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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फिसली जुबान, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को “व्लादिमीर” कहकर पुकारा

#joe_biden_mistakenly_referred_to_zelensky_as_vladimir

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की जुबान लड़खड़ा गई। लिथुआनिया देश की राजधानी विनियस में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कह दिया। हालांकि उन्हें तत्काल अपनी गलती को सुधारा लिया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि 'व्लादिमीर और मैं...मुझे इतना घनिष्ठ नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने खुद को सुधारा और कहा कि 'मिस्टर जेलेंस्की और मैं' इस घटना का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति का पूरा नाम वोलोदिमीर जेलेंस्की है और रूस के राष्ट्रपति का नाम व्लादिमीर पुतिन है। दोनों के शुरुआती नाम में थोड़ी समानता है। शायद यही वजह है कि बाइडेन से ये गलती हो गई।

 

बता दें कि बाइडन अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहले भी इस तरह की गलती कर चुके हैं। इससे पहले गलती से उन्होंने यूक्रेनियन को ईरानी कह दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की बढ़ती उम्र अब समस्या बनती जा रही है पिछले महीने एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे बाइडेन मंच पर ही संतुलन खो बैठे थे और गिर गए थे। बाइडेन कोलोराडो में अमेरिकी एयरफोर्स अकादमी के ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल होने पहुंचे थे।

दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप, लागातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ से हालात, कई इलाके डूबे

#delhi_flood

लगातार बारिश, ग्लेशियर टूटने और बादल फटने के चलते पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का संकट गहरा गया है। दिल्ली में गुरुवार की सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया। जबकि बीते बुधवार की दोपहर 1 बजे नदी बाढ़ के उच्चतम रिकॉर्ड 207.49 मीटर को पार कर गयी थी।

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही है। इसका मुख्य कारण है हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाना है। हथिनी कुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में जलस्तर का बढ़ना जारी है। बता दें कि सन 1900 के बाद पहली बार है कि जब यमुना का जल स्तर 207.49 को पार कर गया है। इससे पहले 1978 में आखिरी बार यमुना का स्तर सबसे अधिक दर्ज हुआ था। तब 207.49 मीटर था।

करीब 16 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

यमुना में पानी का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई इलाकों में पानी भरने की सूचना है। दिल्ली में यमुना के पास बसे गांव पानी में डूब गए हैं। यमुना किनारे एरिया में देर रात भारी तादाद में पानी घरों के अंदर घुस गया। आनन-फानन में लोग अपना जरूरत का सामान निकालकर सड़क पर आ गए। सैकड़ों परिवार अपने बच्चों के साथ बांध पर बनी सड़क पर रहने को मजबूर हैं।यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के लिए जाने वाला अप्रोच रोड भी पानी में डूब गया। बाहरी रिंग रोड पर पानी भरने की वजह से सड़क बंद कर दी गई है, जबकि मजनू का टीला से लेकर आईटीओ तक के रास्ते पर भी जलजमाव हुआ है। गुरुवार सुबह तक चंगी राम अखाड़ा, मजनू का टीला, मोनेस्ट्री मार्केट, लोहा पुल, निगम बोध समेत आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। राजधानी में करीब 16 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

*कई सड़कें जलमग्न

अगर ग्राउंड जीरो की बात करें तो दिल्ली आईटीओ, राजघाट की ओर जाने वाली सड़क, आउटर रिंग रोड, यमुना बाजार और लोहा पुल के पास पानी भरा है। दिल्ली आईटीओ के नज़दीक आईपी स्टेडियम और राजघाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी जलजमाव देखने को मिल रहा है। इनमें यमुना बाज़ार सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, अब यहा कॉलोनी में तेज़ धार से पानी भरता जा रहा है। कल तक लोग जिस सड़क से लोहा पुल तक पहुंच सकते थे, वो आज पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। आउटर रिंग रोड पर यमुना के किनारे वाले तमाम मकान और मंदिरों में पानी भर चुका है।

कल से घटना शुरू हो सकता है यमुना का जलस्तर

हथिनी कुंड बैराज से पिछले 24 घंटे में पानी छोड़ने की रफ्तार कम हुई है पिछले 24 घंटे में करीब 1.5 लाख क्यूबिक फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है जबकि मंगलवार रात 9 बजे तक 3.50 लाख क्यूसेक पानी थोड़ा जा रहा था. इस लिहाज से दिल्ली में कल से जलस्तर घटना शुरू हो सकता है।

इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास को किया बैन, आदिपुरुष-मुंतशिर से भी रहा कनेक्शन

नयी दिल्ली : इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास पर बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

इसके बाद इंटरनेशनल सोसाइटी ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगाया. इस्कॉन ने कहा कि उनके (संत अमोघ) बयान से हम सभी दुखी हैं. उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है इसलिए उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. संत अमोघ अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. सोशल मीडिया पर वो स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल बातें करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि अमोघ लीला दास का हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष उसके डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला से क्या कनेक्शन है?

जी हां, आप सबको मालूम है कि आदिपुरुष फिल्म पर जमकर विवाद हुआ था. विवाद की वजह फिल्म का डायलॉग था. वैसे तो फिल्म में कई विवादास्पद डायलॉग थे, जिन्हें बाद में हटाया गया लेकिन एक डायलॉग जिसकी सबसे ज्यादा आलोचना हुई वो डॉयलॉग 'घी किसका रावण का, कपड़ा किसका रावण का, आग किसकी रावण की, जली की किसकी रावण की' थी. लोगों का कहना है कि मनोज मुंतशिर ने अमोघ लीला दास की बातों को डायलॉग बना दिया क्योंकि दास ने एक कार्यक्रम में यह बातें कही थीं.

अमोघ के बयान से हम सभी दुखी : इस्कॉन

इस्कॉन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि संत अमोघ के बयान से हम सभी दुखी हैं. उनके बयानों से लोगों की भावना को ठेस पहुंची है इसलिए उन पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है. उनका यह बयान बर्दाश्त के लायक नहीं है. इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद को लेकर कहा था कि वो मछली खाते थे. कोई भी महान संत किसी जानवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, वो भी कोई सिद्ध पुरुष.

इसके अलावा दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. दास की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. संत अमोघ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह धर्म और मोटिवेशन से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास के बारे में बताते हैं.

कौन हैं अमोघ लीला दास ?

अमोघ लीला दास एक स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. वह 12 सालों तक इस्कॉन से जुड़े रहे. 43 वर्षीय दास इस समय इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट का भूमिका अदा कर रहे थे. विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद उन पर एक महीने का बैन लगा दिया गया है. बता दें कि अमोघ लाल दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है. उनका जन्म लखनऊ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. फिलहाल उनका परिवार दिल्ली में रहता है.

आशीष अरोड़ा उर्फ अमोघ दास संत बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वह नौकरी के लिए अमेरिका चले गए. 2010 में उन्होंने कॉरपोरेट की दुनिया को छोड़ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में आ गए. 29 साल की उम्र में उन्होंने इस्कॉन को जॉइन किया. इसके बाद वो सोशल मीडिया पर धर्म और आस्था से संबंधित तामा वीडियो डालने लगे. इसके बाद धीरे धीरे वो एक मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गए. सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की तादाद बढ़ने लगी.

क्या है पूरा मामला?

अमोघ दास लीला ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. दास ने कहा कि मछली खाने वाला कोई भी इंसान सिद्धपुरुष कैसे हो सकता है. उनके दिल में तो दयाभाव होती है. ऐसे में कोई भी महान इंसान मछली कैसे खा सकता है. इतना ही नहीं, अमोघ लाल दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी गलत और अपमानजनक बयान दिया था. इसके बाद इस्कॉन ने उन पर ये कार्रवाई की है.

"जय श्री राम" न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भक्ति गीत बना

नयी दिल्ली : संगीतकार आशीष चंद्रा ने गायक विशाल श्रीवास्तव और निर्माता मुकेश मोदी के साथ प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर में अपने आध्यात्मिक भजन "जय श्री राम" की रिलीज के साथ अंतर्राष्ट्रीय धरती पर भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया.

आशीष चंद्र कहते हैं

"किसी भी कलाकार के लिए एक गाना रिलीज़ करना हमेशा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है और अब जब हमने इसे प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर ला दिया है, तो यह एक संकेत है कि भारतीय पौराणिक कथा अब भारत तक ही सीमित नहीं है, यह अब दुनिया की है."

विशाल श्रीवास्तव कहते हैं

"हम राम की भूमि से हैं. हमारी भारतीय पौराणिक कथाओं की दुनिया भर में पूजा और सराहना होते देख मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है."

मुकेश मोदी कहते हैं

"यह न केवल हमारे लिए बल्कि हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है. जय श्री राम के लिए इतनी सराहना पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. यह सिर्फ शुरुआत है, हम अपनी भारतीय पौराणिक कथाओं को दुनिया भर में ले जाने की कल्पना करते हैं."

सावन में आस्था का मेला परवान चढ़ने लगा है, आस्था के डगर पर घर-घर से निकले भक्त गण, केसरिया रंग में रंगा हाईवे

नयी दिल्ली : सावन में आस्था का मेला परवान चढ़ने लगा है। प्रथम सोमवार के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में कांवड़िया काशी और देवघर में जलाभिषेक के लिए रवाना हो गए। बुधवार को हजारों की तादाद में कांवड़िये गंगा जल भरकर बाबा काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए रवाना हो गए।

बोल बम के जयकारों से यात्रा पथ दिन भर गूंजता रहा।

बाबा के जलाभिषेक के लिए गांव-गांव से भोले भक्तों के निकलने से प्रयागराज-वाराणसी हाइवे पर दिनभर जाम की स्थिति रही। इस दिन गाजीपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, मध्यप्रदेश के रीवा, हनुमना समेत कई इलाकों से कांवड़िये दशाश्वमेध घाट पहुंचे।

रंग-बिरंगी कांवड़ के साथ ही ध्वजा-पताकाओं से सजे वाहनों से भगवान भोले के भक्त यहां पहुंचते रहे। जल भरने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों की चौकियों पर संकल्प लेकर भक्त बाबा धाम के लिए रवाना हुए। नौकरी की कामना लेकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने निकला है, तो कोई अच्छी खेती और बिटिया की अच्छे परिवार में शादी की मनौती लेकर।

दशाश्वमेध घाट पर चार पहर सफाई

दशाश्वमेध घाट पर भक्तों की भीड़ के बीच सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कांवड़ि़ये के जल भरने और स्नान करने के दौरान वहां किसी तरह की गंदगी फैलने से रोकने के लिए नगर निगम के सफाई कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है। इससे दशाश्वमेध घाट चमक उठा है। इस घाट पर लगे कूड़े के ढेर की भी सफाई करा दी गई है। यहां चार पहर कूड़े की सफाई कराई जा रही है।

लुटिया और कांवड़ से सजे दारागंज के बाजार में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। महिलाएं अपनी पसंद की केसरिया साड़ी और बच्चे शर्ट खरीद रहे हैं। बुलडोजर वाली शर्ट के अलावा मोदी-योगी वाली शर्ट खरीदने के लिए दुकानों पर कांवड़ियों की भीड़ लग रही है। लुटिया का बाजार भी सज गया है।

पीएम मोदी फ्रांस रवाना, बैस्टिल डे परेड में होंगे चीफ गेस्ट, भारत-फ्रांस के बीच ऐतिहासिक रक्षा सौदा होने की उम्मीद

#pm_modi_leaves_for_france_on_2_day_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह दिल्ली से फ्रांस के लिए रवाना हो गए। पीएम मोदी भारतीय समयानुसार शाम करीब 4 बजे पेरिस पहुंच जाएंगे। यहां के ऑर्ली एयरपोर्ट पर उनका पारंपरिक तौर पर स्वागत किया जाएगा। ये उनका 2 दिन का दौरा है। मोदी शुक्रवार यानी 14 जुलाई को पेरिस में होने वाली बैस्टिल-डे परेड में विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। 

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी यात्रा की जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘पेरिस के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लूंगा। मैं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और अन्य फ्रांसीसी गणमान्य व्यक्तियों के साथ सार्थक चर्चा की आशा करता हूं। अन्य कार्यक्रमों में भारतीय समुदाय और शीर्ष सीईओ के साथ बातचीत शामिल है।’

पीएम मोदी का आज का शेड्यूल

फ्रांस में होने वाली बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 13 और 14 जुलाई को फ्रांस का दौरा करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को चार बजे पेरिस पहुंचेंगे। शाम को सीनेट के अध्यक्ष से मुलाकात के बाद करीब नौ बजे फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न के साथ बैठक में शामिल होंगे। रात करीब 11 बजे पीएम मोदी ला सियने म्यूजिकाले में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की ओर से आयोजित डिनर में शरीक होने के लिए एलीजे पैलेस पहुंचेंगे।

बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी

पीएम मोदी 14 जुलाई को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग लेगा। बैस्टिल डे समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर गुरुवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी। इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम 3 राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे।

एलिसी पैलेस में होगा पीएम मोदी का पारंपरिक स्वागत

शुक्रवार को ही एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रॉन के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी। दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष में नए क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं।

26 और राफेल विमानों की खरीद का हो सकत है एलान

चर्चा इस बात की भी है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रॉन की मुलाकात के दौरान फ्रांस और भारत सरकार के बीच राफेल जेट के 26 नौसैनिक वेरिएंट की खरीद के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार और निवेश सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में फ्रांस और भारत के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ भी बातचीत करेंगे।

बता दें कि भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है। भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए फ्रांसिसी पक्ष और सहयोगी मडगांव डॉक लिमिटेड अब तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी के आर्डर को आशान्वित हैं। रक्षा मंत्रालय विमान इंजन के संयुक्त विकास के लिए फ्रांसिसी कंपनी साफरान के साथ बातचीत कर रही है। इसके अतिरिक्त, भारत में संयुक्त रूप से एक विमान इंजन विकसित करने का समझौता भी मजबूत होने वाला है।

कम होंगे आसमान छू रहे टमाटर के भाव, सरकार ने उठाया ये अहम कदम

#goodnewsregardingtomatoespriceswillbe_cheap

आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। कमर तोड़ती महंगाई में अचानक बढ़ी टमाटर कीमतों ने लोगों को खून के आंसू रुला दिये।देश के ज्यादातर इलाकों में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं।कहीं-कहीं तो टमाटर 200 प्रति किलोग्राम की दर से भी बिक रहा है।केंद्र ने इस मामले में एक बड़ी राहत दी है, जिससे आपको टमाटर कम दाम में उपलब्ध हो जाएंगे।

टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए अब सरकार ने मास्टरप्लान तैयार कर लिया है।टमाटरों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ये दोनों ही विभाग अब टमाटर की आपूर्ति के लिए प्रमुख केंद्रों पर बड़ी मात्रा में एक साथ वितरण करेंगे।इन टमाटरों को उन प्रमुख उपभोग केंद्रों में बांटा जाएगा, जहां पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टमाटर का स्टॉक 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे। मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

 

निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद

मंत्रालय ने यह भी कहा कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा जुलाई में मानसून के चलते आवागमन संबंधी बाधाओं के चलते भी कीमतें बढ़ी हैं। दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। इसके अलावा दक्षिण के राज्य टमाटर उत्पादन में अग्रणी हैं। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नयी फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ''निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।''

250 रुपये किलो तक बेचे जा रहे टमाटर

पिछले एक महीने में टमाटर की खुदरा कीमतों तेजी से बढ़ी हैं। भारत में सर्दियों के मौसम में टमाटर सस्ता होता है तो गर्मी के मौसम में महंगा। लेकिन इस गर्मी में तो टमाटर सारे रिकार्ड तोड़ रहा है। इस समय दिल्ली के थोक बाजार में बढ़िया टमाटर 130 रुपये किलो तो खुदरा बाजार में 150 से 200 रुपये किलो बिक रहा है। दिल्ली एनसीआर के कुछ पॉश इलाकों में तो इसे बेहतर तरीके से पैक करके 250 रुपये किलो भी बेचे जा रहे हैं। मुंबई में भी इसके भाव 200 रुपये किलो के आसपास ही चल रहे हैं। यही हालत देश के अन्य राज्यों का भी है।

टमाटर क्यों हुआ है महंगा?

इन दिनों जो टमाटर महंगा हुआ है, उसके कई कारण हैं। अभी 10 दिन पहले ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिलचिलाती धूप और लू का प्रकोप चल रहा था। इसमें सैकड़ों लोग काल कलवित हो गए। जब लू में इंसाल झुलस कर मर रहे हैं तो टमाटर के पौधे की क्या बिसात। इससे टमाटर के पौधे झुलस गए और खेती तबाह हो गई। उधर गुजरात में चक्रवात तूफान की वजह से जो बारिश हुई, उसमें टमाटर की खेती तबाह हुई। राजस्थान के कई इलाकों में भी हाल के दिनों में हुई जबरदस्त बारिश हुई है। इससे भी टमाटर की फसल चौपट हुई है। इससे खुदरा बाजार में एक किलो टमाटर का दाम चढ़ कर 200 रुपये के करीब चला गया है।

एशिया कप 2023 के लिए पाकिस्तान जाएंगे जय शाह? बीसीसीआई ने दिया जवाब

#bcci_official_reacts_to_rumours_on_secretary_jay_shah_to_visit_pakistan

एशिया कप 2023 के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। अबकी बार एशिया कप 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाएगा।हालांकि, एशिया कप 2023 के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है, लेकिन शेड्यूल के आधिकारिक एलान का इंतजार सभी क्रिकेट प्रेमी काफी बेसब्री के साथ कर रहे हैं। डरबन में इसी मुद्दे को लेकर आईसीसी के बैठक के बीच बीसीसीआई और पीसीबी के बीच चर्चा हुई। वहीं इसी बीच पाकिस्तानी मीडिया में इस मुलाकात के बाद यह खबरें भी सामने आई कि बीसीसीआई सचिव जय शाह एशिया कप के मैचों में पाक का दौरा करेंगे। बीसीसीआई की तरफ से यह साफ कर दिया गया कि ना तो भारतीय टीम एशिया कप के दौरान पाकिस्तान का दौरा करेगी और ना ही सचिव जय शाह पाकिस्तान जायेंगे।

आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने इस पूरे मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं हुई। भारतीय टीम या हमारे सचिव पाकिस्तान नहीं जाएंगे। अरुण सिंह धूमल ने कहा, 'जय शाह किसी भी निमंत्रण पर सहमत नहीं हुए हैं और पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेंगे। सिर्फ एशिया कप का कार्यक्रम तय किया गया है। अरुण धूमल ने एशिया कप को लेकर हुई इस मुलाकात को लेकर बताया कि बीसीसीआई सचिव ने पीसीबी प्रमुख जका अशरफ से मुलाकात की और एशिया कप के शेड्यूल को अंतिम रूप दिया गया है। जैसा की पहले इस टूर्नामेंट को लेकर चर्चा की गई थी, बात उसी पर जारी है। पाकिस्तान में लीग राउंड के चार मैच होंगे, जबकि श्रीलंका में 9 मैच खेले जाएंगे।

वहीं, जय शाह ने खुद इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।बीसीसीआई सचिव जय शाह ने न्यूज18 से बात करते हुए कहा, 'मैं किसी भी बात पर सहमत नहीं हूं. यह गलत खबर है। संभवत: इसे जानबूझ कर या शरारत के तौर पर फैलाया गया है। मैं कोई दौरा नहीं करूंगा।

बता दें कि आगामी एशिया कप का आयोजन 31 अगस्त से 17 सितंबर तक किया जाना है।एशिया कप की शुरुआत 31 अगस्त से होगी और 17 सितंबर को फाइनल खेला जाएगा। एशिया कप के शुरुआती मैच पाकिस्तान में खेले जाएंगे और बाकी मैच श्रीलंका में होंगे। एशिया कप 2023 में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें उतर रही हैं।

यमुना के जलस्तर ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड, मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, टेंशन में आई केजरीवाल सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने टेंशन बढ़ा दी है। दिल्ली में यमुना ने जलस्तर का 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यमुना में आए उफान के बाद एहतियात के तौर पर दिल्ली के बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर चिंता जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि उनसे दखल देने को कहा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र कहा है कि हथिनीकुंड से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। केजरीवाल का कहना है कि सेंट्रल वाटर कमीशन के अनुसार बुधवार रात को यमुना का स्तर 207.72 मीटर होगा।दिल्ली में सितंबर में जी20 शिखर सम्मलेन होना है। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ आयी तो ये दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।

सीएम केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक

यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है। दिल्ली सचिवालय में इमरजेंसी बैठक होंगी। बैठक में में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। 

यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर

इससे पहले दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज यमुना किनारे बोट क्लब के पास जलस्तर का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि अभी यमुना का लेवल 207.37 मीटर है ये खतरे के निशान से काफी ऊपर है। केंद्र जल आयोग के अनुमान के अनुसार इसका लेवल रात 10 बजे से 207.55 पहुंच सकता है। यानी दिल्ली के कुछ जगह पर यमुना अपनी तटबंधों को तोड़कर पार सकती है तो जहां पर भी ऐसा खतरा है वहां पर दिल्ली सरकार के सिंचाई नियंत्रण विभाग तटबंधों को मजबूत करने का काम कर रहा है।

1978 की बाढ़ ने तोड़ दिया था रिकॉर्ड

दिल्ली में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के पानी से यमुना नदी में उफान ला दिया है। इस उफान के कारण यमुना का जलस्तर बढ़कर ऱकरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। 1978 के बाद अब तक के सबसे ज्यादा रिकार्ड स्तर 207.49 के करीब है। बता दें कि 1978 में दिल्ली में यमुना की बाढ़ ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इसमें करीब 43 वर्ग किलोमीटर कृषि भूमि जलमग्न होकर बर्बाद हो गई थी। लाखों लोग बेघर हो गए थे। उस समय यमुना के लोहे के पुल पर जलस्तर 207.49 मीटर पहुंच गया था, तब यमुना के किनारों पर पुस्ते नहीं बनाए गए थे। इसके बाद दो बार और यमुना का जलस्तर 207 मीटर के निशान के पार गया है। 2010 (207.11 मीटर) और 2013 (207.32 मीटर) में दिल्ली को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। कश्मीरी गेट तक यमुना का पानी पहुंच गया था।

चिराग पासवान की एनडीए में एंट्री तय मानी जा रही, कैबिनेट में मिल सकती है जगह, जानें कौन लगा सकता है रोड़ा?

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लोकसभा चुनाव में अभी एक साल का वक्त वचा है। हालांकि उसके लिए सियासी जमीन अभी से तैयार की जा रही है। एक तरफ विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में लगे हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी भी अपना कुनबा बढ़ाने में जुट गई है। जानकारी है कि, बिहार के युवा नेता और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान एक बार फिर एनडीए का रुख कर सकते हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार की ओर से चिराग पासवान से संपर्क साधा जा रहा है ताकि उनको अपने पाले में लाया जा सके।

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा बिहार में वोटों की गणित को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है।2019 में एनडीए गठबंधन को जबरदस्त कामयाबी मिली थी। 17 सीटें अकेले भाजपा, 16 सीटें जदयू, छह लोजपा ने जीती थी। अब जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं है और भाजपा चाहती है कि सीटों के हिसाब से उसे नुकसान न होने पाए। इसीलिए चिराग पासवान को पाले में करने कवायद में भाजपा नेता लगे हुए हैं।

चिराग के एनडीए में शामिल होने की खबरों के बीच एक सवाल तेजी से उछल कर सामने आ रहा है कि चिराग की एनडीए में एंट्री से उनके चाचा, केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस का क्या होगा? क्या चाचा-भतीजे एक हो जाएंगे?ऐसे में बीजेपी को चाचा-भतीजे दोनों को एक करना होगा।भाजपा के सामने मुश्किल यह है कि अगर ये दोनों चाचा-भतीजे एक नहीं हुए तो पार्टी को नुकसान हो सकता है। 

भाजपा का झुकाव चिराग की ओर इसलिए भी बन गया है, क्योंकि चिराग ने एनडीए से बाहर रहकर भी लगातार साथ दिया। बिहार में लगातार सक्रिय हैं। युवाओं में उनकी लोकप्रियता देखी जा रही है। जिस तरीके से पशुपति ने लोजपा पर कब्जा किया, उसे बिहार में चिराग समर्थकों ने ठीक नहीं माना। इसका लाभ चिराग को मिल रहा है। वह आने वाले दिनों में वोट में कन्वर्ट होगा, ऐसी संभावना से किसी का इनकार नहीं है। चाचा को इस बात का एहसास भी है। अगर भाजपा ने हाजीपुर सीट चिराग को दे दी तो तय हो जाएगा कि पशुपति नहीं, लोजपा के असली वारिस चिराग ही हैं।