बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति में डोमिसाइल अनिवार्यता खत्म, सरकार की इस फैसले के विरोध में कई शिक्षक संघों ने आंदोलन की चेतावनी दी
डेस्क : बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति में प्रदेश के स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसके लिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया गया है। अब किसी भी राज्य के योग्य अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक के लिए आवेदन कर सकेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति दी गई।
बिहार विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण व सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली 2023 के तहत बिहार के स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर शिक्षा विभाग ने भी इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी।
इधर सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कई संघों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा कि इससे बिहार के युवाओं को काफी नुकसान होगा।
संघ के ही नितेश पांडे ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के अंदर सरकार नीति को हटाने के फैसले वापस नहीं लेती तो पूरे राज्य में शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा चक्का जाम किया जाएगा। मीकू पाल तथा अनीश सिंह ने कहा कि डोमिसाइल नीति हटाना गलत फैसला है।
आइसा के राज्य अध्यक्ष विकास यादव व सचिव साबिर ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल को हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश के 14 राज्यों में शिक्षक बहाली में स्थानीयता लागू है पर बिहार में इसे समाप्त कर दिया गया। लंबे समय से अभ्यर्थियों की मांग के बाद नियमावली में इसे शामिल किया गया था। अब बिना किसी स्पष्टीकरण के इसे हटाना न्यायोचित नहीं है। बिहार के युवा अगर अन्य प्रदेशों में शिक्षक नहीं बन सकते तो यहां भी डोमिसाइल नीति होनी चाहिए।
वहीं छात्र नेता सौरव कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार राज्य शिक्षक भर्ती नियमावली- 2023 में जिस प्रकार से नियम में बदलाव किए जा रहे हैं उससे नियुक्ति प्रक्रिया भटक सकती है। सरकार ने पहले तो डोमिसाइल नीति लागू किया परंतु सोमवार को संशोधन कर बाहरी लोगों को मौका दे दिया गया। इसे वापस नहीं लिया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।
Jun 28 2023, 17:51