अधिक सजग और अधिक करुणामय इंसान बनने का संकल्प, 2026
–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार
हर साल की तरह 2025 भी आया और चला गया, पर यह साल केवल कैलेंडर का बदलना नहीं था।
यह अनुभवों का ऐसा अध्याय रहा,
जिसे पलटते समय
मन अपने-आप ठहर जाता है।
यह वर्ष हमें यह सिखा गया कि
जीवन केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं,
बल्कि विपरीत परिस्थितियों में
इंसान बने रहने की परीक्षा भी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया
आतंकी हमला
केवल निर्दोष जानें ही नहीं ले गया,
बल्कि पूरे देश को
गहरे शोक और आक्रोश में डुबो गया। लंदन जाने वाली
अंतरराष्ट्रीय उड़ान का
तकनीकी खराबी के कारण
दुर्घटनाग्रस्त होना
वैश्विक स्तर पर
विमान सुरक्षा पर
गंभीर प्रश्न छोड़ गया। दिल्ली और उत्तर भारत में
आतंकी घटनाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना को
और गहरा किया।
प्रकृति भी इस वर्ष
कुछ कम कठोर नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , महाराष्ट्र और असम में
भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन ने
कई परिवारों से
उनके घर, आजीविका
और सहारे छीन लिए। मुंबई और नवी मुंबई में
भीषण आग की घटनाएँ
और भांडुप की
BEST बस दुर्घटना ने महानगर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी को
अचानक थाम लिया।
दूर मध्य-पूर्व और यूक्रेन में
जारी युद्धों की तपिश
महँगाई, अस्थिरता
और मानव संकट बनकर
पूरी दुनिया ने महसूस की।
सच यही है—
2025 ने हमें
कड़वे घूँट पिलाए।
पर इसी कठिन समय में
हमने अपनी सामूहिक शक्ति भी देखी।
आतंकी घटनाओं के बाद
देश की निर्णायक प्रतिक्रिया
और ऑपरेशन सिंदूर जैसे
सख़्त कदमों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं—
वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर
पूरी तरह सजग और सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व
इस वर्ष
एक दृढ़, जुझारू और आत्मविश्वासी
वैश्विक व्यक्तित्व के रूप में
और उभरकर सामने आया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
भारत की आवाज़
सिर्फ़ सुनी ही नहीं गई,
उसका सम्मान भी किया गया।
देशवासियों के मन में यह भरोसा गहरा हुआ कि
सशक्त नेतृत्व के कारण
हम अपेक्षाकृत
निश्चिंत होकर
अपना जीवन जी पा रहे हैं।
दुख और संकट के बीच
देश–विदेश से
संवेदना, सहायता
और प्रार्थनाओं की
एकजुटता भी हमने देखी।
NDRF, SDRF,
फायर ब्रिगेड,
मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक—
थके हुए शरीर,
पर अडिग संकल्प के साथ
कई जानें बचाने में सफल रहे।
आपदा प्रबंधन की क्षमता
पहले से अधिक
मजबूत दिखाई दी।
खेलों के क्षेत्र में
भारत ने
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
विशेषकर महिला खिलाड़ियों की
सफलताओं ने
देश को
नया गर्व दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर
मेट्रो परियोजनाएँ,
एक्सप्रेसवे,
रेलवे आधुनिकीकरण
और वंदे भारत ट्रेनों ने
यात्रा को
अधिक सुरक्षित
और सुविधाजनक बनाया। ISRO के सफल अंतरिक्ष मिशनों ने
यह भरोसा दिया कि भारत की उड़ान
अब केवल धरती तक सीमित नहीं—
वह अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी है।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत
UPI, AI, फिनटेक
और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने
भारत को
तकनीक का उपभोक्ता नहीं,
बल्कि नवाचार का केंद्र बनाया।
महिला सशक्तिकरण,
शिक्षा,
डिजिटल कृषि,
स्वास्थ्य शिविर,
योग और मानसिक स्वास्थ्य पर
बढ़ता ज़ोर—
ये सभी संकेत थे कि विकास की समझ
अब अधिक मानवीय हो रही है।
युवाओं की सामाजिक भागीदारी
और स्वयंसेवी कार्यों में
उनकी सक्रियता ने
भविष्य के प्रति
आशा को
और मजबूत किया।
2025 ने हमें
रुलाया भी,
और संभलना भी सिखाया।
इस साल ने यह भी समझाया कि
जीवन को
सिर्फ़ जीया नहीं जाता—
कभी-कभी
उसे सीपीआर भी देनी पड़ती है।
जब साँसें थमती हैं,
तो यादों को बटोरना पड़ता है।
जब हौसला टूटता है,
तो अनुभव
धड़कन बनते हैं।
हर साल
कितनी सीपियाँ छोड़ जाता है—
कुछ से हम मोती निकाल लेते हैं,
कुछ बस
रेत में चमकती रह जाती हैं।
पर वे व्यर्थ नहीं जातीं—
वे हमें याद दिलाती हैं कि हमने
पूरी शिद्दत से
जिया था।
जीवन अनमोल है।
कठिनाइयों के बीच
मिला हुआ यह अवसर
हर पल खर्च करने के लिए नहीं—
हर पल महसूस करने के लिए है।
जो बीत गया,
वह अनुभव बन गया। जो मिला,
वह कृतज्ञता बन गया। हमने यह खोया,
और हमने यह पाया। शायद
यही 2025 की
सबसे बड़ी सीख है। अलविदा 2025।
स्वागत 2026—
और अधिक सजग,
और अधिक करुणामय
इंसान बनने के संकल्प के साथ। ईश्वर से यही प्रार्थना है। प्रधानमंत्री मोदी जी दीर्घायु हो और उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित सशक्त और शांतिपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़ता रहे, ताकि नागरिक निश्चिंत होकर सुख की नींद सो सके।

–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार

भायंदर। हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई द्वारा न्यु सी ब्यु न्यु रविराज काम्प्लेक्स जेसल पार्क भाईंदर पूर्व में डॉ. सुधाकर मिश्र की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का संयोजन किया गया। डॉ.मिश्र ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि सभी लोगों ने शब्द सौंदर्य की दृष्टि से बेहतरीन रचना पढ़ी। "गीत मैंने लिखें मैं यशस्वी बना। गीत तुम पर लिखें तुम अमर हो गई।" मुख्य अतिथि मुरलीधर पाण्डेय ने गीत पढ़ा "यह मत सोचो, किसने क्या क्या बात कही" एवं बाल कविता "बचपन के दिन प्यारे प्यारे" डॉ.उमेशचन्द्र शुक्ल ने संचालन करते हुए कहा कि "यहां हर रोज परीक्षा है,हर लम्हा सबक, जिसने दिल से पढ़ा उसने ही अंजाम सहा।।" ग़ज़ल पढ़ा "खुला ये राज कि ये जिंदगी भी होती है"एवं "और चुप रहने को तैयार नहीं हैं ब्राह्मण।झूठ के आगे कभी लाचार नहीं हैं ब्राह्मण।" भोलानाथ तिवारी भारतांचली ने "अजब निराला देश बा,अजब निराला खेल, चालिस नंबर पास है अस्सी नंबर फेल" एवं "बेचकर सम्मान जिसको रहना आता नहीं" व्यंग्य रचना पढ़ी। कल्पेश यादव ने गीत "मोहब्बत छुपतीं नहीं छुपाने से" एवं "जब मैं बाज़ार में खरीदीं गई, तभी मेरे घर से ग़रीबी गई।" श्रीधर मिश्र आत्मिक ने आध्यात्मिक रचना "छोड़कर बाहर भीतर पाया तुम्हें।" संजय सिंह निर्जल ने "मौसम के बदलने का भी एक वक्त होता है" अमरनाथ द्विवेदी ने धारदार व्यंग्य रचना पढ़ी "एक चौराहे पर कुछ लोग कह रहे थे कैसी है व्यवस्था हस्ताक्षर के नाम पर अँगूठा लगाते हैं।" विजय नाथ मिश्र ने "चलीं है चुनावी लहर धीरे धीरे" एवं "गिरगिट तो बदनाम है केवल आदम रंग बदलता है।" व्यवस्था कि विसंगतियों पर करारा प्रहार करती है। विनोद मिश्र ने"तुम कितनी सुन्दर लगती हो" बेहद भावपूर्ण रचना पढ़ी। बीना त्रिपाठी ने "दिक्कतें आती है तो आने दें।" एवं "मुकद्दर भी रूठ सकता है।" बेहद भावपूर्ण खूबसूरत रचना का पाठ किया। डॉ. ओमप्रकाश तिवारी ने " दर्पण टूट गया" एवं "झंझावातों से ना डर तू, ये तेरे" ओजस्वी वाणी में काव्य पाठ किया।
मुंबई। मुंबई की सबसे पुरानी सामाजिक संस्था श्री गौरी शंकर ग्राम सेवा मंडल, मुंबई द्वारा 1 जनवरी को 112 वा स्थापना दिवस मनाया जाएगा। मलाड पूर्व के दत्त मंदिर रोड स्थित शारदा ज्ञानपीठ इंटरनेशनल स्कूल के सकल नारायण शर्मा सभागृह में सुबह 10 बजे से आयोजित समारोह के प्रमुख अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह होंगे। सम्मानित अतिथि के रूप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजीत कुमार व न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के संस्कृत आचार्य प्रोफेसर रामनाथ झा समारोह में शामिल होंगे। इस वर्ष के बोहनीकर्ता जौनपुर के राजा बाजार स्थित श्री चंडी मंदिर रामस्वरूप गुप्त आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य पंडित मंसाराम तिवारी होंगे। समारोह में पिछले वर्ष के बोहनीकर्ता नालासोपारा मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ ओमप्रकाश दुबे विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। संस्था के चेयरमैन, ट्रस्टी बोर्ड डॉ शारदा प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष रामसेवक पांडे उपाध्यक्ष कौशल कुमार तिवारी, मानकेश्वर चौबे तथा संयुक्त मंत्री सुभाषचंद्र उपाध्याय, विनोद कुमार मिश्रा व राधेश्याम दुबे हैं। संस्था द्वारा जौनपुर के कई स्थानों पर शिक्षण संस्थान तथा पुस्तकालय और वाचनालय संचालित किए जा रहे हैं।
मुंबई। बीएमसी चुनाव 2026 से पहले भारतीय जनता पार्टी को मुंबई के मुलुंड क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। भाजपा के वरिष्ठ और जमीनी नेता मनीष तिवारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक खुले पत्र के माध्यम से पार्टी नेतृत्व के समक्ष अपनी नाराजगी और कार्यकर्ताओं की पीड़ा को स्पष्ट शब्दों में रखा।
मुंबई। उद्धव बालासाहेब ठाकरे सेना ने वार्ड नंबर 159 से श्रीप्रकाश शुक्ला को मैदान में उतारा है।प्रकाश शुक्ला को उम्मीदवारी मिलने से भाजपा उम्मीदवार प्रकाश मोरे के ऊपर हार का खतरा मंडरा रहा है। इसकी एक वजह प्रकाश मोरे को टिकट मिलने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी नाराज़गी भी है। सूत्रो के मुताबिक़ इसी नाराज़गी के कारण मोरे का टिकट कटने की चर्चा जोरों पर थी। इस सीट से भाजपा की ओर से प्रदीप त्रिपाठी, एडवोकेट वीरेंद्र दुबे और शुभ्रांशु दीक्षित ने दावेदारी पेश की थी। पर इन सभी की दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया। दूसरी तरफ़ उद्धव बालासाहेब ठाकरे सेना ने उत्तरभारतीय उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए प्रकाश शुक्ला को टिकट दिया है। श्रीप्रकाश शुक्ला मशाल चुनाव चिन्ह के साथ नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन 30 दिसंबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। प्रकाश शुक्ला को उम्मीदवारी मिलने से स्थानीय मतदाताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है।

3 hours ago
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