*जनपद में चिन्हित हुए 1990 संभावित कुष्ठ रोगी, जांच में पुष्टि होने पर सम्पूर्ण इलाज से होंगे कुष्ठ से मुक्त*
महेश चंद्र गुप्ता
बहराइच। जनपद में 21 दिसंबर से 4 जनवरी तक अभियान चलाकर कुष्ठ रोग से मिलते-जुलते लक्षण वाले 1990 संभावित व्यक्तियों को चिन्हित किया गया। अभियान में 4102 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम ने गृह भ्रमण कर चिन्हित व्यक्तियों की सूची विभाग को सौंप दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि चिन्हित सभी संभावित व्यक्तियों की जांच की जायेगी और कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर मरीजों को सम्पूर्ण इलाज कर रोगमुक्त कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टीरियम लेपरे नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है। यह मुख्यतः त्वचा, आँख, नाक और बाहरी तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इलाज न किए जाने पर यह रोग स्थायी दिव्याङ्ग्ता का कारण बन सकता है। शारीरिक विकृति के अलावा कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों को कलंक और भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है । उन्होंने बताया कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और बीमारी की शुरुआत में ही इलाज कराने से इससे होने वाली दिव्याङ्ग्ता को रोका जा सकता है।
जिला कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉ विनय श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान लोगों को यह संदेश भी दिया गया कि कुष्ठ की जांच व इलाज की सुविधा सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है। समय से कुष्ठ रोग की पहचान होने पर उसका सम्पूर्ण इलाज संभव है। एक बार जब कुष्ठ रोगी दवा का सेवन शुरू कर देता है तो उससे दूसरों को यह बीमारी नहीं फैल सकती। समय से कुष्ठ का इलाज न करवाने पर यह विकृति या स्थायी दिव्यांगता का रूप ले सकता है।
कुष्ठ रोग के संभावित लक्षण में पाया जाता है त्वचा पर लाल या फीके धब्बे के साथ ही उसमें पूर्ण रूप से सुन्नपन या सुन्नपन का एहसास होना, चमकीली या तैलीय त्वचा होना, कर्ण पल्लव ( कान के नीचे लटक रहा हिस्सा )का मोटा होना या उसमें गांठ होना, त्वचा पर कहीं भी गांठ होना, आँखों को बंद करने में दिक्कत, या आँखों से पानी आना, भौहों का खत्म होना, हाथ पैर में घाव या दर्द रहित छाले, कमीज या जैकेट के बटन बंद करने में असमर्थ होना, हाथ या पैर की उँगलियों का मुड़ जाना, चलते समय पैर का घिसट जाना, इनमें से कोई भी लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर जांच व इलाज कराया जा सकता है।
Jan 06 2024, 20:25