एसी भी नहीं कंट्रोल कर पाया टम्प्रेचर, डिप्टी सीएम का चढा पारा, सवालों का जवाब नहीं दे पाए सीएमओ
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शनिवार को जनपद के स्वास्थ्य तंत्र का व्यापक निरीक्षण करते हुए आमजन की पीड़ा को न केवल सुना, बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़कर उसे समझने का प्रयास भी किया। जिला अस्पताल परिसर, ओपीडी, इमरजेंसी कक्ष, वार्ड, पर्चा वितरण काउंटर तथा पैथोलॉजी जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को “ईश्वर की कृपा से प्राप्त सेवा का अवसर” बताते हुए चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को अत्यंत मानवीय संवेदनाओं के साथ सेवा देने की प्रेरणा दी।
उपमुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कई अहम खामियों की ओर इशारा किया।
इस दौरान सभा कक्ष में लगाया गया नया एसी भी टम्प्रेचर को कंट्रोल नही कर सका, खामियां देखकर उपमुख्यमंत्री का पारा चढ़ता ही गया। सबसे पहले एसी का लटकता तार देखकर सीएमएस की जमकर क्लास ली, जिस पर वह चुप्पी साध गए। उसके बाद सीएमओ से योजनाओं के बारे में पूंछा, सीएमओ जवाब नहीं दे पाए। फिर से अगला सवाल किया कि जिले में कितनी पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य केंद्र है? इस सवाल का जवाब भी सीएमओ के पास नहीं था। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा आप पूरे जिले का भृमण कर चुके हैं आपको पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मन्दिरों की संख्या तक नहीं पता है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कोई सुधार भी नहीं हुआ है। आरोग्य मेले में फार्मेसिस्ट और एलटी मरीज देखते हैं।
पीएचसी और आरोग्य केंद्र समय से नहीं खुलते हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यवाही तय है। इसके बाद उन्होंने अस्पतालों में लटकती हुई बिजली की तारें, जर्जर एक्सॉस्ट सिस्टम, कम्प्यूटर व बिजली की व्यवस्था, संजीवनी ऐप पर मरीजों की फीडिंग-इन सभी मुद्दों पर गहरी नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि “चिकित्सा व्यवस्था में शिथिलता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।”
मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जवाबदेही पर विशेष ध्यान देते हुए उपमुख्यमंत्री ने अपर निदेशक स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि यदि मुख्य चिकित्साधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में विफल पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध शासन को लिखित रिपोर्ट भेजी जाए ताकि आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
महिला अस्पताल में सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी सिजेरियन प्रसूता को वापस न किया जाए और जच्चा-बच्चा की देखभाल उत्कृष्ट स्तर की हो। उन्होंने दवा वितरण प्रणाली पर भी गंभीर प्रश्न उठाए-‘‘जब अस्पताल में दवाएं उपलब्ध हैं तो बाहर की दवाएं क्यों लिखी जा रही हैं? इस प्रश्न पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सीएमएस मौन रह गए, इस पर भी नाराजगी व्यक्त किया।
उन्होंने निर्देशित किया कि पैथोलॉजी में 14 प्रकार की अनिवार्य जाँचों की सूची बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए तथा कम से कम 55 आवश्यक दवाएं मानकानुसार हर समय उपलब्ध कराई जाएं। संजीवनी ऐप पर प्रत्येक मरीज की एंट्री सुनिश्चित हो और स्वास्थ्य इकाइयों पर ताले या बंद दरवाजे की शिकायतें बिल्कुल न आएं। उन्होंने एएनएम कर्मियों की ड्यूटी मूल स्थान पर सुनिश्चित करने और अन्य दायित्वों का निर्वहन उसके बाद करने पर बल दिया।
उपमुख्यमंत्री ने भविष्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से जनपद में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए प्रभारी मंत्री से विमर्श कर कार्ययोजना बनाने की बात कही। उन्होंने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्हें निर्देश दिये कि जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों की सघन निगरानी रखी जाए, लापरवाह कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए और सभी संसाधनों को एक समेकित मास्टर प्लान के अंतर्गत संचालित किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “मरीज से संवाद, संवेदना और समय पर सेवा-यही चिकित्सा की त्रिमूर्ति है। जब तक व्यवस्था में भावनात्मक जुड़ाव नहीं होगा, तब तक सुधार अधूरा रहेगा। आप सब सौभाग्यशाली हैं कि आपको सेवा का यह अवसर मिला है, इसे कर्म, करुणा और कर्तव्य से निभाएं।” उन्होंने डॉक्टरों की कमी शीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया और एम्बुलेंस संचालन को योजनाबद्ध ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिए। एम्बुलेंस के चालन को योजनाबद्ध तरीके से निर्धारित करने के निर्देश संबंधित को दिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने महिलाओं को पोषण डलिया भी वितरित की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद सीतापुर की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदेश में अव्वल स्थान पर लाने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा। जनपद को स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत सर्वश्रेष्ठ जनपद के रूप में स्थापित करना हमारी प्राथमिकता रहेगी। अस्पताल परिसर के मार्गों को सुदृढ़ किया जायेगा।
इस दौरान प्रभारी राज्यमंत्री, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग मयंकेश्वर शरण सिंह, नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू, विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक इन्द्र सिंह, नगर पालिका परिषद सीतापुर के प्रतिनिधि मुनीन्द्र अवस्थी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
Jun 16 2025, 19:11