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अमेरिका में इस दवा के असर से जॉम्बी जैसी हरकत कर रहे लोग, कई शहरों में बढ़े मामले

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क्या आपने जॉम्बी वाली मूवी देखी है। हॉलीवुड की कई फिल्में है, जिसमें ये देखा गया है कि किसी खतरनाक वायरस की चपेट में आकर लोग जॉम्बी बनते जाते हैं। क्या आप हकीकत में इस तरह की कल्पना कर सकते हैं। अगर नहीं तो आपतो बता दें कि अमेरिका में ऐसा ही हो रहा है। एक नए ड्रग ने अमेरिका के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है।अमेरिका में एक नई ड्रग के इस्तेमाल से लोगों की त्वचा सड़ रही है और वह जॉम्बी जैसे दिख रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों की इस ड्रग के असर से मौत हो रही है। अमेरिका के कई शहरों में इस ड्रग का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे वहां की सरकार चिंतित है। 

इस नए ड्रग का नाम ज़ायलाज़ीन (Xylazine) है। इस ड्रग की वजह से देश के कई शहरों में तबाही मची हुई है। इसे अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिसट्रेशन (एफडीए) ने जानवरों के इलाज के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन अब इसे हाल ही में फेनटानिल और दूसरे ड्रेग्ज में भी पाया गया। जायलाजिन पशुओं को बेहोश करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

युवा इस दवा को ड्रग के तौर पर इस्तेमाल कर रहे

अमेरिका के कई शहरों में युवा भी इस दवा को बतौर ड्रग इस्तेमाल कर रहे हैं और इससे उन्हें भी बेहोशी जैसी नींद आना, सांसे धीमी हो जाने की समस्या हो रही है। बार-बार इस ड्रग का इस्तेमाल करने वाले या फिर ज्यादा डोज लेने वाले लोगों की मौत भी हो रही है। साथ ही इस ड्रग के इस्तेमाल से लोगों की त्वचा सड़ रही है और वह जॉम्बी जैसे दिख रहे हैं।

जायलाजीन के प्रभाव

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक जायलाजीन में नशीले पदार्थों के जैसा प्रभाव होता है जिसे उससे बहुत ज्यादा नींद आती है। यह डिप्रेशन जैसा है। इससे त्वचा पर खुले घाव होने लगते हैं, जो बाद में फैलने लगते हैं। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि पूरे देश के शहरों में जायलाज़ीन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। दवा का उपयोग घातीय दरों पर बढ़ रहा है जहां यह गिरता है, जिससे त्वचा के संक्रमण और ओवरडोज़ का प्रकोप होता है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे पहले ये ड्रग्स फिलाडेल्फिया में पकड़ा गया था। इसके बाद यह सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजेलिस के जरिए देश भर के अलग-अलग शहरों में फैला और इसकी खपत और मांग बढ़ने लगी।

सुप्रीम कोर्ट से महिलाओं को झटका, पीरियड्स लीव की मांग वाली याचिका खारिज

#menstrual_leave_supreme_court_rejected_the_application 

पीरियड्स के दिनों में स्कूल और वर्किंग प्लेस से छुट्टी के संबंध में दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। महिलाओं और छात्राओं के मासिक धर्म के दौरान लीव देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह एक नीतिगत मसला है। इसके लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय को ज्ञापन दिया जाना चाहिए।

दिल्ली निवासी शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से ये जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि महिलाओं को गर्भावस्था के लिए अवकाश मिलता है, लेकिन मासिक धर्म के लिए नहीं। याचिका में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 के अनुपालन के लिए केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी। जनहित याचिका में सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान छुट्टी के लिए नियम बनाएं। 

इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सरकारी नीति से संबंधित मामला है, इस तरह के मामले में कोई निर्देश देने का मतलब होगा कि महिलाओं की भर्ती में दिक्कत आएगी।अदालत ने कहा कि बेहतर यह होगा कि याचिकाकर्ता इस संबंध महिला बाल कल्याणा विकास मंत्रालय का दरवाजा खटखटाए। लिहाजा यह याचिका खारिज की जाती है। तीन जजों की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वो उनके विचार और तर्क से सहमत हैं। सवाल यह है कि अगर आप नियोक्ता पर छुट्टी के लिए दबाव बनाएंगे तो महिलाओं को नौकरी देने से नियोक्ता बचेंगे। इसके अलावा यह पॉलिसी से जुड़ा मामला है, लिहाजा अदालत दखल नहीं देगी। पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल थे।

याचिका में यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में दिए जाने वाले पीरियड्स लीव का जिक्र किया गया था। कहा गया था कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं और छात्राओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।इस दौरान कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनको पीरियड्स लीव दिए जाने के संबंध में आदेश पारित करना चाहिए।

नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने पर कुमार विश्वास ने उन्हें उत्सव मनाने की दी सलाह, कहा, आज़म साहब की भैंस ढूंढने में लगी रही महान पुलिस आज तुम तक पहुंची


‘यूपी में का बा’ पार्ट 2 पर यूपी पुलिस द्वारा मिली नोटिस के बाद से लोक गायिका नेहा सिंह राठौर सोशल मीडिया के जरिए कई तरह की बातें कह रही हैं। इस बीच उन्होंने बेरोजगारी को लेकर गाया गया एक गीत शेयर करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उनके द्वारा साझा किए गए वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स मजे लेते हुए कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

गायिका नेहा सिंह राठौर ने शेयर किया वीडियो

गायिका नेहा सिंह राठौर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बेरोजगारी को लेकर गाये गए एक गाने को शेयर किया। इस वीडियो के साथ उन्होंने यूपी पुलिस और यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, अपने इस गीत से मैं बेरोजगार युवाओं को रोजगार की मांग करने के लिए उकसा रही हूं। इससे समाज की शांति भंग हो सकती है, युवा उपद्रव कर सकते हैं। सरकार अगर जरूरी समझे तो इस गीत के लिए भी मुझे नोटिस भेज दे।

लोगों ने यूं ली नाम के एक ट्विटर हैंडल से मजे लते हुए लिखा गया, इससे दंगा भड़क सकता है, जल्द ही आपको नोटिस मिल सकती नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया- बिहार में रोज़गार बुला बुला कर दिया जा रहा नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया, बेहतर “लोक कवि” जो “सत्ता” से हमेशा सवाल करती नाम के एक यूजर ने तंज भरे लहजे में कहा- सरकार आपको प्रमोट कर रही है आप टेंशन न नाम एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया कि यहां ससुराल बा, तो ज्यादा चिंता हैं यूपी की, जबकि बेरोजगारी दर यहां 4% से नीचे हैं, बिहार, झारखंड में का बा देखिए कब सुनने को मिलता हैं, शायद 2025 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- वाह क्या बात है, नेहा जी, कला किसी से दबती नहीं है। देश के युवा जब बेरोजगार होंगे तो सरकार जिसको चुना है रोजगार देने के लिए उसी को ही सवाल करेंगे।

कुमार विश्वास ने दिया नेहा सिंह राठौर का साथ

सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर ने नोटिस मिलने की जानकारी दी तो लोग खूब कमेंट्स करने लगे। वहीं, कवि कुमार विश्वास ने नेहा सिंह राठौर का साथ देते हुए लिखा था,”उत्सव मनाओ लड़की। जब किसी जनकवि के गीत गाने भर से पुलिस प्रशासन सरकार विचलित होने लगें तो समझो सरस्वती तुम्हारे कंठ में सही शब्द उतार रही हैं। आज़म साहब की भैंस ढूंढने में लगी रही महान पुलिस आज तुम तक पहुंची है। आरती उतारो दारोग़ा जी की हमने भी पंजाब वालों को लस्सी पिलाई थी।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हर दिन घट रही अडाणी ग्रुप की कुल संपत्ति, शेयरों में भी भारी बिकवाली, पढ़िए, अब कितनी रह गई नेटवर्थ

 कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स रहे गौतम अडाणी के बुरे दिन चल रहे हैं। साल 2023 की शुरुआत ही उनके लिए अच्छी नहीं रही। 24 जनवरी, को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इसके चलते ग्रुप के सभी शेयर करीब 70 से 80% तक टूट गए। हालांकि, बाद में कुछ रिकवरी आई, लेकिन अभी इस मामले की जांच की वजह से शेयरों में कमजोरी देखी जा रही है।

अब इतनी रह गई अडाणी की नेटवर्थ 

अडाणी ग्रुप के शेयरों में कमजोरी के चलते उनकी दौलत भी आए दिन घट रही है। कभी 135 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के मालिक रहे अडाणी की दौलत अब घटते-घटते 40.1 बिलियन डॉलर रह गई है। स्टॉक मार्केट में अडाणी ग्रुप के सभी शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब तक अडाणी ग्रुप पर लगाए हेरफेर के आरोप साफ नहीं हो जाते, तब तक शेयरों में कमजोरी बनी रह सकती है।

अमीरों की लिस्ट में अब कहां है अडाणी?

बता दें कि गौतम अडाणी अमीरों की लिस्ट में भी काफी नीचे आ गए हैं। फोर्ब्स की रियलटाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी अब इस लिस्ट में फिसलकर 27वें नंबर पर पहुंच गए हैं। एक ही दिन में उनकी नेटवर्थ में 3.3 बिलियन डॉलर की कमी आई है। गुरुवार को उनकी कुल संपत्ति 43.4 बिलियन डॉलर थी।

टॉप-10 में बने हुए हैं मुकेश अंबानी 

फोर्ब्स की रियलटाइम

 बिलियनेयर्स लिस्ट में भारत से सिर्फ मुकेश अंबानी का नाम ही शामिल है। अंबानी अब भी इस लिस्ट में 8वें नंबर पर काबिज हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 83.8 बिलियन डॉलर है। वहीं, इस सूची में टॉप पर फ्रांस के मशहूर बिजनेसमैन बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 211.6 बिलियन डॉलर है। वहीं एलन मस्क 194.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

अडाणी ग्रुप के शेयरों की कीमत 

 

अडाणी एंटरप्राइजेज 1295

अडाणी पोर्ट्स 547

अडाणी ट्रांसमिशन 712

अडाणी टोटल गैस 751

अडाणी विल्मर 362

अडाणी पावर 146

अडाणी ग्रीन एनर्जी 486

ACC 1711

अंबुजा सीमेंट 342

NDTV 189

पंजाब की हिंसा पर राजनीतिक घमासान शुरू, कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने इसे देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, यह बड़े खतरे का संकेत

अमृतसर में अजनाला पुलिस थाने पर कब्जा करने की घटना के बाद आप सरकार को विपक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने इस घटना को देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने CM भगवंत मान को गृह मंत्रालय संभालने में असफल बताया है। भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अजनाला की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

कानून व्यवस्था की स्थिति हुई गंभीर 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गयी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इन घटनाओं में एक विशेष पैटर्न था जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान ऐसी स्थिति को प्रोत्साहित करने और उसका फायदा उठाने के लिए हमेशा तैयार है।

गुरु ग्रंथ साहिब के ले जाने पर सवाल

कैप्टन ने अमृतपाल सिंह का विरोध करते हुए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के घटना स्थल पर ले जाने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा गुरु ग्रंथ साहिब को विरोध स्थल पर ले जाने की मंशा ठीक नहीं थी।

पुलिस स्टेशन पर कब्जा खतरनाक घटना

कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अजनाला में पंजाब पुलिस स्टेशन पर कब्जे की घटना को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति के पूर्ण पतन को दर्शाता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP सरकार स्थिति को भांपने में नाकामयाब रही तो भयानक परिणाम होंगे।

उत्तरप्रदेश में भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को पहले पुलिस ने दिया नोटिस अब उनके पति हिमांशु की भी चली गई नौकरी

भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने के बाद उनके पति हिमांशु की भी नौकरी चली गई है। गुरुवार शाम को उन्होंने अपने संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया है। बात दें कि हिमांशु एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में राइटर का काम करते थे।

एक मीडिया संस्थान क्विंट हिंदी से बातचीत में नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु ने कहा कि, कुछ निजी कारण था। मैं थोड़ा अनियमित भी था वहां पर। पर जैसे ही नोटिस मुझे यहां पर जारी हुआ, वहां से मुझे बुलाकर रिजाइन मांगा गया।

जब उनसे पूछा गया कि संस्थान द्वारा इस्तीफा मांगने के पीछे क्या वजह बताई गई है। इस सवाल के जवाब में कहा कि, अनियमित रहते हो, अच्छा काम नहीं कर रहे हो टाइप। अपनी जिम्मेदारी नहीं पूरी नहीं कर रहे हो। वही जो सब होता है। हिमांशु ने बताया कि उन्होंने गुरुवार शाम को अपना इस्तीफा दे दिया था।

आज देंगे पुलिस की नोटिस का जवाब

वहीं नेहा सिंह राठौर को मिली नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, नोटिस पर आज जवाब देना है। आज तीसरा दिन है। मैं लखनऊ हाई कोर्ट आया हुआ हूं। आज हम जवाब दे देंगे।

बता दें कि नेहा सिंह राठौर को CrPC की धारा 160 के तहत उनके गाने "यूपी में का बा सीजन- 2" के लिए नोटिस थमाया गया है, जिसमें नेहा ने कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां बेटी की हुई जलकर मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर घेरा है।

नोटिस में नेहा पर 7 बिंदुओं पर सवाल किए गए हैं। नेहा पर यह भी आरोप लगाया गया है उनके गाने की वजह से समाज में वैमनस्यता और तनाव फैला है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते, संन्यासी सबके लिए जीता है

 योग गुरु स्वामी रामदेव ने साहित्य आजतक के मंच से कहा कि अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते। बाबा रामदेव ने कहा कि जो ज्ञान मुझे वेदों, पुराणों, रामायण, महाभारत, भगवद्गीता और पूर्वजों से मिला है, उसमें जो अनुसंधान किया और उसे जमीन पर उतारा। अगर इस इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट कराता तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता।

बाबा रामदेव ने अपने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने एक बार कहा था कि स्वामी रामदेव का टाइम टाटा बिडला, अडानी, जुकरबर्ग, एलॉन मस्क, बारेन बफेट और बिल गेट्स से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वो अपने लिए जीते हैं, लेकिन संन्यासी सबके लिए जीता है। इसलिए उसका समय, ऊर्जा और ज्ञान वो सबके कल्याण के लिए होता है।

...तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता: योगगुरु

एलॉन मस्क का जिक्र करते हुए योगगुरु ने कहा कि उसने कहा कि ऐसी कार बना दूंगा, आसमान में तुम्हारे लिए जगह आरक्षित कर दूंगा, वो टेक्नोलॉजी की बात करता है, लेकिन जो हमारे पास वेदों, पुराणों, धार्मिक पुस्तकों और पूर्वजों का ज्ञान है, उसमें जो रिसर्च की, उसको भुनाता तो एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर स्वामी रामदेव होता, लेकिन हमने विश्व कल्याण के लिए वो ज्ञान दिया।

गंभीर बीमारी वाले मरीजों को ठीक किया: स्वामी रामदेव

बाबा रामदेव ने इसके दावा किया कि हमने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को आयुर्वेद के जरिए ठीक कर दिखाया। उन्होंने कहा कि मेडिकल माफिया एक तरफ, दूसरे पॉलिटिकल माफिया, रिलीजियस माफिया, इंटलैक्चुअल माफिया, मैंने कभी मीडिया माफिया नहीं कहा, लेकिन चारों ओर माफियागीरी चल रही है, हम सबके लिए लड़ते हैं. पूरा मेडिकल सिस्टम नहीं कर पाया, लेकिन हमने डंके की चोट पर करके दिखाया। शुगर के मरीज ठीक नहीं हो सकते हैं, हमने ऐसा करके दिखाया। 100-200 यूनिट इंसुलिन लेने वाले को छुड़वाया। हमने बीपी, थॉयराइड, लीवर, किडनी ट्रांसप्लांट से बचाया। हमने कैंसर को एक-दो महीने में ठीक करके दिखाया। पूरी दुनिया योग-आयुर्वेद और सनातन को फॉलो करेगी। जीवन जीने का कोई और दूसरा तरीका नहीं है।

 

साहित्य के साथ हुई छेड़छाड़: रामदेव

इससे पहले स्वामी रामदेव ने कहा कि साहित्य के साथ छेड़छाड़ हुई है। इतिहास की पुनर्लेखन की न सही, लेकिन पुनर्व्याख्या की जरूरत है। जिस तरह से भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। इसमें हमने कुछ संघर्ष झेले हैं। उन्होंने कहा कि हम 200 साल से पढ़ते आ रहे हैं कि भारत 1000 साल तक गुलाम रहा, भारत गुलाम नहीं, संघर्षरत रहा। हमने कभी मुगलों या अंग्रेजों की पराधीनता स्वीकार नहीं की।

खालिस्तान की मांग को बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाए कि इसके क्या होंगे इसके भू-राजनीतिक लाभ?ये क्या बोला 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल ने

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वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया गया है।ये वही लवप्रीत तूफान है, जिसके कारण गुरूवार को पंजाब में जमकर बवाल मचा।गुरुवार 23 फरवरी को हजारों की संख्या में निहंग सिख थाने को घेर रखा था। मांग थी कि अमृतपाल सिंह के समर्थक लवप्रीत तूफान को रिहा किया जाएगा।लेकिन जब पुलिस ने बात नहीं सुनी तो हाथों में तलवार थाने पर धावा बोल दिया।हाथों में हथियार और तलवार लेकर पुलिस थाने पर कब्जा कर लिया।पुलिस पर पथराव किया गया।अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस कर्मचारियों के साथ बुरी तरह मारपीट भी की।

खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता-अमृतपाल

अपने बवाल के बल पर पुलिस से साथी की रिहाई करने वाले ये वो लोग हैं जो पंजाब में खालिस्तान की मांग को हवा दें रहे हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि खालिस्तान के हमारे उद्देश्य को बुराई और वर्जित के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए कि इसके भू-राजनीतिक लाभ क्या हो सकते हैं। यह एक विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। हम दिल्ली से कुछ नहीं मांग रहे हैं।

‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रवाद को पवित्र ना मानते हुए स्पष्ट किया कि लोकतंत्र का विचार अलग होना चाहिए।

अमित शाह को दी थी धमकी

इससे पहेल पंजाब के 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार को अमृतसर में जमकर हंगामा किया था। अपने साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने थाने के बाहर तलवारें लहराईं, जिसमें छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर धमकी भी दी और कहा कि अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने नहीं देंगे। तो मैंने कहा भी कहा है कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसी ही गलती की थी और अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आपको भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

क्या है मामला ?

17 फरवरी को अमृतपाल सिंह, उसके छह साथियों और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना अजनाला में पुलिस ने वरिंदर सिंह नाम के युवक के बयान पर मामला दर्ज किया था। वरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि अमृतपाल और उसके साथियों ने उसका अपहरण किया, मारपीट की और उसके ककारों की बेअदबी की। उसकी धन राशि भी लूट ली। इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के साथियों को पकड़ने के लिए छापमारी शुरू कर दी थी। गुरुवार को अमृतपाल ने पंजाब भर के अपने समर्थकों को थाना अजनाला पहुंचने का आह्वान किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मीडिया पर नहीं लगा सकते रोक, अडानी मामले में रिपोर्टिंग पर पाबंदी की मांग वाली याचिका खारिज

#supreme_court_rejects_plea_to_stop_media_covering_adani_case 

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अदालत का फैसला आने तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर मीडिया की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की गयी थी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'हम मीडिया को कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं करने जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी के आरोपों से अडानी समूह के शेयरों में जारी गिरावट पर जनहित याचिकाओं के एक बैच पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ताओं में से एक के सुझाव और जनहित याचिकाओं के एक बैच में फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार कर दिया था। 

यही नहीं, कोर्ट ने 17 फरवरी को शेयर बाजार के लिए रेगुलेटरी उपायों को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों के एक प्रस्तावित पैनल पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। 17 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत अपने दम पर एक समिति नियुक्त करेगी, क्योंकि सरकार के सीलबंद कवर सुझाव को स्वीकार करने से यह आभास हो सकता है कि यह सरकार की तरफ से नियुक्त की गई समिति है। इसलिए कोर्ट ने सीलबंद कवर में दिए गए सुझाव को भी खारिज कर दिया था।

कांग्रेस में नहीं होगा सीडब्ल्यूसी का चुनाव, पार्टी अध्यक्ष को मिलेगा सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार, अधिवेशन के पहले दिन बड़ा फैसला

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन आयोजित किया गया है। अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए देशभर से कांग्रेस के नेता रायपुर पहुंचे हैं।कार्यक्रम की शुरुआत से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर खास बातें कहीं गई हैं। 

अधिवेशन के पहले दिन पार्टी ने अहम फैसला ले लिया। पार्टी संचालन समिति की बैठक में यह तय किया गया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव नहीं कराया जाएगा। कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई है कि स्टीयरिंग कमेटी में खुलकर बातचीत हुई। सभी सदस्यों ने अपनी बात रखी। सर्वसम्मति से स्टीयरिंग कमेटी ने यह तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार दिया जाए।

खड़गे ने की खुलकर अपनी बात रखने की अपील

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाधिवेशन शुरू होने के बाद शुक्रवार को पार्टी की संचालन समिति के सदस्यों से कहा कि वे कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में खुलकर अपनी बात रखें और सामूहिक रूप से फैसला करें। उन्होंने कहा, कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में सब खुलकर अपनी बात रखिए और सामूहिक तौर पर फैसला लीजिए, आप सबकी जो राय बनेगी, वो मेरी और सबकी राय होगी।

तीन नेताओं ने की सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग

जानकारी के मुताबिक संचालन समिति की बैठक में तीन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग की। इसमें दिग्विजय सिंह, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल रहे। सिंघवी ने कहा कि अभी कोई दिक्कत है तो 2024 लोक सभा चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी चुनाव कराए जाएं।

खरगे ने क्या कहा?

संचालन समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। तब यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कनार्टक में बेलगांव में हुआ था। उन्होंने कम समय में कांग्रेस को गरीब कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों को एक साथ जोड़कर एक आंदोलन बना दिया था। 100 साल बाद उसी संकल्प की जरूरत है। ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

खड़गे ने कहा, कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं। जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने। राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा से देश भर में जो ऊर्जा भरी और महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह जागरूकता फैलाई है, उस जोश को हमें बनाए रखना है।

बैठक में मोदी सरकार पर निशाना साधा। खरगे ने कहा, महाधिवेशन विधानसभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जो एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है। खरगे ने कहा कि आज देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं, लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है, संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं।