भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री, जानें क्या हुई बात

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भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों तनाव के हालात बरकरार है। इस बीच ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी इस्लामाबाद पहुंचे हैं। जहां उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुए जंग और फिर संघर्ष विराम को लेकर चर्चा की गई।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ऐसे समय में डेविड लैमी से मुलाकात की है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया और अभी सीजफायर लागू है। भारत और पाकिस्तान के संघर्षविराम के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी का पहला दौरा है। इशाक डार ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई।

इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भी कहा है कि स्थायी संघर्ष-विराम सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन दोनों देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है। लैमी ने ब्रिटिश संसद के सदस्यों से कहा था, दोनों देशों के साथ हमारे मजबूत और घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए ब्रिटेन दोनों पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, ताकि स्थायी संघर्ष-विराम को वास्तविकता बनाया जा सके।

उन्होंने कहा था, मैं यहां यह स्पष्ट कर दूं कि हमने 22 अप्रैल को (पहलगाम में) जो भयावह आतंकवाद देखा, जिसमें 26 निर्दोष लोगों को कपड़े उतरवाकर गोली मार दी गई - वह वाकई बहुत भयानक था। हम इसकी निंदा करते हैं। हम इस आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए दोनों पक्षों के साथ काम करना जारी रखेंगे। हम सभी को आगे आकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हम 'भयानक आतंकवाद' से निपटने के दोनों पक्षों के प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। आखिरकार इसी प्रयास की बदौलत ही स्थायी शांति बनाई रखी जा सकेगी

मोदी सरकार ने चली पाक को बेनकाब करने की चाल, भारतीय सांसदों का दल दुनिया को बताएंगे ऑपरेशन सिंदूर का सच

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आतंकपरस्त पाकिस्तान को भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के बल पर घूटने टेकने को मजबूर कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान ने दुनिया में झूठे दावों को बौछार कर दी। पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अब मोदी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी चाल चल दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सरकार ने सांसदों के एक दल को विदेश भेजने का फैसला किया है। इसके बाद अब संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है। शुक्रवार से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है।

मोदी सरकार फिलहाल विपक्षी दलों से बातचीत कर रही है। सरकार मल्टी पार्टी डेलिगेशन यानी प्रतिनिधिमंडल की संरचना और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले उन्हें साथ लाना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों के 8 ग्रुप बनाए जाएंगे। सांसदों के ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेंगे। 8 ग्रुप में हर पार्टी के सांसदों होंगे। इन ग्रुप को विदेश भेजने का मकसद पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखना है। इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि सरकार की इस पहल का वो हिस्सा होगी।

इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीटीआई को बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस बारे में बात की है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा देश हित के साथ खड़ी रहती है। भाजपा की तरह कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए कांग्रेस इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।

क्या कमजोर पड़ गया है इंडिया गठबंधन? पी चिदंबरम के बयान के क्या है मायने

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विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बड़ा बयान दिया है। चिदंबरम के बयान के बाज विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। चिदंबरम में एक दिन पहले ही इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही है। एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने 'इंडिया' गठबंधन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह आश्वस्त नहीं हैं कि यह विपक्षी गठबंधन अब भी पूरी तरह एकजुट है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि विपक्षी गठबंधन कमजोर पड़ गया है।

गठबंधन की कमजोरियों पर की बात

राज्यसभा सांसद चिदंबरम सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की किताब 'कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट' के विमोचन अवसर पर चिदंबरम ने अपनी चिंता जाहिर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन मुझे यकीन नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि इसका उत्तर केवल सलमान खुर्शीद ही दे सकते हैं, क्योंकि वे इंडिया ब्लॉक के लिए वार्ता करने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन पूरी तरह बरकरार रहता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन आए दिन उजागर होने वाली कमजोरियों से पता चलता है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है।

चिंदबरम ने चेताया

चिदंबरम ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन को भाजपा को लेकर सचेत भी किया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन एक ऐसी 'बहुत मजबूत मशीनरी' के खिलाफ लड़ रहा है, जिससे सभी मोर्चों पर लड़ा जाना चाहिए। मेरे अनुभव और मेरे इतिहास के अध्ययन के अनुसार, बीजेपी जितना सशक्त रूप से संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है। यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत में सभी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं। निर्वाचन आयोग से लेकर देश के सबसे निचले पुलिस स्टेशन तक, वे (भाजपा) इन संस्थानों को नियंत्रित करने और कभी-कभी कब्जा करने में सक्षम हैं।

चितंबरम की बातों पर सलमान खुर्शीद की सहमति

सलमान खुर्शीद ने चिदंबरम की बात पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें 2029 में एक बहुत बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। इस बात पर विचार करना होगा कि गठबंधन के सहयोगियों को कैसे एक साथ लाया जाए।

पूरा देश और सेना पीएम मोदी की चरणों में नतमस्तक', विजय शाह के बाद एमपी के डिप्टी सीएम के बयान पर बड़ा विवाद

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कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान मध्य प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह के बयान का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के एक विवादित बयान दिया है। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सेना पर अभद्र टिप्पणी की है। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा, पूरा देश, देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं। जगदीश देवड़ा इस बयान पर भारतीय सेना के अपमान का आरोप लग रहा है।

जगदीश देवड़ा का बयान

मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा गुरूवार को जबलपुर स्थित नेता जी सुभाष चंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित किया। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बोल रहे थे। देवड़ा ने कहा कि मन में बहुत क्रोध था, जो नजारा हमने देखा, जो पर्यटक घूमने गए थे, वहां चुन-चुनकर, धर्म पूंछ-पूंछकर, महिलाओं को एक तरह खड़ा करके, बच्चों के सामने पुरुषों को गोली मार दी गई। उस दिन से देश के लोगों में बहुत तनाव था, जब तक इसका बदला नहीं लिया जाएगा। जिन आतंकवादियों ने माताओं का सिंदूर मिटाया, और आतंकवादियों को जो पाल रहे हैं, उनको जब तक नेस्तनाबूद नहीं करते, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हम धन्यवाद देना चाहेंगे। देश की सेना और सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक हैं, पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है।

विजय शाह पहले ही बढ़ा चुके हैं परेशानी

इससे पहले प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह भी अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। मंत्री विजय शाह ने 12 मई को महू के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा- जिन आंतकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हीं (आंतकियों) की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करा दी। इसके अलावा भी मंत्री शाह ने अपने बयान में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था।

अब उप मुख्यमंत्री के इस कथन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने देवड़ा से सार्वजनिक माफी की मांग की है और राज्यपाल से शिकायत कर बयान को राष्ट्र की सुरक्षा भावना के खिलाफ बताया है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने देवड़ा का बचाव करते हुए कहा कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

तुर्की-चीन पर अडानी की “स्ट्राइक” अडानी ने पाकिस्तान के इन दोनों साथियों को सिखाया सबक

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तुर्की को अपने “नापाक” दोस्त पाकिस्तान का साथ देने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। भारत के साथ हाल में हुई तनातनी में तु्र्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। जिसके बाद तुर्की के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखा गया। उसके बाद केन्द्र सरकार ने भी सबक सिखाया। भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी। अब देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने बड़ा फैसला किया है। 

तुर्की की कंपनी के साथ पार्टनरशिप खत्म

गौतम अडानी की कंपनी अडानी एयपोर्ट होल्डिंग्स ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस के लिए तुर्की की कंपनी सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है। गौतम अडानी की और से यह फैसला भारत सरकार के एक आदेश के बाद लिया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत आने वाले ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी था। इसके बाद सेलेबी को तुरंत अपना सारा काम अडानी को सौंपने का आदेश दिया गया।

चीन की कंपनी से नाता तोड़ा

इस बीच अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने ड्रैगनपास के साथ भी अपना समझौता खत्म कर दिया है। ड्रैगनपास चीन की एक कंपनी है जो एयरपोर्ट लाउंज और ट्रैवल सर्विस देती है। अडानी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयरपोर्ट लाउंज तक पहुंच देने वाली कंपनी ड्रैगनपास के साथ हमारा समझौता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है। अब ड्रैगनपास के ग्राहक अडानी द्वारा मैनेज किए जाने वाले एयरपोर्ट पर लाउंज का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

वक्त पर दिखाएंगे पूरी पिक्चर...” भुज से राजनाथ ने पड़ोसी देश को दिया सख्त संदेश

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जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सेना के हौसले को सलाम किया। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है, सीजफायर तोड़ा तो पूरी पिक्चर दिखाएंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सरकार सेना का उत्साह बढ़ाने में जुटी है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को श्रीनगर एयरबेस पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन का दौरा किया।

भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों की कुशलता की भी तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नाश्ता करने में लोगों को जितना समय लगता है, आपने उस अवधि का उपयोग दुश्मनों से निपटने के लिए किया। आप दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपके पराक्रम और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।

पाक के हर कोने तक हमारी एयरफोर्स की पहुंच- राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।

इंडियन एयरफोर्स ने भारत की युद्ध नीति और तकनीकी का प्रमाण दिया-राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।

पाकिस्तान ने भुज पर किया था ड्रोन अटैक

बता दें कि आज राजनाथ सिंह जिस जगह पर जवानों से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं, पाकिस्तान ने चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके उसे निशाना बनाया था। भुज पाकिस्तान की सीमा से बेहद करीब है। भुज पर कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करके हमला किया गया था। भुज और नलिया के पास तैनात भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने पिछले कुछ दिनों में कई पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। पाकिस्तानी ड्रोन मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें नाकाम किया गया।

गुरुवार को श्रीनगर गए थे राजनाथ

इससे पहले राजनाथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे। श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पाकिस्तान से तनाव के बीच एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से की बात, नए कूटनीति संबंधों का आगाज

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पहले से ही खराब चल रहे भारत और पाकिस्तान के संबंध इन दिनों नीचले स्तर पर पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक और उसके बाद भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। हालांकि, भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घूटने टेक दिए। अब भारत-पाक का संघर्ष तो खत्म हो गया है, लेकिन तनाव बरकरार है। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान के साथ ने कूटनीतिरक संबंधों की शुरूआत की है। 

दरअसल, एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की है। एस जयशंकर ने ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ फोन पर बात की। इस बातचीत में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के कोशिशों का भी जिक्र हुआ।

भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री से भारत-पाक तनाव के बाद बातचीत की। जयशंकर ने पोस्ट कर कहा, अफगान के एक्टिंग विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने यह बताते हुए कि भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ है। उन्होंने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं सराहना करता हूं। दरअसल, अफगानिस्तान ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी, इस अटैक में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। 

तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ

इसी के साथ जहां पाकिस्तान की तरफ से भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में आग लगाने की कोशिश की गई, उसको लेकर भी जयशंकर ने तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ की।

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा, झूठी और आधारहीन रिपोर्टों के जरिए से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की हालिया कोशिशों को अफगानिस्तान ने जो अस्वीकार किया उसका भी स्वागत करता हूं। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक दोस्ती और विकास-सहयोग के लिए लगातार दोनों देशों के एक दूसरे के सहयोग को भी सामने रखा।

तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं', जयशंकर ने पाक से लेकर अमेरिका तक को दिया सख्त संदेश

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान से वार्ता को लेकर फिर से भारत का रूख स्पष्ट कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान एस जयशंकर ने पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत की स्थितियां फिर से स्पष्ट की।

हमने पाकिस्तान को अगाह किया था- जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर जयशंकर ने कहा, हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया। हमने पाकिस्तान को अगाह किया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला करने जा रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह इस ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस सलाह को न मानने का फैसला किया। पाकिस्तान ने भारत पर हमले किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया।

द्विपक्षीय बातचीत पर जोर

विदेश मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी। उन्होंने कहा, यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है। बातचीत का विषय केवल आतंकवाद होगा। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी और उनके बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।

सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा कि सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा। जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह नहीं रोकता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कश्मीर पर एकमात्र चर्चा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली करने की होगी।