आतंकी डॉक्टर उमर नबी का धमाके से पहले का वीडियो आया सामने, सुसाइड बॉम्बिंग को बताया शहादत

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दिल्ली ब्लास्ट के आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो सुसाइड बॉम्बिंग की वकालत करता नजर आ रहा है। वीडियो में डॉ. उमर-उन-नबी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सुसाइड बॉम्बिंग को लोग गलत समझते हैं। इंग्लिश में बोलते हुए वह दावा कर रहा है कि जिसे सुसाइड बॉम्बिंग कहा जाता है, वह असल में 'शहादत का ऑपरेशन' है।

पूरे वीडियो में वह बेहतरीन अंग्रेजी में बात करता दिख रहा है।वीडियो में उमर अकेला नजर आ रहा है और उसने एक कमरे में बैठकर यह वीडियो रिकॉर्ड किया है। वह सुसाइड हमले को इस्लामिक सिद्धांतों से जायज ठहराने की कोशिश करते हुए कहता है। उसका कहना है कि सुसाइड बॉम्बिंग को ठीक से समझा नहीं गया है

आत्मघाती हमले को इस्लाम में बताया जायज

वीडियो में उमर मोहम्मद ने कहा कि जिसे आत्मघाती बम विस्फोट कहा जाता है, वह अवधारणा बहुत ही गलतफहमी में से एक है। यह एक शहादत अभियान है... जिसे इस्लाम में जाना जाता है।" वह आगे स्वीकार करता है कि इस अवधारणा के खिलाफ कई तर्क दिए गए हैं, और इसमें विरोधाभास भी है। उमर के अनुसार, "शहादत" अभियान वह होता है जिसमें व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत किसी खास जगह और समय पर होगी तो वह एक खतरनाक मानसिक अवस्था में पहुंच जाता है। वह मानने लगता है कि मौत ही उसका अंतिम लक्ष्य है।

वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया

जांचकर्ताओं का दावा है कि उमर ने यह वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया था। 10 नवंबर का धमाका लाल किले के पास एक व्यस्त सड़क पर हुआ था। इसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। इसमें 9–10 लोग शामिल थे, जिनमें से 5–6 डॉक्टर थे। ये लोग अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे और अपनी मेडिकल पहचान का इस्तेमाल करके विस्फोटक बनाने वाले रसायन और सामग्री जुटाते थे।

सोच-समझकर बनाई गई थी दिल्ली विस्फोट की योजना

यह वीडियो इस बात की भी पुष्टि करता है कि दिल्ली कार विस्फोट की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी। यह इस अटकल को खारिज करता है कि विस्फोटकों को ले जाते समय यह अनजाने में हुआ होगा। दरअसल आतंकी डॉक्टर उमर ने 10 नवंबर को सफेद हुंडई i20 कार में विस्फोटक भरकर उसे लाल किले के पास भीड़ में उड़ा दिया। घटना में 15 मौत हुई है, जिसमें उमर के भी चीथड़े उड़ गए।

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले अल-फलाह विश्वविद्यालय से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन सईद समेत 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के साथ पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक और हथियार बरामद किया। उमर ने आतंकी खुलासे के एक दिन बाद जल्दबाजी में 10 नवंबर को लाल किले के पास आत्मधाती हमला किया था।

लाल किला ब्लास्ट केस में अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा, दिल्ली-फरीदाबाद के की ठिकानों पर ईडी का छापा

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लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट केस में एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हुई हैं। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्थित ओखला कार्यालय में मंगलवार सुबह में छापेमारी की है।अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा कसने को लेकर ईडी की टीम ने दिल्ली और फरीदाबाद में अलग-अलग जगहों पर ये छापेमारी की है।

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हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में उसके ट्रस्टियों, संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। दिल्ली और अन्य जगहों पर 25 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।यह कार्रवाई सुबह 5 बजे से जारी है।

जांच एजेंसी की एक टीम ने आज सुबह फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के कार्यालय में दस्तक दी। एजेंसी की टीम परिसर के अंदर मौजूद है और विभिन्न दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाशी ले रही है।

विवि के खिलाफ जालसाजी-धोखाधड़ी के मामले दर्ज

बीते सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच, जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए अल फलाह विश्वविद्यालय के चेयरमैन को दो समन जारी किए थे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की शिकायत पर विवि के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं।

'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल का केन्द्र

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट केस में अल-फलाह विश्वविद्यालय लगातार सवालों में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ब्लास्ट में शामिल प्रमुख आरोपी इसी यूनिवर्सिटी से हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस घटना से जुड़े लोग डॉक्टर थे। जांच में सामने आया कि विस्फोट में शामिल आतंकी उमर भी डॉक्टर था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। ऐसे में अल फलाह यूनिवर्सिटी 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल जांच के केंद्र में है।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी बोले- ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक ट्रेलर है, जो 88 घंटों में खत्म हो गया

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दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को चाणक्य डिफेंस डायलॉग में फिर एक बार ऑपरेशन 'सिंदूर' के बारे में कहा कि फिल्म तो अभी शुरू भी नहीं हुई है, ये तो बस 88 घंटे का ट्रेलर था। हम भविष्य में किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। अगर पाकिस्तान हमें मौका दे, तो हम उन्हें सिखाएंगे कि एक पड़ोसी को कैसा व्यवहार करना चाहिए। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हम आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के साथ एक जैसा व्यवहार करेंगे। हम उन लोगों को जवाब देंगे, जो आतंकवादियों को प्रोत्साहित करते हैं।

जनरल द्विवेदी ने यहां मानेकशा सेंटर में आज चाणक्य डिफेंस डायलॉग में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के प्रति सेना के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। ऑपरेशन सिंदूर पर थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि जब कोई देश राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो यह भारत के लिए चिंता का विषय बन जाता है। भारत प्रगति की बात करता है। अगर कोई हमारे रास्ते में बाधा डालता है, तो हमें उनके खिलाफ कुछ कार्रवाई करनी होगी। हमने कहा है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।

उन्होंने कहा कि हम केवल एक शांतिपूर्ण प्रक्रिया अपनाने के लिए कह रहे हैं, जिसमें हम सहयोग करेंगे। तब तक हम आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के साथ एक जैसा व्यवहार करेंगे। हम उन लोगों को जवाब देंगे, जो आतंकवादियों को प्रोत्साहित करते हैं। आज, भारत इतना कुशल है कि वह किसी भी ब्लैकमेल के प्रयासों से नहीं डरता। उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़ाई कई क्षेत्रों में होती है। हम नहीं कह सकते कि यह कब तक चलेगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास लंबे समय तक चलने वाली रसद उपलब्ध रहे। हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है, जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। आज के समय में हमारी प्रतिरोधक क्षमता बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात में बहुत बड़ा बदलाव आया है। इसके बाद राजनीतिक स्पष्टता आई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में भारी कमी आई है। सेना प्रमुख ने कहा कि भारत राज्य समर्थित आतंकवाद का कड़ा जवाब देना जारी रखेगा।

मणिपुर की स्थिति पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से मणिपुर की स्थिति में सुधार हुआ है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के बाद से चीजें बदल गई हैं। सरकार में लोगों का भरोसा और समुदायों के बीच आपसी विश्वास बढ़ा है। तब से महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने स्थिरता के संकेत के रूप में हाल के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डूरंड कप का आयोजन किया गया था और मैं वहां था। जब सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हुआ, तो इससे भी जमीनी स्तर पर चीजों को बदलने में मदद मिली। अगर स्थिति में सुधार जारी रहा, तो राष्ट्रपति भी जल्द ही दौरा करेंगी, क्योंकि मणिपुर के लिए आशा भरे दिन वापस आ रहे हैं।

भारत-चीन संबंधों और कूटनीति पर थल सेनाध्यक्ष जनरल द्विवेदी ने कहा कि सामान्य स्थिति लाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत के बाद पिछले अक्टूबर से भारत और चीन संबंधों में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध के लिए दीर्घकालिक और बहु-क्षेत्रीय युद्ध योजना की आवश्यकता होती है। आज के समय में युद्ध बहु-क्षेत्रीय होते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि यह कब तक चलेगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास लंबे समय तक चलने वाली आपूर्ति हो।

चाणक्य रक्षा संवाद-2025 : राष्ट्रीय विकास और सुरक्षा के बीच संबंधों पर हुई चर्चा

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दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर के अशाेका हाॅल में साेमवार काे चाणक्य रक्षा संवाद-2025 (सीडीडी-2025) का तीसरा संस्करण पूर्वावलोकन तीन सत्राें में आयाेजित हुआ। आगामी 27-28 नवंबर 2025 को होने वाला यह संवाद "सुधार से परिवर्तन : सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत" विषय पर आधारित होगा। पहले सत्र में थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने राष्ट्रीय विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का संबोधन तथा तीसरे व आखिरी सत्र में रक्षा में आत्मनिर्भरता- सशक्त भारत की कुंजी पर पैनल चर्चा हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषणों के साथ हुई, जिसके बाद सीडीडी-2025 का टीजर जारी किया गया। इस दाैरान थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने बातचीत के दौरान राष्ट्रीय विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि विकसित भारत की आकांक्षाओं के लिए निरंतर स्थिरता और सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता है। इससे पहले 2023 में सीएलएडब्ल्यूएस का विषय स्थाई शांति और सुरक्षा, 2024 में देश निर्माण तथा 2025 में रिफार्म टू ट्रांसफार्म यानी परिवर्तन के लिए सुधार के रूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय द्वारा 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित करने का स्मरण किया और इस बात पर जाेर दिया कि सुरक्षा और विकास को साथ-साथ आगे बढ़ना होगा।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा उन्होंने कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद नहीं चलेगा। जो कम में रोड़ा बनेगा उनको सही जवाब दिया जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय संकल्प दोहराया और ज़ोर देकर कहा कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते" और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वालों के लिए जवाबदेही जरूरी है। इस ऑपरेशन ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को मज़बूत करने के प्रति भारत के दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया। भारत अब सशक्त है और अब उसे कोई ब्लैकमेल नहीं कर सकता है।

जम्मू कश्मीर के सवाल पर कहा कि वहां से पलायन कर चुके कश्मीरी लोग अब वापसी कर रहे हैं और देश का हर नागरिक वहां जाना चाहता हैं । पिछले साल अमरनाथ यात्रा में 4 लाख लोग गए थे वहीं इस बार 4.1 लाख रही।

सियाचिन के मुद्दे पर उन्हाेंने कहा कि पिछले एक साल में भारत और चीन के संबंधों में काफी सकरात्मक बदलाव आया है। दोनों देश के लोगों की विभिन्न मंचों पर हुई बातचीत हुई है। बावजूद इसके रक्षा कूटनीति पर अभी भारत काे बहुत कुछ करना है। आने वाले समय में देश को स्मार्ट पावर बनाना है। पहले के वक्त में दाेनाें देशाें की सैन्य कोर कमांडरों के स्तर पर बातचीत हाेती थी लेकिन अब ग्राउंड लेवल पर बात की जा रही है। इससे दोनों तरफ के संबंधाें में लचीलापन आया है। इसके अलावा पड़ाेसी देश म्यांमार में अशांति के मसले पर कहा कि पड़ोस में अस्थिरता हाेने से अपने देश पर भी प्रभाव पड़ता है। वहां से पलायन कर भारत आए 43000 शरणार्थी आज भी यहां निवास कर रहे हैं।

दूसरे सत्र में पूर्व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक विशेष संबोधन दिया। उन्होंने तकनीकी क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच रणनीतिक संबंध पर जाेर दिया और भारत की दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में विश्वसनीय, स्वदेशी डिजिटल और उभरती-प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी प्रणालियों के महत्व पर प्रकाश डाला।

आखिरी सत्र में रक्षा में आत्मनिर्भरता-सशक्त भारत की कुंजी पर चर्चा हुई। पैनल में डीआरडीओ की डायरेक्टर जनरल (उत्पादन समन्वय और सेवा संपर्क) डाॅ. चंद्रिका काैशिक, अडानी डिफेंस के सीईओ आशीष राजवंशी, साइरन एआई सॉल्यूशंस के संस्थापक प्राे. मनन सूरी माैजूद थे। इसकी अध्यक्षता सेना उप प्रमुख (क्षमता विकास एवं पोषण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने की।

आयोजित पैनल चर्चा में डीआरडीओ, रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञ एक साथ आए। विचार-विमर्श रणनीतिक स्वायत्तता के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रहा, जिसमें स्वदेशी डिज़ाइन, विकास और नवाचार पर ज़ोर, दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों को मजबूती के साथ ही डीआरडीओ, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच पारिस्थितिकी तंत्र एकीकरण, खरीद प्रक्रियाओं में सुधार और प्रतिस्पर्धी एवं निर्यात-सक्षम क्लस्टरों के निर्माण में एमएसएमई और रक्षा औद्योगिक गलियारों की भूमिका पर चर्चा की गई। इसके साथ ही भविष्य की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं, कम बाहरी निर्भरताओं और भारत के गहन-तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के त्वरित विकास की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया

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बांग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक मामले पर सोमवार को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश) की तरफ से फैसला सुनाया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए कहा कि वे अधिकतम सजा की हकदार हैं। इसी के साथ न्यायाधिकरण ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। पहले से ही माना जा रहा था कि उन्हें सख्त सजा दी जा सकती है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध और हत्या जैसे कुल 5 मामले चल रहे थे, जिस पर तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपना 453 पन्नों का फैसला सुना दिया है। उन्हें अलग-अलग मामलों में आईटीसी ने दोषी करार दिया है और मौत की सजा सुनाई है। ट्रिब्यूनल को जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदर लीड कर रहे थे। आईसीटी जज के मुताबिक ये मामला काफी बड़ा था, ऐसे में फैसला भी 6 भाग में सुनाया गया है।

शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ फैसला

ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के पांच आरोपों पर अपना फैसला सुनाया है। ये आरोप जुलाई-अगस्त 2024 में आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन से जुड़ी अशांति से उत्पन्न हुए हैं। शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ 8747 पन्नों के आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल गये थे, जिनमें पीड़ितों के बयान, जब्त किए सबूत और पीड़ितों की पूरी लिस्ट होने की बात कही गई थी। इसी आधार पर इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश ने शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाया है।

शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए

ट्रिब्यूनल ने कहा है कि हमने मानवाधिकार संगठन और अन्य संगठनों की कई रिपोर्ट्स पर विचार किया है। हमने क्रूरताओं का विवरण भी दिया है। शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए। ट्रिब्यूनल ने फैसले में यह भी कहा है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा है कि अवामी लीग के कार्यकर्ता कथित रूप से सड़कों पर उतर आए और पार्टी नेतृत्व की पूरी जानकारी में सुनियोजित हमले किए।

कोर्ट ने कहा-मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ

ट्रिब्यूनल ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की ओर से दिए गए सीधे आदेशों की वजह से प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ। मामले में अभियोजकों ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हसीना सरकार की ओर से आदेश के बाद 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ‘विद्रोह’ के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे। 11 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए थे।

हसीना ने सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया

बता दें कि कि शेख हसीना इस वक्त भारत में हैं। उन्होंने ट्रिब्यूनल में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं और वे ऐसे फैसलों की परवाह नहीं करतीं। आईसीटी के फैसले से पहले अपने समर्थकों को जारी एक ऑडियो संदेश में हसीना ने कहा था कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है। हसीना ने कहा था कि यह इतना भी आसान नहीं है। आवामी लीग जमीन से उठी पार्टी है।

“क्या लालू जी और राबड़ी देवी को क़ैद कर लिया गया है? बीजेपी प्रवक्ता के पोस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल

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बिहार में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की करारी हार के बाद लालू यादव के कुनबे में कलह शुरू हो गई है। लालू की बेटी रोहिणी आचार्य के पोस्ट के साथ शुरू हुई कलह रविवार को तब और बढ़ गई, जब उन्होंने भाई तेजस्वी यादव के करीबियों का नाम लेकर खुद को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं रोहिणी ने खुद पर चप्पल फेंके जाने का भी आरोप लगाया। साथ ही कहा कि उन्हें अपशब्द कहे गए और पिता को गंदी किडनी देने जैसी बातें भी सुनाई गईं। रोहिणी के घर छोड़ने के एक दिन बाद उनकी तीन और बहनें रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी बच्चों के साथ लालू का पटना स्थित घर छोड़कर दिल्ली पहुंच गईं।

बढ़ते पारिवारिक विवाद के बीच अब भाजपा भी कूद पड़ी है और उसने लालू–राबड़ी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार में मचे घमासान के बीच भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने सवाल उठाया है कि क्या लालू यादव और राबड़ी देवी को कैद कर लिया गया हैं? यही नहीं उन्होंने तो रोहिणी आचार्य को एक FIR करवाने की भी सलाह दे डाली है।

अजय आलोक का पोस्ट वायरल

बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने एक्स पर लिखा, “क्या लालू जी और राबड़ी देवी को क़ैद कर लिया गया है? जान पर खतरा? रोहिणी जी को FIR करनी चाहिए, तेजप्रताप साथ जाएं… मिसा क्यों चुप हैं?” आलोक का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

राजद समर्थकों ने कहा-लालू परिवार को बदनाम करने की साजिश

भाजपा प्रवक्ता के बयान पर राजद की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राजद समर्थकों का कहना है कि यह बयान केवल लालू परिवार को बदनाम करने की साजिश है।

रबड़ी देवी के भाई साधु यादव क्या बोल?

इधर, लालू यादव के साले और रबड़ी देवी के भाई साधु यादव इस पूरे मुद्दे पर आगे आए हैं और अपना पक्ष रखा है। साधू यादव ने रोहिणी आचार्य पर कहा- जो भी रोहिणी के साथ हुआ वो गलत है। तेजस्वी छोटा भाई है, अगर वो किसी के सामने गलत व्यवहार करता है तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। राबड़ी देवी हमारी भी बहन है वो आज तक कितना भी बोली हैं, बहुत सारी बात बोली हैं लेकिन हमने कभी भी उस विषय में नहीं बोला है। ये लोग कैसे बोल रहे हैं, कौन लोग बुलवा रहे हैं? इन सारी चीजों की जानकारी करनी पड़ेगी। अगर बाहरी व्यक्ति घर में घुस गया है और घर वाला बाहर जा रहा है तो ये भी दुर्भाग्य है। ये न पार्टी के लिए, न परिवार के लिए अच्छा है।

सऊदी अरब में बस-टैंकर की भीषण टक्कर, उमराह के लिए गए 40 से ज्यादा भारतीयों की मौत की आशंका

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सऊदी अरब में मदीना के पास एक बड़ा सड़क हादसा हुआ है। इस हादसे में कम से कम 42 भारतीयों की मौत की आशंका है। हादसे का शिकार हुए लोग भारत से उमराह करने के लिए सऊदी अरब गए थे। बये बीषण हादसा उस वक्त हुआ जब मक्का से मदीना जा रहे उमरा यात्रियों से भरी एक बस की डीजल टैंकर से टक्कर हो गई।हादसा इतना भीषण था कि बस के परखच्चे उड़ गए और उसमें आग लग गई।

मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हादसा भारतीय समयानुसार लगभग 1.30 बजे तड़के हुआ। टक्कर के बाद बस में अचानक भीषण आग लग गई, उस समय अधिकांश यात्री सो रहे थे। शुरुआती जानकारी से संकेत मिला है कि मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के हैं, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि 40 से ज्यादा लोग मौके पर ही जलकर मर गए

तेलंगाना सरकार ने जारी किया बयान

तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में सऊदी अरब में हुए सड़क हादसे पर दुख जताया गया है और कहा कि सीएम ने तुरंत मुख्य सचिव और डीजीपी को हादसे से जुड़ी पूरी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ये भी जानकारी मांगी है कि हादसे में कथित तौर पर मरने वाले कितने लोग हैदराबाद के निवासी थे। मुख्यमंत्री ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों को विदेश मंत्रालय से संपर्क करने और सऊदी अरब दूतावास से जानकारी लेने का सुझाव दिया है। मुख्य सचिव के निर्देश पर अधिकारी इस बात का पता लगा रहे हैं कि सऊदी अरब में हादसे का शिकार हुए कितने लोग तेलंगाना के थे और सचिवालय में एक कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पीड़ित परिजनों को जानकारी दी जा सके।

महावाणिज्य दूतावास ने हेल्‍पलाइन नंबर जारी किया

हादसे के बाद भारतीय दूतावास एक्टिव हो गया है। सऊदी अरब में भारतीय महावाणिज्‍य दूतावास ने एक हेल्‍पलाइन नंबर जारी किया है। टोल फ्री नंबर इस प्रकार है- 8002440003। भारतीय दूतावास ने कहा कि 24 घंटे चलने वाला एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।

ओवैसी की भारत सरकार से की अपील

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे लगातार कई अधिकारियों से संपर्क में हैं ताकि सत्यापित जानकारी मिल सके। एएनआई से बातचीत में ओवैसी ने बताया कि उन्होंने हैदराबाद की दो ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क किया है, जिनका इन तीर्थयात्रियों से संबंध है और उनके द्वारा प्रदान की गई सभी जानकारी रियाद स्थित भारतीय दूतावास और विदेश सचिव को साझा कर दी है। ओवैसी ने कहा, “मैं केंद्र सरकार, खासकर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अनुरोध करता हूं कि मृतकों के शवों को भारत वापस लाने की तुरंत व्यवस्था की जाए और अगर कोई घायल है तो उसका पूरा इलाज कराया जाए।

क्या बिहार के बाद बंगाल में बजेगा बीजेपी का डंका? ममता का किला भेदना आसान नहीं

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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर एलान किया कि अब भाजपा का अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। मोदी ने पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव में जंगलराज समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है। गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित है। नए साल की शुरुआत से राज्य में चुनावी घमासान शुरू हो सकता है। बता दें पश्चिम बंगाल में बीजेपी मुख्य विपक्षी दल है।

बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं वह भारतीय जनता पार्टी के लिए नई रणनीति का नया स्वरूप जरूर खड़ा कर रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी 2026 के मार्च अप्रैल महीने में होने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर अभी से जीत का दावा करना शुरू कर चुकी है।

पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेता कर रहे दावे

बिहार में नतीजों के बाद बीजेपी पश्चिम बंगाल को अपना अगला लक्ष्य बता रही है। पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने पश्चिम बंगाल को जीतने का दावा किया है। पार्टी के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर दावा क‍िया क‍ि वहाँ पार्टी की जीत होगी।

बीजेपी के दावों की क्या है वजह

बीजेपी के बंगाल जीतने के दावों की एक बड़ी वजह है पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का बिगड़ना। बिहार में नीतीश कुमार का गद्दी पर बैठना उनके सुशासन के संकल्प का एक बड़ा उदाहरण बताया जा रहा है। अब पश्चिम बंगाल से जंगल राज को खत्म करने की रणनीति राजनीति का मुख्य हिस्सा बन रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के राजनीति का आधार भी पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से बलात्कार, हिंदू मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति, एसआईआर का विरोध, बीजेपी के लिए मजबूत राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए जो मुद्दे हैं, बिहार में उन्हीं मुद्दों को हराकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती है।

टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज किया

हालांकि, टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज कर दा है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक पोस्‍ट में कहा, "बंगाल की राजनीतिक क़‍िस्मत पटना या दिल्ली में नहीं लिखी जाती। यह यहाँ लिखी जाती है, उन लोगों द्वारा जिन्होंने बार-बार बीजेपी की बाँटने वाली राजनीति को नकारा है और ममता बनर्जी पर भरोसा जताया है। साल 2026 में बीजेपी का वही अंजाम होगा, जो हमेशा बंगाल में होता आया है– नाकामी और अप्रासंगिकता।

2011 से सत्ता में है टीएमसी

लंबे समय तक वामदलों के गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में साल 2011 में सत्ता परिवर्तन हुआ था। इस चुनाव में बीजेपी को 184 सीटें मिली थीं। ममता बनर्जी पहली बार राज्य की सीएम बनी थीं। इसके बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में फिर से जीत हासिल की थी। तब पार्टी को 211 सीटें मिली थी। ममता बनर्जी दूसरी बार राज्य की सीएम बनी थीं। 2021 में लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। टीएमसी ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर करते हुए 215 सीटें जीती थीं। ऐसे में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी राज्य में जीत की हैट्रिक जड़ चुकी है। 2026 के चुनावों में टीएमसी का मुकाबला बीजेपी से होगा

भारत मंडपम में गूँजी सनातन की अलख : 300 से अधिक संतों की दिव्य उपस्थिति में सम्पन्न हुआ भव्य ‘सनातन संत सम्मेलन–2025’

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सनातन इंटेलिजेंस: सच्ची, अच्छी और वास्तविक जानकारी का नया स्तंभ-सनातन संत सम्मेलन में हुआ भव्य उद्घोष

सनातन जागेगा तो भारत बचेगा-परम पूज्य स्वामी गोविन्द देव जी महराज

सनातन है तो संसार वसुधैव कुटुंब है और सर्वे भवन्तु सुखिन से विश्व में मानवता है - जैन मुनि आचार्य लोकेश जी

सनातन को अपने घर भारत को पहले अंदर से ठीक करना होगा - देवकीनंदन जी महराज

विश्व की चेतना का केंद्र है सनातन - पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी

अमरेश द्विवेदी

दिल्ली। प्रगति मैदान, नई दिल्ली के भारत मंडपम में ॐ सनातन न्यास द्वारा सनातन संत सम्मेलन–2025 दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा, अद्भुत भव्यता और राष्ट्रीय भाव से ओतप्रोत माहौल के साथ सम्पन्न हुआ।

राष्ट्रसंत परम पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज की पावन अध्यक्षता में आयोजित इस विराट सम्मेलन में देशभर से 300 से अधिक प्रमुख संतों की उपस्थिति ने इसे सनातन संस्कृति का ऐतिहासिक पर्व बना दिया।

इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य था, सनातन संस्कृति के संरक्षण–संवर्धन, उसकी गौरवपूर्ण परंपराओं के पुनर्जागरण और भारतीय समाज में सांस्कृतिक मूल्यों के पुनः प्रतिष्ठापन का संदेश जन-जन तक पहुँचाना।

स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने अपने आशीषपूर्ण उद्बोधन में कहा कि-“समय की मांग है कि हम सभी एक होकर सनातन को विश्वभर में पुनर्स्थापित करें। यह संस्कृति केवल परंपरा नहीं, बल्कि मानवता का मार्ग है। इसे आने वाली पीढ़ियों तक सशक्त रूप में पहुँचाना हम सभी का कर्तव्य है।” उन्होंने सभी संतों एवं उपस्थित जनों का स्वागत करते हुए एकता, प्रेम और सामाजिक जागरण का संदेश दिया। सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि—“सनातन संस्कृति शाश्वत है, समावेशी है और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है।”

परम पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में एकल अभियान – भारत लोक शिक्षा परिषद को “सनातन रत्न सम्मान” प्रदान किया गया। साथ ही तीन अन्य प्रमुख संस्थाओं को “सनातन गौरव सम्मान” से अलंकृत किया गया।

जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि जी (विश्व शांति दूत) ने वैश्विक चुनौतियों पर सारगर्भित विचार रखते हुए कहा कि सनातन संस्कृति ही मानवता को शांति, सद्भाव और समाधान का मार्ग दिखा सकती है।

प्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने सनातन धर्म की एकता और शक्ति पर प्रेरणादायी संदेश दिया तथा समाज में आध्यात्मिक जागरण की अलख जगाई।

श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सलाहकार सरदार परमजीत सिंह जी ने युवाओं को सनातन जीवन-मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी को राष्ट्र एकता और सद्भाव के लिए प्रेरित किया।

महंत रवींद्र पूरी जी महाराज ने राष्ट्र और संस्कृति के उत्थान में संत समाज की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अपने ओजस्वी उद्बोधन से सभी को प्रेरित किया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने राष्ट्रीय एकता, प्राकृतिक संरक्षण, मानव सेवा और सनातन के संरक्षण-संवर्धन का सारगर्भित संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “सनातन न तो आरंभ हुआ, न कभी समाप्त होगा — यह अनादि, अनंत और विश्व कल्याण की आधारशिला है।” स्वामी जी ने मानवता को प्रेम, करुणा और नैतिक मूल्यों के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

इस राष्ट्रीय आयोजन में भारत सहित विदेशों से भी ब्यूरोक्रेट्स, ज्यूडिशरी के वरिष्ठ सदस्य, उद्योगपति, समाजसेवी, शिक्षाविद, वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता शामिल हुए, जिससे यह सम्मेलन एक विचार–संवाद और संस्कृति–संवर्धन का वैश्विक मंच बन गया।

पूरे कार्यक्रम का संचालन नीरज रायजादा जी और युवा चेहरा सुश्री स्मृति कुच्छल जी ने अत्यंत सौम्यता, संतुलन और गरिमा के साथ किया। वहीं कई विद्यालयों के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उपस्थित संतों व अतिथियों को भावविभोर कर दिया। बच्चों की वेशभूषा, नृत्य और संगीत ने मानो सनातन परंपरा को पुनः सजीव कर दिया।

इस भव्य सम्मेलन का समापन संत समाज द्वारा

सनातन के पुनर्जागरण, राष्ट्र के उत्थान, और भावी पीढ़ियों तक सांस्कृतिक विरासत के संवहन के संकल्प के साथ हुआ। यह दिव्य आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की आत्मा—सनातन संस्कृति—का महापर्व बनकर उपस्थित हुआ, जिसकी गूंज आने वाले समय में विश्वभर में प्रेरणा का प्रकाश बनेगी।

दिल्ली धमाके में बड़ा खुलासा: लालकिले से पहले पीएम आवास के पास गया था आतंकी डॉक्टर उमर

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दिल्ली में हुए बम धमाके को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस इस धमाके के बाद से आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में देश के अलग-अलग राज्यों से कई संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। जिनसे फिलहाल जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि आतंकी डॉक्टर प्रधानमंत्री आवास और कर्तव्य पथ जैसे अत्यंत संवेदनशील इलाकों के आसपास भी देखा गया था।

धमाके से पहले बिना रूके घूमता रहा

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं कि सोमवार को लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके से ठीक पहले आतंकी डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी के मन में क्या चल रहा था। जाँच में यह तथ्य साफ उभरकर आया है कि 9 नवंबर की रात 11:30 बजे से लेकर धमाके की घड़ी तक वह बिना रुके दिल्ली और एनसीआर में घूमता रहा। उसकी यह अनवरत मूवमेंट इस बात की ओर संकेत करती है कि वह किसी उपयुक्त स्थान की तलाश में था, जहाँ भीड़, ऐतिहासिक महत्व वाली जगहें या संभवतः वीआईपी क्षेत्र उसके निशाने पर हो सकते थे।

नौ नवंबर की रात दिल्ली में प्रवेश

जांच के दौरान ये साफ सामने आई है कि डॉक्टर उमर नौ नवंबर की रात एमपुर और दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे के संगम बिंदु रिवासन टोल के पास से दिल्ली में प्रवेश किया। वहाँ से वह फिरोजपुर झिरका गया, जहाँ से थोड़ी देर बाद ही वापस फरीदाबाद होकर बदरपुर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुआ। उसके बाद की रात में आश्रम चौक उसका मुख्य घूमने का बिंदु बन गया।

पीएम आवास और कर्तव्य पथ पर भी देखा गया

सबसे पहले वह आश्रम चौक से डीएनडी होकर मयूर विहार और नोएडा की ओर गया और फिर वापस आश्रम लौट आया। इसके बाद उसने आश्रम चौक से नई दिल्ली की ओर रुख किया और इंडिया गेट, अकबर रोड, तुगलक रोड और आईएनए मार्केट जैसे इलाकों में घूमने के बाद रिंग रोड के रास्ते फिर आश्रम चौक पहुँच गया। तीसरी बार वह आश्रम से नई दिल्ली की ओर गया और कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन, धौला कुंआ, पंजाबी बाग और वजीरपुर होते हुए वापस सेंट्रल दिल्ली लौट आया। अंत में वह कनॉट प्लेस से होते हुए लालकिला के पास पहुँचा और पार्किंग में अपनी कार लेकर रुका। इसके बाद वही कार लेकर वह मेट्रो स्टेशन के पास गया और विस्फोट को अंजाम दिया।

उमर के दो साथी अब भी फरार

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लालकिला बम धमाका करने वाला आरोपी उमर नबी के दो साथी भी फरार हैं। हो सकता है कि ये दिल्ली-एनसीआर में पनाह लिए हों।