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कश्मीर में रमजान के बीच ऐसा क्या हा भड़क गए सीएम अब्दुल्ला, दिए जांच के आदेश

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कश्मीर के गुलमर्ग में 8 मार्च को एक फैशन शो हुआ था। शो में कई अर्धनग्न मॉडलों ने बर्फ पर रैंप वॉक किया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिसके बाद रमजान के पवित्र महीने में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा।इस मामले में सियासत भी गरमा गई है। मामले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने चर्चा की मांग की। मामले की गंभीरता देखते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, गुलमर्ग में बर्फ के बीच एक आउटडोर फैशन शो हुआ। आयोजित फैशन शो स्की एंड एप्रेस स्की 2025 उत्सव का हिस्सा था, जिसे 7 मार्च को प्रमुख डिजाइनर लेबल “शिवन एंड नरेश” ने अपनी 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया था। रमजान के पवित्र महीने के दौरान इस कार्यक्रम में मॉडल्स के खुले कपड़ों में प्रदर्शन से भारी आक्रोश फैल गया, कई लोगों ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का अनादर बताया। लोगों का कहना है कि सरकार रमजान में ऐसे फैशन शो के आयोजन की अनुमति कैसे दे सकती है?

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक ने फैशन शो को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए इसे अपमानजनक बताया और सवाल किया कि इसे करने की अनुमति कैसे दी गई।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने एक्स पर लिखा, गुलमर्ग में फैशन शो रमजान के पवित्र महीने के बीच में एक बेहद निंदा जनक घटना थी। मैं खुद को उदार व्यक्ति मानता हूं और सम्मानित और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक सह-अस्तित्व में विश्वास करता हूं, लेकिन इस तरह के आयोजन की मेजबानी करने का यह सबसे अच्छा समय नहीं था।

विवाद बढ़ता देख जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक जांच के आदेश जारी किए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने नॉर्थ कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट में आयोजित इस फैशन शो पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया। मुख्यमंत्री ने लोगों के आक्रोश को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है और 24 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीएम उमर अब्दुल्लाह ने उनके कार्यालय के संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हैंडल एक्स से लिखा, आश्चर्य और गुस्सा पूरी तरह से समझ में आता है। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, वे स्थानीय संवेदनशीलता के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाती हैं और वह भी इस पवित्र महीने (रमजान) के दौरान। मेरा कार्यालय स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और मैंने अगले 24 घंटों के अंदर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई, जैसा उचित होगा वो की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

जानें किस संस्था से जुड़ी हैं सोनिया गांधी, भारत विरोधी कर रहे फंडिंग, जानें क्या है पूरी विवाद?

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भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि सोनिया गांधी जिस संस्था से जुड़ी हैं उसे जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन ने वित्तीय मदद की है। बीजेपी का कहना है कि सोनिया और जॉर्ज सोरोस का यह जुड़ाव भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दिखाता है। साथ ही दोनों का यह जुड़ाव भारत के विकास को रोकने और बाधित करने के संयुक्त उद्देश्य को भी दिखाता है। इसके अलावा भाजपा ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) को लेकर राहुल गांधी को भी घेरा है।

भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सह-अध्यक्ष के तौर पर फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन से जुड़ी हैं। यह ऐसा संगठन है जो अलग कश्मीर का समर्थन करता है। यही नहीं, इसे हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से पैसा मिलता है। बीजेपी के एक्स पर ये भी आरोप लगाए गए हैं कि इस संगठन को जॉर्ज सोरोस की संस्था से फंडिंग मिलती है और सोनिया गांधी इस संस्था की सह-अध्यक्ष हैं।

भाजपा की तरफ से रविवार को एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट जारी करके कहा गया सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है। पार्टी के मुताबिक, सोनिया के राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के कारण जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी हुई, जो भारतीय संगठनों पर विदेशी वित्तपोषण के प्रभाव को दर्शाता है।

भाजपा ने कहा, सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव के अलावा ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को जाहिर करता है। बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी की राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के दौरान जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप हुई थी। सोरोस द्वारा वित्त पोषित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया था।

भाजपा ने यह भी कहा कि अडानी पर राहुल गांधी के हमलों का जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलने वाले खोजी पत्रकारों के कथित मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी पर सीधा प्रसारण किया गया, जबकि अडानी की आलोचना के लिए राहुल भी इसका (ओसीसीआरपी) इस्तेमाल स्रोत के तौर पर करते हैं। यह सब भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के उनके प्रयासों को उजागर करता है। पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर पूर्व में सार्वजनिक तौर पर जॉर्ज सोरोस को अपना पुराना मित्र बता चुके हैं।

अमेरिका ने आरोपों को किया खारिज

भाजपा ने यह आरोप ऐसे समय लगाए हैं जब एक दिन पहले ही अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज किया था कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से वित्तपोषित संगठन और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्व भारत को अस्थिर करने के प्रयासों में शामिल हैं। अमेरिका के बयान के बाद शशि थरूर ने कहा कि भाजपा न तो लोकतंत्र को समझती है और न ही कूटनीति को। वे तुच्छ राजनीति में इतने अंधे हो गए हैं कि वे लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस और जीवंत स्वतंत्र नागरिक समाज संगठनों के महत्व को भूल जाते हैं। यह हमलावर व्यवहार भारत के लिए शर्म की बात है।

क्या है ओएसएफ

क्या है Open Society Foundations Open Society Foundations (ओएसएफ) की बात करें तो इस संस्था का पहले Open Society Institute नाम था। यह अमेरीकी संस्था है जिसे बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस ने स्थापित किया। यह संस्था दुनियाभर के सिविल सोसाइटी ग्रुप की वित्तीय मदद करती है। संस्था न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वतंत्र मीडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए दुनियाभर की सोसाइटीज की वित्तीय मदद करती है।

कौन हैं जॉर्ज सोरोस

वहीं ओएसएफ के फाउंडर जॉर्ज सोरोस की बात करें तो वह कश्मीर और गौतम अडानी को लेकर दिए गए बयान की वजह से पहले भी चर्चा में रह चुके हैं। जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त 1930 को बुडापेस्ट हंगरी में हुआ उनका मूल नाम जॉर्ज श्वार्ट्ज था, लेकिन उनके परिवार ने यहूदी विरोधी माहौल से बचने के लिए अपना नाम बदलकर "सोरोस" रख लिया। जॉर्ज का बचपन नाजी जर्मनी के अत्याचारों के बीच गुजरा। उनके परिवार ने नाजियों से बचने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और विभिन्न स्थानों पर छिपकर जीवन यापन किया। जॉर्ज सोरोस ने अपना करियर वित्तीय संस्थानों में शुरू किया। 1973 में उन्होंने सोरोस फंड मैनेजमेंट नामक अपनी हेज फंड कंपनी की स्थापना की। उनकी कंपनी ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे वे दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक बने। ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापन जॉर्ज सोरोस ने 1979 में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापना की। यह संगठन मानवाधिकारों, लोकतंत्र, शिक्षा, और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। सोरोस ने इस फाउंडेशन को अब तक 32 बिलियन डॉलर से अधिक दान दिए हैं।

विवादों से नाता

सोरोस का कई विवादों से भी नाता रहा है। उनपर आरोप है कि वह सत्ता परिवर्तन और राजनीति को धनबल से प्रभावित करते हैं। उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने के लिए जाना जाता है। उनपर आरोप है कि ब्रिटिश मुद्रा पाउंड को शॉर्ट करके उन्होंने 1 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया। 29 जून 2023 को सोरोस की कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर थी। सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे हैं। उन्होंने 2020 में दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार राष्ट्रपवाद को आगे बढ़ा रही है, यह भारत के लिए सबसे बड़ा झटका है।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

Skytime is Changing the Tours and Travel Industry in Kerala

 

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370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 पर बवाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में हाथापाई, जमकर चले लात-घूंसे

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जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हो गया। विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए। बैनर पर लिखा था, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। बैनर को देखकर भाजपा के विधायक भड़क गए। भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन और वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई।

हंगामे के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा और हाथापाई के बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद मार्शलों ने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

370 के बहाली के प्रस्ताव बीजेपी ने क्या कहा

अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है। वहीं, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी जम्मू और कश्मीर के अंदर पाकिस्तान के एजेंडे को चला रही है। 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है।

वहीद पारा ने पेश किया प्रस्ताव, पर खारिज

अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव ने तीखी बहस की शुरुआत सोमवार को विधानसभा के उद्घाटन सत्र से ही हो गई थी। पुलवामा का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीपी नेता वहीद पारा ने शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। यह कदम 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के रुख के अनुरूप था।

उमर अब्दुल्ला ने किया खारिज

हालांकि, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रस्ताव को 'प्रतीकात्मक' बताते हुए खारिज कर दिया, यह सुझाव देते हुए कि इसे वास्तविक इरादे से नहीं बल्कि जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर इस मुद्दे को लेकर गंभीरता थी, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के परामर्श से प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।

कश्मीर में रमजान के बीच ऐसा क्या हा भड़क गए सीएम अब्दुल्ला, दिए जांच के आदेश

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कश्मीर के गुलमर्ग में 8 मार्च को एक फैशन शो हुआ था। शो में कई अर्धनग्न मॉडलों ने बर्फ पर रैंप वॉक किया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिसके बाद रमजान के पवित्र महीने में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा।इस मामले में सियासत भी गरमा गई है। मामले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने चर्चा की मांग की। मामले की गंभीरता देखते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, गुलमर्ग में बर्फ के बीच एक आउटडोर फैशन शो हुआ। आयोजित फैशन शो स्की एंड एप्रेस स्की 2025 उत्सव का हिस्सा था, जिसे 7 मार्च को प्रमुख डिजाइनर लेबल “शिवन एंड नरेश” ने अपनी 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया था। रमजान के पवित्र महीने के दौरान इस कार्यक्रम में मॉडल्स के खुले कपड़ों में प्रदर्शन से भारी आक्रोश फैल गया, कई लोगों ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का अनादर बताया। लोगों का कहना है कि सरकार रमजान में ऐसे फैशन शो के आयोजन की अनुमति कैसे दे सकती है?

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक ने फैशन शो को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए इसे अपमानजनक बताया और सवाल किया कि इसे करने की अनुमति कैसे दी गई।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने एक्स पर लिखा, गुलमर्ग में फैशन शो रमजान के पवित्र महीने के बीच में एक बेहद निंदा जनक घटना थी। मैं खुद को उदार व्यक्ति मानता हूं और सम्मानित और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक सह-अस्तित्व में विश्वास करता हूं, लेकिन इस तरह के आयोजन की मेजबानी करने का यह सबसे अच्छा समय नहीं था।

विवाद बढ़ता देख जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक जांच के आदेश जारी किए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने नॉर्थ कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट में आयोजित इस फैशन शो पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया। मुख्यमंत्री ने लोगों के आक्रोश को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है और 24 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीएम उमर अब्दुल्लाह ने उनके कार्यालय के संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हैंडल एक्स से लिखा, आश्चर्य और गुस्सा पूरी तरह से समझ में आता है। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, वे स्थानीय संवेदनशीलता के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाती हैं और वह भी इस पवित्र महीने (रमजान) के दौरान। मेरा कार्यालय स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और मैंने अगले 24 घंटों के अंदर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई, जैसा उचित होगा वो की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

जानें किस संस्था से जुड़ी हैं सोनिया गांधी, भारत विरोधी कर रहे फंडिंग, जानें क्या है पूरी विवाद?

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भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि सोनिया गांधी जिस संस्था से जुड़ी हैं उसे जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन ने वित्तीय मदद की है। बीजेपी का कहना है कि सोनिया और जॉर्ज सोरोस का यह जुड़ाव भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दिखाता है। साथ ही दोनों का यह जुड़ाव भारत के विकास को रोकने और बाधित करने के संयुक्त उद्देश्य को भी दिखाता है। इसके अलावा भाजपा ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) को लेकर राहुल गांधी को भी घेरा है।

भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सह-अध्यक्ष के तौर पर फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन से जुड़ी हैं। यह ऐसा संगठन है जो अलग कश्मीर का समर्थन करता है। यही नहीं, इसे हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से पैसा मिलता है। बीजेपी के एक्स पर ये भी आरोप लगाए गए हैं कि इस संगठन को जॉर्ज सोरोस की संस्था से फंडिंग मिलती है और सोनिया गांधी इस संस्था की सह-अध्यक्ष हैं।

भाजपा की तरफ से रविवार को एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट जारी करके कहा गया सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है। पार्टी के मुताबिक, सोनिया के राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के कारण जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी हुई, जो भारतीय संगठनों पर विदेशी वित्तपोषण के प्रभाव को दर्शाता है।

भाजपा ने कहा, सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव के अलावा ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को जाहिर करता है। बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी की राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के दौरान जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप हुई थी। सोरोस द्वारा वित्त पोषित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया था।

भाजपा ने यह भी कहा कि अडानी पर राहुल गांधी के हमलों का जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलने वाले खोजी पत्रकारों के कथित मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी पर सीधा प्रसारण किया गया, जबकि अडानी की आलोचना के लिए राहुल भी इसका (ओसीसीआरपी) इस्तेमाल स्रोत के तौर पर करते हैं। यह सब भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के उनके प्रयासों को उजागर करता है। पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर पूर्व में सार्वजनिक तौर पर जॉर्ज सोरोस को अपना पुराना मित्र बता चुके हैं।

अमेरिका ने आरोपों को किया खारिज

भाजपा ने यह आरोप ऐसे समय लगाए हैं जब एक दिन पहले ही अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज किया था कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से वित्तपोषित संगठन और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्व भारत को अस्थिर करने के प्रयासों में शामिल हैं। अमेरिका के बयान के बाद शशि थरूर ने कहा कि भाजपा न तो लोकतंत्र को समझती है और न ही कूटनीति को। वे तुच्छ राजनीति में इतने अंधे हो गए हैं कि वे लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस और जीवंत स्वतंत्र नागरिक समाज संगठनों के महत्व को भूल जाते हैं। यह हमलावर व्यवहार भारत के लिए शर्म की बात है।

क्या है ओएसएफ

क्या है Open Society Foundations Open Society Foundations (ओएसएफ) की बात करें तो इस संस्था का पहले Open Society Institute नाम था। यह अमेरीकी संस्था है जिसे बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस ने स्थापित किया। यह संस्था दुनियाभर के सिविल सोसाइटी ग्रुप की वित्तीय मदद करती है। संस्था न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वतंत्र मीडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए दुनियाभर की सोसाइटीज की वित्तीय मदद करती है।

कौन हैं जॉर्ज सोरोस

वहीं ओएसएफ के फाउंडर जॉर्ज सोरोस की बात करें तो वह कश्मीर और गौतम अडानी को लेकर दिए गए बयान की वजह से पहले भी चर्चा में रह चुके हैं। जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त 1930 को बुडापेस्ट हंगरी में हुआ उनका मूल नाम जॉर्ज श्वार्ट्ज था, लेकिन उनके परिवार ने यहूदी विरोधी माहौल से बचने के लिए अपना नाम बदलकर "सोरोस" रख लिया। जॉर्ज का बचपन नाजी जर्मनी के अत्याचारों के बीच गुजरा। उनके परिवार ने नाजियों से बचने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और विभिन्न स्थानों पर छिपकर जीवन यापन किया। जॉर्ज सोरोस ने अपना करियर वित्तीय संस्थानों में शुरू किया। 1973 में उन्होंने सोरोस फंड मैनेजमेंट नामक अपनी हेज फंड कंपनी की स्थापना की। उनकी कंपनी ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे वे दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक बने। ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापन जॉर्ज सोरोस ने 1979 में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापना की। यह संगठन मानवाधिकारों, लोकतंत्र, शिक्षा, और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। सोरोस ने इस फाउंडेशन को अब तक 32 बिलियन डॉलर से अधिक दान दिए हैं।

विवादों से नाता

सोरोस का कई विवादों से भी नाता रहा है। उनपर आरोप है कि वह सत्ता परिवर्तन और राजनीति को धनबल से प्रभावित करते हैं। उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने के लिए जाना जाता है। उनपर आरोप है कि ब्रिटिश मुद्रा पाउंड को शॉर्ट करके उन्होंने 1 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया। 29 जून 2023 को सोरोस की कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर थी। सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे हैं। उन्होंने 2020 में दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार राष्ट्रपवाद को आगे बढ़ा रही है, यह भारत के लिए सबसे बड़ा झटका है।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

Skytime is Changing the Tours and Travel Industry in Kerala

 

In the rapidly evolving travel industry, Skytime Tours and Travels has set itself apart by delivering unparalleled experiences to customers. Established in 2019 with just one staff member, Skytime has grown into a thriving company with offices in Kochi and Tirur, a team of 19 dedicated professionals, and a record of more than 10,000 satisfied customers. What makes Skytime truly unique is their unwavering commitment to ensuring customer satisfaction, which has earned them a solid reputation as the best travel agency in Kerala.Whether you’re looking for a Thailand trip package from Kerala or planning an unforgettable journey to Malaysia, Skytime offers carefully curated Thailand packages from Kerala and Malaysia trip packages from Kerala that cater to every traveller’s needs. With their wide range of Thailand tourism packages from Kerala and Malaysia tour packages from Kerala, Skytime provides a seamless experience from start to finish, ensuring that every detail is taken care of. From Thailand tour packages from Cochin to exotic Malaysia tour packages from Kerala, Skytime has options to suit every budget and preference.

What sets Skytime Tours and Travels apart is their personalised approach. Each package is designed to provide travellers with a unique and memorable experience, ensuring that no two trips are the same. With their strategic collaborations with major airlines and travel brands like Royal Caribbean, they are able to offer unbeatable packages to destinations around the world, including Europe, Japan, China, Turkey, Azerbaijan, Singapore, Thailand, Malaysia, the Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Kashmir, Manali, the Golden Triangle, and Goa.

Skytime's success is no accident. From its humble beginnings, with just one employee and a single office, to its current status as one of the best tour operators in Kerala, the company's growth has been driven by a relentless focus on quality and customer care. Their services range from holiday packages to flight booking, with tailored assistance to ensure a stress-free journey.

Planning a Thailand trip from Kerala has never been easier, thanks to Skytime’s commitment to crafting the perfect travel experience. They offer Thailand tour packages from Kerala that not only cover the best attractions but also provide unique insights into local culture. Whether you’re interested in exploring the bustling streets of Bangkok, the tranquil beaches of Phuket, or the cultural riches of Chiang Mai, Skytime has a package that’s right for you.

For those seeking an adventure in Malaysia, Skytime offers some of the most comprehensive Malaysia packages from Kerala. Their expert team designs Malaysia tour packages from Kerala that take travellers through the vibrant cities of Kuala Lumpur, the lush rainforests of Borneo, and the pristine beaches of Langkawi. Every detail is meticulously planned to ensure that your trip is not only enjoyable but also unforgettable.

Since their founding, Skytime’s growth has been nothing short of remarkable. They’ve expanded their services to cater to travellers all over India, and now, their sights are set on global expansion. In the next 1.5 years, Skytime plans to extend its operations to the Gulf Cooperation Council (GCC) countries, creating new opportunities for growth. By 2030, they aim to operate in at least three additional countries, with a team exceeding 100 professionals, all dedicated to providing the best travel experiences.

At the heart of Skytime’s success is their customer-first approach. Unlike many other travel agencies, Skytime has a spotless track record when it comes to customer satisfaction. Every traveller’s needs are taken seriously, and the company ensures that all aspects of the trip, from planning to execution, are seamless and stress-free. This dedication to excellence has earned them the loyalty of thousands of customers, making them one of the best travel agencies in Kerala.

Skytime’s commitment to personalised travel experiences is what truly sets them apart. Whether you're booking a Thailand tour package from Kerala or a Malaysia trip package from Kerala, you can trust Skytime to handle every detail with precision and care. Their reputation as one of the best tour operators in Kerala has been built on this foundation of trust, reliability, and a genuine passion for travel.

With their diverse range of holiday packages, from the stunning beaches of Thailand and Malaysia to the snow-capped peaks of Kashmir and Manali, Skytime ensures that every traveller’s dreams come true. Their growing portfolio also includes trips to Europe, Japan, China, Turkey, Azerbaijan, Singapore, Goa, and the Golden Triangle, offering a truly global selection of travel options.

In conclusion, Skytime Tours and Travels is revolutionising the way people in Kerala experience the world. With two thriving offices, 19 dedicated staff members, and over 10,000 happy customers, they are leading the way in the travel industry. Their plans for expansion into the GCC market signal even greater things to come. For those seeking an unforgettable travel experience, Skytime is the perfect companion.

370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

#noonebringbackarticle370injammukashmirpmmodi

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 पर बवाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में हाथापाई, जमकर चले लात-घूंसे

#massiveuproarinjammuandkashmirassembly

जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हो गया। विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए। बैनर पर लिखा था, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। बैनर को देखकर भाजपा के विधायक भड़क गए। भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन और वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई।

हंगामे के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा और हाथापाई के बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद मार्शलों ने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

370 के बहाली के प्रस्ताव बीजेपी ने क्या कहा

अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है। वहीं, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी जम्मू और कश्मीर के अंदर पाकिस्तान के एजेंडे को चला रही है। 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है।

वहीद पारा ने पेश किया प्रस्ताव, पर खारिज

अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव ने तीखी बहस की शुरुआत सोमवार को विधानसभा के उद्घाटन सत्र से ही हो गई थी। पुलवामा का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीपी नेता वहीद पारा ने शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। यह कदम 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के रुख के अनुरूप था।

उमर अब्दुल्ला ने किया खारिज

हालांकि, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रस्ताव को 'प्रतीकात्मक' बताते हुए खारिज कर दिया, यह सुझाव देते हुए कि इसे वास्तविक इरादे से नहीं बल्कि जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर इस मुद्दे को लेकर गंभीरता थी, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के परामर्श से प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।