आप ने दिया कांग्रेस को जोर का झटका, केजरीवाल ने कांग्रेस संग गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम
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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को अरविंद केजरीवाल ने खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी दिल्ली अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।
दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।
एएनआई के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने खंडन किया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।'
आप-कांग्रेस गठबंधन की लग रहीं थी अटकलें
बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के नेता आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इसके बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के नेता पहुंचे शरद पवार के घर पहुंचे। जिसके बाद ये कयास लगने और तेज हो गए कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।
कांग्रेस के पास अकेले लड़ने की “ताकत” नहीं
इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुके हैं।आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनों से लगातार इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस अपने सियासी ताकत को समझ रही हैं। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि अकेले चुनाव लड़ने पर कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मुस्लिम और दलित दोनों ही कांग्रेस से छिटक गया है और अपने-अपने कारणों से आम आदमी पार्टी के पास जा चुका है। कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यही रही और अब इसके चलते ही कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि बिना गठबंधन के कोई हल नहीं निकलने वाला, क्योंकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है।
केजरीवाल के लिए आसान नहीं दिल्ली चुनाव
वैसे इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए काफी मुश्किल भरा माना जा रहा है। ऐसे में चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रेस में पार्टी को इस बार कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच सालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, उन्हें जेल भी जाना पड़ा और केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा देकर अतिशी को कमान सौंपनी पड़ी। ऐसे में आम आदमी पार्टी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं कर रही है।
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