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cksinghrupam

Nov 01 2023, 16:32

*राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊँ गली गली...! भजन के साथ भव्य कलश यात्रा एवं विष्णु महायज्ञ का हुआ आगाज*

*सीके सिंह(रूपम)*
सीतापुर। राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊ गली गली...। भजन पर थिरकते हुए श्रद्धालुओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। इसी के साथ इमलिया सुल्तानपुर कस्बे की यज्ञशाला में बुधवार को कलश स्थापना व श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्री राम कथा का आगाज हुआ। कलश यात्रा का शुभारंभ पूज्य सन्त मनोज ब्रम्हचारी महाराज के सानिध्य एवं यज्ञ के मुख्य संकल्पी रोहित सिंह की अगुवाई में हुआ। यह यात्रा इमलिया सुल्तानपुर की यज्ञशाला से शुरू होकर सरायन नदी के फ़र्र्कपुर घाट पर पहुंची जहां महिलाओं ने कलश में जल भरा। इसके बाद सभी श्रद्धालु पुनः यज्ञशाला पहुंचे जहां यज्ञ मण्डप में कलशों की स्थापना की गई। ज्ञात हो कि इमलिया सुल्तानपुर के क्षत्रिय परिवार एव समस्त ग्रामवासियों के विशेष सहयोग एवं क्षेत्रवासियों के सहयोग से एक से दस नवंबर तक श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्रीराम कथा अमृत वर्षा का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में पंडित दिलीप कृष्ण महाराज के मुखारविंद से दो नवंबर से श्रीराम कथा का आयोजन होगा। इस यज्ञ की पूर्णाहुति दस नवंबर को होगी एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। विदित हो कि फरवरी 1996 में मणि जी उर्फ चुटकी बाबा के सानिध्य में स्व. दिनकर सिंह, स्व. पद्मनाभ सिंह "सरपंच", स्व. शिव कुमार सिंह "प्रधान" एवं समस्त क्षत्रिय परिवार व ग्रामवासियों के सहयोग से "वसुधैव कुटुंबकम नैतिक ज्ञान सुरक्षा" यज्ञ का आयोजन किया गया था। करीब सत्ताईस वर्ष बाद पुनः श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्री राम कथा अमृत वर्षा का आयोजन किया जा रहा है।

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Oct 27 2023, 22:13

*खत्री समाज की महिलाओं ने किया डांडिया नृत्य का आयोजन*

*कमलेश मेहरोत्रा*
लहरपुर (सीतापुर)। स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर एक डांडिया नृत्य का आयोजन खत्री समाज की महिलाओं एवं बच्चों के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां दुर्गा के चित्र के पर माल्यार्पण कर, किरण और नीता मेहरोत्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं द्वारा देवी मां की आरती उतारी गई। उसके उपरांत उपस्थित महिलाओं ने भजन एवं फिल्मी गीतों पर डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया। महिलाओं ने मां के भजनों पर नृत्य प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय कर दिया।

कार्यक्रम का आयोजन एकता, सुची, डॉक्टर अंजु व प्रिया मल्होत्रा के द्वारा किया गया। इस मौके पर प्रमुख रूप से मीतू, क्षमा, उन्नति, नेहा, शैलवी, खुशी, रिया, रीतु, रिशु, नेहा, अमिता सहित भारी संख्या में सजातीय महिलाओं एवं बच्चों प्रतिभाग किया।

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Oct 21 2023, 21:02

*कालीपीठ में भक्तों ने किए धूमावती के दर्शन*

*विवेक शास्त्री*
नैमिषारण्य(सीतापुर)। शारदीय नवरात्र के सातवें नवरात्र पर शनिवार के उपलक्ष्य में भक्तों ने कालीपीठ स्थित माँ धूमावती के दर्शन पूजन का किया । इस अवसर पर भक्तों ने कतारबद्ध होकर दर्शन पूजन किया । सुबह पांच बजे मन्दिर के पट कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री द्वारा पूजा अर्चना के बाद भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये गए थे। शनिवार को पूरे दिन बड़ी संख्या में भक्तों ने मां धूमावती का दर्शन कर मनौतियां मांगी और माता के श्री चरणों में काली पोटली में काले तिल, फल और अन्य पूजा सामग्री अर्पित की ।

कालीपीठ महंत भास्कर शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि के मध्य पड़ने वाले शनिवार के अलावा अन्य दिनों में माता के दर्शन सम्भव नहीं हैं।

शास्त्री ने बताया कि दस महाविद्याओं में उग्र देवी धूमावती का स्वरूप विधवा का है। कौवा इनका वाहन है। खुले केस उनका रूप और विकराल बनाते है शास्त्री जी ने बताया कि माँ का स्वरूप कितना ही उग क्यों न हो संतान के लिये वह हमेंशा कल्याणकारी होता है।

नवरात्रि में सुहागिनें सुहाग और पुत्र की रक्षा के लिये दर्शन करती हैं एवं काली पोटली में काले तिल जो कि माता धूमावती को अतिप्रिय हैं अर्पित कर मनौती मानती हैं।

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Oct 20 2023, 18:43

*शनिवार को होंगे महाविद्या धूमावती देवी के दुर्लभ दर्शन*


*विवेक शास्त्री*
नैमिषारण्य(सीतापुर)। आदिशक्ति भगवती की साधना के प्रधान पर्व नवरात्रि के सातवें दिन देवी धूमावती के दिव्य दर्शन होंगे । नैमिषारण्य के प्रमुख मंदिर कालीपीठ में प्रतिष्ठित माँ धूमावती के दर्शन का संयोग  पावन नवरात्रि में शनिवार को होता है।

ललिता देवी मंदिर के पुजारी एवं कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री ने बताया कि  इस बार नवरात्रि में केवल एक ही शनिवार पड़ने के कारण शनिवार महासप्तमी के दिन ही माता के दर्शन लाभ प्राप्त हो सकेंगे क्योंकि माँ धूमावती के दर्शन का संयोग केवल नवरात्रि शनिवार के दिन ही पड़ता है इसके अलावा अन्य दिनों में माँ के दर्शन संभव नहीं है ।

उन्होंने बताया कि उग्र देवी मां धूमावती का स्वरूप दस महाविद्याओं में विधवा स्वरूप जैसा है और इनका वाहन कौआ है माँ श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं वहीँ खुले केश माँ का रूप और विकराल बनाते हैं शास्त्री जी ने बताया कि मां का स्वरूप भले ही कितना भयावह हो पर वह माता के भक्तों के लिए हमेशा कल्याणकारी ही होता है।


उन्होंने बताया कि पूरे वर्ष में नवरात्रि के अवसर पर शनिवार के दिन ही मां के दर्शन किए जाते हैं मान्यता है कि माता के दर्शन मात्र से भक्तों को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है । "एक ही स्थान पर होते हैं इक्यावन शक्तिपीठ दर्शन" कालीपीठ संचालक भास्कर शास्त्री ने बताया कि कालीपीठ संस्थान में देवी के इक्यावन शक्तिपीठ के दिव्य दर्शन, दसमहाविद्या एवं नौ दुर्गा के दर्शन एक ही स्थान पर होते हैं । इनकी स्थापना ललिता देवी मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रह्मलीन जगदंबा प्रसाद शास्त्री ने की थी । यहां दक्षिणमुखी काली मां की विराट प्रतिमा का भी दर्शन होता है । यह नैमिष का प्रमुख दर्शनीय स्थल है ।

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Oct 20 2023, 17:44

*फाइलेरिया रोगियों को हर दिन व्यायाम व सफाई की दी सलाह*

सीके सिंह(रूपम)
*सीतापुर*। फाइलेरिया मरीजों के लिए शुक्रवार को बिसवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता उपचार (एमएमडीपी) एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह आयोजन राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में स्वयंसेवी संस्था पाथ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से हुआ। इस मौके पर मरीजों को किट के जरिए रूग्णता प्रबंधन एव विकलांगता से बचाव के सभी गुर सिखाये गये। इस दौरान 24 फाइलेरिया रोगियों को प्रशिक्षित कर उन्हें एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी मंजूषा गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी का कोई उपचार नहीं है केवल इसका रोकथाम और प्रबंधन किया जा सकता है। इस बीमारी में दवा के साथ नियमित व्यायाम करना और प्रभावित अंगों की साफ सफाई रखना बहुत आवश्यक है। नियमित व्यायाम प्रभावित अंगों की सूजन को कम करता है। फाइलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश भारद्वाज ने एमएमडीपी किट का प्रदर्शन करते हुए उसके प्रयोग और फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी। इसके साथ ही साथ ही उन्होंने फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की सूजन कम करने के लिए कुछ हल्के और आसान व्यायाम की भी जानकारी दी । जीव वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। उन्होंने बताया कि मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं। मच्छरों को नष्ट करने के लिए जल भराव वाले स्थानों में पूर्व में प्रयोग हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। इसलिए लक्षण नजर आते ही सीधे सरकारी अस्पताल जाएं। पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ. आएशा आलम ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है। वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा यानि माइक्रो फाइलेरिया को जन्म देता है। इस मौके पर सीएचसी के डॉ. सौरभ मेहरोत्रा, फाइलेरिया निरीक्षक आर्यन शुक्ला के अलावा सीफार प्रतिनिधि मौजूद रहे।

*क्या कहते हैं मरीज ---*
अहमदपुर फाइलेरिया रोगी स्वयं सहायता समूह की सदस्य पूनम ने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त पैर की साफ-सफाई और पैर धोने, पोंछनेछने और व्यायाम के बारे में जानकारी मिली है। मैं डॉक्टर के बताए अनुसार रोजाना दिन में दो बार अपने पैरों की सफाई और व्यायाम करूंगी दुदियापुर फाइलेरिया रोगी स्वयं सहायता समूह लालचंद ने बताया कि जिस तरह से प्रशिक्षण में साफ-सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है। हम लोग आज से ही अपने पैर के साफ सफाई व व्यायाम करने पर ध्यान देंगे। इससे दर्द में और चलने में आराम तो मिलेगा। खुशबू फाइलेरिया रोगी स्वयं सहायता समूह खुशबुन ने बताया कि आज की मीटिंग में बताया गया कि मच्छर काटने से फाइलेरिया होता है। अब मच्छरदानी लगाकर ही सोने से बचाव होगा। घर के आसपास साफ सफाई रखकर हमें मच्छरों को पनपने नहीं देना है। सगूफी फाइलेरिया रोगी स्वयं सहायता समूह की इशरत जहां का कहना है कि फाइलेरिया समूह से जुड़ने के बाद बहत जानकारी मिल रही है पहले हमें न तो बीमारी के बारें मे पता था न ही देखभाल के तरीके के बारे में पता था।

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Oct 20 2023, 17:30

*विद्यालय की उपलब्ध भूमि पर गृह वाटिका बनाकर श्री अन्न की फसलों को उगायें : डीएम*
*सीके सिंह(रूपम)*
सीतापुर। उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम 2023-24 के अर्न्तगत स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से शुक्रवार को अध्यापकों का प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें जनपद के समस्त विकास खण्डों से अध्यापकों एवं कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया। वरिष्ठ प्राविधिक सहायक वर्ग-ए राम निवास वर्मा द्वारा बताया गया कि मिलेट्स में भरपूर मात्र में पोषक तत्व पाये जाते जिनसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही मिलेट्स के उत्पादन में लागत भी बहुत कम आती है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा0 दया शंकर श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित अध्यापकों को मिलेट्स (श्री अन्न) से बने उत्पादों के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि डाइट प्लान के अनुसार स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है सतरंगी थाल। श्री श्रीवास्तव द्वारा बताया कि मिलेट्स फसलें यथा ज्वार, बाजार, रागी, काकुन, कोदो, चेना, मंडुआ, सावां, रामदाना, कुट्टू आदि में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, जिंक, आयरन, ओमेगा-3, कैल्सियम, फासफोरस आदि शरीर के लिये आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते है। इनसे बनने वाले उत्पाद यथा बाजरा बिस्कुट, बाजरा उपमा, ज्वार समोसा, पास्ता, ज्वार बूंदी, कोदो पुलाव, इडली, कुटकी एवं सावां खीर, सावां पैन केक, कंगनी बिरियानी, सावां फ्राइड राइस, सावां कटलेट आदि को अपने दैनिक आहार में प्रयोग कर सकते है। उप कृषि निदेशक सीतापुर द्वारा बताया गया कि बच्चे अगली पीढ़ी का भविष्य होते हैै जिनके सर्वांगीण विकास में अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उपस्थित अध्यापकों से अपील कि बच्चों को मिलेटस श्री अन्न में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में जागरूक करें।। मिलेटस से निर्मित आहार में कुपोषण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। जनपद के ओजोन फार्मर फ्रोड्यूसर क0लि0 खैराबाद द्वारा मिलेट्स से निर्मित कुकीज का स्वाद उपस्थित अध्यापकों द्वारा सराहा गया। जिलाधिकारी अनुज सिंह द्वारा उपस्थित अध्यापकों को मिलेट्स के बारे में बताते हुये कहा कि विद्यालयों में बनने वाले मिड-डे मील में मिलेट्स एवं सहजन का प्रयोग करें जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके। मुख्य विकास अधिकारी अक्षत वर्मा द्वारा अवगत कराया कि सीतापुर में मिलेट्स से सम्बन्धित उद्योगों के सृजन की बहुत अधिक सम्भावनायें होती हैं। उन्होंने उपस्थित अध्यापकों से अपील की कि आप लोग सीधे बच्चों से जुड़े है, जिससे समाज में मिलेट्स की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में बताते हुये आहार में शामिल करायें।

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Oct 18 2023, 18:12

*गोद लिए गए बच्चे को सभी अधिकार व पारिवारिक परिवेश मिले*

*सीके सिंह(रूपम)*
*सीतापुर*। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 16 से 22 अक्टूबर के मध्य एडॉप्शन वीक मनाया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को यूनिसेफ के सहयोग से एक वेबनॉर का आयोजन किया गया। जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, यूनिसेफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग सहित विभाग के मंडलीय अधिकारी, विभिन्न जिलों के जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाल कल्याण समिति, महिला सशक्तीकरण केंद्र, चाइल्ड हेल्पलाइन, किशोर न्याय बोर्ड, सहित वन स्टॉप सेंटर व बाल देखरेख संस्थाओं के प्रतिनिधियों और मीडिया कर्मियों ने प्रतिभाग किया।

इस मौके पर विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि विभाग द्वारा 16 से 22 अक्टूबर के मध्य एडॉप्शन वीक का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कई बार रेलवे और बस स्टेशन, झाड़ियों में नवजात बच्चे मिलते हैं। जिन्हें देर हो जाने पर बचाना मुश्किल हो जाता है। जो लोग बच्चों को नहीं पालना चाहते हैं, वह उन्हें अस्पताल, शिशु गृह या फिर किसी सुरक्षित संस्था के सुपुर्द कर दें अथवा 1098 निशुल्क नंबर पर चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें। इसके लिए अस्पतालों और शिशु गृह में पालना लगाए जाने चाहिए, लोग उसी पालने में अपने बच्चे को छोड़ सकते हैं, जिससे बच्चा सुरक्षित हाथों तक पहुंच सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक पुनीत मिश्रा ने बताया कि बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था है। कोई भी परिवार कहीं से भी cara.wcd.gov.in वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। बाल अधिकारों के विशेषज्ञ और यूनिसेफ इंडिया के विशेषज्ञ प्रभात कुमार ने कहा कि गोद लेने वाले परिवार और हम सभी का यह दायित्व है कि बच्चे को इस तरह का संरक्षण दे कि बच्चे को सभी अधिकार मिले, उन्हें पूरी तरह से पारिवारिक परिवेश मिले और बच्चे के साथ भेदभाव न होने पाए। उन्होंने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत है, साथ ही इसमें जो भी विभाग संबंद्ध हैं, उन्हें भी शीघ्रता करने के साथ पारदर्शिता से काम करने की जरूरत है।
बाल संरक्षण विषय विशेषज्ञ करूणा नारंग ने कहा कि बेटे की चाह में कई परिवारों में बच्चों की संख्या बढ़ती जाती है। ऐसे में बच्चों को अकेला छोड़ देने की बजाय महिलाओं को जागरूक किया जाना चाहिए की  इधर-उधर फेकने के बजाए बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर सकते है, जिससे बच्चे को किसी परिवार को गोद दिया जा सके। परिचर्चा के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र रखा गया, जिसमें विभिन्न जिलों से प्रतिभागियों ने अपनी प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के राज्य परामर्शदाता नीरज मिश्र ने किया।

*यह हैं गोद लेने के नियम ---*
- यदि कोई सिंगल महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह बेटा या बेटी किसी को भी गोद ले सकती हैं।
- यदि कोई सिंगल पुरुष बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे केवल बेटा ही गोद दिया जाता है, बेटी नहीं।
- परिवार में दो बच्चे होने के बाद भी यदि कोई बच्चा गोद लेना चाहे तो उसे कोई सामान्य नहीं बच्चा गोद दिया जाएगा। 

*यह हैं जरूरी दस्तावेज ---*
- गोद लेने वाले दंपति का निवास का प्रमाण, आधार कार्ड।
- यदि खुद का बच्चा है और उसकी उम्र पांच साल से अधिक है, तो उस बच्चे की सहमति जरूरी है।
- गोद लेने वाला व्यक्ति यदि शादीशुदा है तो शादी का प्रमाण-पत्र।
- गोद लेने वाला व्यक्ति यदि तलाकशुदा है तो उसका प्रमाण-पत्र।

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Oct 17 2023, 13:44

*ग्रामीणों की पहल से गांवों में बह रही जागरूकता की बयार*
*सीके सिंह(रूपम)*
*सीतापुर*। आमजन को फाइलेरिया से बचाने के लिए बीती 10-28 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान और उसके बाद 29 अगस्त से दो सितंबर तक मॉपअप राउंड चलाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लोगों को इस बीमारी से बचाव की दवा खिलाने का काम किया। इस दौरान सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से हरगांव ब्लॉक मेें गठित फाइलेरिया मरीज सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्यों ने लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग किया है। इन सदस्यों ने अभियान शुरू होने से पूर्व ही ग्राम सभाओं की बैठकों, कोटेदार की दुकान, विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों तथा घर-घर जाकर लोगों को बताया कि फाइलेरिया (हाथी पांव) लाइलाज बीमारी है। लेकिन दवा और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी से बचने के लिए साल में एक बार और तीन साल तक लगातार दवा खाना जरूरी है।


*क्या कहते हैं पीएसजी मेंबर ---*
नवीनगर गांव की फाइलेरिया मरीज पूजा ने अपनी दुकान के बाहर फाइलेरिया जागरूकता से संबंधित फ्लैक्स लगा रखा है। वह कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि मेरे बाद कोई दूसरा इस बीमारी की चपेट में न आने पाएं। कोरैया गांव के पीएसजी सदस्य सुरेश मिश्रा ने अपने घर के बाहर जागरूकता वाला फ्लैक्स लगा रखा है। वह कहते हैं कि जागरूकता से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। अधिक से अधिक लोग फाइलेरिया को लेकर को लेकर जागरूक हों, और निर्धारित समय पर फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाएं। मंगरूआ गांव के पीएसजी सिकन्दर ने भी गांव में फाइलेरिया जागरूकता से संबंधित फ्लैक्स लगा रखा है।

*इस तरह बदली गांव की तस्वीर ---*
कोरैया गांव में 2,220 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जानी थी। गांव की एक आशा कार्यकर्ता रिंकी देवी बताती हैं कि गांव के तमाम लोग दूसरे शहरों और प्रांतों में नौकरी करते हैं, सिर्फ वही लोग दवा खाने से छूटे हैं। पीएसजी सदस्य सुरेश मिश्रा द्वारा घर के बाहर लगाया गया जागरूकता वाले फ्लैक्स और सातवीं कक्षा के अंश तिवारी के प्रयासों से इस साल 1694 लोगों को यह दवा खिलाई गई है। जबकि पिछले अभियान में 1425 लोगों को ही फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई थी। नवीनगर गांव में 6720 के सापेक्ष 4937 को और मंगरूआ गांव में 2612 के सापेक्ष 2209 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई है। *क्या कहते हैं अधिकारी ---*
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह बताते हैं कि हरगांव ब्लॉक के नवीनगर गांव गांव में तीन, मुद्रासन में दो और भदेवा, चकजोशी, शेखवापुर, मंगरूआ, बरियाडीह, और कोरैया गांवों में एक-एक पीएसजी हैं। इन सभी में कुल 136 ग्रामीण इन के सदस्य हैं। स्वास्थ्य विभाग और ग्रुप के सदस्य गांव के शिक्षकों, प्रबुद्ध लोगों, बच्चों, राशन डीलर, मरीजों और ग्रामीणों तक इस बीमारी के बारे में जरूरी संदेश पहुंचाने का काम बीते एक साल से कर रहे हैं। पीएसजी के सदस्यों की बैठकों के बाद लोग बीमारी की गंभीरता को समझने लगे हैं और जागरूकता का वातावरण तैयार होने लगा है।

cksinghrupam

Oct 16 2023, 17:14

आंधी-तूफान ने मचाई तबाही

cksinghrupam

Oct 13 2023, 16:51

*प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में जुडे आठ लाख से अधिक नए लाभार्थी*

*सीके सिंह(रूपम)*
सीतापुर। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों में जिले के आठ लाख से अधिक लोगों को हाल ही में शामिल किया गया है। यह सभी लोग आयुष्मान कार्ड बनवाकर प्रति वर्ष प्रति वर्ष पांच लाभ रुपए तक के इलाज का लाभ पा सकते हैं। खास बात यह भी है कि इस कार्ड को बनवाने के लिए अब लाभार्थी को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह अब घर बैठे ही अपने स्मार्ट फोन से अपना आयुष्मान कार्ड बना सकता है। इस कार्ड के माध्यम से कार्डधारक देश के किसी भी सरकारी अथवा सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उपचार की सुविधा पा सकता है। सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि पात्र गृहस्थी के वह राशन कार्ड (सफेद वाला) धारक भी अब इस योजना के लाभार्थी हैं, जिनके राशन कार्ड पर कम से कम छह सदस्य हैं। ऐसे परिवारों के सभी लाभार्थी सूची में अपने नाम की जांच कर अपना आयुष्मान कार्ड बनवाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 1.15 लाख से अधिक पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक परिवारों को इस योजना के लाभार्थी के तौर पर शामिल किया गया है। इन परिवारों में 7.51 लाख लाभार्थी हैं। इसके अलावा पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक 40 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी परिवार के सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।*ऐप से घर बैठे बनाएं कार्ड ---*योजना के जिला कार्यक्रम समंवयक डॉ. अभिज्ञान सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाना आसान हो गया है। लाभार्थी अपने मोबाइल फोन में आयुष्मान एप डाउनलोड कर या https://beneficiary.nha.gov.in पर जाकर बेनिफिशियरी पर क्लिक करें और अपना मोबाइल नंबर डालकर वेरीफाई करेंगे, तो ओटीपी आएगा। ओटीपी डालते ही नंबर वेरीफाई हो जाएगा फिर दिए गए कैप्चा कोड डालकर लॉगिन कर लेंगे। उसके पश्चात अपने राज्य का चुनाव कर स्कीम में पीएमजेएवाई डालकर अपने जिले को क्लिक कर फैमिली आईडी के रूप में अपना राशन कार्ड नंबर डालेंगे। राशन नंबर के अनुरूप फैमिली की पूरी डिटेल निकल आएगी। यदि आपके घर में पहले से किसी ने कार्ड बना लिया है तो वह अप्रूव्ड दिखेगा यदि नहीं बना है तो पीले रंग में आईडेंटिफाई दिखेगा। जिसका आयुष्मान कार्ड बनाना है उस पर क्लिक करिए, क्लिक करने के पश्चात राशन कार्ड से जुड़े आधार नंबर को वेरीफाई करिए, आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। ओटीपी डालने के पश्चात लाभार्थी का फोटो खींच उसका डिटेल भरने के बाद सबमिट का बटन क्लिक करने के पश्चात कार्ड बन जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई अपना कार्ड नहीं बना पा रहा है तो वह नजदीकी जिला अस्पताल, सीएचसी पर कार्यरत आयुष्मान मित्र से अपना कार्ड बनवा सकते हैं।