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सीएम नीतीश कुमार ने जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए कई जरुरी निर्देश

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 'खरीफ सिंचाई - 2023' की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिक-से-अधिक क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था कराएं ताकि किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत हो। अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए सिंचाई के लिए जो भी जरूरी और उपयोगी कार्य हैं उस पर त्वरित कार्रवाई करें। पहाड़ी क्षेत्रों के निचले भागों में जल संचयन क्षेत्र विकसित करें।

उन्होंने कहा कि पूर्व से चलाई जा रही सिंचाई योजनाएं पूर्ण क्षमता से कार्य करे, यह सुनिश्चित कराएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से शुद्ध किए गए पानी का उपयोग भी कृषि कार्य के लिए कराएं। नहरों की सफाई के कार्य पर ध्यान दें। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए लक्ष्य के अनुरूप तेजी से कार्य करें। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंच जाएगा तो इससे किसानों को काफी लाभ होगा।

सीएम ने कहा कि लोगों की सुविधाओं और उनके हित में हम निरंतर कार्य करते रहते हैं। किसानों को कृषि कार्य हेतु डीजल अनुदान उपलब्ध कराने के साथ-साथ सिंचाई कार्य हेतु पर्याप्त विद्युत आपूर्ति भी की जा रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसानों को धान रोपनी में सहूलियत हो। वहीं बैठक में मुख्यमंत्री को जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभाग के द्वारा किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की विस्तृत जानकारी दी।

जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ईश्वर चंद्र ठाकुर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग के अंतर्गत किए जा रहे सिंचाई कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने सोन बराज, गंडक बराज, कोसी बराज एवं अन्य डैम / बियर से सिंचाई कार्य में लाभान्वित होनेवाले जिलों की स्थिति की जानकारी दी। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए जा रहे कार्य, जलाशयों में जल संचयन क्षमता का वर्तमान प्रतिशत आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

लघु जल संसाधन विभाग की विशेष सचिव आशिमा जैन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से लघु जल संसाधन विभाग के अंतर्गत सिंचाई के लिए किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलों के भू-जल स्तर की स्थिति, राजकीय नलकूपों की स्थिति, जल- जीवन - हरियाली अभियान के अंतर्गत आहर, पईन, पोखर आदि में जल संचयन की वर्तमान स्थिति आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, लघु जल संसाधन विभाग की विशेष सचिव आशिमा जैन सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 10 एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंगलवार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में 10 एजेंडों पर मुहर लगी है। जिसमें पिछड़ा वर्ग एवम अति पिछड़ा वर्ग कल्याण कल्याण विभाग, स्वास्थ विभाग, वित्त विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, गृह विभाग के एजेंडे शामिल है।

कैबिनेट बैठक में स्वास्थ विभाग के तरफ से बिहार स्वास्थ्य सेवा नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2023 को स्वीकृति दी गई है। जबकि गृह विभाग के तरफ से भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव अनुमंडल में प्रस्तावित उपकारा के निर्माण हेतु भवन निर्माण विभाग बिहार पटना से प्राप्त प्राक्कलन प्रस्ताव के आलोक में 4237.49 की स्वीकृति दी गई है।

गाड़ियों के बकाया टैक्स के एकमुश्त भुगतान पर टैक्स पर लगने वाले जुर्माना में छूट दी जाएगी। अगले छह माह के अंदर राशि भुगतान किए जाने पर जुर्माना नहीं लिया जाएगा। जुर्माना माफी पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है। नियोजित शिक्षकों का वेतन संरक्षण की स्वीकृति दी गई है। 20 अगस्त 2020 से यह प्रभावी होगा। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के नियोजित शिक्षकों को लाभ मिलेगा।

शिवहर जिला में 520 आसन वाले एक अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय के भवन निर्माण हेतु निजी भूमि रैयती लीज नीति 2014 के तहत 501 एकड भूमि लिये जाने हेतु कुल राशि रू० 2,60,52,000/- (रू० दो करोड़ साठ लाख बावन हजार) मात्र तथा विद्यालय भवन निर्माण हेतु भवन निर्माण विभाग से प्राप्त तकनीकी अनुमोदित स्थूल प्राक्कलन के आलोक में प्राक्कलित राशि रू० 45,35,28,000 लागत राशि पर भवन निर्माण कराये स्वीकृति दी गई है।

गृह विभाग से जुडी एक मंजूरी में कारा से जुड़े मामले में भागलपुर जिलान्तर्गत कहलगांव अनुमंडल में प्रस्तावित उपकारा के निर्माण हेतु भवन निर्माण विभाग, बिहार, पटना से प्राप्त प्राक्कलन / प्रस्ताव के आलोक में अनुमानित लागत बयालीस करोड़ सैंतीस लाख उनचास हजार रूपये मात्र की नई स्कीम की स्वीकृति को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

कैबिनेट ने कृषि विभाग से जुड़े चतुर्थ कृषि रोड मैप अंतरापररागत कृषि विकास योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023 24 केन्द्रांश के तहत अठारह करोड़ नौ लाख 99 हजार रुपया और राज्यांश 12 करोड़ 6 लाख 66 हजार रुपए यानी दोनों मद में 30 करोड़ 16 लाख लाख 65 हजार रुपए से योजना कार्यान्वयन तथा निकासी एवं व्यय की स्वीकृति को मंजूरी दी गई है।

बड़ी खबर : नीतीश सरकार के हक मे आया फैसला, पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना पर रोक लगाने की याचिका को किया खारिज

डेस्क : बिहार में जातीय गणना पूरी होगी। जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रदेश की नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है।

चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लगभग चार महीन के इंतजार के बाद आखिरकार नीतीश कुमार-लालू प्रसाद का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जानेवाले जातीय सर्वे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट ने जातीय सर्वेक्षण मामलें पर आज अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में दायर विरोधियों की याचिका को ख़ारिज कर बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है।

बता दें सात जुलाई को हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर पांच दिन सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की थी।

मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह सहित अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार, रितिका रानी, रितु राज और धनंजय तिवारी ने अपना पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही, अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार, मनीष कुमार, आलोक राही ने दायर अर्जी का जमकर विरोध किया। आवेदक जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए संविधान विरोधी बताया।

वहीं अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर जाति आधारित सर्वे करा रही हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मगर कुछ लोग इस का विरोध कर रहे हैं, जबकि बहुत से लोग स्वेच्छा से जानकारी दे रहे हैं।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 मई को जाति आधारित सर्वे पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी थी। साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी, जो सात तक चली थी।

बड़ी खबर : नीतीश सरकार के हक मे आया फैसला, पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना पर रोक लगाने की याचिका को किया खारिज

बड़ी खबर : बिहार में जातीय गणना पूरी होगी। जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रदेश की नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है।

चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लगभग चार महीन के इंतजार के बाद आखिरकार नीतीश कुमार-लालू प्रसाद का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जानेवाले जातीय सर्वे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट ने जातीय सर्वेक्षण मामलें पर आज अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में दायर विरोधियों की याचिका को ख़ारिज कर बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है।

बता दें सात जुलाई को हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर पांच दिन सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की थी।

मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह सहित अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार, रितिका रानी, रितु राज और धनंजय तिवारी ने अपना पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही, अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार, मनीष कुमार, आलोक राही ने दायर अर्जी का जमकर विरोध किया। आवेदक जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए संविधान विरोधी बताया।

वहीं अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर जाति आधारित सर्वे करा रही हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मगर कुछ लोग इस का विरोध कर रहे हैं, जबकि बहुत से लोग स्वेच्छा से जानकारी दे रहे हैं।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 मई को जाति आधारित सर्वे पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी थी। साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी, जो सात तक चली थी।

मौसम अलर्ट : बिहार के इन जिलों में आज हो सकती है भारी बारिश

डेस्क : बीते दो दिनों से बिहार में मौसम का मिजाज बदला है। भीषण गर्मी के बीच राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में मानसून एकबार फिर से सक्रिय होता दिखा है और छिटपुट बारिश हुई है। हालांकि इससे उमश भरी गर्मी से निजात नहीं मिल पाया है। 

वहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने पूर्वानुमान में बताया है कि आज मंगलवार को छह जिलों कैमूर, नवादा, रोहतास, किशनगंज, औरंगाबाद व गया जिले के एक या दो स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। जबकि पटना समेत शेष जिलों में आंशिक बादल छाए रहेंगे। कुछ जगहों पर हल्की वर्षा की संभावना है। 

मानसून की पश्चिमी सीमा हिमालय की तलहटी से व पूर्वी सीमा दरभंगा, देवघर होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर से गुजर रही है। इनके प्रभाव से दक्षिणी बिहार में वर्षा की प्रबल संभावना है।

बीते सोमवार को पटना समेत आसपास इलाकों में दोपहर बाद बादल छाए रहे जबकि गया, मोतिहारी, खगड़िया, हरनौत में हल्की बूंदाबांदी हुई। बेगूसराय, बिहटा, समस्तीपुर, गया, दरभंगा, नवादा, शेखपुरा, पश्चिम चंपारण, गया, जहानाबाद, अरवल जिले के कुछ भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई।

बेगूसराय के कोदवानपुर में 79.4 मिमी वर्षा, पटना के बिहटा में 70.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं, पटना समेत 25 शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। 38.7 डिग्री सेल्सियस के साथ भागलपुर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान रहा। पटना में अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

प्रदेश की नीतीश सरकार के लिए आज बड़ा दिन, जातीय गणना पर आज पटना हाईकोर्ट का आएगा फैसला

डेस्क : बिहार की महागठबंधन सरकार औऱ खासकर सीएम नीतीश कुमार के लिए आज बड़ा दिन है। पटना हाईकोर्ट जातीय गणना पर आज मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा। सात जुलाई को हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर पांच दिन सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की थी।

मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह सहित अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार, रितिका रानी, रितु राज और धनंजय तिवारी ने अपना पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही, अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार, मनीष कुमार, आलोक राही ने दायर अर्जी का जमकर विरोध किया। आवेदक जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए संविधान विरोधी बताया। 

वहीं अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर जाति आधारित सर्वे करा रही हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मगर कुछ लोग इस का विरोध कर रहे हैं, जबकि बहुत से लोग स्वेच्छा से जानकारी दे रहे हैं। 

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 मई को जाति आधारित सर्वे पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी थी। साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी, जो सात तक चली थी।

राजद सुप्रीमो लालू परिवार को एक और बड़ा झटका, नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने पटना, यूपी और दिल्ली में संपत्ति को किया जब्त

डेस्क : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में हुए नौकरी के बदले जमीन मामले में उनके परिवार के खिलाफ सोमवार को बड़ी कार्रवाई की। इनकी पटना, दिल्ली और यूपी (गाजियाबाद) में मौजूद छह अचल संपत्तियां जब्त कर ली हैं। इन संपत्तियों के सरकारी दस्तावेजों पर कीमत 6 करोड़ 2 लाख रुपये आंकी जा रही है, लेकिन बाजार मूल्य इससे कई गुना अधिक है।

पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) में की गई कार्रवाई के बारे में नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय ने विज्ञप्ति जारी कर विस्तृत जानकारी दी है। जिसमे बताया गय़ा है परिवार के जिन सदस्यों के नाम से मौजूद निजी कंपनियों के नाम पर संपत्तियां खरीदी गई हैं, उनमें मेसर्स एबी एक्सपोर्ट और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का मालिकाना हक पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बड़ी बेटी सांसद मीसा भारती, बेटी हेमा यादव के पति विनित यादव एवं ससुर शिव कुमार यादव के नाम है।

जांच में यह बात सामने आई कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री कार्यकाल के दौरान जिन लोगों से जमीन लेकर रेलवे के ग्रुप-डी में नौकरी दी गई है, उनको परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम पर बेहद सस्ते दाम या गिफ्ट के तौर पर दिखाया गया है। बड़ी संख्या में जमीन के ये प्लॉट महुआबाग (दानापुर) और बिहटा में हैं। इन जमीनों का बाजार मूल्य करोड़ों में है। इनमें कुछ जमीन अब भी इनके परिवार के सदस्यों के नाम हैं। राबड़ी और हेमा ने इनमें चार प्लॉट पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना की कंपनी मेसर्स मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड को बेच दी। इसके एवज में अबू दोजाना की कंपनी ने कई खातों से घुमाते हुए राशि खोखा कंपनी मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स भागीरथी ट्यूब्स के खाते में ट्रांसफर की थी।

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी भी निदेशक मंडल में 

राबड़ी और हेमा की कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में साढ़े तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इस कंपनी के निदेशक मंडल में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी एक बहन चंदा यादव भी हैं। इस कंपनी के नाम पर ही नई दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के डी-सेक्टर में मौजूद चार मंजिला आलीशान मकान को भी ईडी ने जब्त कर लिया है। जांच एजेंसी को इस बंगले को महज 4 लाख में खरीदने की बात 2011 में बताई है। हालांकि पटना के गोला रोड के पास रंजन पथ में मौजूद फ्लैट भी जब्त करने की बात सामने आ रही है।

इन संपत्तियों को किया जब्त

लालू परिवार के जिन संपत्तियो को जब्त किया गया है। उनमें पटना के पास महुआबाग में जमीन के प्लॉट, बिहटा में भूखंड और गोला रोड के पास का फ्लैट और नई दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में चार मंजिला आलीशान मकान, साहिबाबाद में दो औद्योगिक भूखंड शामिल है। 

गौलतलब है कि इससे पहले ईडी ने इसी केस में लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दिल्ली, एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची के 24 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। इसमें हेमा यादव, रागिनी यादव, चंदा यादव, इनके करीबी एवं सीए अमित कात्याल, नवदीप सरदाना, अबू दोजाना और सुमन नायक के ठिकाने भी शामिल हैं। छापे में बड़े स्तर पर अवैध लेनदेन की बात भी सामने आई थी।

लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान का सीएम पर बड़ा हमला, कहा- नीतीश कुमार के पास अब हर समस्या का एकमात्र समाधान लाठी और गोली चलाना

डेस्क : बिहार में अब सिर्फ लाठी और गोली की सरकार रह गई है। नीतीश कुमार के पास अब हर समस्या का एकमात्र समाधान लाठी और गोली चलाना रह गया है। बिहार में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है जो लाठी नहीं खाया हो। यहां सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब लाठी खाना है। बिहार में अब जंगलराज की जगह अब नीतीशराज बोला जाना चाहिए। यहां तो कानून की किताबें जला देनी चाहिए। आईपीसी की सारी धराएं खत्म कर देनी चाहिए। यह बातें लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों की बैठक में व्यस्त हैं लेकिन किसानों से मिलने का उनके पास समय नहीं है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृहमंत्री भी है। इसलिए सीएम नीतीश को खुद जाकर घटनास्थल पर सबकुछ देखना चाहिए। इनकी सरकार लाठी-डंडों और गोली से बात कर रही है बिहारी अपनी मांग मांग रहे हैं तो उनको लाठी और गोली मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्र शिक्षा मांग रहे हैं तो उन पर लाठीचार्ज की जा रही है। 

चिराग पासवान ने कहा कि - हमारी पार्टी शुरू से ही गरीबों के हक में आवाज उठाती रही है। हम लोगों ने हमेशा सरकार को बिजली की समस्या के बारे में अवगत कराया है। बिहार में कोई अपने अधिकार के लिए आवाज उठाता है तो फिर गोली और लाठी चलाया जाता है। जबकि लाठी चलाने के लिए भी कानून बना हुआ है। शरीर कौन से हिस्से पर लाठी चलेगी यह भी साफ तौर पर लिखा हुआ है । लेकिन बिहार में लाठी तो छोड़ दीजिए सीधा गोली चलाया जाता है। मंत्रियों का शर्मनाक बनाता है। लोगों में आक्रोश है तो फिर वह कहीं ना कहीं अपनी बातों को तो रखेंगे ही न। अपराधियों को पकड़ने में इनके हाथ कापते हैं और आम लोगों और आम लोगों पर सीधा गोली चलाते हैं।

नीतीश सरकार में बिहार के हितों में इनका कोई ध्यान नहीं है। शिक्षक की बहाली में लगातार देर हो रही है रोज नए नए नियम बदल रहे हैं जिससे अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हो रही है। विगत 25 सालों में किसानों की समस्या पर ध्यान की दिया गया। ना ही छात्रों की समस्या का ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब कटिहार मामले में सरकार लीपापोती करने का काम कर रही है। अब सरकार कह रही है कि किसानों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है यह गंभीर मामला है। लाठी गोली की सरकार लोगों को डराने का काम कर रही है।

मंत्री तेजप्रताप यादव के आवास पर छात्र राजद भारत की बैठक में शामिल हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, लोकसभा चुनाव को लेकर कही यह बात

डेस्क : आज लालू प्रसाद के बड़े बेटे व बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव के आवास पर छात्र राजद भारत की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। 

उन्होंने कहा की नरेन्द्र मोदी संविधान को मिटाना चाहते हैं। लेकिन देश की अखंडता को हम मिटने नहीं देंगे। लालू प्रसाद ने कहा की पंचायत स्तर पर बाबा साहब के विचारों तक पहुँचाया गया। अब बूथ स्तर तक पहुंचाएंगे। कहा की युवाओं को देश को बचाना हैं। इसे युवाओं को आजादी की लड़ाई की तरह ही लड़ाई लड़नी है। लोग जेल के अंदर जाते हैं बाहर आते हैं। जेल की परवाह नहीं करते। देश के ताने बाने को बरकरार रखना है। 

लालू प्रसाद ने कहा कि बाबा साहब के विचारों वाले दल INDIA के तहत एकजुट हो रहे। हमलोग जल्द ही महाराष्ट्र में इकठ्ठा होने वाले हैं। बिहार में कांग्रेस, जदयू और राजद एक साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। 2024 का चुनाव नजदीक आ गया है। एक उम्मीदवार के खिलाफ एक खड़ा होगा चुनाव में। लोकसभा चुनाव INDIA बनाम NDA होगा। हमलोग महाराष्ट्र में इस पर चर्चा करेंगें। दिल्ली मैं जा रहा हूं। मतभेद भुलाकर एकजुट रहना है। पंचायत स्तर पर छात्र नौजवान पूरे देश में घूमे। 

वहीँ लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव को सलाह देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखण्ड में DSS का कार्यक्रम कराया जाए। RSS वाले आप लोगों से घबराते हैं।

दरभंगा में इंटरनेट बैन के कारण मचा हाहाकार, लोगों के जरूरी काम बाधित, आयकरदाताओं में दिखी सबसे अधिक बेचैनी, जुर्माने का सता रहा डर

बिहार के दरभंगा में गुरुवार की शाम चार बजे से इंटरनेट सेवा पर रोक से हाहाकार मचा हुआ है। कई जरूरी काम ठप होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। आयकरदाताओं में अधिक बेचैनी देखी जा रही है। आयकरदाता रिटर्न दाखिल करने के लिए दूसरे विकल्पों को ढूंढने लगे हैं। बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। सरकार ने भी अल्टीमेटम जारी कर रखा है कि 31 जुलाई की आधी रात के बाद आइटीआर भरने पर जुर्माना लगेगा। वहीं 30 जुलाई शाम 4 बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित रहेंगी। कुछ दिनों से दरभंगा में असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक और संप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी। इसी के मद्देनजर इंटरनेट बैन का फैसला लिया गया। 

5 हजार लोगों का IT रिटर्न लंबित

बताया जाता है कि जिले में करीब पांच हजार आयकरदाता हैं जो अब तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं। ऐसे आयकरदाता इंटरनेट ठप रहने से परेशान होकर विकल्प ढूंढने के लिए चार्टर्ड एकाउन्टेंट के दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि इंटरनेट सेवा ठप रहने की बात बताकर फिलहाल सीए भी रिटर्न जमा करने को लेकर हाथ खड़े कर रहे हैं। इधर, आयकर विभाग से समय पर रिटर्न जमा करने के लिए लोगों को लगातार मैसेज भेजा जा रहा है। बता दें कि पांच लाख रुपए सालाना तक की आमदनी वालों को 31 जुलाई के बाद रिटर्न भरने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं पांच लाख से अधिक आमदनी वालों को देर से रिटर्न जमा करने पर पांच हजार जुर्माने का प्रावधान है।

आयकरदाताओं को सता रहा जुर्माने का डर

सीए कुमार संजय ने बताया कि जिले में करीब पांच हजार लोगों का आयकर रिटर्न अब तक लंबित है। इंटरनेट सेवा बंद हो जाने से आयकर रिटर्न भरने का काम गुरुवार की शाम चार बजे के बाद से ही ठप हो गया है। फिलहाल रिटर्न जमा करने को लेकर जिले में कोई वैकल्पि व्यवस्था नहीं है। बहरहाल आयकरदाताओं की ओर से रिटर्न भरने की अवधि बढ़ाने को लेकर आवाज उठने लगी है। कई लोगों ने बताया कि रिटर्न भरने का काम प्रोसेस में था, अचानक इंटरनेट बंद हो जाने से अब इन्हें जुर्माना भरने का डर सता रहा है। यूनेस्को क्लब के अध्यक्ष विनोद पंसारी ने कहा कि इंटरनेट ठप हो जाने से जिले के आयकरदाताओं की परेशानी बढ़ गयी है। इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन को कोई व्यवस्था करनी चाहिए।

वर्क फ्रॉम होम वालों की बढ़ी परेशानी

जिले में सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं जो बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए दरभंगा में रहकर वर्क फ्रॉम होम के तहत काम कर रहे हैं। इंटरनेट सेवा को अचानक ठप कर दिये जाने से ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। राजकुमारगंज के दयानंद झा ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में लोग वर्क फ्रॉम होम के तहत काम कर रहे हैं। इंटरनेट सेवा को अचानक बंद कर दिये जाने से ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। जिला प्रशासन को इस समस्या पर भी सोचने की जरूरत हैं।

बिजली मीटर चार्ज नहीं कर पा रहे लोग

राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में बड़ी संख्या में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाये गए हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा को अचानक ठप कर दिये जाने से ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है जिनके घरों अथवा प्रतिष्ठानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाये गए हैं। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष व मां श्यामा माई मंदिर न्यास के पदाधिकारी पं. कमलाकांत झा ने कहा कि जिला प्रशासन के इस निर्णय से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा चुके लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। वे मीटर रीचार्ज नहीं पा रहे हैं। इससे उन्हें लाइन कटने की आशंका सताने लगी है।

बैंकों में सामान्य रहा कामकाज

इंटरनेट सेवा बंद रहने के बावजूद तमाम बैंकों में कामकाज सामान्य रहा। हालांकि कामकाज ठप होने की आशंका में कई बैंकों में आम दिनों के मुकाबले ग्राहकों की संख्या कम रही। 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक सहित अधिकतर बैंकों में ग्राहकों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ी। बैंक ऑफ बड़ौदा की दरभंगा शाखा में पहुंचे कई व्यवसायियों ने बताया कि राशि के आदान-प्रदान में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ठप हो जाने के कारण उन्हें बैंक पहुंचकर जरूरी ट्रांजेक्शन करना पड़ा। कई अधिकारियों ने बताया कि बैंक में नेट के लिए अलग व्यवस्था रहती है। लिंक बहाल रहने के कारण कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा। जानकारी के अभाव में ग्राहकों की संख्या कुछ कम रही।