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बंगाल में अब बुरे फंसे मुकुल रॉय बीजेपी या टीएमसी कोई नहीं मान रहा अपना, त्रिशंकु जैसी हो गई है हालत, पढ़िए पूरी रिपोर्ट


 पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल रॉय का हाल त्रिशंकु वाला हो गया है। आज वो बीजेपी और टीएमसी के बीच लटके हुए हैं और कोई पार्टी उन्हें अपना नहीं मान रहा है। टीएमसी में ममता के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता माने जाते थे मुकुल रॉय दरअसल मुकुल रॉय को एक जमाने में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद टीएमसी में दूसरा सबसे ताकतवर नेता माना जाता था।

फिर एक दौर ऐसा भी आया जब उनके सहारे बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम किया। लेकिन अब उन्ही मुकुल रॉय के लिए राजनीतिक हालात इतने बदल गए हैं कि कोई भी उनको अपना मानने को तैयार नहीं है। ममता बनर्जी कह रही हैं कि मुकुल रॉय बीजेपी के विधायक है तो वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी उन पर धोखा देना का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि मई 2021 के बाद पश्विम बंगाल में जब बीजेपी कार्यकतार्ओं पर अत्याचार हो रहा था उस समय जिन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा वह बीजेपी का आदमी नहीं हो सकता है।

अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलूंगा

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय ने फिर से भाजपा में जाने की घोषणा की है। उन्होंने दिल्ली में मीडिया से कहा कि वह यहां गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। उन्होंने अपने बेटे के उस बयान को भी गलत बताया कि उनका पता नहीं चल रहा। रॉय ने कहा, मैं अपनी मर्जी से दिल्ली आया हूं। भाजपा ने यहां मेरे लिए सारी व्यवस्था की है। मुकुल रॉय ने कहा, मैं अब भी भाजपा विधायक हूं और पार्टी के साथ ही रहना चाहता हूं। मुकुल रॉय का फिर से भाजपा में शामिल होने का फैसला तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव से पहले रॉय बंगाल में भाजपा के बड़े नेताओं में थे और विधायक भी बने थे। लेकिन पार्टी के सत्ता में न आ पाने के बाद वह तृणमूल में शामिल हो गए थे ।

दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में फायरिंग, वकील के वेश में आए थे हमलावर

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार को 4 राउंड फायरिंग हुई है। जिसमें एक महिला घायल हो गई है। साकेत कोर्ट में गवाही के लिए आई महिला को एक के बाद एक चार गोलियां मारी गई हैं। घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।घटना के बाद दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया है। सूचना के बाद सारे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।

जानकारी मिल रही है कि हमलावर वकील के वेश में आए थे। उन्होंने महिला को चार गोल मारी हैं। महिला के पेट में गोली लगी है। महिला की हालत खराब बताई जा रही है। उसको इलाज के लिए एम्स ले जाया गया है।

फायरिंग की घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल रहा। लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए। वहीं, घटना की सूचना पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची है। बताया जा रहा है कि महिला की स्थिति नाजुक है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़े नेताओं की बगावत से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परिवारवाद का लगा आरोप, कांग्रेस ने घेरा


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़े नेताओं की बगावत से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परिवारवाद को लेकर भी सवाल उठ रहे। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र समेत लगभग आधा दर्जन नेताओं के परिजनों को टिकट दिया, लेकिन वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा के बेटे को टिकट नहीं दिया गया। कांग्रेस ने भाजपा को इस मुद्दे पर घेरा, लेकिन पार्टी इसे ज्यादा तूल नहीं दे रही।

कर्नाटक में टिकटों को लेकर भाजपा के लगभग आधा दर्जन बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इनमें विधायक व विधान परिषद सदस्य भी शामिल हैं। इसमें एक मुद्दा परिवारवाद का भी रहा। पार्टी ने कुछ नेताओं के परिजनों को तो टिकट दिया, लेकिन कई नेताओं को मायूसी का भी सामना करना पड़ा। बड़े नेताओं में चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को उनकी ही सीट से टिकट दिया, लेकिन पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा के बेटे के दावे को नकार दिया। हालांकि पार्टी ने विधायक आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह को भी विजयनगर और पूर्व विधायक उमेश कट्टी के बेटे निखिल कट्टी को हुक्केरी सीट से टिकट दिया।

पूर्व विधायक के बेटे अश्विनी संपांगी, पूर्व मंत्री के बेटे सोमनगौड़ा पाटिल, गुब्बी से पूर्व विधायक चिक्के गौड़ा के पोते एसडी दिलीप कुमार, मौजूदा विधायक ईश्वर खंडरे के चचेरे भाई प्रकाश खंडरे, विधायक जीटी देवेगौड़ा के दामाद रामचंद्र गौड़ा को भी उम्मीदवार बनाया गया। कोप्पल से लोकसभा सांसद कराडी संगन्ना की बहू मंजुला अमरेश, पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली की पत्नी मंजुला, वरिष्ठ नेता कट्टा सुब्रमण्यम नायडू के बेटे कट्टा जगदीश भी टिकट पाने में सफल रहे।

कर्नाटक में चुनाव के पहले कई झटके लगने के बाद भाजपा अब चुनाव प्रचार अभियान में सामाजिक समीकरणों को साधने में जुट गई है। जगदीश शेट्टार व लक्ष्मण सावदी के पार्टी छोड़ने के बाद लिंगायत समुदाय का समर्थन बरकरार रखने के लिए पार्टी पूर्व मुख्यमत्री बीएस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर काफी निर्भर है। बोम्मई को अब काफी अहमियत भी दी जा रही क्योंकि येदियुरप्पा चुनावी राजनीति से दूर हैं। ऐसे में पार्टी भले ही अभी तक बोम्मई को आगे भी मुख्यमंत्री बनाने की बात खुलकर कहने से बचती रही, लेकिन प्रचार अभियान में उनको काफी प्रमुखता से उभारा जाएगा।

पुंछ आतंकी हमलाः बॉर्डर पार पाकिस्तान में रची गई हमले की साजिश, जाने चीन ने कैसे दिया साथ

#jammu_poonch_terror_attack 

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दहशतगर्दों ने सेना के ट्रक को निशाना बनाया और उस पर ग्रेनेड फेंक दिया। अटैक में 5 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, इसकी साजिश बॉर्डर पार पाकिस्तान से रची गई है। इधर पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। 

पाकिस्तान में रची गई आतंकी हमले की साजिश

सू्त्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 15 दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर ने एलओसी का दौरा किया था। तभी इस साजिश का खाका तैयार किया गया था। बताया गया है कि इस दौरे के दौरान ही पाकिस्तानी आर्मी के बड़े अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की। बैठक में कर्नल सुल्तान को जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई और साथ में जम्मू कश्मीर में कैसे आतंकवाद को रिवाइव करना है उसकी भी जिम्मेदारी दी गई।

भारत के खिलाफ षड्यंत्र में चीन भी शामिल

यहीं नहीं पाक की इस नापाक साजिश में चीन भी शामिल है। आतंकवादियों ने जवानों पर फायरिंग करने के लिए चीन की बनी बुलेट्स का इस्तेमाल किया है। ये चाइनीज बुलेट आतंकियों की तरफ से डांगरी में हुए टारगेटिंग किलिंग में भी इस्तेमाल की गई थीं। इससे साफ जाहिर हुआ है कि चीन आतंकवादियों को गोला-बारूद सप्लाई कर रहा है। दोनों देश मिलकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।

सेना ने हमले में शहीद जवानों के नाम व तस्वीरें जारी की

इधऱ, भारतीय सेना ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले पांच जवानों के नाम व उनकी तस्वीरें जारी की हैं। शहीद जवानों में पांच जवान पंजाब तो एक जवान ओडिशा से हैं। शहीद सैनिकों में हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्न सिंह और सिपाही सेवक सिंह हैं।

बीते दो सालों में हुए 4 बड़े आतंकी हमले

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी हमलों में कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद आतंकियों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकी है। बीते दो सालों में जम्मू-कश्मीर में 4 बड़े आतंकी हमले हुए हैं। 11 अक्टूबर, 2021 को पुंछ जिले के सुरंग कोट तहसील में हुए एक आतंकी हमले में पांच भारतीय सेना के जवानों की शहादत हुई थी। 16 अक्टूबर, 2021 को पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हुए थे। 11 अगस्त, 2022 को राजौरी के परगल इलाके में आर्मी कैंप में हुए एक आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हुए थे, जबकि इस हमले को अंजाम देने वाले दोनों हमलावर फिदायीन को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। वहीं, 1 जनवरी, 2023 को राजौरी के डांगरी में हुए एक आतंकी हमले में हिंदू समुदाय के 7 लोगों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था।

ट्विटर ने हटाए कई हस्तियों के ब्लू टिक, टाटा से लेकर अडानी और राहुल से लेकर सीएम योगी तक के नाम शामिल, इस खिलाड़ियों के साथ भी “खेला

#twitterremovesblue_ticks

ट्विटर ने वेरिफाइड अकाउंट से फ्री ब्लू टिक हटा दिए हैं। जिन लोगों ने ब्लू ट‍िक प्लान के लिए पेमेंट नहीं क‍िया था, उनके ट्वि‍टर अकाउंट से ब्लू टिक हटा द‍िया गया है।ट्विटर के इस एक्शन के बाद कई बड़े अरबपति बिजनेसमैन, दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर कई बड़े राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए गए हैं।अब तक ये मुफ्त में ब्लू टिक का लाभ उठाते चले आ रहे थे, लेकिन अब इन अरबपति कारोबारियों को भी ब्लू टिक के लिए पैसे चुकाने होंगे। तभी ब्लू टिक की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

कई द‍िग्‍गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा

ट्विटर की इस नए फीचर्स के लागू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, सलमान खान, शाहरुख खान सहित कई सेलिब्रेटी के ब्‍लू ट‍िक हट गए हैं। अम‍िताभ बच्‍चन, व‍िराट कोहली, सच‍िन तेंदुलकर का भी ट्व‍िटर से ब्‍लू ट‍िक हट गया है। इसके अलावा यूपी के बसपा सुप्रीमो मायावती, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित कई द‍िग्‍गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया।

इन खिलाड़ियों ने खोया ब्लू टिक

ट्विटर ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा, दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ब्लू टिक हटा दिया। टिक खोने वालों में महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी हैं।ट्विटर ब्लू टिक खोने वालों में पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम भी हैं। के अलावा पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी, पूर्व कप्तान शोएब मलिक और पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के ट्विटर अकाउंट से भी ब्लू टिक को हटा दिया गया है।

ऐसे पा सकते हैं ब्लू टिक

अब अगर अपने ट्विटर अकाउंट पर ये दिग्गज ब्लू टिक चाहते हैं या फिर पहले से मिले ब्लू टिक को वापस पाना चाहते हैं तो उन्हें वेब ट्विटर ब्लू टिक के सब्सक्रिप्शन के लिए 650 रुपए प्रतिमाह चुकाने होंगे और मोबाइल यूजर्स को 900 रुपए हर महीने देने होंगे। अगर वह एक साल के लिए ब्लू टिक का सब्सक्रिप्शन लेते हैं तो 6800 रुपए ईयरली प्लान के लिए देने होंगे और मोबाइल यूजर्स को 9400 रुपए सालाना देने होंगे। इसके साथ ही 12 फीसदी छूट का भी लाभ उठा सकते हैं।ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक का सब्सक्रिप्शन लेने वालों के लिए एलन मस्क ऑफर भी पेश कर रहे हैं। लेकिन ये ऑफर आपको एक साल के प्लान पर मिलेगा। ब्लू टिक के लिए एक साल वाले सब्सक्रिप्शन प्लान पर 12 फीसदी की स्पेशल छूट दी जा रही है। यह 12 फीसदी छूट लाभ मोबाइल यूजर्स और नोन मोबाइल यूजर्स दोनों के लिए एविलेवल है।

क्या है ट्विटर ब्लू?

मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद ही कई नए फैसले लिए थे, जिसमें ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन भी शामिल है। ट्विटर ब्लू के तहत ब्लू टिक के लिए यूजर्स को हर महीने एक तय राशि देनी होती है। भारत में ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन की सुविधा कुछ समय पहले ही लॉन्च हुई है। ट्विटर ब्लू की भारत में मोबाइल के लिए हर महीने 900 रुपये और वेब वर्जन के लिए 650 रुपये की कीमत तय की गई है।बता दें कि लेगेसी वेरिफाइड अकाउंट से ब्लू टिक हटाने का ऐलान एलन मस्क ने 12 अप्रैल को ही कर द‍िया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि 20 अप्रैल से लेगेसी ब्लू टिक मार्क वेरिफाई अकाउंट से हट जाएगा। मस्क ने कहा था क‍ि अगर ब्लू टिक चाहिए तो इसके लिए हर महीने पेमेंट करना पड़ेगा।

नोबेल विजेता अमर्त्य सेन को विश्व भारती की नोटिस, 13 डेसीमल जमीन खाली करने का अल्टीमेटम

#visva_bharati_notice_nobel_winner_amartya_sen_to_vacate_13_decimals_land 

पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी की ओर से नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को नोटिस दिया गया है। अमर्त्य सेन को 15 दिन के अंदर जमीन खाली करने का नोटिस दिया है। इसके अनुसार, छह मई तक या 19 अप्रैल को जारी अंतिम आदेश के 15 दिन के अंदर 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर तय समय-सीमा तक जमीन खाली न हुई तो उन्हें जबरन हटाया जाएगा।

विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने बुधवार को नोबेल प्राइज विनर अमर्त्य सेन को एक नोटिस जारी किया।यूनिवर्सिटी का दावा है कि सेन ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बेदखली के आदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को 6 मई तक या 19 अप्रैल को अंतिम आदेश के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर 13 डेसीमल भूमि को खाली करने के लिए कहा है। जिस पर वह कथित रूप से अनधिकृत तरीके से रह रहे हैं।

नोटिस में कहा गया है, "अमर्त्य कुमार सेन और सभी संबंधित व्यक्तियों को वहां से किसी भी प्रकार से बेदखल किया जाना है। यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित परिसर के उत्तर-पश्चिम कोने में 50 फीट x 111 फीट के आयाम वाली 13 डिसमिल भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाना है। संयुक्त रजिस्ट्रार आशीष महतो द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि "इस प्रकार वह अनुसूचित परिसर में केवल 1.25 एकड़ भूमि पर कानूनी रूप से पट्टे की शेष अवधि के लिए रह सकते हैं। उनके पास अनुसूचित परिसर में 1.38 एकड़ भूमि पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।

वहीं, सेन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि विश्व भारती ने 1.25 एकड़ जमीन उनके पिता आशुतोष सेन को एक निश्चित समय के लिए किराए पर दी थी। जबकि विवाद वाली 13 डिसमिल जमीन उनके पिता ने खरीद ली थी। उनके पास यह साबित करने के लिए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट हैं।

गुजरात दंगाःनरोदा गाम नरसंहार में आया अहमदाबाद की विशेष कोर्ट का फैसला, सभी आरोपी बरी

#narodapatiyacase 

साल 2002 में गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाव में हुए नरसंहार मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी।इस मामले के आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे।मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

गोधरा ट्रेन कांड के एक दिन बाद हुई थी हिंसा

बता दें कि गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे।28 फरवरी को अहमदाबाद के नरोडा गांव में हुई घटना के 6 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। इस मामले की सुनवाई 2009 से शुरु हुई थी। मामले में 187 लोगों से पूछताछ हुई थी। जबकि 57 चश्मदीद के बयान भी दर्ज किए गए थे इस मामले में 13 साल से सुनवाई चल रही थी।

अमित शाह भी बचाव पक्ष के गवाह के रूप में हो चुके हैं पेश

सितंबर 2017 में भाजपा के वरिष्ठ नेता (अब केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह भाजपा नेता माया कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में अदालत के समक्ष पेश हुए थे। कोडनानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें यह साबित करने के लिए बुलाया जाए कि घटना के दिन वह गुजरात विधानसभा में और बाद में सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं, न कि नरोदा गाम में, जहां नरसंहार हुआ था।

कौन हैं माया कोडनानी?

माया कोडनानी का पूरा नाम माया सुरेंद्रकुमार कोडनानी है। वह पेशे से गाइनोकोलोजिस्ट हैं। उन्होंने बरोदा मेडिकल कॉलेज में लंबे समय तक अपनी सेवाएं भी दीं। राजनीति में प्रवेश के साथ ही उन्होंने पहली बार 1995 में निकाय चुनाव में लड़ा। इसके बाद वह गुजरात के 12वें विधानसभा चुनाव में नरोडा सीट से विधायक के तौर पर चुनी गईं। बाद में वह गुजरात सरकार में वुमेन एंड चाइल्ड डेवलेप्मेंट मंत्री भी रहीं। वर्ष 2002 में गुजरात दंगों में इनकी भूमिका के लिए निचली अदालत ने वर्ष 2012 में दोषी करार दिया था। इस मामले में बाद में उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई।

उत्तरप्रदेश के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करेगी, जिन्होंने उसे रखने की सलाह दी थी, पंजाब के सीएम का फैसला

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को कहा कि यूपी के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर हुए कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करने पर विचार कर रही है जिन्होंने यह आदेश दिया था।

आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पुलिस जांच के आदेश से खुलासा हुआ था कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल और तीन महीने के लिए रोपड़ की जेल में बंद थे। उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे।

एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी द्वारा की गई जांच में कुछ जेल अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से रिश्वत लेने और उन्हें रोपड़ में जेल में रखने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की सिफारिश की गई है। आप सरकार ने पिछले साल जांच के आदेश दिए थे।

सीएम मान ने गुरुवार को कहा कि उनके खिलाफ 48 बार वारंट जारी किया गया, ताकि उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा जा सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें यहां जेल में रखने का कानूनी खर्च 55 लाख रुपये था। हम यह खर्च उन मंत्रियों से वसूलने पर विचार कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें रोपड़ जेल में रखने का फैसला किया।

अजब गजब, उत्तराखंड के पौड़ी में बंदरों को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा, कैद हो गया गुलदार, देखकर छूटे लोगों के पसीने

 उत्तराखंड के पौड़ी में नागदेंव रेंज के अणेथ गांव में वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था लेकिन पिंजरे में बंदर की जगह गुलदार फंस गया। जबकि एक अन्य गुलदार मौके से भाग गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और गुलदार का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल जांच में गुलदार स्वस्थ मिला। वन विभाग की टीम जल्द ही गुलदार को जंगल में छोड़ देगी।

गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज स्थित अणेथ गांव व आसपास के गांवों में बंदरों का उत्पात बना हुआ है। एक ग्रामीण ने बताया कि बंदर अब तक कई लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं। बंदर घरों में घुसकर खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

 ग्रामीणों की मांग पर कुछ माह पहले वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। पिंजरे में अभी तक कोई बंदर नहीं फंसा। अणेथ गांव में एक ग्रामीण ने बताया कि वह सुबह पांच बजे उठे तो देखा कि घर के पास बंदर पकड़ने के लिए लगाए पिंजरे में गुलदार फंसा है।

एक अन्य गुलदार पिंजरे के पास घूम रहा है। शोर मचाने के बाद दूसरा गुलदार भाग गया। इसके बाद उन्होंने सूचना ग्रामीणों और वन विभाग को दी। ग्रामीणों ने कहा कि बंदर से परेशान थे अब गुलदार भी आ धमका है।

उन्होंने वन विभाग से प्रभावित क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की। वहीं नागदेव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि गुलदार करीब एक साल की मादा है। उसे रेस्क्यू कर मॉडल क्रू स्टेशन बुआखाल लाया गया। मेडिकल परीक्षण में वह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है।

माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी को पकड़ने में यूपी की पुलिस नाकाम, दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी है घोषित



उत्तर प्रदेश में माफिया की पत्नियों को पड़कने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। दोनों पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ है। पुलिस की टीमें दोनों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है।

प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई थी। 25 फरवरी को उमेश की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता, अतीक के बेटे, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान समेत अतीक के कई अज्ञात गुर्गों और सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया था। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस फरार शाइस्ता की तलाश में जुटी है। शाइस्ता पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी है। शाइस्ता किसी सुरक्षित ठिकाने पर छिपी है। शाइस्ता बेटे के एनकाउंटर के बाद और अपने शौहर और देवर की हत्या के बाद चेहरा तक देखने के लिए नहीं आईं। 

वहीं, अशरफ की पत्नी जैनब भी फरार है। जैनब भी अपने शौहर के जनाजे में शामिल नहीं हुई थी। जैनब भी अपने शौहर का आखिरी बार चेहरा देखने नहीं पहुंची थी। दरअसल, उमेश पाल की हत्या के दौरान जैनब अपने घर पर थी। पुलिस जैनब को पकड़कर लाई और पूछताछ के बाद शांति भंग में चालान कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने जैनब को भी वांछित कर दिया।