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उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने एम्स गोरखपुर से किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ

गोरखपुर।इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में पोलियो के केस पाए गए । मोजाम्बिक में इसी साल पोलियो के मामले रिपोर्ट हुए हैं। ऐसी स्थिति में देश के अन्य बारह राज्यों के साथ साथ प्रदेश के 50 जिलों में भी रविवार से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गयी ।

गोरखपुर जिले से इस अभियान का शुभारंभ प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बृजेश पाठक ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के मॉडल टीकाकरण केंद्र से किया । उन्होंने पांच माह की बच्ची शैरिल को ड्रॉप पिला कर अभियान की शुरूआत की। पहले दिन पूरे प्रदेश में बूथ दिवस मनाया गया । गोरखपुर जिले में 2148 बूथ के जरिये शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गयी। सोमवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी । उप मुख्यमंत्री ने सूर्यांश, मिसिका और ऋषी को भी अपने हाथों से पोलियो का ड्रॉप पिलाया ।

उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि लोग आगे आकर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाएं । उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी पोलियो के केस निकले हैं । इसे देखते हुए प्रदेश में भी अभियान शुरू किया गया है। गोरखपुर जिले के अभियान के बारे में भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जनपद स्तरीय अभियान के बारे में बताया कि 1494 टीम सोमवार से 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। कुल 8.80 लाख घरों तक पहुंच कर दवा पिलाई जाएगी। जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें 17 दिसम्बर को बी टीम दवा पिलाएगी । इस बार 6.47 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। ।

गोरखपुर जनपद के अभियान के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह और सहयोगी संस्थाएं अभियान के सफल संचालन के लिए समन्वित प्रयास कर रहे हैं ।

उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो का ड्रॉप बच्चों को जन्म के समय भी पिलाया जाता है। इसके बाद छह, दस और चौदह सप्ताह पर बच्चों को यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर डोज सोलह से चौबीस महीने की उम्र में दी जाती है । यह सभी डोज नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों और टीकाकरण सत्रों पर भी दिये जाते हैं । इनके अलावा भी अभियान के दौरान बच्चों द्वारा दवा का सेवन अनिवार्य है। डॉ दूबे ने बताया कि पल्स पोलियो का वायरस जब तक किसी भी देश में बचा हुआ है, सभी देशों को बचाव के उपाय करने होंगी ।

इस मौके पर एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर, उप निदेशक अरूण कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रमाशंकर रत्न, चिकित्सा अधीक्षक मनोज कुमार, सौरभ, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश यादव, जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ राजेंद्र ठाकुर, नोडल अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, एआरओ अजीत सिंह, वरिष्ठ सहायक नवीन गुप्ता, आदिल, नर्सिंग ऑफिसर बीनू, कुसुम, सिनोमी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, जेएसआई, सीफार संस्थाओं के प्रतिनिधिगण प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे ।

संक्रामक वायरल रोग है पोलियो

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल, मौखिक मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है ।

पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द शामिल है। इसके कारण होने वाले दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण से दिव्यांगता का खतरा रहता है। वैश्विक स्तर पर इसके कारण होने वाले पक्षाघात से पांच से दस फीसदी मामलों में मौत भी हो जाती है ।

दवा सुरक्षित है

एम्स गोरखपुर के टीकाकरण बूथ पर पर अपनी नातिन वैष्णवी (3.5 वर्ष) और डिम्पल (4.5) को पोलियो ड्रॉप पिलवाने आईं गीता देवी ने बताया कि उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरस्वती देवी ने बूथ के बारे में सूचना दी थी। वह पहले भी इन बच्चियों को पल्स पोलियो की दवा पिलवा चुकी हैं। यह सुरक्षित और असरदार है। सभी लोगों को अपने बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की दवा अवश्य पिलानी चाहिए। उप मुख्यमंत्री के हाथों दवा का सबसे पहले सेवन करने वाली बच्ची शैरिल की मां कुसुम ने बताया कि बच्ची को अन्य टीके भी समय से लगवाती हैं ।

सभी लोगों को पांच साल में सात बार बच्चों का नियमित टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए। एम्स स्थित बूथ से अर्पिता, सौम्या, पिहू, प्रिंस और कार्तिक को विभिन्न अधिकारियों ने पोलियो ड्रॉप पिलाया । इस बूथ का अभियान के दौरान नौ बजे से चार बजे तक किया जाएगा।

शिक्षित होने के साथ ज्ञानवान होना महत्वपूर्ण : सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षा प्राप्त करना केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं है। पुस्तकीय ज्ञान से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त की जा सकती है। पर, जीवन में विजेता बनने के लिए शिक्षित होने के साथ ज्ञानवान होना महत्वपूर्ण है। ज्ञान, शिक्षण संस्थानों में संवाद के वातावरण और अनुभव से अर्जित होता है।

सीएम योगी रविवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण व मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता हासिल करने के लिए परिश्रम और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं होता है।

उद्देश्य के अनुरूप प्रतिबद्ध होकर समय सीमा में कार्य करते हुए आगे बढ़ने पर लक्ष्य प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना, वसुधा का नेता कौन हुआ, भूखण्ड-विजेता कौन हुआ,अतुलित यश क्रेता कौन हुआ, नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ, जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया* का उद्धरण देकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखते हुए परिश्रम करेंगे तो सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1932 में जब युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की तब उनका संकल्प था कि देश को गुलामी से मुक्ति मिलने के बाद कैसे नागरिक मिलने चाहिए। उसी संकल्प पर चलते हुए आज यह परिषद चार दर्जन संस्थाओं के माध्यम से निरंतर शिक्षा और सेवा के प्रकल्पों को आगे बढ़ा रही है।

सीएम योगी ने कहा कि जीवन में कृतज्ञता का भाव सदैव बने रहना चाहिए। कृतज्ञता का भाव सकरात्मकता से आगे बढ़ने को प्रेरित करता है। इसको और स्पष्ट करने के लिए उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के अपने गुरु के प्रति प्रकट किए गए भाव के क्रियात्मक पक्ष का स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ जी के गुरु को अंग्रेज सरकार ने आजादी के आंदोलन में भाग लेने के कारण शिक्षक की नौकरी से निकाल दिया। तब गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने लिए महंत दिग्विजयनाथ जी ने एक स्कूल खोला और गुरु को प्रधानाचार्य बना दिया। यही स्कूल महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की आधारशिला बना।

संस्थापक सप्ताह के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण व उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की उत्कृष्ट संस्थाओं, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर जगदम्बा लाल द्वारा लिखित पुस्तक 'पूर्वोत्तर के प्रहरी:नागालैंड' का विमोचन भी किया गया।

संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह में स्वागत संबोधन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो यूपी सिंह ने किया। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के कुलपति प्रो हरि बहादुर श्रीवास्तव, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, कुशीनगर के सांसद विजय दूबे, विधायक श्रीराम चौहान, राजेश त्रिपाठी, विपिन सिंह, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह आदि की प्रमुख सहभागिता रही।

जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनता की समस्याओं पर पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से ध्यान देकर उनका त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक निस्तारण कराएं ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े।

जिन्हें इलाज में सरकार से आर्थिक सहायता की आवश्यकता है तो उनके इस्टीमेट की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण कराकर शासन को उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंची एक महिला को सीएम योगी ने आत्मीय संबल देते हुए कहा, डॉक्टर से इस्टीमेट मंगवा लीजिए, इलाज का पैसा सरकार देगी।

गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में करीब 300 लोगों से मुलाकात की। एक-एक करके उनकी समस्याएं सुनीं और निस्तारण के लिए आश्वस्त करते हुए उनके प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारियों को हस्तगत किए।

सभी लोगों को आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हर समस्या का समाधान कराया जाएगा।

इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील रवैया अपनाया जाए और उसकी समस्या का समाधान कर उसे संतुष्ट किया जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कहीं कोई जमीन कब्जा या दबंगई कर रहा हो तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। हर पीड़ित की समस्या का निस्तारण निष्पक्ष रूप से उसकी संतुष्टि के अनुरूप किया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।

रूद्रपुर में पुराने भूमि विवाद में मारपीट, केस दर्ज जांच में जुटी पुलिस

गोरखपुर- थाने के निकट स्थित रूद्रपुर ग्रामसभा में बीती रात पुराने भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई। घटना में गंभीर रूप से घायलों का बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। केस दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।स्थानीय प्रशासनिक लापरवाही से बीती रात दो पक्षों में पुराने भूमि विवाद के मामले की सुलगती चिंगारी ने एक बार फिर आग पकड़ ली और मारपीट की घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

विवाद की शुरुआत गांव के एक परिवार में चल रहे मांगलिक कार्यक्रम के दौरान हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बीती रात गांव के एक परिवार में हल्दी का कार्यक्रम था जहां दोनों पक्षों के लोग आमंत्रित थे। इसी दौरान एक पक्ष के युवक के द्वारा अपशब्द और भला-बुरा कहा जाने लगा तो दूसरे पक्ष के युवक ने इसकी सूचना अपने घर में मौजूद लोगों को दी गई। घर पहुंचते ही दोनों पक्षों के बीच विवाद और मारपीट हो गई। जिसमें राकेश,ओमप्रकाश, राजेश तिवारी घायल हो गए।

गंभीर रूप से घायलों का गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। पुलिस ने राकेश तिवारी की पत्नी पूजा की तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 464/2023 की धारा 323,504, 307 के तहत आरोपितों अखिलेश तिवारी,रवि तिवारी,रजत तिवारी और आशीष शुक्ला उर्फ प्रिंस शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और आशीष उर्फ प्रिंस शुक्ला को हिरासत में लेकर कार्रवाई में जुट गई है।

10 दिसम्बर को बूथ पर पिलाई जाएगी पल्स पोलियो की दवा, 11 दिसम्बर से घर घर जाएंगी टीम

गोरखपुर- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस साल भी पोलियो के मामले सामने आए हैं। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए अभिभावकों को आगे आकर अपने बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलवानी होगी। इसके लिए प्रस्तावित अभियान के पहले दिन 10 दिसम्बर को जिले में बूथ पर दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 दिसम्बर से पंद्रह दिसम्बर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने के लिए 17 दिसम्बर को बी टीम चलेगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 1994 तक वैश्विक पल्स पोलियो के 60 फीसदी मामले भारत में थे। इसे देखते हुए 02 अक्टूबर 1994 को पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था। समुदाय की सहभागिता और जनजागरूकता से यह अभियान सफल रहा और भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिमी बंगाल के हावड़ा में पाया गया। देश को 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो मुक्त का प्रमाणन भी दे दिया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत दुनिया के कुछ और देशों में पोलियो का वायरस सक्रिय तौर पर मौजूद है। यही वजह है कि अभी भी शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को इस वायरस से प्रतिरक्षित करने के लिए पल्स पोलियो की दवा पिलवाना अनिवार्य है। इस साल पाकिस्तान में पल्स पोलियो के छह मामले सामने आए हैं जो भारत के लिए भी चिंताजनक हैं ।

डॉ दूबे ने बताया कि प्रदेश के 50 जिलों में यह अभियान चल रहा है जिसमें गोरखपुर भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान भी पिलाई जाती है । जिन बच्चों ने नियमित टीकाकरण के दौरान इसका सेवन किया है, उन्हें भी दवा पिलायी जानी है। अभियान के दौरान ईंट भट्ठा श्रमिकों, मलिन बस्तियों और घूमंतू प्रजाति के लोगों को दवा पिलाने पर विशेष जोर रहेगा। अभियान के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा कोल्ड चेन में रखी जाती है जो पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है । नजदीकी बूथ के बारे में जानकारी के लिए लोगों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क करना चाहिए । इस बार के अभियान में भी अभियान में सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, जेएसआई, डब्ल्यूजेसीएफ और सीफार का सहयोग मिल रहा है।

अभियान पर एक नजर

लक्षित बच्चों की संख्या-6.47 लाख

बूथ-2148

घर घर जाने वाली टीम की संख्या-1494

6.47 लाख बच्चों को पिलाई गयी थी दवा

सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा के दिशा निर्देशन में मई 2023 में चले अभियान के दौरान 6.47 लाख बच्चों को दवा पिलाई गई थी। टीम ने करीब 8.80 लाख घरों का दौरा कर दवा का सेवन कराया था। इस बार भी स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को अभियान की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।

युवा शक्ति के साथ हुआ “कल-आज और कल” राज्य स्तरीय संवाद, यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन

गोरखपुर- महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश, द्वारा यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में विगत वर्षों में प्रदेश की बाल देखरेख संस्थाओं से पाश्चातवर्ती देखरेख में गये 18 वर्ष से अधिक आयु के केयरलीवर्स (किशोर-किशोरियों) के साथ उनके पुर्नावासन को सुनिश्चित करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किये जाने के मकसद से से पहले राज्यस्तरीय संवाद का आयोजन लखनऊ में किया गया। उत्तर प्रदेश की पाश्चातवर्ती देखरेख (ऑफटर केयर) संस्थाओं सहित, बाल देखरेख संस्थाओं से निकलकर समाज की मुख्यधारा में शामिल किये गये केयरलीवर्स के संरक्षण एवं पुर्नवास तथा युवा शक्ति के भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु कल, आज और कल पर समर्पित यह संवाद युवाओं के अनुभवों और चुनौतियों पर आधारित थी।

केयरलीवर्स द्वारा संवाद के दौरान यह निर्णय लिया गया कि विभाग के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में केयरलीवर्स को आवश्यक समर्थन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से युवा शक्ति को एकजुट किया जायेगा, जिसके अंतर्गत प्रदेश की बाल देखरेख संस्थाओं से निकलने वाले समस्त किशोर-किशारियों को शामिल किया जायेगा। इस संवाद के माध्यम से सभी किशोर-किशोरियों द्वारा अपने भविष्य के निर्माण हेतु एक साथ बैठक कर चर्चा की गई। इसी क्रम में दूसरी कार्यशाला दिनांक 23 दिसंबर 2023 को आयोजित की जायेगी जहाँ यह केयरलीवर्स अपनी देखभाल सेवाओं के प्रबंधन हेतु आवश्यक सुझाव रखेंगें। साथ ही पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टर केयर) में आने से पूर्व, दौरान और पश्चात की जाने वाली कार्यवाही पर विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया के निर्माण हेुत अपने विचार प्रस्तुत करेंगें।

संवाद के दौरान उपनिदेशक महिला कल्याण पुनीत कुमार मिश्रा ने कहा कि आने वाले वर्ष में हम बाल देखरेख संस्थाओं से समाज की मुख्यधारा की ओर अग्रसर होने वाले इन युवाओं को हर संभव समर्थन प्रदान करने के लिये योजना तैयार कर रहे हैं। इन युवाओं को जीवन कौशल में निपुण बनाने के साथ-साथ उनका कौशल विकास और उन्हें रोजगार से जोडना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत पश्चातवर्ती देखरेख में पूर्व से शामिल किशोर-किशोरियों के पुर्नवास तथा कल्याण हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। जिनमें किशोर-किशोरियों के आवश्यकताओं व बुनियादी जरूरतों को पूरा करने हेतु प्रति किशोर प्रति माह 4,000/- रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रावधान शामिल हैं।

यूनिसेफ के बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि हर वर्ष बाल देखरेख संस्थाओं से सैंकड़ों बच्चे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत गृहों को छोड़कर या तो समाज की मुख्यधारा में शामिल होते है या विभाग द्वारा संचालित पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टर केयर) संस्थाओं में आवासित कराये जाते हैं तथा अधिकतम 23 वर्ष की आयु के उपरांत पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टर केयर) गृह को छोडकर समाज में प्रवेश करते हैं। कतिपय इन युवाओं को जीवन में संघर्ष और समाज की मुख्यधारा में समायोजित होने हेतु विभिन्न चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता हैं। इन युवा शक्तियों का समर्थन और सशक्तिकरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में उपस्थित लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डी0आर साहु ने कहा कि उपस्थित किशोर-किशोरियों के कल में जरूर जोखिम रहें होंगें पर सभी को अपने आज पर काम करते हुये अपने भविष्य को संवारने हेतु अग्रसर होना होगा। केयरलीवर्स को यदि किसी प्रकार के मार्गदर्शन की आवश्यकता हो तो विश्वविद्यालय पूरी तरह से आपके साथ है।

किशोर न्याय (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 (संशोधित 2021), की धारा 2(5), धारा 46 और नियमावली के नियम 25 के प्रावधान संस्थागत देखरेख में रहने वाले बच्चों को पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टरकेयर) की सुविधा प्रदान करते है, उक्त धारायें व नियम यह अनिवार्य बनाते हैं कि ‘‘किसी बच्चे के 18 वर्ष पूरा करने और ऐसी स्थिति में बाल देखरेख संस्था छोड़ने पर उसे निर्धारित तरीके से समाज की मुख्यधारा में पुनः एकीकरण की सुविधा प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है‘‘।

पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टरकेयर) उन सभी युवाओं/किशोर-किशोरियों हेतु है, जो अपने बचपन के दौरान किसी भी प्रकार की वैकल्पिक देखभाल अर्थात बाल देखरेख गृह में पले-बढ़े हैं और 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उन्हें वह गृह छोड़ना पड़ता हो। देखरेख गृह छोड़, स्वतंत्र जीवन जीने की ओर बढ़ना युवाओं हेतु विभिन्न चुनौतियों के साथ-साथ अवसर प्रदान करने वाला बदलाव है क्योंकि वे अनदेखी परिस्थितियों और भावनात्मक परिवर्तनों से गुजरते हैं। यह बदलाव की स्थिति एक संवेदनशील अवधि है क्योंकि यदि इस समय युवाओं को आवश्यक समर्थन नही मिला तो उनके लिए उपलब्ध अवसर उनसे छूट सकते हैं। विभाग द्वारा वर्तमान में लखनऊ में किशोरों हेतु 1 और लखनऊ, वाराणसी, मेरठ और सहारनपुर में किशोरियों हेतु 4 पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टर केयर) संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है।

पश्चातवर्ती देखरेख (ऑफ्टरकेयर) के अंतर्गत 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं को बाल देखरेख संस्था छोड़ने पर उनकी शिक्षा जारी रखने हेतु समर्थन के साथ-साथ, रोजगार योग्य कौशल और प्लेसमेंट, उधोग शिक्षुता, व्यवसाय शुरू करने हेतु ऋण सहायता व समाज की मुख्यधारा में उनके पुनः एकीकरण तथा उन्हें रहने का स्थान प्रदान करने के प्रावधान है।

सवांद के दौरान पश्चातवर्ती देखरेख में शामिल लगभग 50 युवा शक्तियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी यूनिसेफ दिनेश कुमार सहित विभाग की ओर से लखनऊ मंडल के उपनिदेशक प्रवीण कुमार त्रिपाठी, राज्य सलाहाकर प्रीतेश कुमार तिवारी व नीरज मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह और मंडलीय तकनीकी रिसोर्स पर्सन अनिल कुमार उपस्थित रहे।

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का संस्थापक सप्ताह समारोह, सीएम योगी की अध्यक्षता में रविवार को होगा मुख्य महोत्सव

गोरखपुर- महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह का समापन रविवार को महाराणा प्रताप इंटर कालेज के मैदान पर समारोहपूर्वक होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरक्षपीठाधीश्वर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण एवं मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना की उपस्थिति रहेगी। मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह रविवार प्रातः 9.30 बजे से प्रारम्भ होगा।

1932 में पूर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के ध्येय से ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह का शुभारंभ 4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के साथ हुआ था। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय थल सेना के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (डॉ) वीके सिंह उपस्थित थे। 10 दिसंबर को इसका समापन सप्ताह भर चली विभिन्न प्रतियोगिताओं के मेधावियों को पुरस्कृत करने के साथ होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं मुख्यमंत्री, राज्यसभा के उपसभापति एवं विधानसभा अध्यक्ष के हाथों पुरस्कृत होंगी। इस दौरान परिषद की सर्वश्रेष्ठ संस्था, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी, इंटरमीडिएट, स्नातक व परास्नातक के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को स्वर्ण पदक भी प्रदान किया जाएगा।

माफिया हावी होंगे तो बाधित कर देंगे विकास: सीएम योगी

गोरखपुर- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता हो या अन्य कोई क्षेत्र, यदि उसमें माफिया हावी होंगे तो विकास बाधित कर देंगे, आमजन को तबाह कर देंगे। उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले यही होता था। पर, आज उत्तर प्रदेश में माफिया गिरोहों पर शिकंजा कस दिया गया तो न केवल प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदली है बल्कि विकास के बड़े बड़े कार्य हो रहे हैं और लोगों की आय बढ़ रही है।

सीएम योगी शनिवार को गोरखपुर के नथमलपुर में जिला सहकारी फेडरेशन (डीसीएफ) लिमिटेड के नवनिर्मित व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एक लंबे दौर तक गैंगवार के कारण गोरखपुरवासियों पर पहचान का संकट था। यहां उद्यमी निवेश नहीं करना चाहते थे, बैंक युवाओं को लोन नहीं देते थे। विकास के बड़े कार्य नहीं होते थे। अगर विकास की कोई बड़ी परियोजना आ भी गई तो माफिया ठेका हथियाने को हावी हो जाते थे, नतीजा होता था गैंगवार।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के विकास की आत्मा रही है। जिन राज्यों ने इसकी मूल अवधारणा और महत्व को समझ लिया वे विकास में आगे निकल गए। जिन राज्यों में सहकारिता की उपेक्षा हुई या सहकारिता गलत लोगों के हाथ में चली गई, वे राज्य पिछड़ गए। राज्य के पिछड़ने से प्रति व्यक्ति आय पर भी नकारात्मक असर पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शरारत के तहत सहकारिता को कमजोर किया गया। 2017 के पूर्व यूपी के 16 जिला सहकारी बैंकों के लाइसेंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निरस्त कर दिए थे। इन बैंकों में पैसा जमा करने वाले छोटे किसान और छोटे व्यापारी तबाह थे। बेटी की शादी के लिए भी पैसा नहीं निकल पा रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज सरकार के सहयोग से कई बैंक फिर से खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सहकारिता का फैलाव किया है। इसके लिए अलग से मंत्रालय गठित किया है जिसकी कमान गृहमंत्री अमित शाह के पास है। सहकारिता के जरिये सबकी सहभागिता से विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।

छोटी जोत के किसानों के बीच बनाएं सहकारिता का मॉडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी जोत के किसानों के बीच एफपीओ बनाकर और अलग अलग कार्यों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, भण्डारण आदि से किसानों को जोड़कर सहकारिता का मॉडल खड़ा किया जा सकता है। इन मॉडलों से बड़ी संख्या में लोग प्रेरित होंगे और रोजगार भी बढ़ेगा। सीएम योगी ने बताया कि सरकार वेयरहाउस बनाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है। यदि किसानों को जोड़कर वेयरहाउस बनेंगे तो उनकी आय के नए स्रोत भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि किसान को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराने के साथ उनकी आय बढ़ाने को सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों की आय बढ़ेगी तो प्रदेश व देश की समृद्धि पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

आजीविका के अवसर बढ़ाएगा डीसीएफ का व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स

मुख्यमंत्री ने डीसीएफ द्वारा बनवाए गए व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के लिए निवर्तमान सभापति गुलाब रध्वज सिंह व उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में अतिक्रमण और अराजकता की चपेट में रहे स्थान पर बना यह कॉम्प्लेक्स 20 दुकानों के जरिये 20 आजीविका के अवसर बढ़ाएगा। यही सहकारिता है। उन्होंने कहा कि संस्था के बारे में सोचने और ईमानदारी से प्रयास करने वालों का कार्यकाल ही यशस्वी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सहकारी संस्थाओं को डीसीएफ गोरखपुर की तरह आय बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि सरकार पर निर्भरता कम हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डीसीएफ व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण कर परिसर में पौधरोपण भी किया।

कार्यक्रम में डीसीएफ की सभापति सुमन सिंह व निवर्तमान उप सभापति गुलाब रध्वज सिंह उर्फ महंथ सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर विधायक श्रीराम चौहान, राजेश त्रिपाठी, महेंद्रपाल सिंह, डॉ विमलेश पासवान, उत्तर प्रदेश भूमि विकास बैंक के सभापति संतराज यादव, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, मार्कण्डेय राय, राधेश्याम सिंह, डॉ विभ्राट चंद कौशिक, नरेंद्र रध्वज सिंह, सुनील रध्वज सिंह, विशाल सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सड़क सुरक्षा पर मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

गोरखपुर- दीन दयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय सहजनवा, गोरखपुर में शनिवार को 'सड़क सुरक्षा जागरूकता विषयक विविध मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं गोरखपुर के संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन संजय कुमार झा एवं महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. कुमुद त्रिपाठी द्वारा संयुक्त रूप से सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद महाविद्यालय की बी.ए.तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं नंदनी सिंह एवं लक्ष्मी कुमारी ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

प्राचार्या डॉ. कुमुद त्रिपाठी ने गोरखपुर मंडल के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रतिभागियों के साथ आए हुए प्राध्यापकों एवं अतिथियों का स्वागत किया तथा सभी प्रतिभागियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की। अपने उद्बोधन में गोरखपुर के संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन श्री संजय कुमार झा ने कहा कि,"सड़क अनुशासन अत्यंत ही आवश्यक है हम सभी लोग सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करके बहुतायत में होने वाली दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम कर सकते हैं।"

अपने संबोधन में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. कुमुद त्रिपाठी ने सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सड़क सुरक्षा पर आयोजित इस मण्डल स्तरीय प्रतियोगिता में भाषण, क्विज एव पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डॉ. करुणेश त्रिपाठी, डॉ. महंथ यादव, डा. धनंजय पांडेय, डॉ. सत्य प्रकाश, डॉ. दीपक कुमार भारती, डॉ. नीरज पांडेय, डॉ. अंकित गोपाल, डॉ. तरन्नुम बानो रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकिता मद्धेशिया एवं धन्यवाद ज्ञापन मनीषा के द्वारा किया गया । इस अवसर पर डॉ. दीपक सोनी, श्री पवन कुमार, विनय कुमार सिंह, कल्पना मद्धेशिया, सुषमा शुक्ला, शशि पाल, सत्यम चौरसिया, मंजेश साहनी आदि लोग उपस्थित रहे।

कांग्रेस सांसद के खिलाफ भाजपाइयों ने खोला मोर्चा, पुतला फूंक जताया विरोध

गोरखपुर- कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के घर ईडी छापेमारी में 300 करोड़ से अधिक का काला धन बरामद होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है. राजधानी से लेकर पूरे देश व सीएम सिटी में भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. यूपी के गोरखपुर में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का पुतला जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया और कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी बताया.

गोरखपुर के शास्त्री चौक पर जुटे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान मार्च निकालते हुए कार्यकर्ता कांग्रेस विरोधी नारे लगाते रहे. टाउनहॉल नगर निगम के पास आकर उन्होंने कांग्रेस का पुतला फूंककर विरोध जताया. दर्जनों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे.

इस अवसर पर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के यहां से ईडी ने छापा मार कर 300 करोड़ से अधिक रुपए काला धन बरामद हुआ है. इससे यह स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है. यही वजह है कि भाजपा कार्यकर्ता सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस, उनके नेता राहुल गांधी, सोनिया और धीरज साहू का पुतला फूंक कर विरोध जताया है, क्योंकि यह सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी उन्होंने भ्रष्टाचार करके देश को काफी पीछे धकेला था. आज भी उनके सांसद-विधायक जहां भी अवसर मिल रहा है भ्रष्टाचार कर रहे हैं. जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता देश के विकास में लगे हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार में लगी हुई है. यही वजह है कि आज वे लोग कांग्रेस पार्टी का पुतला फूंक रहे हैं और विरोध जता रहे हैं.