/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:cbi_arrest_cm_arvind_kejriwal_tihar_jail
India

2 hours and 49 min ago

NEET पेपर लीक में CBI का बड़ा एक्शन, प्रिंसिपल एहसानुल, VC इम्तियाज़ और पत्रकार जलालुद्दीन गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हज़ारीबाग के ओएसिस (Oasis) स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज़ आलम के साथ 5 अन्य को NEET पेपर लीक मामले में औपचारिक रूप से गिरफ़्तार किया है। तीन दिन की लंबी पूछताछ के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं हैं। इसके अलावा, जांच के तहत एक स्थानीय दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार जलालुद्दीन से भी पूछताछ की गई, जिन्हे बाद में अरेस्ट कर लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार जलालुद्दीन पर प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक की मदद करने का आरोप है। प्रिंसिपल एहसानुल हक को गत वर्ष CBSE का कोरडीनशर भी बनाया गया था, माना जा रहा है कि, गिरफ्तार किए गए प्रिंसिपल ने CBSE एग्जाम में भी धांधली की हो सकती है।

 

हक से बुधवार को Oasis स्कूल में कई घंटों तक पूछताछ की गई। इसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए हजारीबाग के एक गेस्ट हाउस में ले जाया गया। शुक्रवार की सुबह उसे दो घंटे के लिए उसके स्कूल के दफ़्तर में लाया गया। इसके बाद उसे 50 घंटे से ज़्यादा समय तक सीबीआई की हिरासत में रखने के बाद 7 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया। ये गिरफ्तारियां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा NEET-UG परीक्षा पेपर लीक मामले में पटना से दो व्यक्तियों को हिरासत में लेने के एक दिन बाद हुईं, जो इस मामले में एजेंसी द्वारा की गई पहली गिरफ्तारी थी।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए, जहाँ लीक हुए पेपर और उत्तर कुंजियाँ वितरित की गईं। CBI ने नीट पेपर लीक मामले में छह FIR दर्ज की हैं। परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मंत्रालय की घोषणा के बाद रविवार को पहली FIR दर्ज की गई। यह फैसला प्रदर्शनकारी छात्रों के एक समूह द्वारा CBI जांच की मांग के बाद आया है। CBI ने सोमवार को मामले को अपने हाथ में लेकर कथित परीक्षा अनियमितताओं की जांच शुरू करने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के कार्यालय पहुंची। 

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET-UG, भारत भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा है। इस साल की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर हुई, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे, जिसमें 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए।

India

Jun 28 2024, 17:54

ISRO जासूसी मामले में साजिश के तहत फंसाए गए थे अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन, अब जिम्मेदार अफसरों पर सीबीआई फाइल करेगी चार्जशीट

 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दो पूर्व DGP, केरल के सिबी मैथ्यूज और गुजरात के आरबी श्रीकुमार के साथ-साथ तीन अन्य सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। यह कार्रवाई 1994 के ISRO जासूसी मामले में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने में उनकी कथित संलिप्तता से संबंधित है।

बता दें कि, यह विवाद अक्टूबर 1994 में शुरू हुआ था, जब केरल पुलिस ने मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवनंतपुरम में गिरफ़्तार किया और उस पर पाकिस्तान को ISRO रॉकेट इंजन के गोपनीय चित्र बेचने की कोशिश करने का आरोप लगाया। जांच जल्द ही फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप ISRO के क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के तत्कालीन निदेशक नंबी नारायणन, ISRO के उप निदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फ़ौसिया हसन को गिरफ़्तार कर लिया गया। नंबी नारायणन को हिरासत में केरल पुलिस और IB अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान उन्हें गंभीर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह यातना 50 दिनों तक चली, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और करियर को काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, बाद में CBI जांच हुई और नंबी नारायणन पर लगे इन तमाम आरोपों को निराधार पाया गया।

सितंबर 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने नंबी नारायणन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को "मनोवैज्ञानिक उपचार" करार दिया, जिसमें कहा गया कि उनकी "स्वतंत्रता और गरिमा", जो उनके मानवाधिकारों के लिए बुनियादी है, उन्हें हिरासत में लिए जाने के कारण खतरे में डाल दिया गया और अतीत के सभी गौरव के बावजूद, अंततः उन्हें "निंदनीय घृणा" का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 15 अप्रैल, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि ISRO वैज्ञानिक नंबी नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2021 में मामला दर्ज करने के बाद, CBI ने तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक मैथ्यूज, जिन्होंने मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व किया था, श्रीकुमार, जो खुफिया ब्यूरो में उप निदेशक थे, पीएस जयप्रकाश, जो उस समय SIB-केरल में तैनात थे, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक केके जोशुआ और निरीक्षक एस विजयन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने बताया कि CBI ने उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 330 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 167 (झूठे दस्तावेज तैयार करना), 193 (मनगढ़ंत साक्ष्य तैयार करना), 354 (महिलाओं पर आपराधिक हमला) के तहत आरोप लगाए हैं।

बता दें कि, 1994 में जब डॉ नंबी नारायणन एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे थे और देश को दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे थे, उस समय उनके जीवन में एक दुखद मोड़ आया जब उन्हें एक मनगढ़ंत जासूसी मामले में फंसा दिया गया। उन पर फर्जी आरोप लगाया गया था कि, उन्होंने गोपनीय भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को विदेशी एजेंसियों को लीक कर दिया था, ये सब अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए किया गया था। घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण इस वैज्ञानिक की गिरफ्तारी हुई और बाद में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उन्हें कई तरह से यातनाएं दी गई, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, जिसने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया।

सत्य और न्याय की जीत होने से पहले डॉ नंबी नारायणन का मामला दो दशकों से अधिक समय तक चला। उनकी कानूनी टीम, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के अथक प्रयासों के कारण अंततः 2018 में, यानि 24 साल प्रताड़ना झेलने के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। न्यायालय ने न केवल उन्हें निर्दोष घोषित किया, बल्कि उनकी गलत गिरफ्तारी में राज्य सरकार की भूमिका की भी आलोचना की। इस ऐतिहासिक फैसले ने न केवल डॉ. नारायणन को सही साबित किया, बल्कि प्रणालीगत विफलताओं और निहित हितों के बावजूद भी न्याय, निष्पक्षता और अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।

बता दें कि, डॉ नारायणन के खिलाफ साजिश के समय, भारत में केंद्रीय स्तर और केरल राज्य दोनों में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी, लेकिन सरकार भी अपने देश के वैज्ञानिक के साथ खड़ी नहीं दिखी थी। डॉ नंबी नारायणन की कहानी उल्लेखनीय संघर्ष और देशभक्ति की कहानी है, जहां एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक ने अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया और विजयी हुआ। सत्य, विज्ञान और न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का काम करती है। नंबी नारायणन के मामले ने न्याय में गड़बड़ी को रोकने के लिए कानूनी सुधारों और तंत्र की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी चर्चा को प्रेरित किया है। आखिर कैसे, देश को चाँद पर पहुंचाने के लिए अथक मेहनत कर रहे एक वैज्ञानिक को एक फर्जी मामले में खुद को बेकसूर साबित करने में 24 साल लग गए ? तब तक वो न जाने देश के लिए कितना काम कर चुके होते ?

एक राष्ट्र के रूप में, भारत को इस दर्दनाक अध्याय से सीखना जारी रखना चाहिए और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए, जहां ज्ञान और सत्य की खोज का जश्न मनाया जाए और उसकी रक्षा की जाए। डॉ। नारायणन की दोषमुक्ति न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी लोगों की सामूहिक जीत भी है, जो न्याय और अखंडता की वकालत करते हुए उनके पीछे खड़े थे।

TeluguCentralnews

Jun 27 2024, 13:54

పేపర్ లీకేజీపై స్పందించిన రాష్ట్రపతి
దేశంలో పేపర్ లీకేజీ ఘటనలపై రాష్ట్రపతి ద్రౌపది ముర్ము స్పందించారు. 18వ లోక్సభ తొలి సమావేశాల్లో ఆమె నేడు పార్లమెంట్ ఉభయ సభలను ఉద్దేశించి ప్రసంగించారు.

నీట్, నెట్ పేపర్ లీకేజీపై ఆమె తన ప్రసంగంలో మాట్లాడుతూ.. దర్యాప్తు కొనసాగుతుందన్నారు. పేపర్ లీకేజీపై నిష్పక్షపాతంగా విచారణ జరుగుతోందన్నారు. నిందితులపై చర్యలు తప్పవన్నారు. పేపర్ లీకేజీపై CBI దర్యాప్తునకు ఆదేశించడం ప్రభుత్వ జవాబుదారీతనాన్ని తెలియజేస్తుందన్నారు.

TeluguCentralnews

Jun 27 2024, 13:49

Central గుజరాత్ లోని రెండు పాఠశాలల్లో CBI దాడులు
నీట్ పేపర్ లీక్ కేసు దర్యాప్తును CBI చేపట్టి కఠిన చర్యలు తీసుకుంటుంది. నీట్ పరీక్షలో అవకతవకల నిగ్గు తేల్చేందుకు CBI గురువారం గుజరాత్ కు చేరుకుందని ఆ వర్గాలు తెలిపాయి. పంచమల్ ప్రాంతంలోని రెండు పాఠశాలల్లో నీట్ పరీక్షకు కేంద్రం ఉంది. పేపర్ లీకేజీకి సంబంధించి పరీక్ష రోజున పాఠశాల ప్రధానోపాధ్యాయులు, సిబ్బంది వాంగ్మూలాలు అధికారులు నమోదు చేయనున్నారు.

India

Jun 26 2024, 18:42

मनीष सिसोदिया पर मैंने कोई आरोप नहीं लगाए...', CBI के दावों पर बोले केजरीवाल

शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति एवं इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. अब इन दावों का केजरीवाल ने खंडन किया है. केजरीवाल ने अदालत में कहा कि मीडिया में कुछ चल रहा है, जो सही नहीं है. मैंने ऐसा बयान नहीं दिया है कि मनीष सिसोदिया दोषी हैं. मैने कहा था कि वो निर्दोष हैं और मैं भी निर्दोष हूं. इनका मकसद ही मीडिया में हमें बदनाम करना है. 

बता दे कि CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए CBI का कारण यह था कि वह उस मंत्रिमंडल का हिस्सा थे जिसने शराब नीति को अनुमति दी थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रिश्वत लेने के पश्चात् दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में हितधारकों के मन मुताबिक संशोधन किए गए. थोक विक्रेताओं के लिए प्रॉफिट मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया.

India

Jun 26 2024, 14:49

नई शराब नीति का आइडिया मेरा नहीं, मनीष सिसोदिया का था' ,अरविंद केजरीवाल को लेकर CBI ने किया यह दावा

 शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति तथा इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. CBI ने अदालत में कहा कि 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया. सीएम केजरीवाल ने शराब नीति को लेकर उससे मुलाकात की. केजरीवाल ने 16 मार्च को सचिवालय में मगुंटा रेड्डी से पहली बार मुलाकात की. वह सांसद हैं तथा दक्षिण में बड़ा नाम हैं. उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की एवं शराब दिल्ली नीति को लेकर सपोर्ट मांगा. इस पर केजरीवाल ने मदद का आश्वासन दिया किन्तु उनसे AAP को फंड देने को कहा.

CBI ने कहा कि मंगुटा रेड्डी से के.कविता से बात करने को कहा गया था. 19 मार्च 2021 को कविता ने रेड्डी से संपर्क किया तथा उनसे हैदराबाद में मिलने को कहा. हैदराबाद में कविता ने रेड्डी से 50 करोड़ की मांग की. रेड्डी को बताया गया कि वे पहले से ही नई शराब नीति पर काम कर रहे हैं तथा उनसे इस पॉलिसी पर साथ मिलकर काम करने को कहा गया. ये सब सीएम केजरीवाल की जानकारी तथा उनके निर्देश पर हुआ. 

CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

India

Jun 26 2024, 14:46

कोर्ट रूम में बिगड़ी CM अरविंद केजरीवाल की तबीयत, सुनवाई रोककर दूसरे रूम में ले जाया गया, लो हुआ शुगर लेवल

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद तबीयत बिगड़ने की खबर आई है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट से ही सीबीआई ने उनको गिरफ्तार किया और इसके बाद उनका शुगर लेवल सामान्य से कम हो गया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट रूम से बाहर लाया गया और चाय व बिस्किट खिलाई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल की रिमांड की मांग की। जांच एजेंसी ने कहा कि हमें केजरीवाल को हिरासत में ले जाकर पूछताछ करने की इजाजत दी जाए। 

केजरीवाल की बिगड़ती तबीयत को देखकर सुनवाई रोक दी गई और उन्हें अलग रूम में शिफ्ट किया गया। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी केजरीवाल को आज सुबह तिहाड़ जेल से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। अवकाशकालीन बेंच के जस्टिस अमिताभ रावत के समक्ष केजरीवाल को पेश किया गया। सीबीआई ने कोर्ट से उनकी कस्टडी की मांग की। 

CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी। इससे पहले, शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। वे पिछले 87 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। सीबीआई के वकील ने अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि केजरीवाल के वकील के आरोप गलत हैं। खुद आम आदमी पार्टी ने पॉलिसी डॉक्यूमेंट तैयार किए, वही नीति इन्होंने लागू की। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार जांच एजेंसी पर आरोप लगाया जाता है और इस परीक्षा को हम पार करते हैं।

India

Jun 26 2024, 09:59

खत्म नहीं हो रही है केजरीवाल की मुश्किलें, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा, कर सकती है गिरफ्तार?

#cbi_arrest_cm_arvind_kejriwal_tihar_jail

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब खबरें रहीं है कि दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है।शराब घोटाला केस में केंद्रीय जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की है।एजेंसी ने उनसे सोमवार को भी पूछताछ की थी और जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।सीबीआई को सीएम केजरीवाल को बुधवार को संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेश करने की अनुमति भी मिल गई है। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जबकि जमानत से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई होनी है।

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से शराब घोटाले मामले में सोमवार के बाद मंगलवार को भी करीब डेढ़ घंटे लंबी पूछताछ की और उनके बयान रिकार्ड कर लिए। साथ ही सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की कि केजरीवाल को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने जो कुछ बताया है, उसके आधार पर सीबीआई बुधवार को दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री के कस्टोडियल इंटेरोगेशन यानी गिरफ्तारी की मांग कर सकती है या फिर प्रोडक्शन वारंट की मांग कर सकती है।

आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नई साजिश रचने का आरोप लगाया। आप नेता संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने सीएम केजरीवाल को ‘फर्जी मामले’ में फंसाने के लिए सीबीआई के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई से पहले ये साजिश की जा रही है। ताकि केजरीवाल को जमानत न मिल सके। संयज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो मैसेज में सवाल उठाया कि जब ऐसी चीजें हो रही हैं तो न्याय कैसे मिलेगा।

अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च, 2024 को उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी।केजरीवाल को बेल मिलने के बाद उन्हें दो जून को फिर से अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र सोमवार को इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी थी।

India

Jun 24 2024, 14:12

ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे।

याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।

India

Jun 24 2024, 14:11

ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे। याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।

India

2 hours and 49 min ago

NEET पेपर लीक में CBI का बड़ा एक्शन, प्रिंसिपल एहसानुल, VC इम्तियाज़ और पत्रकार जलालुद्दीन गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हज़ारीबाग के ओएसिस (Oasis) स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज़ आलम के साथ 5 अन्य को NEET पेपर लीक मामले में औपचारिक रूप से गिरफ़्तार किया है। तीन दिन की लंबी पूछताछ के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं हैं। इसके अलावा, जांच के तहत एक स्थानीय दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार जलालुद्दीन से भी पूछताछ की गई, जिन्हे बाद में अरेस्ट कर लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार जलालुद्दीन पर प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक की मदद करने का आरोप है। प्रिंसिपल एहसानुल हक को गत वर्ष CBSE का कोरडीनशर भी बनाया गया था, माना जा रहा है कि, गिरफ्तार किए गए प्रिंसिपल ने CBSE एग्जाम में भी धांधली की हो सकती है।

 

हक से बुधवार को Oasis स्कूल में कई घंटों तक पूछताछ की गई। इसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए हजारीबाग के एक गेस्ट हाउस में ले जाया गया। शुक्रवार की सुबह उसे दो घंटे के लिए उसके स्कूल के दफ़्तर में लाया गया। इसके बाद उसे 50 घंटे से ज़्यादा समय तक सीबीआई की हिरासत में रखने के बाद 7 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया। ये गिरफ्तारियां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा NEET-UG परीक्षा पेपर लीक मामले में पटना से दो व्यक्तियों को हिरासत में लेने के एक दिन बाद हुईं, जो इस मामले में एजेंसी द्वारा की गई पहली गिरफ्तारी थी।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए, जहाँ लीक हुए पेपर और उत्तर कुंजियाँ वितरित की गईं। CBI ने नीट पेपर लीक मामले में छह FIR दर्ज की हैं। परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मंत्रालय की घोषणा के बाद रविवार को पहली FIR दर्ज की गई। यह फैसला प्रदर्शनकारी छात्रों के एक समूह द्वारा CBI जांच की मांग के बाद आया है। CBI ने सोमवार को मामले को अपने हाथ में लेकर कथित परीक्षा अनियमितताओं की जांच शुरू करने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के कार्यालय पहुंची। 

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET-UG, भारत भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा है। इस साल की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर हुई, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे, जिसमें 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए।

India

Jun 28 2024, 17:54

ISRO जासूसी मामले में साजिश के तहत फंसाए गए थे अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन, अब जिम्मेदार अफसरों पर सीबीआई फाइल करेगी चार्जशीट

 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दो पूर्व DGP, केरल के सिबी मैथ्यूज और गुजरात के आरबी श्रीकुमार के साथ-साथ तीन अन्य सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। यह कार्रवाई 1994 के ISRO जासूसी मामले में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने में उनकी कथित संलिप्तता से संबंधित है।

बता दें कि, यह विवाद अक्टूबर 1994 में शुरू हुआ था, जब केरल पुलिस ने मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवनंतपुरम में गिरफ़्तार किया और उस पर पाकिस्तान को ISRO रॉकेट इंजन के गोपनीय चित्र बेचने की कोशिश करने का आरोप लगाया। जांच जल्द ही फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप ISRO के क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के तत्कालीन निदेशक नंबी नारायणन, ISRO के उप निदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फ़ौसिया हसन को गिरफ़्तार कर लिया गया। नंबी नारायणन को हिरासत में केरल पुलिस और IB अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान उन्हें गंभीर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह यातना 50 दिनों तक चली, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और करियर को काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, बाद में CBI जांच हुई और नंबी नारायणन पर लगे इन तमाम आरोपों को निराधार पाया गया।

सितंबर 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने नंबी नारायणन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को "मनोवैज्ञानिक उपचार" करार दिया, जिसमें कहा गया कि उनकी "स्वतंत्रता और गरिमा", जो उनके मानवाधिकारों के लिए बुनियादी है, उन्हें हिरासत में लिए जाने के कारण खतरे में डाल दिया गया और अतीत के सभी गौरव के बावजूद, अंततः उन्हें "निंदनीय घृणा" का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 15 अप्रैल, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि ISRO वैज्ञानिक नंबी नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2021 में मामला दर्ज करने के बाद, CBI ने तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक मैथ्यूज, जिन्होंने मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व किया था, श्रीकुमार, जो खुफिया ब्यूरो में उप निदेशक थे, पीएस जयप्रकाश, जो उस समय SIB-केरल में तैनात थे, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक केके जोशुआ और निरीक्षक एस विजयन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने बताया कि CBI ने उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 330 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 167 (झूठे दस्तावेज तैयार करना), 193 (मनगढ़ंत साक्ष्य तैयार करना), 354 (महिलाओं पर आपराधिक हमला) के तहत आरोप लगाए हैं।

बता दें कि, 1994 में जब डॉ नंबी नारायणन एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे थे और देश को दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे थे, उस समय उनके जीवन में एक दुखद मोड़ आया जब उन्हें एक मनगढ़ंत जासूसी मामले में फंसा दिया गया। उन पर फर्जी आरोप लगाया गया था कि, उन्होंने गोपनीय भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को विदेशी एजेंसियों को लीक कर दिया था, ये सब अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए किया गया था। घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण इस वैज्ञानिक की गिरफ्तारी हुई और बाद में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उन्हें कई तरह से यातनाएं दी गई, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, जिसने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया।

सत्य और न्याय की जीत होने से पहले डॉ नंबी नारायणन का मामला दो दशकों से अधिक समय तक चला। उनकी कानूनी टीम, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के अथक प्रयासों के कारण अंततः 2018 में, यानि 24 साल प्रताड़ना झेलने के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। न्यायालय ने न केवल उन्हें निर्दोष घोषित किया, बल्कि उनकी गलत गिरफ्तारी में राज्य सरकार की भूमिका की भी आलोचना की। इस ऐतिहासिक फैसले ने न केवल डॉ. नारायणन को सही साबित किया, बल्कि प्रणालीगत विफलताओं और निहित हितों के बावजूद भी न्याय, निष्पक्षता और अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।

बता दें कि, डॉ नारायणन के खिलाफ साजिश के समय, भारत में केंद्रीय स्तर और केरल राज्य दोनों में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी, लेकिन सरकार भी अपने देश के वैज्ञानिक के साथ खड़ी नहीं दिखी थी। डॉ नंबी नारायणन की कहानी उल्लेखनीय संघर्ष और देशभक्ति की कहानी है, जहां एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक ने अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया और विजयी हुआ। सत्य, विज्ञान और न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का काम करती है। नंबी नारायणन के मामले ने न्याय में गड़बड़ी को रोकने के लिए कानूनी सुधारों और तंत्र की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी चर्चा को प्रेरित किया है। आखिर कैसे, देश को चाँद पर पहुंचाने के लिए अथक मेहनत कर रहे एक वैज्ञानिक को एक फर्जी मामले में खुद को बेकसूर साबित करने में 24 साल लग गए ? तब तक वो न जाने देश के लिए कितना काम कर चुके होते ?

एक राष्ट्र के रूप में, भारत को इस दर्दनाक अध्याय से सीखना जारी रखना चाहिए और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए, जहां ज्ञान और सत्य की खोज का जश्न मनाया जाए और उसकी रक्षा की जाए। डॉ। नारायणन की दोषमुक्ति न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी लोगों की सामूहिक जीत भी है, जो न्याय और अखंडता की वकालत करते हुए उनके पीछे खड़े थे।

TeluguCentralnews

Jun 27 2024, 13:54

పేపర్ లీకేజీపై స్పందించిన రాష్ట్రపతి
దేశంలో పేపర్ లీకేజీ ఘటనలపై రాష్ట్రపతి ద్రౌపది ముర్ము స్పందించారు. 18వ లోక్సభ తొలి సమావేశాల్లో ఆమె నేడు పార్లమెంట్ ఉభయ సభలను ఉద్దేశించి ప్రసంగించారు.

నీట్, నెట్ పేపర్ లీకేజీపై ఆమె తన ప్రసంగంలో మాట్లాడుతూ.. దర్యాప్తు కొనసాగుతుందన్నారు. పేపర్ లీకేజీపై నిష్పక్షపాతంగా విచారణ జరుగుతోందన్నారు. నిందితులపై చర్యలు తప్పవన్నారు. పేపర్ లీకేజీపై CBI దర్యాప్తునకు ఆదేశించడం ప్రభుత్వ జవాబుదారీతనాన్ని తెలియజేస్తుందన్నారు.

TeluguCentralnews

Jun 27 2024, 13:49

Central గుజరాత్ లోని రెండు పాఠశాలల్లో CBI దాడులు
నీట్ పేపర్ లీక్ కేసు దర్యాప్తును CBI చేపట్టి కఠిన చర్యలు తీసుకుంటుంది. నీట్ పరీక్షలో అవకతవకల నిగ్గు తేల్చేందుకు CBI గురువారం గుజరాత్ కు చేరుకుందని ఆ వర్గాలు తెలిపాయి. పంచమల్ ప్రాంతంలోని రెండు పాఠశాలల్లో నీట్ పరీక్షకు కేంద్రం ఉంది. పేపర్ లీకేజీకి సంబంధించి పరీక్ష రోజున పాఠశాల ప్రధానోపాధ్యాయులు, సిబ్బంది వాంగ్మూలాలు అధికారులు నమోదు చేయనున్నారు.

India

Jun 26 2024, 18:42

मनीष सिसोदिया पर मैंने कोई आरोप नहीं लगाए...', CBI के दावों पर बोले केजरीवाल

शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति एवं इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. अब इन दावों का केजरीवाल ने खंडन किया है. केजरीवाल ने अदालत में कहा कि मीडिया में कुछ चल रहा है, जो सही नहीं है. मैंने ऐसा बयान नहीं दिया है कि मनीष सिसोदिया दोषी हैं. मैने कहा था कि वो निर्दोष हैं और मैं भी निर्दोष हूं. इनका मकसद ही मीडिया में हमें बदनाम करना है. 

बता दे कि CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए CBI का कारण यह था कि वह उस मंत्रिमंडल का हिस्सा थे जिसने शराब नीति को अनुमति दी थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रिश्वत लेने के पश्चात् दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में हितधारकों के मन मुताबिक संशोधन किए गए. थोक विक्रेताओं के लिए प्रॉफिट मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया.

India

Jun 26 2024, 14:49

नई शराब नीति का आइडिया मेरा नहीं, मनीष सिसोदिया का था' ,अरविंद केजरीवाल को लेकर CBI ने किया यह दावा

 शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति तथा इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. CBI ने अदालत में कहा कि 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया. सीएम केजरीवाल ने शराब नीति को लेकर उससे मुलाकात की. केजरीवाल ने 16 मार्च को सचिवालय में मगुंटा रेड्डी से पहली बार मुलाकात की. वह सांसद हैं तथा दक्षिण में बड़ा नाम हैं. उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की एवं शराब दिल्ली नीति को लेकर सपोर्ट मांगा. इस पर केजरीवाल ने मदद का आश्वासन दिया किन्तु उनसे AAP को फंड देने को कहा.

CBI ने कहा कि मंगुटा रेड्डी से के.कविता से बात करने को कहा गया था. 19 मार्च 2021 को कविता ने रेड्डी से संपर्क किया तथा उनसे हैदराबाद में मिलने को कहा. हैदराबाद में कविता ने रेड्डी से 50 करोड़ की मांग की. रेड्डी को बताया गया कि वे पहले से ही नई शराब नीति पर काम कर रहे हैं तथा उनसे इस पॉलिसी पर साथ मिलकर काम करने को कहा गया. ये सब सीएम केजरीवाल की जानकारी तथा उनके निर्देश पर हुआ. 

CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

India

Jun 26 2024, 14:46

कोर्ट रूम में बिगड़ी CM अरविंद केजरीवाल की तबीयत, सुनवाई रोककर दूसरे रूम में ले जाया गया, लो हुआ शुगर लेवल

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद तबीयत बिगड़ने की खबर आई है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट से ही सीबीआई ने उनको गिरफ्तार किया और इसके बाद उनका शुगर लेवल सामान्य से कम हो गया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट रूम से बाहर लाया गया और चाय व बिस्किट खिलाई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल की रिमांड की मांग की। जांच एजेंसी ने कहा कि हमें केजरीवाल को हिरासत में ले जाकर पूछताछ करने की इजाजत दी जाए। 

केजरीवाल की बिगड़ती तबीयत को देखकर सुनवाई रोक दी गई और उन्हें अलग रूम में शिफ्ट किया गया। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी केजरीवाल को आज सुबह तिहाड़ जेल से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। अवकाशकालीन बेंच के जस्टिस अमिताभ रावत के समक्ष केजरीवाल को पेश किया गया। सीबीआई ने कोर्ट से उनकी कस्टडी की मांग की। 

CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी। इससे पहले, शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। वे पिछले 87 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। सीबीआई के वकील ने अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि केजरीवाल के वकील के आरोप गलत हैं। खुद आम आदमी पार्टी ने पॉलिसी डॉक्यूमेंट तैयार किए, वही नीति इन्होंने लागू की। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार जांच एजेंसी पर आरोप लगाया जाता है और इस परीक्षा को हम पार करते हैं।

India

Jun 26 2024, 09:59

खत्म नहीं हो रही है केजरीवाल की मुश्किलें, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा, कर सकती है गिरफ्तार?

#cbi_arrest_cm_arvind_kejriwal_tihar_jail

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब खबरें रहीं है कि दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है।शराब घोटाला केस में केंद्रीय जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की है।एजेंसी ने उनसे सोमवार को भी पूछताछ की थी और जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।सीबीआई को सीएम केजरीवाल को बुधवार को संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेश करने की अनुमति भी मिल गई है। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जबकि जमानत से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई होनी है।

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से शराब घोटाले मामले में सोमवार के बाद मंगलवार को भी करीब डेढ़ घंटे लंबी पूछताछ की और उनके बयान रिकार्ड कर लिए। साथ ही सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की कि केजरीवाल को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने जो कुछ बताया है, उसके आधार पर सीबीआई बुधवार को दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री के कस्टोडियल इंटेरोगेशन यानी गिरफ्तारी की मांग कर सकती है या फिर प्रोडक्शन वारंट की मांग कर सकती है।

आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नई साजिश रचने का आरोप लगाया। आप नेता संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने सीएम केजरीवाल को ‘फर्जी मामले’ में फंसाने के लिए सीबीआई के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई से पहले ये साजिश की जा रही है। ताकि केजरीवाल को जमानत न मिल सके। संयज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो मैसेज में सवाल उठाया कि जब ऐसी चीजें हो रही हैं तो न्याय कैसे मिलेगा।

अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च, 2024 को उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी।केजरीवाल को बेल मिलने के बाद उन्हें दो जून को फिर से अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र सोमवार को इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी थी।

India

Jun 24 2024, 14:12

ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे।

याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।

India

Jun 24 2024, 14:11

ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे। याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।