*बुजुर्ग महिला का दर्द सुनकर एसडीएम का पसीजा दिल, जेब से निकालकर दिये 15 सौ रुपये*
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल से दो ऐसी तस्वीर सामने आ रही है। आपने देखा होगा अभी तक कि अधिकारियों के आॅफिस में लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं ,जैसे आपने अभी देखा सुना था या होगा कि बरेली में एसडीएम के यहां एक व्यक्ति मुर्गा बना हुआ था मगर उसके उलट संभल एसडीएम आॅफिस में फरियादियों के बीच बैठी एक वृद्ध महिला को जब एसडीएम ने बुलाकर पूछा - अम्मा बताइए आपको क्या समस्या है, आप कैसे आई हैं, वृद्ध महिला ने अपने शब्दों में कहा मैं अपनी छत के ऊपर टीन सेट डलवाने के लिए सेट ले रही हूं। मगर मुझे वह बेंचने बाला दे नहीं दे रहा है 700 सौ का एक सेट है और दो सेट के 1400 सौ मांग रहा है , आप मुझे दिला दो वह कह रही है थी ।
पहले पैसे लेगा, तब ही देगा उसके बाद ही टीन सेट लेकर जाने दूंगा जब एसडीएम संभल सदर सुनील कुमार त्रिवेदी ने यह सुना तो अपनी पॉकेट में से पर्स निकाल कर महिला को 15 00 सौ रुपए निकाल कर दे दिए। एसडीएम ने कहा अम्मा अब ठीक है महिला ने कहा इसमें 100 ज्यादा है मुझे तो 1400 ही चाहिए एसडीएम ने कहा आप बैठिए आप इनको रखिए और आप चाय पी कर जाना तुरंत अपने अर्दली को बुलाकर एसडीएम ने कहा अम्मा को ले जाइए इनको चाय पिलाकर ही भेजना है। बिना चाय के नहीं जाएं सा सम्मान भेज दीजिए जब हमने देखा कि सब फरियादी जा चुके थे और जब एसडीएम महिला की बात सुनकर उनको पैसे दे रहे थे उस समय हमने कहा कि हम वीडियो ,फोटो बनाना चाहते हैं आपने हमारे सामने एक अच्छा कार्य हमारी दृष्टि के सामने किया है ।
एसडीम ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया यह मानवता करते रहना चाहिए इतना ही नहीं कि हम पब्लिक सिटी या अपनी प्रशंसा(वहाबाई )तारीफ के लिए ऐसा नहीं करते हमारे आॅफिस में या हमारे पास अगर कोई ऐसे आता है तो हम पहले से मदद करते आए हैं और हमें करना भी चाहिए ऐसा नहीं की प्रशंसा के लिए ऐसा कर रहे हैं हमारे पास कोई भी आता है तो हम उसकी मदद करते आए हैं और करते रहेंगे मगर इसके लिए हमें पब्लि सिटी की जरूरत नहीं है कि हम ऐसा काम करके सुर्खियों में रहे इस बात से उनकी हम प्रभावित होकर हमने उनसे कुछ नहीं कहा और हम बाहर आकर महिला से बात करने लगे और हमने पूछा अम्मा आप कहां किसके पास आई हैं थी महिला ने अपना नाम क्रांति बताया और कहा मैं बड़े साहब के पास आई थी हमने कहा कि किस बड़े साहब के पास आई थी तब महिला ने हमें बताया कि एसडीएम साहब के पास आई थी और उन्होंने मेरी मदद की है ऊपरवाला भगवान उनको हमेशा खुश रखे उनके जीवन में कभी भी कोई परेशानी न हो।
ऐसा कहते करते महिला ने भगवान को याद कर अपने हाथ जोड़कर कहा और अपने दिल से उनको दुआ दी उस वक्त हमें कुछ गर्व अच्छा सा फील एहसास ?हुआ और मानवता को देखते हुए अंदर दिल से ऐसा सोचा कि अच्छा संदेश समाज जाए कि हर अधिकारी हर पुलिसकर्मी हर अधिकारी एक जैसा नहीं होता पुलिस अधिकारी क्या प्रशासनिक अधिकारी के अंदर भी मानवता इंसानियत होती है ऐसा नहीं है कि अगर कोई बड़े पद पर बड़ा आॅफिसर अधिकारी है तो वह छोटे से बात न करें इस आंखों देखी तस्वीर से ऐसा प्रतीत होता है यह हमारे आंखों की सामने अच्छी सच्चाई थी इसलिए हम इसको ब्याह कर रहे हैं कि हम यह खबर प्रशंसा के लिए नहीं लगा रहे हैं ताकि और लोग इससे प्रेरणा लेकर अपने व्यवहार स्वभाव में अपनों से छोटे के प्रति व्यवहार मानवता भाव बनाए रखें मानवीय संवेदना कायम रहे।
Sep 18 2023, 21:22