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बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार, बिहार सरकार और आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब


सुप्रीम कोर्ट ने गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के केस में उम्रकैद की सजा काट रहे बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार, बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया है। दिवंगत डीएम की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की समय से पहले रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका के मद्देनर सरकार और संबंधित पक्षों से उनका जवाब मांगा है।

27 अप्रैल को हुई थी आनंद मोहन की रिहाई

आनंद मोहन की रिहाई बीते महीने 27 अप्रैल को हुई थी। उन्हें तड़के सुबह साढ़े 4 बजे जेल से रिहा किया गया था। आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश सरकार ने कारा नियमों में बदलाव किया था। आनंद मोहन के साथ अन्य 26 कैदी भी रिहा हुए थे। नीतीश सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने जमकर आलोचना की। और आरोप लगाया कि आनंद मोहन की आड़ में जिन अन्य 26 कैदियों को रिहा किया गया है। वो सभी जंगलराज के पुरोधा हैं। जो आने वाले वक्त में बिहार में गुंडाराज की वापसी कराएंगे। वहीं जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने भी नीतीश सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पुर्नविचार करने की गुजारिश की थी। और मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कही थी। जिसके बाद उन्होने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज सुनवाई हुई।

आनंद मोहन पर 1994 में तत्कालीन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या का आरोप था। जिसमें वो दोषी करार दिए गए थे। उन पर कथित तौरसपर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा। जिसके बाद उग्र भीड़ ने जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी। जी कृष्णैया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। और तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे। इस मामले में निचली अदालत ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन फिर एक साल बाद 2008 में पटना हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। जिसके बाद से वो सहरसा जेल में बंद थे। और बीच-बीच में पैरोल पर बाहर आते थे।

बेटे की सगाई में पैरोल पर आए थे बाहर

आनंद मोहन खुद पूर्व सांसद रह चुके हैं, वहीं उनकी पत्नी भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। उनके बेटे चेतन आनंद शिवहर से आरजेडी विधायक हैं। हाल ही में चेतन आनंद की शादी आरुषि से हुई है। जो पेशे से डॉक्टर हैं। देहरादून में हुई इस हाईप्रोफाइल शादी में कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई थीं। आनंद मोहन बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए 15 दिन की पैरोल पर आए थे। और फिर 26 अप्रैल को पैरोल खत्म होने पर सहरसा जेल लौट गए थे। लेकिन फिर 27 अप्रैल को उनकी जेल से रिहाई हो गई थी।

बिहार में दो एनएच की 102 किमी लंबी दो लेन बनेगा फोरलेन, केन्द्र सरकार की ओर से टेंडर जारी

डेस्क : बिहार में दो एनएच की 102 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क को फोरलेन का बनाया जाएगा। इनमें एनएच 33 पर 89 किमी और एनएच 22 पर 13 किमी लंबी सड़क शामिल है। इसकी विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाने व निर्माण कार्य शुरू करने के लिए भूमि आदि मामलों का निष्पादन को लेकर एजेंसी चयन के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने निविदा जारी कर दी है। दोनों सड़कों के कार्य के लिए एक ही निविदा जारी हुई है।

एनएच 33 पर अरवल से बिहारशरीफ तक 89 किलोमीटर लंबी सड़क फोरलेन बनेगी। एनएच 33 अरवल से शुरू होकर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के फरक्का तक जाती है, जिसकी कुल लंबाई 443 किलोमीटर है। यह बिहार में अरवल, जहानाबाद, नालंदा, मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर जिला के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए झारखंड में प्रवेश करती है जो आगे पश्चिम बंगाल तक जाती है। 

इस तरह एनएच 33 के 89 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण हो जाने से बिहार के आधा दर्जन जिले समेत झारखंड और पश्चिम बंगाल तक की यात्रा सुगम होगी। बड़ी आबादी को इसका सीधा लाभ मिलेगा। 

वहीं, दूसरी एनएच 22 जो सीतामढ़ी से शुरू होकर मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, पटना, पुनपुन, गया, बोधगया और डोभी होते हुए झारखंड की सीमा तक जाती है। गोसाईडीह बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित है। इस तरह देखें तो दोनों ही एनएच अंतर्राज्जीय महत्व के हैं।

केन्द्र की मोदी सरकार ने जनता से किया एक भी वायदा नही किया पूरा, आज देश में लागू है अघोषित आपातकाल : तेजस्वी यादव

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केन्द्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार देश की जनता के साथ कई वायदे कर सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन आजतक एक भी वायदा पूरा नहीं किया। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि आज देश में अघोषित आपातकाल लागू है। लोकतंत्र का माखौल उड़ाया जा रहा है। संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्यों में क्या हुआ, सबने देखा है। कहा कि वर्ष 2022 तक गरीबी मिटाने का वायदा किया गया था। किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प व्यक्त किया गया, सबको पक्का मकान देने का भरोसा दिलाया गया। लोगों को महंगाई कम करने और प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौजवानों को सरकारी नौकरी दोने का सपना दिखाया गया। इनमें एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ। 

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश में हालात सुधरने की बजाए और बिगड़ते जा रहे हैं। विपक्ष को जबरन दबाया जा रहा है। उनके वायदों पर सवाल पूछने या विरोध करने पर केन्द्रीय एजेंसियों को विपक्ष के पीछे लगा दिया जाता है। उन्हें हर तरह से परेशान करने की कोशिश की जाती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम बिहार में विकास की गति बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। बिहार में सात दलों का गठबंधन है, अब हम राष्ट्रीय स्तर पर सभी को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पीएम मोदी पर बड़ा प्रहार, कहा-मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री रोड शो कर रहे हैं

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मणिपुर में हुई हिंसा की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया है। ललन सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर ट्वीटर पर ट्वीट किया है। जिसमें लिखा है कि मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री कर्नाटक में रोड शो कर रहे हैं।

जदयू अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी- देश के पूर्वोतर में मणिपुर जल रहा है और आप कर्नाटक के चुनाव में रोड शो कर रहे हैं। वहां धार्मिक उन्माद कैसें फैले और चुनाव में कैसे इसका लाभ मिले, इसमें आप व्यस्त हैं। 

मणिपुर की समस्या के निराकरण की बात तो छोड़ दीजिए, आप संवेदना के दो शब्द भी नहीं बोल रहें हैं। ललन सिंह ने कटाक्ष किया है कि वाह रे देश की सरकार-मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री कर्नाटक में बंशी बजा रहे हैं...! 

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद पूरे राज्य में हिंसा फैल गई।

बड़ी खबर : पटना के बेउर जेल में छापेमारी, कई आपत्तिजनक सामान बरामद, सहायक जेलर को शो-कॉज नोटिस

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां अतिसंवेदनशील बेउर जेल में आज रविवार को वरीय आरक्षी अधीक्षक राजीव मिश्रा के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चलाया गया। जिसमें सदर अनुमंडल पदाधिकारी और फुलवारी शरीफ के पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी विक्रम सिंह भी शामिल थे। 

छापेमारी होते ही जेल के अंदर भगदड़ का माहौल बन गया। छापेमारी के दौरान 45 अधिकारी और 125 कांस्टेबल के साथ बेउर जेल के चप्पे-चप्पे को खंगाला गया। इस छापेमारी दौरान जेल के अंदर से 7 मोबाइल 2 सिम 2 चार्जर 2 डाटा केबल 4 मीटर तीन चाकू बरामद किया गया है। 

आपत्तिजनक सामान बरामद होने के बाद जेल के चीफ हेड वार्डन संतोष कुमार, इंचार्ज हेड वार्डन अजय कुमार और ड्यूटी पर तैनात वार्डन अजय कुमार को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं जेल के सहायक जिला राजेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया पलटवार, कहा-पहले समझे देश के हजारों साल का इतिहास

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कर्नाटक में दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत ने ना कभी किसी देश के सामने घुटना टेका है और ना ही टेकेगा। 

कहा कि जेपी नड्डा का बयान उनके राजनीतिक दिवालिएपन को दर्शाता है। उन्हें भारत के हज्जारों साल के इतिहास को समझना चाहिए।

ललन सिंह ने कहा कि भारत की धरती ने राम को भी जन्म दिया है, भगवान महावीर को भी दिया है और गौतम बुद्ध का संदेश भी यहीं से निकला है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वही धरती है, जहां गांधी भी थे, सुभाष चंद्र बोस भी थे, भगत सिंह और चंद्रशेखर भी थे। यहां नेहरू, पटेल जैसे राष्ट्र भक्त भी थे, जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी। यहां लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी बाजपेयी जैसे प्रधानमंत्री भी हुए जिन्होंने एक नहीं कई बार पाकिस्तान के दांत खट्टे किए।

सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के तत्वावधान पटना में ‘स्टार्ट-अप के लिए आउटरीच कार्यक्रम’ का किया गया आयोजन, प्रदेश के अधिकांश स्टार्ट-अप प्रमुख रहे मौजूद


डेस्क : आज शुक्रवार 6 मई को सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के तत्वावधान में भारत सरकार एवं आईबीए के दिशा निर्देशों के तहत पटना में ‘स्टार्ट-अप के लिए आउटरीच कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के अधिकांश स्टार्ट-अप के प्रमुख, एमएसएमई के निदेशक तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सीईओ, विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों एवं सीआईएमपी, बीआईए, बिहार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स तथा अन्य औद्योगिक एवं संस्थाओं के प्रमुख उपस्थित रहें. 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य, बिहार के स्टार्ट-अप्स को वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र से उपलब्ध की जाने वाली सहायता पर परिचर्चा करना था, साथ ही, स्टार्ट-अप्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों के निराकरण में बैंक किस प्रकार अपनी भूमिका निभा सकते हैं, इस सम्बन्ध में सभी स्टार्ट-अप्स से सुझाव भी प्राप्त किये गए.

गौरतलब है कि स्टार्टअप इंडिया के तहत, भारत सरकार ने बहुत से योजनाएं शुरू की हैं जैसे स्टार्टअप लोन, स्टार्टअप क्रेडिट गारंटी, एंजेल फंड, वेंचर कैपिटलएवं स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स जैसी योजनाएं। इन योजनाओं के माध्यम से, भारत के स्टार्टअपों को अधिक से अधिक वित्तीय संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं.

इस मौके पर सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के अंचल प्रमुख, श्री डी.पी, खुराना ने कहा कि,भारत युवाओं का देश है। यहां की 70% आबादी युवा है। युवा में जोश होता है, उत्साह होता है। किसी काम को करने का जुनून होता है। इसीलिए स्टार्टअप इंडिया भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है, इसी उद्देश्य के साथ साल 16 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत में स्टार्टअप इंडिया योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य युवाओं को सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करना था।

कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया में स्टार्ट-अप्स के लिए नयी योजनायें हैं, जिसके तहत उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जाता है तथा उनको बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. आज के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नई सोच के साथ- नई उमंग के साथ स्टार्ट-अप्स शुरू करने वाले उद्यमियों के विचारों को जानना था, उनके बेहतर सुझावों को जानना था, जिसमें बैंक किस प्रकार से उनको और बेहतर सेवाएं दे सकता है.

वहीं इस अवसर पर, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख, श्री आर.आर. सिन्हा ने कहा कि, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया स्वदेशी आन्दोलन से शुरू हुआ एक बैंक है, जिसे 30वर्ष के एक युवा ‘सर सोराबजी पोचखानावाला ने 21 दिसम्बर 1911 को 50 लाख रुपये की प्रारम्भिक पूँजी से सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना की. हमारा देश नयी सोच का देश रहा है, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया भी एक नई सोच का ही परिणाम है, और हम पूरी तरह देश के विकास में कंधे से कंधा मिलकर काम कर रहे हैं. आज सभी बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं तथा स्टार्ट-अप्स के इस महासमर का निश्चित रूप से लाभ मिलेगा और स्टार्ट-अप्स और बेहतर अवसर मिलेगा.

इस अवसर पर निदेशक, एमएसएमई, श्री प्रदीप कुमार, सीईओ, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, श्री दिलीप कुमार सिंह,निदेशक, सीआईएमपी, प्रोफ़ेसर राणा सिंह, अध्यक्ष, बीआईए, श्री अरुण अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स, श्री पी के अग्रवाल, सीजीएम, नाबार्ड, श्री सुनील कुमार, सीईओ, सीआईएमपी, श्री कुमोद कुमार, एसएलबीसी, सहयक महाप्रबंधक, श्री एस.पी. झा एवं स्टार्ट-अप्स , उपस्थित थे.

राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई की गुहार को पटना हाईकोर्ट ने किया मंजूर आदेश, 9 मई को होगी सुनवाई

डेस्क : जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा अंतिरिम रोक लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। जिसे मानते हुए हाईकोर्ट ने 9 मई को सुनवाई का आदेश दिया है। 

दरअसल शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए हाईकोर्ट में एक इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन (आईए) दाखिल की गई और दोपहर बाद महाधिवक्ता पीके शाही ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई।

महाधिवक्ता का कहना था कि कोर्ट ने इस केस में अंतरिम आदेश जारी किया है और अंतिम सुनवाई करने के लिए अगली तारीख तीन जुलाई तय की है। लेकिन, न्याय हित में इस मामले पर जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने उनके अनुरोध को मंजूर करते हुए सरकार की ओर से जल्द सुनवाई करने के लिए दायर आईए पर 9 मई को सुनवाई करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर गुरुवार को रोक लगा दी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को जाति आधारित सर्वे तुरंत बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि एकत्र किए गए डाटा सुरक्षित रखें और किसी भी हाल में अंतिम आदेश पारित होने तक किसी के साथ इसे साझा नहीं करें। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने एक साथ पांच याचिका पर सुनवाई कर 31 पन्ने का अपना अंतरिम आदेश दिया था।

कोर्ट ने इन सभी मामलों पर आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट में मंगलवार से सुनवाई शुरू हुई थी। सबसे पहले आवदकों की ओर से वकीलों ने अपनी दलील पेश की थी। वहीं जाति आधारित गणना को जारी करने के पक्ष में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने पक्ष रखा। दो दिनों तक चली लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट ने अपना अंतिरम आदेश सुरिक्षत रख लिया था। 

बताते चलें कि जातीय गणना दो चरणों में प्रस्तावित है। पहला चरण 21 जनवरी को पूरा हो चुका है। दूसरा चरण 15 मई को पूरा होने वाला था।

बुद्ध जयंती पर बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम नीतीश कुमार, भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की

डेस्क : बीते शुक्रवार को भगवान बुद्ध की 2567वीं जयंती पर बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। उन्होंने पार्क में भगवान बुद्ध, बोधिवृक्ष एवं आनंद बोधि वृक्ष की पूजा की। बौद्धभंते गौतम एवं रेवता भंते ने मुख्यमंत्री को पूजा-अर्चना कराई।

मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि के सामने भगवान बुद्ध की पूजा, परिक्रमा और ध्यान किया। उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं के साथ बैठकर विश्व शांति के लिए मंगल कामना की। साथ ही राज्य एवं देश की सुख, समृद्धि एवं अमन चैन की कामना की। 

मुख्यमंत्री को बौद्ध भंते द्वारा बुद्ध स्मृति पार्क में प्रतिस्थापित बुद्ध की प्रतिमा तथा बोधगया का बोधिवृक्ष तथा श्रीलंका के अनुराधापूरम से लाये गए वृक्ष की पूजा-अर्चना करायी गई। मुख्यमंत्री ने विपश्यना केंद्र जाकर वहां की सारी व्यवस्थाओं की जानकारी ली और वहां ध्यान भी किया। विपश्यना केंद्र के संचालकों ने केंद्र के निर्माण और वहां उपलब्ध करायी जानेवाली सुविधाओं को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बुद्ध म्यूजियम का भी भ्रमण किया। यहां से एक अणे मार्ग स्थित आवास पहुंचकर बौद्ध शिला तथा बोधिवृक्ष की पूजा-अर्चना की।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मंत्री अशोक चौधरी, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, वित्त के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, सीएम के अतिरिक्त परामर्शी मनीष वर्मा, नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणीश चावला, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बुडको एमडी धर्मेंद्र कुमार, पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह, बोध गया टेम्पल मैनेजमेंट कमेटी की सदस्य श्वेता महारथी, एसएसपी राजीव मिश्रा, जदयू नेता नंदकिशोर कुशवाह मौजूद थे।

राजद सुप्रीमो के जातिगत जनगणना होकर रहेगा के बयान पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने किया पलटवार, लालू प्रसाद से किया यह सवाल

डेस्क : बिहार में हो रही जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश की राजनीति गरम है। विपक्ष जहां इस बात को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर है। वही सत्ता में शामिल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा जातिगत जनगणना होकर रहेन की बात की है। 

राजद सुप्रीमों लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह होकर रहेगा। वहीं लालू यादव के इस बयान पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। 

सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद जब 15 साल बिहार की सत्ता में रहे, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? वे भूल जाते हैं कि जातीय जनगणना का 06 जून 2022 का निर्णय उस एनडीए सरकार का था। जिसमें भाजपा शामिल थी। मोदी ने कहा कि बिहार में 15 साल के पति-पत्नी राज में ही नहीं आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित जिन आधा दर्जन राज्यों में गैर-भाजपा दलों की सरकार हैं। वहां भी जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जातीय जनगणना को लेकर अनर्गल बयान देने के बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। 

सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा ने हर फोरम पर जातीय जनगणना का समर्थन किया। हमने पहले इसके लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन अपने अहंकार में आकर नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना। जिससे हाईकोर्ट में सरकार की पराजय हुई। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के भाजपा के सुझाव पर भी ऐसा अहंकारी रुख अपनाया था। जिसके कारण हाईकोर्ट को चुनाव प्रक्रिया पर बीच में ही रोक लगानी पड़ी थी।उस समय हाई कोर्ट के दबाव में सरकार ने आनन-फानन में जो अतिपिछड़ा आयोग बनाया, उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना और अतिपिछड़ों को आरक्षण के मुद्दे पर राजद-जदयू सरकार की कुटिल चाल जनता खूब समझ रही है।