आईटीएम में डॉ0 ए0पी0जे 0अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
सहजनवा,गोरखपुर।इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा गोरखपुर मे अखिल भारतीय शिक्षक परिषद् के निर्देशानुसार नवाचार परिषद् के द्वारा महान वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, पूर्व राष्ट्रपति, 'भारत रत्न' डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम जी की जयंती के अवसर पर उनके जीवन शैली एवं विचारधारा पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया |
प्रदर्शनी का शुभारंभ महायोगी गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो.ए के सिंह एवं संस्थान के संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया |कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा जब एक गरीब व्यक्ति लोकतंत्र के शिखर पर पहुंचता है तो वह लोकतंत्र को गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर देता है |
कलाम ने भारत को निर्देशित मिसाइलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया | उन्होंने 1998 में पोखरण में अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण और परमाणु बमों का सफल परीक्षण किया | मेरा विश्वास है कि ये छात्र अपने प्रतिभा और कौशल का पूरा उपयोग करके डॉ.कलाम के सपने को पूरा करेंगे और भारत निश्चित तौर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व करेगा | अभी हाल ही मे चंद्रयान-3 का पृथ्वी की कक्षा मे सफलतापूर्वक प्रवेश डॉ कलाम के सपने को साकार करने की दिशा मे सफल कदम हैं |
संस्थान के छात्रों ने डॉ कलाम के जीवन और उनके द्वारा देश के लिए उत्कृष्ट कार्यों पर आधारित
मॉडल, रंगोली एवं पोस्टर बना कर प्रदर्शित किया | संस्थान के डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सभागार मे विश्व मानक दिवस के अवसर पर इंस्टीटूशन्स ऑफ इंजीनियर (इंडिया ) के स्टूडेंट्स लोकल चैप्टर के द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया
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सेमिनार के प्रथम सेशन को सम्बोधित करते हुए इं.एम पी कंदोई ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानो को आज के बदलते तकनीकी के प्रयोग के हिसाब से उद्योगपरक एवं उच्च गुणवत्ता पाठ्यक्रम शामिल करे और उद्योग के मानक के अनुसार छात्रों को तैयार करे |
सेमिनार के द्वितीय सेशन को सम्बोधित करते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संगणक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने कहा कि वैश्विक परिवेश मे तकनीकी के क्षेत्र मे तेज़ गति से परिवर्तन हो रहा हैं, आजकल हम लोग स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन तकनीकी ज्ञान ठीक से ना होने के कारण हम कई बार असुरक्षित महसूस करते हैं या हमारी सूचना लीक हो जाती हैं |
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने कहा कि डॉ. कलाम का पूरा जीवन ही आदर्श और प्रेरणास्रोत है। कलाम साहब को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। रामेश्वरम में जन्में कलाम बचपन में पायलट बनना चाहते थे लेकिन पारिवारिक कारणों के कारण यह संभव न हो पाया।
निराश होकर वह ऋषिकेश चले गए, जहां उनकी मुलाकात स्वामी शिवानंद से हुई। स्वामी शिवानंद के मार्गदर्शन में कलाम साहब ने वैज्ञानिक बनने की राह तलाश ली और पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया।इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल, फार्मेसी निदेशक पी डी पांडा, डॉ आर पी सिंह, डॉ आर एल श्रीवास्तव, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ खालिद हसन, डॉ मनोज कुमार मिश्रा,इं एम डब्लू बेग, धीरेन्द्र चतुर्वेदी, आशीष सिंह, पी के मिश्रा, ए के बरनवाल, के के मिश्रा, वेद गोपाल गुप्ता, डॉ आशुतोष गुप्ता, संत प्रसाद, अनिल मौर्या, विनीत राय, डॉ अलका श्रीवास्तव, श्वेता सिंह,शालिनी सिंह, के एन प्रसाद, आशुतोष पाण्डेय, दीपशिखा, गरिमा मिश्रा,अनुराग श्रीवास्तव, अमितेश मणि, ए के सिन्हा, ए के दास,सहित संस्थान के सभी विभागों के शिक्षकगण एवं छात्र -छात्राएं मौजूद रहे |
Oct 17 2023, 16:50