र में लोगो ने इसे सराहा है। लोगों ने कहा यश राकेश पांडे ने अपनी मां के नाम पर हैंड पंप लगवा कर साबित कर दिया कि समाज सेवा करना ही समाज सेवक का प्रथम धर्म होना चाहिए। उन्होंने कई ग्राम सभाओं में ठंड से राहत सामग्री भी वितरित की।

मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान बब्बू शुक्ला, अवधेश नारायण पाण्डेय, प्रशांत सिंह, विकास पांडेय, शिवा पांडेय, विकास सोनकर आदि मौजूद रहे।

*स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह में कई लोग हुए सम्मानित*

रायबरेली- शहर के रिफॉर्म क्लब में विधान सभा के मुख्य सचेतक, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ मनोज कुमार पाण्डेय द्वारा आयोजित स्नेह मिलन सम्मान समारोह व समरसता भोज में देश प्रदेश व जिले की विभिन्न हस्तियों का सम्मान किया गया। सम्मानित होने वालों में राकेश शर्मा पूर्व जस्टिस हाईकोर्ट, रिजवान अहमद पूर्व पुलिस महानिदेशक,योगेश मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार, अभिजीत चन्द्रा हेड आफ डिपार्टमेंट केजीएमसी, के पदमेश विख्यात ज्योतिषाचार्य, अमरेश मिश्रा फिल्म उद्योग,सुरेश अग्रवाल उद्योगपति, रूपेश पाण्डेय भोजपुरी गायक को सम्मानित किया गया।

मनमोहन वरिष्ठ पत्रकार, वासिन्द्र मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार, अविनाश मिश्र वरिष्ठ पत्रकार,एसके ओझा, पूर्व वरिष्ठ आईएएस,विधायक पंकज कुमार मलिक, मो0 ताहिर विधायक, विनोद चतुर्वेदी, बृजेष कठेरिया, श्याम सुन्दर भारती, अतुल प्रधान, गौरव कुमार, चन्द्र प्रकाश, मुकेष वर्मा, राकेष पाण्डेय, सचिन यादव, स्वामी ओमवेष, राहुल राजपूत को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बुद्धजीवी, पत्रकारिता, शिक्षा विद, चिकित्सक, अधिवक्ता, जिले भर के 500 से अधिक प्रधान, ब्लाक प्रमुख, दर्जन भर से अधिक जिला पंचायत सदस्य प्रदेश भर के एक दर्जन से अधिक नगर पालिका अध्यक्ष एवं जनपद की सरेनी, सलोन, बछरावां, व हरचन्द्रपुर विधान सभा से आये भारी संख्या में लोग कार्यक्रम में पहुंचे।

कार्यक्रम की विषेषता यह रही कि श्री पाण्डेय ने प्रत्येक व्यक्ति का स्वयं अपने हाथों से मुख्य द्वार पर ही अंगवस्त्र पहना कर सवागत किया। डॉ अमिताभ पाण्डेय ने सभी आये महानुभावों का स्वागत व अभिनंदन किया।इस मौके पर राजेश द्विवेदी, शिवमनोहर पाण्डेय, लल्लन मिश्रा, राजेश मिश्रा, राजेश शुक्ला, टीएन त्रिपाठी, विमलेश अवस्थी, उमाषंकर चौधरी, पंकज सिंह, दिनेश रावत मौजूद रहे।