कांग्रेस में नहीं होगा सीडब्ल्यूसी का चुनाव, पार्टी अध्यक्ष को मिलेगा सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार, अधिवेशन के पहले दिन बड़ा फैसला
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन आयोजित किया गया है। अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए देशभर से कांग्रेस के नेता रायपुर पहुंचे हैं।कार्यक्रम की शुरुआत से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर खास बातें कहीं गई हैं।
अधिवेशन के पहले दिन पार्टी ने अहम फैसला ले लिया। पार्टी संचालन समिति की बैठक में यह तय किया गया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव नहीं कराया जाएगा। कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई है कि स्टीयरिंग कमेटी में खुलकर बातचीत हुई। सभी सदस्यों ने अपनी बात रखी। सर्वसम्मति से स्टीयरिंग कमेटी ने यह तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार दिया जाए।
खड़गे ने की खुलकर अपनी बात रखने की अपील
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाधिवेशन शुरू होने के बाद शुक्रवार को पार्टी की संचालन समिति के सदस्यों से कहा कि वे कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में खुलकर अपनी बात रखें और सामूहिक रूप से फैसला करें। उन्होंने कहा, कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में सब खुलकर अपनी बात रखिए और सामूहिक तौर पर फैसला लीजिए, आप सबकी जो राय बनेगी, वो मेरी और सबकी राय होगी।
तीन नेताओं ने की सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग
जानकारी के मुताबिक संचालन समिति की बैठक में तीन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग की। इसमें दिग्विजय सिंह, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल रहे। सिंघवी ने कहा कि अभी कोई दिक्कत है तो 2024 लोक सभा चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी चुनाव कराए जाएं।
खरगे ने क्या कहा?
संचालन समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। तब यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कनार्टक में बेलगांव में हुआ था। उन्होंने कम समय में कांग्रेस को गरीब कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों को एक साथ जोड़कर एक आंदोलन बना दिया था। 100 साल बाद उसी संकल्प की जरूरत है। ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
खड़गे ने कहा, कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं। जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने। राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा से देश भर में जो ऊर्जा भरी और महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह जागरूकता फैलाई है, उस जोश को हमें बनाए रखना है।
बैठक में मोदी सरकार पर निशाना साधा। खरगे ने कहा, महाधिवेशन विधानसभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जो एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है। खरगे ने कहा कि आज देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं, लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है, संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं।
Feb 24 2023, 16:25