*सभी कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन जरूरी: सीडीओ*
गोण्डा। महिला कल्याण विभाग द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013 के अन्तर्गत ‘शक्ति कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यशाला में स्थानीय व आंतरिक परिवाद समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी एम. अरून्मौली ने कहा कि जनपद में जिन भी कार्यालयों में, चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी कार्यालय हों और वहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां पर अनिवार्य रूप से आंतरिक परिवाद समिति गठित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन कार्यालयों द्वारा समिति गठन नहीं हुआ है, उन्हें एक सप्ताह के भीतर समिति गठन कराने के निर्देश दिये। सीडीओ ने कहा कि समस्त खण्ड विकास अधिकारी व समस्त खंड शिक्षा अधिकारी इस पर विशेष ध्यान देकर समिति का गठन करायें।
जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने समिति के अध्यक्ष व सदस्यों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न होने पर वह अपने कार्यालय में गठित समिति के समक्ष 90 दिवस के भीतर शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि जिन कार्यालयों में 10 से कम कर्मी तैनात हैं, वहां आंतरिक परिवाद समिति गठित नहीं होगी। उन कार्यालयों में यौन उत्पीड़न की शिकायत के लिए जनपद स्तर पर स्थानीय परिवाद समिति गठित है। स्थानीय परिवाद समिति की अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सरस्वती तिवारी ने भी प्रशिक्षण में अपने विचार व्यक्त किये।
इस दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर शिल्पा वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज मौर्या, चन्द्रमोहन वर्मा, ज्योत्सना सिंह, राजकुमार आर्य, अंकित पाण्डेय, सिद्धनाथ पाठक समेत अन्य उपस्थित रहे।
Dec 18 2023, 21:00