स्पीकर को लेकर को लेकर विपक्षी गठबंधन में दरार? जानें टीएमसी ने क्या कहा
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18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में इंडिया गठबंधन के भीतर फूट पड़ती नजर आ रही है।लोकसभा स्पीकर चुनाव में कांग्रेस के एकतरफा फैसले ने गठबंधन के दो बड़े दल एनसीपी और टीएमसी को नाराज कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने तो नाराजगी का खुलकर इजहार भी किया है।वहीं, टीएमसी की नाराजगी के बीच शरद पवार के एक बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है।
विपक्षी गठबंधन की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि के. सुरेश के नाम पर पार्टी के किसी भी नेता के साथ चर्चा नहीं की गई। जिस समय के.सुरेश ने लोकसभा स्पीकर के चुनाव के लिए नामांकन भरा, उस समय तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता वहां हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद नहीं था। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पीकर चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पीकर पद पर लिए गए फैसले को एकतरफा बताया है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''स्पीकर को लेकर कांग्रेस ने अभी तक कोई बातचीत नहीं की है, ये एकतरफा डिसिजन था। स्पीकर चुनाव पर फैसला ममता बनर्जी लेंगी।''
इधर, मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए सीनियर पवार ने के.सुरेश की दावेदारी से खुद को अनभिज्ञ बता दिया है। पवार ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. हमेशा से यह पद सत्ताधारी दल के पास ही रहा है।
बता दें कि ओम बिरला और के. सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को एनडीए की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। अगर वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेन्द्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।
Jun 26 2024, 12:34