पीएम मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, कहा-भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।आज के कार्यक्रम के लिए चीन को भी न्योता गया था लेकिन उसकी सीट खाली रही। हां, ताइवान से जरूर प्रतिभागी शामिल हुए हैं। सबसे बड़ा बौद्ध दल वियतनाम से आया है। इस कार्यक्रम में दलाई लामा को भी आना था लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह शामिल नहीं हो सके।
बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा-पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति हमें भगवान बुद्ध की उपस्थिति का एहसास कराती है।पीएम ने कहा कि भारत ने सिद्धांत, व्यवहार एवं अनुभव के रास्ते पर चलते हुए भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण किया है। इन सभी में भारत तेजी से आगे बढ़ा है। भारत ने इतने सारे क्षेत्रों में अपना पहला स्थान हासिल किया है और उसने भगवान बुद्ध से उसी के लिए महान प्रेरणा प्राप्त की है। पीएम ने कहा कि बुद्ध का मार्ग सिद्धांत, अभ्यास और अहसास है। पिछले 9 वर्षों में भारत इन तीनों ही बिन्दुओं पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। भूकंप की चपेट में आने के बाद तुर्किये सहित अन्य लोगों की मदद करने वाले देश का हवाला देते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने हर इंसान के दर्द को अपना माना है
चीन को बड़ा संदेश
पीएम ने युद्ध और शांति की बात करते हुए चीन को बड़ा संदेश दिया। बॉर्डर पर बार-बार दुस्साहस करने वाले चीन को इशारों में मैसेज देते हुए पीएम ने कहा कि कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र में मैंने गर्व के साथ कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।’उन्होंने कहा, ‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का यह बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है।
हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के साथ विश्व हित भी हो-पीएम मोदी
वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सभी को अपने आस-पास गरीबी से जूझ रहे लोगों के बारे में और साथ ही संसाधनों के अभाव में फंसे देशों के बारे में सोचना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘एक बेहतर और स्थिर विश्व की स्थापना के लिए यही एक मार्ग है। आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।
विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में नहीं-पीएम मोदी
आज एक ओर महीनों से दो देशों में युद्ध चल रहा है तो वहीं दुनिया आर्थिक अस्थिरता से भी गुजर रही है। आतंकवाद और मज़हबी उन्माद जैसे खतरे मानवता की आत्मा पर प्रहार कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती पूरी मानवता के अस्तित्व पर आफत बनकर मंडरा रही है। ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं। पारिस्थितकीय तंत्र नष्ट हो रहे है। प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इन सबके बीच हमारे आप जैसे करोड़ों लोग भी हैं जिन्हें बुद्ध में आस्था है और जीव मात्र के कल्याण में विश्वास है। प्रधानमंत्री ने इस उम्मीद को धरती की सबसे बड़ी ताकत करार दिया और कहा कि जब यह ताकत एकजुट होगी तो बुद्ध का धम्म विश्व की धारणा बन जाएगा और बुद्ध का बोध मानवता का विश्वास बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान सैंकड़ों वर्ष पहले दिए गए बुद्ध के उपदेशों में न हो।
Apr 20 2023, 17:52