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दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी अजित पवार की पार्टी, बीजेपी से अलग लड़ेगी चुनाव, इन 11 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

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दिल्ली चुनाव से पहले अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी बिगुल फूंक दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद दिल्ली में एनडीए के घटक दल एनसीपी ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।एनसीपी के संसदीय बोर्ड की मंजूरी के बाद पहले चरण में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है।

प्रत्याशियों के नाम इस प्रकार हैः-

1.बुराड़ी से रतन त्यागी

2.बादली से मुलायम सिंह

3.मंगलोपुरी से खेम चंद

4.चांदनी चौक से खालिदुर्रहमान

5.बल्लीमारान से मोहम्मद हारून

6.छतरपुर से नरेंद्र तंवर

7.संगम विहार से कमर अहमद

8.ओखला से इमरान सैफी

9.लक्ष्मीनगर से नमाहा

10. सीमापुरी से राजेश लोहिया

11. गोकुलपुरी से जगदीश भगत

पिछले दिनों एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि उनकी पार्टी पहले भी दिल्ली में चुनाव लड़ती रही है और इस बार भी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन के लिए एनडीए से भी चर्चा की जाएगी। हालांकि जिस प्रकार एनसीपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कि उससे जाहिर हो गया कि वह बीजेपी के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ रही है।

बता दें कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, जिसमे आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपनी दो उम्मीदवारों की लिस्ट में 47 उम्मीदवारों का ऐलान अबतक किया है बाकी उम्मीदवारों का ऐलान होना अभी बाकी है। वही अवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही एनसीपी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री पर नहीं बनी बात, रामदास आठवले ने दी ये सलाह

#maharashtra_cm_name 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के 3 दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो सका है। महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया गतिरोध में है। मुख्यमंत्री की भूमिका कौन संभालेगा, इस पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई है। 23 नवंबर को राज्य के चुनाव परिणाम घोषित होने के बावजूद, सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक अपने सीएम उम्मीदवार पर कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, यह तय माना जा रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उनको अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

इस बीच बड़ी जानकारी सामने आई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान की ओर से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्री पद या राज्य में डिप्टी सीएम पद की पेशकश की गई है।

आठवले ने किया फडणवीस का समर्थन

केंद्रीय मंत्री और महायुति के पार्टनर रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा बहुमत मिला है, इसलिए सीएम पद उसे ही मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सीएम हो सकते हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे को दिल्ली में एडजस्ट करने की सलाह दी। केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि जब एकनाथ शिंदे को पता चला कि बीजेपी आलाकमान ने (महाराष्ट्र के) सीएम के रूप में देवेंद्र फड़नवीस को चुना है, तो वह थोड़े नाखुश हैं, जिसे मैं समझ सकता हूं। लेकिन बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं और इसलिए मुझे लगता है कि कोई रास्ता निकलना चाहिए। देवेंद्र फडनवीस को सीएम बनाया जाना चाहिए। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पदभार संभाल सकते हैं। अगर वह डिप्टी सीएम बनने के इच्छुक नहीं हैं, तो उन्हें पीएम मोदी की कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि देवेंद्र फड़णवीस सीएम बनें।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए मुख्यमंत्री के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग फाइनल हो चुका है।

फडणवीस के CM बनने पर नई सरकार में पहले की ही तरह दो डिप्टी CM होंगे। NCP की ओर से अजित पवार और शिवसेना की ओर से शिंदे किसी नए विधायक का नाम आगे कर सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार का एजेंडा तय करने के लिए तीनों दलों की एक कमेटी बनाई जा सकती है, जिसके मुखिया एकनाथ शिंदे हो सकते हैं। हालांकि शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने इससे इनकार किया।

क्या महाराष्ट्र में बीजेपी की प्रचंड जीत राज्य के भविष्य को देगी नई दिशा?

#howwillbjpruleaffect_maharastra

महाराष्ट्र, जो भारत के सबसे जनसंख्या वाले और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है, हमेशा देश की राजनीतिक कथा में एक केंद्रीय स्थान रखता है। हाल ही में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महत्वपूर्ण जीत ने राज्य के शासन, आर्थिक दिशा और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरे प्रभाव डालने की संभावना जताई है। महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत राज्य के भविष्य को कैसे आकार दे सकती है, खासकर शासन, आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ में।

महाराष्ट्र में बीजेपी की वृद्धि

महाराष्ट्र, जिसका ऐतिहासिक राजनीतिक परिप्रेक्ष्य काफी समृद्ध रहा है, हमेशा से ही राजनीति का अहम केंद्र रहा है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) जैसे दल दशकों तक राज्य की राजनीति में हावी रहे हैं, जिनमें शिवसेना ने मुंबई और इसके आस-पास के इलाकों में प्रमुख स्थान बनाए रखा। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने राज्य में अपनी बढ़ती ताकत के संकेत दिए हैं, जिसका नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं ने किया।

बीजेपी की हाल की चुनावी जीत एक ऐसे समय पर आई है, जब राज्य कई चुनौतियों और अवसरों का सामना कर रहा है। बीजेपी की मजबूत राजनीतिक संरचना और राष्ट्रीय पैठ को देखते हुए यह जीत पार्टी के विचारधारा, नेतृत्व और भविष्य की दृष्टि के समर्थन के रूप में देखी जा रही है। यह जीत महाराष्ट्र की राजनीतिक धारा में हो रहे परिवर्तनों का भी प्रतीक है, जहां क्षेत्रीय दलों को बीजेपी की राष्ट्रीय अपील और केंद्रीकृत शासन मॉडल से चुनौती मिल रही है।

आर्थिक प्रभाव: विकास और निवेश

महाराष्ट्र भारत की आर्थिक धुरी है, जो देश के जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन और वित्तीय सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई के घर के रूप में, राज्य देश की आर्थिक प्रगति में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। हालांकि, अपनी आर्थिक ताकतों के बावजूद, महाराष्ट्र को संतुलित क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे की वृद्धि और सामाजिक कल्याण के संदर्भ में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

बीजेपी की जीत राज्य की आर्थिक दिशा पर गहरे प्रभाव डालने वाली है। बीजेपी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक वृद्धि और निवेश को आकर्षित करने पर खास जोर दिया जा सकता है। पार्टी ने हमेशा व्यवसाय समर्थक एजेंडे का समर्थन किया है, जिसमें ब्योरोक्रेसी की बाधाओं को कम करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है।

औद्योगिक वृद्धि और निवेश:  

महाराष्ट्र में कई प्रमुख उद्योगों जैसे विनिर्माण, वित्त और प्रौद्योगिकी का वर्चस्व है। बीजेपी के व्यापार समर्थक रुख के कारण राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ सकता है, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र को केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं का भी फायदा मिल सकता है, जो देश में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू की गई हैं। विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) और औद्योगिक केंद्रों पर भी पार्टी का ध्यान रहेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो नई और बढ़ती तकनीकों के लिए उपयुक्त हैं, जैसे बायोटेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहन। मुंबई-पुणे कॉरिडोर जैसे वैश्विक बाजारों के नजदीक स्थित होने के कारण महाराष्ट्र औद्योगिक और निर्यात-आधारित वृद्धि के लिए एक प्रमुख स्थान बन सकता है। बीजेपी के व्यापार-समर्थक नीतियों से महाराष्ट्र को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने में मदद मिल सकती है।

कृषि क्षेत्र का विकास:  

कृषि, जो अभी भी महाराष्ट्र की बड़ी हिस्सेदारी वाले क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करती है, एक ऐसा क्षेत्र है जो सुधार की दिशा में काफी पीछे रहा है। राज्य में जलसंकट, खराब फसल पैदावार और कृषक संकट जैसी समस्याएं सामने आई हैं। बीजेपी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई कृषि सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रही है, महाराष्ट्र में भी कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए योजनाएं लागू कर सकती है। बीजेपी राज्य में सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने, किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है। पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) और कृषि आधारित उद्योगों जैसे कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण महाराष्ट्र के लिए भी कई योजनाओं की संभावना है।

स्वास्थ्य और शिक्षा:  

महाराष्ट्र का स्वास्थ्य ढांचा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। बीजेपी के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सस्ती चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने और पोषण एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया जा सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं जैसे 'आयुष्मान भारत' को राज्य स्तर पर लागू करने के प्रयासों से लाखों परिवारों को लाभ हो सकता है। शिक्षा क्षेत्र में, बीजेपी गुणवत्ता को बेहतर बनाने, डिजिटल शिक्षा के विस्तार और व्यावसायिक प्रशिक्षण में निवेश पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। खासकर महाराष्ट्र के विविध आर्थिक आधार के मद्देनजर, पार्टी का युवाओं की कौशल विकास पर जोर देना अहम रहेगा। इस कदम से बेरोजगारी दर को कम करने में मदद मिल सकती है और राज्य के युवाओं को भविष्य के उद्योगों के लिए तैयार किया जा सकता है।

क्षेत्रीय असमानताएं:  

महाराष्ट्र में क्षेत्रीय असमानताएं एक बड़ी चुनौती रही हैं। जबकि मुंबई और पुणे ने तेजी से शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का लाभ उठाया है, वहीं विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र अभी भी गरीबी, अविकास और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। बीजेपी की सरकार द्वारा इन क्षेत्रों के लिए उचित नीतियों को लागू करना महत्वपूर्ण होगा। हालांकि पार्टी का केंद्रीकृत शासन मॉडल शहरी विकास को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों को भी समुचित विकास मिले। ग्रामीण महाराष्ट्र में पीएमएवाई, कौशल विकास, और स्थानीय उद्यमिता जैसी योजनाओं के तहत विकास का लाभ मिल सकता है।

राजनीतिक परिदृश्य: गठबंधन और आने वाली चुनौतियाँ

बीजेपी की जीत राज्य की राजनीतिक धारा में बदलाव का संकेत देती है। राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसी क्षेत्रीय ताकतों को कमजोर कर, बीजेपी एक मजबूत विपक्षी बनकर उभरी है। हालांकि, बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से मजबूत विरोध का सामना करना पड़ेगा, खासकर शिवसेना से, जो महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभावी है। इसके अलावा, बीजेपी को राज्य में स्थानीय पहचान, आरक्षण नीति और क्षेत्रीय स्वायत्तता जैसे मुद्दों पर संतुलन बनाए रखने की चुनौती हो सकती है। इन मुद्दों पर सही दिशा में काम करके ही बीजेपी राज्य में स्थिरता और विकास सुनिश्चित कर सकती है।

महाराष्ट्र के लिए एक नई शुरुआत?

बीजेपी की जीत महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है। राज्य की विकास योजनाओं, व्यापार-समर्थक नीतियों और बुनियादी ढांचे पर जोर देने से राज्य में आर्थिक वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, राज्य की सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताओं को देखते हुए, पार्टी का असली परीक्षा तभी होगी जब वह इन मुद्दों को हल करने में सक्षम होगी। महाराष्ट्र का भविष्य बीजेपी के हाथों में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस तरह से इन चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करती है, ताकि राज्य के समग्र विकास और राजनीतिक स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

सरायकेला : झारखंड विधान सभा निर्वाचन 2024 परिणाम
विधानसभा आम निर्वाचन 2024

48- जमशेदपुर पूर्व

मतगणना अपडेट राउंड- 9/21 ...1. डॉ. अजय कुमार, कांग्रेस -28991 2. आनंद कुमार पत्रलेख, बहुजन समाज पार्टी -211 3. पूर्णिमा साहू, भारतीय जनता पार्टी -50671 4. इंदल कुमार सिंह, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक-263 5. कृष्णा हांसदा, भारत आदिवासी पार्टी -99 6. तरुण कुमार दे, JLKM -1259 7. पवन कुमार पांडेय, NCP -56 8. माधवेन्द्र मेहता, JPP -61 9. सुरजीत सिंह, राईट टू रिकॉल पार्टी प्रत्याशी-106 10. अभिषेक कुमार, निर्दलीय- 144 11. कंचन सिंह, निर्दलीय -82 12. कृष्णा लोहार, निर्दलीय -155 13. गोपाल लोहार, निर्दलीय -161 14. दिनकर कच्छप, निर्दलीय -385 15. धर्मेंद्र कुमार सिंह, निर्दलीय -112 16. बब्लू खुटिया, निर्दलीय -384 17. रविन्द्र सिंह, निर्दलीय -218 18. राजकुमार सिंह, निर्दलीय -191 19. रोशन सुंडी, निर्दलीय -167 20. शिव शंकर सिंह, निर्दलीय -6756 21. शुभम सिन्हा, निर्दलीय -63 22. सागर कुमार तिवारी, निर्दलीय -64 23. सुग्रीव मुखी, निर्दलीय -152 24. सौरभ विष्णु, निर्दलीय -111 25- नोटा-630
ట్రెండ్స్ ప్రకారం, మహాయుతికి బంపర్ మెజారిటీ వస్తుంది, 200 కంటే ఎక్కువ సీట్లలో ఆధిక్యం, సంజయ్ రౌత్ ట్రెండ్‌లపై ప్రశ్నలు లేవనెత్తారు

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ఫలితాలు నేడు రానున్నాయి. ఓట్ల లెక్కింపు కొనసాగుతోంది. ప్రారంభ ట్రెండ్స్‌లో, మహావికాస్ అఘాడి కూటమి కంటే మహాయుతి కూటమి పెద్ద ఆధిక్యం తీసుకుంటున్నట్లు కనిపిస్తోంది. మహారాష్ట్రలో ఎన్డీయే సంఖ్య పెరుగుతోంది. దీని సీట్లు 215కి పెరిగాయి.

కాగా, ఎంవీఏ 59 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉంది. ఇతరులు 13 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉన్నారు. మరోవైపు, ఏదో తప్పు జరిగిందని శివసేన (యుబిటి)కి చెందిన సంజయ్ రౌత్ అన్నారు. ఇది ప్రజల నిర్ణయం కాదు. గెలుపు ఓటములు ఉంటాయి.

ఎన్నికల సంఘం గణాంకాల ప్రకారం మహారాష్ట్రలో బీజేపీ 124, శివసేన 55, ఎన్సీపీ 35, కాంగ్రెస్ 21, శివసేన యూబీటీ 19, ఎన్సీపీ(ఎస్పీ) 13, ఇతరులు 18 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉన్నారు.

పార్టీ ధోరణి

బీజేపీ 125

శివసేన (షిండే) 55

NCP 35

SHS(UBT) 17

కాంగ్రెస్ 21

సంజయ్ రౌత్ ట్రెండ్‌లపై ప్రశ్నలు సంధించారు

ఎన్నికల ఫలితాల తొలి ట్రెండ్స్‌లో మహాయుతి ఆధిక్యంపై, శివసేన (యుబిటి) నాయకుడు సంజయ్ రౌత్ మాట్లాడుతూ, 'ఇది మహారాష్ట్ర ప్రజల నిర్ణయం కాదు. మహారాష్ట్ర ప్రజలు ఏం కోరుకుంటున్నారో మాకు తెలుసు.

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नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटों की जरूरत है.

महाराष्ट्र की इन सीटों पर है बड़ी टक्क

1. बारामती विधानसभा सीट

इस सीट पर अजित पवार और युगेंद्र पवार आमने सामने हैं. अजित पवार NCP (अजित) पार्टी के उम्मीदवार हैं तो युगेंद्र पवार NCP (शरद) गुट से प्रत्याशी हैं. अजित पवार डिप्टी सीएम हैं तो युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं.

2. वर्ली विधानसभा सीट

यहां शिवसेना उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे और शिवसेना शिंदे गुट के मिलिंद देवड़ा एक दूसरे के खिलाफ हैं. आदित्य ठाकरे उद्धव ठाकरे के बेटे हैं, जबकि मिलिंद देवड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं.

3. मानखुर्द-शिवाजी नगर

इस सीट पर अबू आजमी नवाब मलिक एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. अबू आजमी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं तो नवाब मलिक एनसीपी अजित गुट के नेता हैं. अबू आजमी सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो वहीं नवाब मलिक महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैं.

4. अणुशक्ति नगर

इस विधानसभा सीट पर एनसीपी अजित गुट की सना मलिक के सामने एनसीपी शरद गुट के फहाद अहमद मुकाबला कर रहे हैं. सना मलिक नवाब मलिक की बेटी हैं, जबकि फहाद अहमद स्वरा भास्कर के पति हैं।

5. बांद्रा ईस्ट

इस सीट पर बाबा सिद्दकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ा मुकाबला है. जीशान सिद्दकी NCP (अजित) गुट से मुकाबले में हैं, जबकि वरुण देसाई शिवसेना (उद्धव) गुट के प्रत्याशी हैं. जीशान बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जबकि वरुण देसाई उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार हैं.

6. लातूर सिटी

इस सीट पर अमित देशमुख और अर्चना पाटिल के बीच टक्कर है. अमित देशमुख कांग्रेस के टिकट से हैं, जबकि अर्चना पाटिल बीजेपी के टिकट पर लड़ रही हैं. अमित देशमुख पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे हैं, जबकि अर्चना पाटिल, शिवराज पाटिल की बहू हैं.  

महाराष्ट्र में गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा

महाविकास अघाड़ी

कांग्रेस 101 सीट

शिवसेना (उद्धव) 95 सीट

NCP (शरद) 86 सीट

अन्य- 8 सीट

2 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

महायुति

बीजेपी 149 सीट

शिवसेना (शिंदे) 81 सीट

NCP (अजित) 59 सीट

अन्य 5 सीट

8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

1 सीट पर MNS को समर्थन

मालेगांव सेंट्रल में उम्मीदवार नहीं उतारा

महाराष्ट्र चुनाव की बड़ी बातें

36 जिलों की 288 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव हुआ था

सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चला था

4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

9.70 करोड़ वोटर आज वोट डालेंगे

महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर

NCP और शिवसेना टूटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

पहली बार उद्धव कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे

दोनों गठबंधनों में कुछ सीटों पर आपस में मुकाबला

इस लोकसभा सीट के लिए भी 20 को हुआ था मतदान

केरल की चेलक्कारा और पलक्कड़ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ. इसके अलावा महाराष्ट्र की नांदेंड़ लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई. इन सीटों के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

 केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी नजर

उत्तराखंड की केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इसके भी नतीजे जारी होंगे.

मेघालय में एक सीट का आएगा नतीजा

मेघालय की गाम्बेग्रे विधानसभा सीट के नतीजे भी आज ही आएंगे. यहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था.

कर्नाटक की इन तीन सीटों पर वोटों की गिनती की पूरी तैयारी

कर्नाटक की शिगगांव, संदूर और चन्नपटना विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज देर शाम तक आ जाएंगे. 

वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

पश्चिम बंगाल की 6 सीटों के नतीजों का इंतजार

पश्चिम बंगाल विधानसभा की छह सीटों नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. 

जिला मुख्यालयों पर 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:09:11

Assembly Election Results 2024 Live: गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर किसका होगा कब्जा?

गुजरात में वाव विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए हैं. इसके नतीजे भी आज ही जारी होंगे.

23/11/2024 07:07:18

Assembly Election Results 2024 Live: रायपुर दक्षिण सीट पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार में सुबह 8 बजे से शुरू होगी. 

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है. बीजेपी ने यहां से पूर्व सांसद सुनील सोनी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे आकाश शर्मा को टिकट दिया है.

23/11/2024 07:05:34

Assembly Election Results 2024 Live: पंजाब की इन तीन सीटों पर रहेगी नजर

पंजाब के डेरा बाबा नानक (गुरुदासपुर), गिद्दड़बाहा (मुक्तसर), बरनाला और चब्बेवाल( होशियारपुर) विधानसभा सीट के लिए 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. जिला मुख्यालय पर आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:04:11

Assembly Election Results 2024 Live: सिक्किम में विधानसभा की 2 सीटों पर निर्विरोध जीते प्रत्याशी

सिक्किम में सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय क्रमश: सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग सीट से बुधवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए.

23/11/2024 06:55:53

Assembly Election Results 2024 Live: मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर टक्कर

मध्य प्रदेश की बुधनी (विदिशा) और विजयपुर (श्योपुर) विधानसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी.

बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है. यह सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ है. विजयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है.

भाजपा ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है.

23/11/2024 06:50:15

Assembly Election Results 2024 Live: बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर टक्कर

बिहार की बात करें तो यहां गया की इमामगंज और बेलागंज, आरा की तरारी और कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं. इनके नतीजे आज आएंगे.

 अलग-अलग जिला मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी.

23/11/2024 06:44:43

Assembly Election Results 2024 Live: राजस्थान की 7 सीटों के नतीजों पर रहेगी नजर

राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों झुंझुनू, रामगढ़(अलवर), दौसा, देवली-उनियारा(टोंक), खींवसर(नागौर), सलूम्बर ;(उदरपुर) और चौरासी(डूंगरपूर) पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ. 

आज इन सभी के नतीजे घोषित होंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी. काउंटिंग के लिए झुंझुनू, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर व डूंगरपुर जिला मुख्यालयों पर इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग सेंटर पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी.

23/11/2024 06:36:16

Assembly Election Results 2024 Live: यूपी की इन 9 सीटों के आएंगे नतीजे

यूपी की गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, करहल, सीसामऊ, मझवां और कटेहरी ऐसे 9 विधानसभा सीटें हैं जहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इनके भी नतीजे आएंगे. इन सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. वोटों की गिनती सुबह 8 से शुरू होगी.

23/11/2024 06:33:46

Assembly Election Results 2024 Live: महाराष्ट्र में ओवरऑल 66.05 प्रतिशत हुआ था मतदान

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुई वोटिंग में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.1 प्रतिशत था. 

चुनाव अधिकारी के अनुसार, नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी मतगणना होगी, जहां 20 नवंबर को 67.81 प्रतिशत मतदान हुआ था. प्रदेश के कोल्हापुर जिले में 76.63 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद गढ़चिरौली में 75.26 प्रतिशत मतदान हुआ. सबसे कम मतदान मुंबई में 52.07 प्रतिशत रहा. मुंबई उपनगरीय जिले में 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ.

23/11/2024 06:29:51

Assembly Election Results 2024 Live: कई बड़े नामों की किस्मत का फैसला आज

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर आज सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर मतगणना शुरू होगी. चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटील, बाला साहेब थोरात, नसीम खान, आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे, नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी जैसे बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार 8 लाख अधिक मुंबईकरों ने किया मतदान

इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान मुंबई में मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में आठ लाख अधिक मुंबईकरों ने मतदान किया. 2019 में शहर में 50.5% मतदान हुआ, जबकि इस साल मतदान बढ़कर 55.5% हो गया. लगभग 1.02 करोड़ मतदाताओं के साथ, 5% की वृद्धि का मतलब है कि आठ लाख अतिरिक्त मतदाताओं ने इस बार वोट डाला. 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना में, जहां मुंबई में मतदान 54.1% था, इस विधानसभा चुनाव में 0.8% की वृद्धि देखी गई. यह छोटा सा प्रतिशत अंतर इस बार 1.8 लाख अधिक मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संकेत देता है.

यूपी विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही

यूपी में विधानसभा की 9 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही घोषित किए जाएंगे.

माहिम में मतगणना केंद्र पर तैयारी पूरी

महाराष्ट्र की माहिम में एक मतगणना केंद्र के बाहर का दृश्य. मतगणना आज सुबह 8 बजे शुरू होने की उम्मीद है.।

मुंबई शहर की इन सीटों पर रहेगी सबकी नजर

मुंबई शहर में 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें धारावी (एससी), सायन कोलीवाड़ा, वडाला, माहिम, वर्ली, शिवडी, बायकुला, मालाबार हिल, मुंबादेवी और कोलाबा शामिल हैं. इन पर सबकी नजर रहेगी.

महाराष्ट्र की 288 सीटों के साथ नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे

महाराष्ट्र में महायुति या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कौन मारेगा बाजी? महाराष्ट्र में कौन सा गठबंधन सरकार बनाएगा? नतीजे कुछ ही घंटों सबके सामने होंगे. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से गिनती शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ आज नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे.

आज तय हो जाएगा किसकी सरकार

महाराष्ट्र और झारखंड में अबकी बार किसकी सरकार? आज इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आज मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. महाराष्ट्र में बीजेपी भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबला है तो वहीं झारखंड में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा इस सवाल का जवाब आज मिल जाएगा.

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती शनिवार (23 नवंबर) सुबह 8 बजे से होगी. महाराष्ट्र में एक चरण में सभी 288 सीटों पर मतदान हुआ था. जबकि 81 सीटों वाले झारखंड में दो चरणों में मतदान हुआ. दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ आ रहे हैं. 

झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए. ज्यादातर एग्जिट पोल महाराष्ट्र और झारखंड में एनडीए की सरकार बनाने के पक्ष में हैं. जबकि कुछ एग्जिट पोल झारखंड में त्रिशंकु और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार की संभावना भी जता रहे हैं.

2019 में कैसे थे नतीजे?

महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. तब शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में नहीं बंटी थी. 2019 में राज्य में शिवसेना और बीजेपी साथ चुनाव लड़ी थी. जबकि एनसीपी और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में थे. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन सीएम चेहरे को लेकर दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. 

हालांकि, ये सरकार 2.5 साल चली. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी और बीजेपी के समर्थन से सरकार में आ गए. बाद में एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई. अजित पवार खेमा शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए. 

2019 में झारखंड चुनाव के लिए वोटिंग 30 नवंबर को हुई थी और नतीजे 20 दिसंबर को आए थे. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटें चाहिए. पिछले चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को इस चुनाव में जीत मिली थी. तब जेएमएम ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. 

झारखंड में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

झारखंड में एनडीएम में बीजेपी 68, AJSU 10, JDU 2 और लोजपा-1 पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, INDIA गठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 30, RJD 6 और लेफ्ट पार्टियां 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.

महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

महायुति गठबंधन में शामिल भाजपा 149 सीट पर, शिवसेना 81 सीट पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. विपक्षी गठबंधन एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं. राज ठाकरे की मनसे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), सपा और AIMIM समेत छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं. राज्य की 288 सीटों पर चुनाव में बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार उतारे हैं.

झारखंड विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल 2024

कुल सीटें- 81, बहुमत

चाणक्य 45-50 35-38 03-05

भास्कर रिपोटर्स पोल 37-40 36-39 0-2

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल

कुल सीटें- 288, बहुमत के लिए- 145

परिवारवाद की “जंग” का अखाड़ा बना महाराष्ट्र, कहीं चाचा-भजीता तो कहीं पति-पत्नी बीच मुकाबला

#maharashtraelectionsfamiliesbattletheir_own

आज राजनीति केवल देश सेवा का माध्यम नहीं है, ये परिवार को “पालने” का बड़ा जरिया बन चुका है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भी परिवारवाद की सियासी लड़ाई देखी जा रही है। वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप विरोधियों पर मढ़ने वाले भी चुनावी मौसम में तेवर बदल लेते हैं। महाराष्ट्र चुनाव में राजनीतिक पार्टियां पूरी तहर से परिवारवाद की आंच पर रोटियां सेकते नजर आ रही हैं। इस बार की चुनावी जंग में कहीं भाई-बहन तो कहीं से चाचा-भतीजा और कहीं से पति-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।

अजित पवार का भतीजे से मुकाबला

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल मुकाबला चाचा-भतीजे के बीच है। ये जंग राज्य के सबसे पावरफुर पवार परिवार के बीच है। पवार परिवार के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबले में शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से उम्मीदवार युगेंद्र पवार बारामती सीट पर सत्तारूढ़ राकांपा का प्रतिनिधित्व कर रहे। युगेंद्र पवार अपने चाचा तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार सात बार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार बारामती संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की है। यह दूसरी बार है जब पवार खानदान के गढ़ बारामती में परिवार के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा।

2024 के लोकसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उनकी ननद और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने बारामती संसदीय सीट से हराया था। पड़ोसी कर्जत-जामखेड़ में अजित पवार के एक अन्य भतीजे रोहित पवार राकांपा (एसपी) उम्मीदवार के तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम शिंदे के खिलाफ मुकाबले में हैं। रोहित पवार, शरद पवार के पोते हैं।

पति-पत्नी में कौन जीतेगा जंग?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की लड़ाई बेहद रोचक बन गई है, क्योंकि छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र से पति-पत्नी ही एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गए हैं। कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी अलग रह रही पत्नी और शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव के खिलाफ मैदान में हैं।

बता दें कि संजना अपने पति से अलग रह रही है लेकिन अभी दोनों के बीच अभी तलाक नहीं हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव का एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में संजना जाधव रोती हुई नजर आ रही थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि 'मैंने जो कुछ सहा, उसका मुझे कोई इनाम नहीं मिला, लेकिन आप जानते हैं कि मेरी जगह किसने ली। मेरे पिता पर तमाम तरह के आरोप लगाए गए, हमने सह लिया, क्योंकि एक लड़की के पिता को इसे सहना पड़ता है।

महाराष्ट्र में वंशवाद की सियासत

महाराष्ट्र में चुनावी मैदान में कई परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे राजनीति में रिश्तेदारों के बीच तकरार और प्रतिस्पर्धा का नया अध्याय जुड़ रहा है। इसके अलावा एक ही परिवार के कई सदस्य अलग-अलग सीटों से भी अपने पारिवारिक बिरासत को आगे ले जानें की होड़े में। इस लिस्ट में ठाकरे परिवार, राणे परिवार, देशमुख परिवार समेत कई परिवार हैं जो वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।

विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद

महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद का बेहतरीन नमूना देखने को मिल रहा है। विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख लातूर शहर से मैदान में हैं तो विलासराव के दूसरे बेटे धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से ताल ठोक रहे हैं।

ठाकरे परिवार भी चुनावी जंग में

ठाकरे परिवार के रिश्तेदार भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से दूर नहीं हैं। मुंबई में ठाकरे परिवार के सदस्य अलग-अलग सीटों से चुनावी मुकाबले में हैं। आदित्य ठाकरे वर्ली से मैदान में हैं तो उनकी मौसी के बेटे वरुण सरदेसाई पार्टी की टिकट पर बांद्रा से चुनाव लड़ रहे हैं। तो आदित्य के चचेरे भाई और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे एमएनएस के टिकट पर माहिम सीट से मैदान में हैं।

राणे परिवार का भी चुनावी मुकाबला

बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे और निलेश राणे क्रमशः शिवसेना और बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कुडाल और कणकवली सीट से चुनावी मैदान में हैं।

चुनावी मैदान में गावित परिवार

इस तरह महाराष्ट्र के मंत्री विजयकुमार गावित और उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद हिना गावित भी चुनावी मैदान में हैं। मंत्री विजयकुमार गावित बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर नंदुरबार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी बेटी हिना गावित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अक्कलकुवा सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।

भुजबल और पाटिल परिवार का चुनावी मुकाबला

एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल भी चुनावी मैदान में हैं। छगन भुजबल येवला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि समीर भुजबल नंदगांव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, NCP-SP प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल इस्लामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे पार्टी के टिकट पर राहुरी से चुनाव लड़ रहे हैं।

चनावी मैदान में शेलार परिवार

बीजेपी के मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार और उनके भाई विनोद शेलार क्रमशः वांद्रे (पश्चिम) और मलाड पश्चिम सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।

हंबार्डे परिवार का चुनावी मुकाबला*

नांदेड में संतुकराव हंबार्डे और उनके भाई मोहनराव हंबार्डे भी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मुकाबले में हैं। संतुकराव हंबार्डे नांदेड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मोहनराव हंबार्डे कांग्रेस के टिकट पर नांदेड दक्षिण विधानसभा सीट से चुनावी जंग में हैं।

बारामती में पीएम मोदी की रैली नहीं चाहते अजित पवार, जानें क्या है वजह

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महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है। यहां महा विकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में मुकाबला है। इन दोनों ही गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं कि सबकुछ सही नहीं है। इन सबके बीच अगर किसी खबर ने सबसे ज्यादा चौंकाया, वो है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारामती में चुनावी रैली नहीं करेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली नहीं करने का अनुरोध किया है।

अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पवार

महायुति के पार्टनर एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार महाराष्ट्र चुनाव में नाप तौल कर रणनीति बना रहे हैं। पहले उन्होंने 'बंटोगे तो कटोगे' का भाषण देने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्ववादी बयानों से किनारा कर लिया, फिर उन्होंने शिवाजी मानखुर्द नगर में अपने प्रत्याशी नवाब मलिक के लिए प्रचार करने की घोषणा कर दी। अब उन्होंने कहा है कि बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी को प्रचार करने की जरूरत नहीं है। अजीत पवार की मानें तो वहां लड़ाई परिवार के भीतर है। मौजूदा विधायक पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार हैं।

क्यों नहीं चाहते शाह जैसे नेताओं की रैलियां?

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी एनसीपी उम्मीदवार भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अमित शाह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की रैलियां क्यों नहीं चाहते हैं। अजितपवार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है और चुनाव खर्च की सीमा भी है। बारामती में उनकी जीत का अंतर क्या होगा, अजित पवार ने कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र में घूमने और लोगों से बात करने के बाद ही जवाब दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत के लिए सौ प्रतिशत निश्चिंत हैं और दावा किया कि जीत का अंतर भी बड़ा होगा।

बीजेपी का साथ लेने से क्यों कर रहे इनकार?

एनसीपी में बंटवारे के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों का विश्‍लेषण करने पर पता चलता है कि मुस्लिम मतदाता अजित पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी से दूर रहे। शरद पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी का प्रदर्शन लोकसभा में अजित पवार गुट की तुलना में काफी अच्‍छा रहा था। संभवत: इसका कारण अजित पवार का भाजपा के साथ होना ही था। लेकिन, सत्‍ता में भागीदारी की मजबूरी के चलते अजित पवार भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकते। इस मजबूरी के साथ मुस्लिम मतदाताओं को नाराज करने का जोखिम वह नहीं उठा सकते।

बारामती में छह दशक से शरद पवार का कब्जा

बता दें कि बारामती विधानसभा सीट पर छह दशक से शरद पवार का कब्जा है। अगर इस सीट से अजित पवार जीत जाते हैं तो शरद पवार का 60 साल पुराना वर्चस्व समाप्त हो जाएगा। वहीं, प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में अगर अजित यहां से चुनाव हार जाते हैं कि उनके लिए शायद ही कोई विकल्प बचे। 30 साल तक उन्होंने खुद इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उनके भतीजे अजित यहां से लगातार विधायक चुने जाते रहे। मगर अजीत के एनडीए में जाने के बाद बारामती सीट पर यह पहला विधानसभा चुनाव है, जहां पारिवारिक लड़ाई है।

योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाली महिला को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूछ-ताछ जारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर शनिवार शाम को मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को धमकी भरा मैसेज आया था. इसी के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है. मुंबई पुलिस ने धमकी देने वाली महिला की शिनाख्त कर ली है और उसे गिरफ्तार कर पूछ-ताछ शुरू कर दी है.

एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी कि मुंबई पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 24 साल की एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

धमकी देने वाली महिला कौन?

महिला की पहचान फातिमा खान के रूप में हुई है. महिला पढ़ी-लिखी है और उसने सूचना प्रौद्योगिकी में BSC की है. फातिमा अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर इलाके में रहती है. अधिकारी ने बताया कि उसके पिता लकड़ी का कारोबार करते हैं. पुलिस के मुताबिक महिला अच्छी शिक्षा प्राप्त है, लेकिन मानसिक रूप से अस्थिर है.

बाबा सिद्दीकी की तरह मारने की धमकी

अधिकारी ने बताया कि मुंबई ट्रैफिक पुलिस के व्हाट्सएप नंबर पर शनिवार को एक अज्ञात नंबर से एक मैसेज आया, जिसमें योगी आदित्यानाथ को धमकी दी गई कि अगर आदित्यनाथ 10 दिनों के भीतर सीएम पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें NCP नेता बाबा सिद्दीकी की तरह मार दिया जाएगा.

अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि फातिमा खान नाम की महिला ने यह संदेश भेजा था. जिसके बाद मुंबई आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने उल्हासनगर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर महिला का पता लगाया और उसे पकड़ लिया. अधिकारी ने बताया कि मामले की आगे की जांच जा रही है.

खबरों के मुताबिक 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने योगी आदित्यनाथ के महाराष्ट्र आ रहे हैं, जिसके चलते महाराष्ट्र पुलिस अलर्ट पर है. वहीं उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से मुंबई पुलिस पर कई सवाल उठे हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी अजित पवार की पार्टी, बीजेपी से अलग लड़ेगी चुनाव, इन 11 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

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दिल्ली चुनाव से पहले अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी बिगुल फूंक दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद दिल्ली में एनडीए के घटक दल एनसीपी ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।एनसीपी के संसदीय बोर्ड की मंजूरी के बाद पहले चरण में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है।

प्रत्याशियों के नाम इस प्रकार हैः-

1.बुराड़ी से रतन त्यागी

2.बादली से मुलायम सिंह

3.मंगलोपुरी से खेम चंद

4.चांदनी चौक से खालिदुर्रहमान

5.बल्लीमारान से मोहम्मद हारून

6.छतरपुर से नरेंद्र तंवर

7.संगम विहार से कमर अहमद

8.ओखला से इमरान सैफी

9.लक्ष्मीनगर से नमाहा

10. सीमापुरी से राजेश लोहिया

11. गोकुलपुरी से जगदीश भगत

पिछले दिनों एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि उनकी पार्टी पहले भी दिल्ली में चुनाव लड़ती रही है और इस बार भी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन के लिए एनडीए से भी चर्चा की जाएगी। हालांकि जिस प्रकार एनसीपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कि उससे जाहिर हो गया कि वह बीजेपी के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ रही है।

बता दें कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, जिसमे आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपनी दो उम्मीदवारों की लिस्ट में 47 उम्मीदवारों का ऐलान अबतक किया है बाकी उम्मीदवारों का ऐलान होना अभी बाकी है। वही अवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही एनसीपी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री पर नहीं बनी बात, रामदास आठवले ने दी ये सलाह

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के 3 दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो सका है। महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया गतिरोध में है। मुख्यमंत्री की भूमिका कौन संभालेगा, इस पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई है। 23 नवंबर को राज्य के चुनाव परिणाम घोषित होने के बावजूद, सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक अपने सीएम उम्मीदवार पर कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, यह तय माना जा रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उनको अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

इस बीच बड़ी जानकारी सामने आई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान की ओर से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्री पद या राज्य में डिप्टी सीएम पद की पेशकश की गई है।

आठवले ने किया फडणवीस का समर्थन

केंद्रीय मंत्री और महायुति के पार्टनर रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा बहुमत मिला है, इसलिए सीएम पद उसे ही मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सीएम हो सकते हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे को दिल्ली में एडजस्ट करने की सलाह दी। केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि जब एकनाथ शिंदे को पता चला कि बीजेपी आलाकमान ने (महाराष्ट्र के) सीएम के रूप में देवेंद्र फड़नवीस को चुना है, तो वह थोड़े नाखुश हैं, जिसे मैं समझ सकता हूं। लेकिन बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं और इसलिए मुझे लगता है कि कोई रास्ता निकलना चाहिए। देवेंद्र फडनवीस को सीएम बनाया जाना चाहिए। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पदभार संभाल सकते हैं। अगर वह डिप्टी सीएम बनने के इच्छुक नहीं हैं, तो उन्हें पीएम मोदी की कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि देवेंद्र फड़णवीस सीएम बनें।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए मुख्यमंत्री के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग फाइनल हो चुका है।

फडणवीस के CM बनने पर नई सरकार में पहले की ही तरह दो डिप्टी CM होंगे। NCP की ओर से अजित पवार और शिवसेना की ओर से शिंदे किसी नए विधायक का नाम आगे कर सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार का एजेंडा तय करने के लिए तीनों दलों की एक कमेटी बनाई जा सकती है, जिसके मुखिया एकनाथ शिंदे हो सकते हैं। हालांकि शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने इससे इनकार किया।

क्या महाराष्ट्र में बीजेपी की प्रचंड जीत राज्य के भविष्य को देगी नई दिशा?

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महाराष्ट्र, जो भारत के सबसे जनसंख्या वाले और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है, हमेशा देश की राजनीतिक कथा में एक केंद्रीय स्थान रखता है। हाल ही में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महत्वपूर्ण जीत ने राज्य के शासन, आर्थिक दिशा और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरे प्रभाव डालने की संभावना जताई है। महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत राज्य के भविष्य को कैसे आकार दे सकती है, खासकर शासन, आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ में।

महाराष्ट्र में बीजेपी की वृद्धि

महाराष्ट्र, जिसका ऐतिहासिक राजनीतिक परिप्रेक्ष्य काफी समृद्ध रहा है, हमेशा से ही राजनीति का अहम केंद्र रहा है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) जैसे दल दशकों तक राज्य की राजनीति में हावी रहे हैं, जिनमें शिवसेना ने मुंबई और इसके आस-पास के इलाकों में प्रमुख स्थान बनाए रखा। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने राज्य में अपनी बढ़ती ताकत के संकेत दिए हैं, जिसका नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं ने किया।

बीजेपी की हाल की चुनावी जीत एक ऐसे समय पर आई है, जब राज्य कई चुनौतियों और अवसरों का सामना कर रहा है। बीजेपी की मजबूत राजनीतिक संरचना और राष्ट्रीय पैठ को देखते हुए यह जीत पार्टी के विचारधारा, नेतृत्व और भविष्य की दृष्टि के समर्थन के रूप में देखी जा रही है। यह जीत महाराष्ट्र की राजनीतिक धारा में हो रहे परिवर्तनों का भी प्रतीक है, जहां क्षेत्रीय दलों को बीजेपी की राष्ट्रीय अपील और केंद्रीकृत शासन मॉडल से चुनौती मिल रही है।

आर्थिक प्रभाव: विकास और निवेश

महाराष्ट्र भारत की आर्थिक धुरी है, जो देश के जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन और वित्तीय सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई के घर के रूप में, राज्य देश की आर्थिक प्रगति में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। हालांकि, अपनी आर्थिक ताकतों के बावजूद, महाराष्ट्र को संतुलित क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे की वृद्धि और सामाजिक कल्याण के संदर्भ में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

बीजेपी की जीत राज्य की आर्थिक दिशा पर गहरे प्रभाव डालने वाली है। बीजेपी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक वृद्धि और निवेश को आकर्षित करने पर खास जोर दिया जा सकता है। पार्टी ने हमेशा व्यवसाय समर्थक एजेंडे का समर्थन किया है, जिसमें ब्योरोक्रेसी की बाधाओं को कम करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है।

औद्योगिक वृद्धि और निवेश:  

महाराष्ट्र में कई प्रमुख उद्योगों जैसे विनिर्माण, वित्त और प्रौद्योगिकी का वर्चस्व है। बीजेपी के व्यापार समर्थक रुख के कारण राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ सकता है, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र को केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं का भी फायदा मिल सकता है, जो देश में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू की गई हैं। विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) और औद्योगिक केंद्रों पर भी पार्टी का ध्यान रहेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो नई और बढ़ती तकनीकों के लिए उपयुक्त हैं, जैसे बायोटेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहन। मुंबई-पुणे कॉरिडोर जैसे वैश्विक बाजारों के नजदीक स्थित होने के कारण महाराष्ट्र औद्योगिक और निर्यात-आधारित वृद्धि के लिए एक प्रमुख स्थान बन सकता है। बीजेपी के व्यापार-समर्थक नीतियों से महाराष्ट्र को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने में मदद मिल सकती है।

कृषि क्षेत्र का विकास:  

कृषि, जो अभी भी महाराष्ट्र की बड़ी हिस्सेदारी वाले क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करती है, एक ऐसा क्षेत्र है जो सुधार की दिशा में काफी पीछे रहा है। राज्य में जलसंकट, खराब फसल पैदावार और कृषक संकट जैसी समस्याएं सामने आई हैं। बीजेपी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई कृषि सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रही है, महाराष्ट्र में भी कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए योजनाएं लागू कर सकती है। बीजेपी राज्य में सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने, किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है। पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) और कृषि आधारित उद्योगों जैसे कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण महाराष्ट्र के लिए भी कई योजनाओं की संभावना है।

स्वास्थ्य और शिक्षा:  

महाराष्ट्र का स्वास्थ्य ढांचा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। बीजेपी के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सस्ती चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने और पोषण एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया जा सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं जैसे 'आयुष्मान भारत' को राज्य स्तर पर लागू करने के प्रयासों से लाखों परिवारों को लाभ हो सकता है। शिक्षा क्षेत्र में, बीजेपी गुणवत्ता को बेहतर बनाने, डिजिटल शिक्षा के विस्तार और व्यावसायिक प्रशिक्षण में निवेश पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। खासकर महाराष्ट्र के विविध आर्थिक आधार के मद्देनजर, पार्टी का युवाओं की कौशल विकास पर जोर देना अहम रहेगा। इस कदम से बेरोजगारी दर को कम करने में मदद मिल सकती है और राज्य के युवाओं को भविष्य के उद्योगों के लिए तैयार किया जा सकता है।

क्षेत्रीय असमानताएं:  

महाराष्ट्र में क्षेत्रीय असमानताएं एक बड़ी चुनौती रही हैं। जबकि मुंबई और पुणे ने तेजी से शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का लाभ उठाया है, वहीं विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र अभी भी गरीबी, अविकास और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। बीजेपी की सरकार द्वारा इन क्षेत्रों के लिए उचित नीतियों को लागू करना महत्वपूर्ण होगा। हालांकि पार्टी का केंद्रीकृत शासन मॉडल शहरी विकास को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों को भी समुचित विकास मिले। ग्रामीण महाराष्ट्र में पीएमएवाई, कौशल विकास, और स्थानीय उद्यमिता जैसी योजनाओं के तहत विकास का लाभ मिल सकता है।

राजनीतिक परिदृश्य: गठबंधन और आने वाली चुनौतियाँ

बीजेपी की जीत राज्य की राजनीतिक धारा में बदलाव का संकेत देती है। राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसी क्षेत्रीय ताकतों को कमजोर कर, बीजेपी एक मजबूत विपक्षी बनकर उभरी है। हालांकि, बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से मजबूत विरोध का सामना करना पड़ेगा, खासकर शिवसेना से, जो महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभावी है। इसके अलावा, बीजेपी को राज्य में स्थानीय पहचान, आरक्षण नीति और क्षेत्रीय स्वायत्तता जैसे मुद्दों पर संतुलन बनाए रखने की चुनौती हो सकती है। इन मुद्दों पर सही दिशा में काम करके ही बीजेपी राज्य में स्थिरता और विकास सुनिश्चित कर सकती है।

महाराष्ट्र के लिए एक नई शुरुआत?

बीजेपी की जीत महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है। राज्य की विकास योजनाओं, व्यापार-समर्थक नीतियों और बुनियादी ढांचे पर जोर देने से राज्य में आर्थिक वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, राज्य की सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताओं को देखते हुए, पार्टी का असली परीक्षा तभी होगी जब वह इन मुद्दों को हल करने में सक्षम होगी। महाराष्ट्र का भविष्य बीजेपी के हाथों में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस तरह से इन चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करती है, ताकि राज्य के समग्र विकास और राजनीतिक स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

सरायकेला : झारखंड विधान सभा निर्वाचन 2024 परिणाम
विधानसभा आम निर्वाचन 2024

48- जमशेदपुर पूर्व

मतगणना अपडेट राउंड- 9/21 ...1. डॉ. अजय कुमार, कांग्रेस -28991 2. आनंद कुमार पत्रलेख, बहुजन समाज पार्टी -211 3. पूर्णिमा साहू, भारतीय जनता पार्टी -50671 4. इंदल कुमार सिंह, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक-263 5. कृष्णा हांसदा, भारत आदिवासी पार्टी -99 6. तरुण कुमार दे, JLKM -1259 7. पवन कुमार पांडेय, NCP -56 8. माधवेन्द्र मेहता, JPP -61 9. सुरजीत सिंह, राईट टू रिकॉल पार्टी प्रत्याशी-106 10. अभिषेक कुमार, निर्दलीय- 144 11. कंचन सिंह, निर्दलीय -82 12. कृष्णा लोहार, निर्दलीय -155 13. गोपाल लोहार, निर्दलीय -161 14. दिनकर कच्छप, निर्दलीय -385 15. धर्मेंद्र कुमार सिंह, निर्दलीय -112 16. बब्लू खुटिया, निर्दलीय -384 17. रविन्द्र सिंह, निर्दलीय -218 18. राजकुमार सिंह, निर्दलीय -191 19. रोशन सुंडी, निर्दलीय -167 20. शिव शंकर सिंह, निर्दलीय -6756 21. शुभम सिन्हा, निर्दलीय -63 22. सागर कुमार तिवारी, निर्दलीय -64 23. सुग्रीव मुखी, निर्दलीय -152 24. सौरभ विष्णु, निर्दलीय -111 25- नोटा-630
ట్రెండ్స్ ప్రకారం, మహాయుతికి బంపర్ మెజారిటీ వస్తుంది, 200 కంటే ఎక్కువ సీట్లలో ఆధిక్యం, సంజయ్ రౌత్ ట్రెండ్‌లపై ప్రశ్నలు లేవనెత్తారు

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ఫలితాలు నేడు రానున్నాయి. ఓట్ల లెక్కింపు కొనసాగుతోంది. ప్రారంభ ట్రెండ్స్‌లో, మహావికాస్ అఘాడి కూటమి కంటే మహాయుతి కూటమి పెద్ద ఆధిక్యం తీసుకుంటున్నట్లు కనిపిస్తోంది. మహారాష్ట్రలో ఎన్డీయే సంఖ్య పెరుగుతోంది. దీని సీట్లు 215కి పెరిగాయి.

కాగా, ఎంవీఏ 59 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉంది. ఇతరులు 13 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉన్నారు. మరోవైపు, ఏదో తప్పు జరిగిందని శివసేన (యుబిటి)కి చెందిన సంజయ్ రౌత్ అన్నారు. ఇది ప్రజల నిర్ణయం కాదు. గెలుపు ఓటములు ఉంటాయి.

ఎన్నికల సంఘం గణాంకాల ప్రకారం మహారాష్ట్రలో బీజేపీ 124, శివసేన 55, ఎన్సీపీ 35, కాంగ్రెస్ 21, శివసేన యూబీటీ 19, ఎన్సీపీ(ఎస్పీ) 13, ఇతరులు 18 స్థానాల్లో ఆధిక్యంలో ఉన్నారు.

పార్టీ ధోరణి

బీజేపీ 125

శివసేన (షిండే) 55

NCP 35

SHS(UBT) 17

కాంగ్రెస్ 21

సంజయ్ రౌత్ ట్రెండ్‌లపై ప్రశ్నలు సంధించారు

ఎన్నికల ఫలితాల తొలి ట్రెండ్స్‌లో మహాయుతి ఆధిక్యంపై, శివసేన (యుబిటి) నాయకుడు సంజయ్ రౌత్ మాట్లాడుతూ, 'ఇది మహారాష్ట్ర ప్రజల నిర్ణయం కాదు. మహారాష్ట్ర ప్రజలు ఏం కోరుకుంటున్నారో మాకు తెలుసు.

झारखंड और महाराष्ट्र में किसका होगा राज? आज शाम तक साफ होगी तस्वीर


नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटों की जरूरत है.

महाराष्ट्र की इन सीटों पर है बड़ी टक्क

1. बारामती विधानसभा सीट

इस सीट पर अजित पवार और युगेंद्र पवार आमने सामने हैं. अजित पवार NCP (अजित) पार्टी के उम्मीदवार हैं तो युगेंद्र पवार NCP (शरद) गुट से प्रत्याशी हैं. अजित पवार डिप्टी सीएम हैं तो युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं.

2. वर्ली विधानसभा सीट

यहां शिवसेना उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे और शिवसेना शिंदे गुट के मिलिंद देवड़ा एक दूसरे के खिलाफ हैं. आदित्य ठाकरे उद्धव ठाकरे के बेटे हैं, जबकि मिलिंद देवड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं.

3. मानखुर्द-शिवाजी नगर

इस सीट पर अबू आजमी नवाब मलिक एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. अबू आजमी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं तो नवाब मलिक एनसीपी अजित गुट के नेता हैं. अबू आजमी सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो वहीं नवाब मलिक महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैं.

4. अणुशक्ति नगर

इस विधानसभा सीट पर एनसीपी अजित गुट की सना मलिक के सामने एनसीपी शरद गुट के फहाद अहमद मुकाबला कर रहे हैं. सना मलिक नवाब मलिक की बेटी हैं, जबकि फहाद अहमद स्वरा भास्कर के पति हैं।

5. बांद्रा ईस्ट

इस सीट पर बाबा सिद्दकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ा मुकाबला है. जीशान सिद्दकी NCP (अजित) गुट से मुकाबले में हैं, जबकि वरुण देसाई शिवसेना (उद्धव) गुट के प्रत्याशी हैं. जीशान बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जबकि वरुण देसाई उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार हैं.

6. लातूर सिटी

इस सीट पर अमित देशमुख और अर्चना पाटिल के बीच टक्कर है. अमित देशमुख कांग्रेस के टिकट से हैं, जबकि अर्चना पाटिल बीजेपी के टिकट पर लड़ रही हैं. अमित देशमुख पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे हैं, जबकि अर्चना पाटिल, शिवराज पाटिल की बहू हैं.  

महाराष्ट्र में गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा

महाविकास अघाड़ी

कांग्रेस 101 सीट

शिवसेना (उद्धव) 95 सीट

NCP (शरद) 86 सीट

अन्य- 8 सीट

2 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

महायुति

बीजेपी 149 सीट

शिवसेना (शिंदे) 81 सीट

NCP (अजित) 59 सीट

अन्य 5 सीट

8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

1 सीट पर MNS को समर्थन

मालेगांव सेंट्रल में उम्मीदवार नहीं उतारा

महाराष्ट्र चुनाव की बड़ी बातें

36 जिलों की 288 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव हुआ था

सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चला था

4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

9.70 करोड़ वोटर आज वोट डालेंगे

महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर

NCP और शिवसेना टूटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

पहली बार उद्धव कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे

दोनों गठबंधनों में कुछ सीटों पर आपस में मुकाबला

इस लोकसभा सीट के लिए भी 20 को हुआ था मतदान

केरल की चेलक्कारा और पलक्कड़ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ. इसके अलावा महाराष्ट्र की नांदेंड़ लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई. इन सीटों के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

 केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी नजर

उत्तराखंड की केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इसके भी नतीजे जारी होंगे.

मेघालय में एक सीट का आएगा नतीजा

मेघालय की गाम्बेग्रे विधानसभा सीट के नतीजे भी आज ही आएंगे. यहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था.

कर्नाटक की इन तीन सीटों पर वोटों की गिनती की पूरी तैयारी

कर्नाटक की शिगगांव, संदूर और चन्नपटना विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज देर शाम तक आ जाएंगे. 

वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

पश्चिम बंगाल की 6 सीटों के नतीजों का इंतजार

पश्चिम बंगाल विधानसभा की छह सीटों नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. 

जिला मुख्यालयों पर 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:09:11

Assembly Election Results 2024 Live: गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर किसका होगा कब्जा?

गुजरात में वाव विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए हैं. इसके नतीजे भी आज ही जारी होंगे.

23/11/2024 07:07:18

Assembly Election Results 2024 Live: रायपुर दक्षिण सीट पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार में सुबह 8 बजे से शुरू होगी. 

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है. बीजेपी ने यहां से पूर्व सांसद सुनील सोनी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे आकाश शर्मा को टिकट दिया है.

23/11/2024 07:05:34

Assembly Election Results 2024 Live: पंजाब की इन तीन सीटों पर रहेगी नजर

पंजाब के डेरा बाबा नानक (गुरुदासपुर), गिद्दड़बाहा (मुक्तसर), बरनाला और चब्बेवाल( होशियारपुर) विधानसभा सीट के लिए 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. जिला मुख्यालय पर आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:04:11

Assembly Election Results 2024 Live: सिक्किम में विधानसभा की 2 सीटों पर निर्विरोध जीते प्रत्याशी

सिक्किम में सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय क्रमश: सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग सीट से बुधवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए.

23/11/2024 06:55:53

Assembly Election Results 2024 Live: मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर टक्कर

मध्य प्रदेश की बुधनी (विदिशा) और विजयपुर (श्योपुर) विधानसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी.

बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है. यह सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ है. विजयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है.

भाजपा ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है.

23/11/2024 06:50:15

Assembly Election Results 2024 Live: बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर टक्कर

बिहार की बात करें तो यहां गया की इमामगंज और बेलागंज, आरा की तरारी और कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं. इनके नतीजे आज आएंगे.

 अलग-अलग जिला मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी.

23/11/2024 06:44:43

Assembly Election Results 2024 Live: राजस्थान की 7 सीटों के नतीजों पर रहेगी नजर

राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों झुंझुनू, रामगढ़(अलवर), दौसा, देवली-उनियारा(टोंक), खींवसर(नागौर), सलूम्बर ;(उदरपुर) और चौरासी(डूंगरपूर) पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ. 

आज इन सभी के नतीजे घोषित होंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी. काउंटिंग के लिए झुंझुनू, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर व डूंगरपुर जिला मुख्यालयों पर इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग सेंटर पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी.

23/11/2024 06:36:16

Assembly Election Results 2024 Live: यूपी की इन 9 सीटों के आएंगे नतीजे

यूपी की गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, करहल, सीसामऊ, मझवां और कटेहरी ऐसे 9 विधानसभा सीटें हैं जहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इनके भी नतीजे आएंगे. इन सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. वोटों की गिनती सुबह 8 से शुरू होगी.

23/11/2024 06:33:46

Assembly Election Results 2024 Live: महाराष्ट्र में ओवरऑल 66.05 प्रतिशत हुआ था मतदान

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुई वोटिंग में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.1 प्रतिशत था. 

चुनाव अधिकारी के अनुसार, नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी मतगणना होगी, जहां 20 नवंबर को 67.81 प्रतिशत मतदान हुआ था. प्रदेश के कोल्हापुर जिले में 76.63 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद गढ़चिरौली में 75.26 प्रतिशत मतदान हुआ. सबसे कम मतदान मुंबई में 52.07 प्रतिशत रहा. मुंबई उपनगरीय जिले में 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ.

23/11/2024 06:29:51

Assembly Election Results 2024 Live: कई बड़े नामों की किस्मत का फैसला आज

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर आज सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर मतगणना शुरू होगी. चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटील, बाला साहेब थोरात, नसीम खान, आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे, नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी जैसे बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार 8 लाख अधिक मुंबईकरों ने किया मतदान

इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान मुंबई में मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में आठ लाख अधिक मुंबईकरों ने मतदान किया. 2019 में शहर में 50.5% मतदान हुआ, जबकि इस साल मतदान बढ़कर 55.5% हो गया. लगभग 1.02 करोड़ मतदाताओं के साथ, 5% की वृद्धि का मतलब है कि आठ लाख अतिरिक्त मतदाताओं ने इस बार वोट डाला. 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना में, जहां मुंबई में मतदान 54.1% था, इस विधानसभा चुनाव में 0.8% की वृद्धि देखी गई. यह छोटा सा प्रतिशत अंतर इस बार 1.8 लाख अधिक मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संकेत देता है.

यूपी विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही

यूपी में विधानसभा की 9 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही घोषित किए जाएंगे.

माहिम में मतगणना केंद्र पर तैयारी पूरी

महाराष्ट्र की माहिम में एक मतगणना केंद्र के बाहर का दृश्य. मतगणना आज सुबह 8 बजे शुरू होने की उम्मीद है.।

मुंबई शहर की इन सीटों पर रहेगी सबकी नजर

मुंबई शहर में 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें धारावी (एससी), सायन कोलीवाड़ा, वडाला, माहिम, वर्ली, शिवडी, बायकुला, मालाबार हिल, मुंबादेवी और कोलाबा शामिल हैं. इन पर सबकी नजर रहेगी.

महाराष्ट्र की 288 सीटों के साथ नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे

महाराष्ट्र में महायुति या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कौन मारेगा बाजी? महाराष्ट्र में कौन सा गठबंधन सरकार बनाएगा? नतीजे कुछ ही घंटों सबके सामने होंगे. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से गिनती शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ आज नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे.

आज तय हो जाएगा किसकी सरकार

महाराष्ट्र और झारखंड में अबकी बार किसकी सरकार? आज इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आज मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. महाराष्ट्र में बीजेपी भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबला है तो वहीं झारखंड में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा इस सवाल का जवाब आज मिल जाएगा.

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती शनिवार (23 नवंबर) सुबह 8 बजे से होगी. महाराष्ट्र में एक चरण में सभी 288 सीटों पर मतदान हुआ था. जबकि 81 सीटों वाले झारखंड में दो चरणों में मतदान हुआ. दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ आ रहे हैं. 

झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए. ज्यादातर एग्जिट पोल महाराष्ट्र और झारखंड में एनडीए की सरकार बनाने के पक्ष में हैं. जबकि कुछ एग्जिट पोल झारखंड में त्रिशंकु और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार की संभावना भी जता रहे हैं.

2019 में कैसे थे नतीजे?

महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. तब शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में नहीं बंटी थी. 2019 में राज्य में शिवसेना और बीजेपी साथ चुनाव लड़ी थी. जबकि एनसीपी और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में थे. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन सीएम चेहरे को लेकर दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. 

हालांकि, ये सरकार 2.5 साल चली. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी और बीजेपी के समर्थन से सरकार में आ गए. बाद में एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई. अजित पवार खेमा शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए. 

2019 में झारखंड चुनाव के लिए वोटिंग 30 नवंबर को हुई थी और नतीजे 20 दिसंबर को आए थे. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटें चाहिए. पिछले चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को इस चुनाव में जीत मिली थी. तब जेएमएम ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. 

झारखंड में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

झारखंड में एनडीएम में बीजेपी 68, AJSU 10, JDU 2 और लोजपा-1 पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, INDIA गठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 30, RJD 6 और लेफ्ट पार्टियां 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.

महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

महायुति गठबंधन में शामिल भाजपा 149 सीट पर, शिवसेना 81 सीट पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. विपक्षी गठबंधन एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं. राज ठाकरे की मनसे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), सपा और AIMIM समेत छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं. राज्य की 288 सीटों पर चुनाव में बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार उतारे हैं.

झारखंड विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल 2024

कुल सीटें- 81, बहुमत

चाणक्य 45-50 35-38 03-05

भास्कर रिपोटर्स पोल 37-40 36-39 0-2

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल

कुल सीटें- 288, बहुमत के लिए- 145

परिवारवाद की “जंग” का अखाड़ा बना महाराष्ट्र, कहीं चाचा-भजीता तो कहीं पति-पत्नी बीच मुकाबला

#maharashtraelectionsfamiliesbattletheir_own

आज राजनीति केवल देश सेवा का माध्यम नहीं है, ये परिवार को “पालने” का बड़ा जरिया बन चुका है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भी परिवारवाद की सियासी लड़ाई देखी जा रही है। वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप विरोधियों पर मढ़ने वाले भी चुनावी मौसम में तेवर बदल लेते हैं। महाराष्ट्र चुनाव में राजनीतिक पार्टियां पूरी तहर से परिवारवाद की आंच पर रोटियां सेकते नजर आ रही हैं। इस बार की चुनावी जंग में कहीं भाई-बहन तो कहीं से चाचा-भतीजा और कहीं से पति-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।

अजित पवार का भतीजे से मुकाबला

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल मुकाबला चाचा-भतीजे के बीच है। ये जंग राज्य के सबसे पावरफुर पवार परिवार के बीच है। पवार परिवार के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबले में शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से उम्मीदवार युगेंद्र पवार बारामती सीट पर सत्तारूढ़ राकांपा का प्रतिनिधित्व कर रहे। युगेंद्र पवार अपने चाचा तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार सात बार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार बारामती संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की है। यह दूसरी बार है जब पवार खानदान के गढ़ बारामती में परिवार के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा।

2024 के लोकसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उनकी ननद और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने बारामती संसदीय सीट से हराया था। पड़ोसी कर्जत-जामखेड़ में अजित पवार के एक अन्य भतीजे रोहित पवार राकांपा (एसपी) उम्मीदवार के तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम शिंदे के खिलाफ मुकाबले में हैं। रोहित पवार, शरद पवार के पोते हैं।

पति-पत्नी में कौन जीतेगा जंग?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की लड़ाई बेहद रोचक बन गई है, क्योंकि छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र से पति-पत्नी ही एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गए हैं। कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी अलग रह रही पत्नी और शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव के खिलाफ मैदान में हैं।

बता दें कि संजना अपने पति से अलग रह रही है लेकिन अभी दोनों के बीच अभी तलाक नहीं हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव का एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में संजना जाधव रोती हुई नजर आ रही थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि 'मैंने जो कुछ सहा, उसका मुझे कोई इनाम नहीं मिला, लेकिन आप जानते हैं कि मेरी जगह किसने ली। मेरे पिता पर तमाम तरह के आरोप लगाए गए, हमने सह लिया, क्योंकि एक लड़की के पिता को इसे सहना पड़ता है।

महाराष्ट्र में वंशवाद की सियासत

महाराष्ट्र में चुनावी मैदान में कई परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे राजनीति में रिश्तेदारों के बीच तकरार और प्रतिस्पर्धा का नया अध्याय जुड़ रहा है। इसके अलावा एक ही परिवार के कई सदस्य अलग-अलग सीटों से भी अपने पारिवारिक बिरासत को आगे ले जानें की होड़े में। इस लिस्ट में ठाकरे परिवार, राणे परिवार, देशमुख परिवार समेत कई परिवार हैं जो वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।

विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद

महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद का बेहतरीन नमूना देखने को मिल रहा है। विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख लातूर शहर से मैदान में हैं तो विलासराव के दूसरे बेटे धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से ताल ठोक रहे हैं।

ठाकरे परिवार भी चुनावी जंग में

ठाकरे परिवार के रिश्तेदार भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से दूर नहीं हैं। मुंबई में ठाकरे परिवार के सदस्य अलग-अलग सीटों से चुनावी मुकाबले में हैं। आदित्य ठाकरे वर्ली से मैदान में हैं तो उनकी मौसी के बेटे वरुण सरदेसाई पार्टी की टिकट पर बांद्रा से चुनाव लड़ रहे हैं। तो आदित्य के चचेरे भाई और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे एमएनएस के टिकट पर माहिम सीट से मैदान में हैं।

राणे परिवार का भी चुनावी मुकाबला

बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे और निलेश राणे क्रमशः शिवसेना और बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कुडाल और कणकवली सीट से चुनावी मैदान में हैं।

चुनावी मैदान में गावित परिवार

इस तरह महाराष्ट्र के मंत्री विजयकुमार गावित और उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद हिना गावित भी चुनावी मैदान में हैं। मंत्री विजयकुमार गावित बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर नंदुरबार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी बेटी हिना गावित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अक्कलकुवा सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।

भुजबल और पाटिल परिवार का चुनावी मुकाबला

एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल भी चुनावी मैदान में हैं। छगन भुजबल येवला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि समीर भुजबल नंदगांव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, NCP-SP प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल इस्लामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे पार्टी के टिकट पर राहुरी से चुनाव लड़ रहे हैं।

चनावी मैदान में शेलार परिवार

बीजेपी के मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार और उनके भाई विनोद शेलार क्रमशः वांद्रे (पश्चिम) और मलाड पश्चिम सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।

हंबार्डे परिवार का चुनावी मुकाबला*

नांदेड में संतुकराव हंबार्डे और उनके भाई मोहनराव हंबार्डे भी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मुकाबले में हैं। संतुकराव हंबार्डे नांदेड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मोहनराव हंबार्डे कांग्रेस के टिकट पर नांदेड दक्षिण विधानसभा सीट से चुनावी जंग में हैं।

बारामती में पीएम मोदी की रैली नहीं चाहते अजित पवार, जानें क्या है वजह

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महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है। यहां महा विकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में मुकाबला है। इन दोनों ही गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं कि सबकुछ सही नहीं है। इन सबके बीच अगर किसी खबर ने सबसे ज्यादा चौंकाया, वो है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारामती में चुनावी रैली नहीं करेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली नहीं करने का अनुरोध किया है।

अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पवार

महायुति के पार्टनर एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार महाराष्ट्र चुनाव में नाप तौल कर रणनीति बना रहे हैं। पहले उन्होंने 'बंटोगे तो कटोगे' का भाषण देने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्ववादी बयानों से किनारा कर लिया, फिर उन्होंने शिवाजी मानखुर्द नगर में अपने प्रत्याशी नवाब मलिक के लिए प्रचार करने की घोषणा कर दी। अब उन्होंने कहा है कि बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी को प्रचार करने की जरूरत नहीं है। अजीत पवार की मानें तो वहां लड़ाई परिवार के भीतर है। मौजूदा विधायक पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार हैं।

क्यों नहीं चाहते शाह जैसे नेताओं की रैलियां?

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी एनसीपी उम्मीदवार भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अमित शाह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की रैलियां क्यों नहीं चाहते हैं। अजितपवार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है और चुनाव खर्च की सीमा भी है। बारामती में उनकी जीत का अंतर क्या होगा, अजित पवार ने कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र में घूमने और लोगों से बात करने के बाद ही जवाब दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत के लिए सौ प्रतिशत निश्चिंत हैं और दावा किया कि जीत का अंतर भी बड़ा होगा।

बीजेपी का साथ लेने से क्यों कर रहे इनकार?

एनसीपी में बंटवारे के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों का विश्‍लेषण करने पर पता चलता है कि मुस्लिम मतदाता अजित पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी से दूर रहे। शरद पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी का प्रदर्शन लोकसभा में अजित पवार गुट की तुलना में काफी अच्‍छा रहा था। संभवत: इसका कारण अजित पवार का भाजपा के साथ होना ही था। लेकिन, सत्‍ता में भागीदारी की मजबूरी के चलते अजित पवार भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकते। इस मजबूरी के साथ मुस्लिम मतदाताओं को नाराज करने का जोखिम वह नहीं उठा सकते।

बारामती में छह दशक से शरद पवार का कब्जा

बता दें कि बारामती विधानसभा सीट पर छह दशक से शरद पवार का कब्जा है। अगर इस सीट से अजित पवार जीत जाते हैं तो शरद पवार का 60 साल पुराना वर्चस्व समाप्त हो जाएगा। वहीं, प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में अगर अजित यहां से चुनाव हार जाते हैं कि उनके लिए शायद ही कोई विकल्प बचे। 30 साल तक उन्होंने खुद इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उनके भतीजे अजित यहां से लगातार विधायक चुने जाते रहे। मगर अजीत के एनडीए में जाने के बाद बारामती सीट पर यह पहला विधानसभा चुनाव है, जहां पारिवारिक लड़ाई है।

योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाली महिला को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूछ-ताछ जारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर शनिवार शाम को मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को धमकी भरा मैसेज आया था. इसी के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है. मुंबई पुलिस ने धमकी देने वाली महिला की शिनाख्त कर ली है और उसे गिरफ्तार कर पूछ-ताछ शुरू कर दी है.

एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी कि मुंबई पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 24 साल की एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

धमकी देने वाली महिला कौन?

महिला की पहचान फातिमा खान के रूप में हुई है. महिला पढ़ी-लिखी है और उसने सूचना प्रौद्योगिकी में BSC की है. फातिमा अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर इलाके में रहती है. अधिकारी ने बताया कि उसके पिता लकड़ी का कारोबार करते हैं. पुलिस के मुताबिक महिला अच्छी शिक्षा प्राप्त है, लेकिन मानसिक रूप से अस्थिर है.

बाबा सिद्दीकी की तरह मारने की धमकी

अधिकारी ने बताया कि मुंबई ट्रैफिक पुलिस के व्हाट्सएप नंबर पर शनिवार को एक अज्ञात नंबर से एक मैसेज आया, जिसमें योगी आदित्यानाथ को धमकी दी गई कि अगर आदित्यनाथ 10 दिनों के भीतर सीएम पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें NCP नेता बाबा सिद्दीकी की तरह मार दिया जाएगा.

अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि फातिमा खान नाम की महिला ने यह संदेश भेजा था. जिसके बाद मुंबई आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने उल्हासनगर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर महिला का पता लगाया और उसे पकड़ लिया. अधिकारी ने बताया कि मामले की आगे की जांच जा रही है.

खबरों के मुताबिक 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने योगी आदित्यनाथ के महाराष्ट्र आ रहे हैं, जिसके चलते महाराष्ट्र पुलिस अलर्ट पर है. वहीं उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से मुंबई पुलिस पर कई सवाल उठे हैं.