रेलवे लोको पायलट की पत्नियों का सब्र का बाँध टुटा,गोमो क्रू लॉबी में जमकर किया हंगामा
बीमार बच्चे के इलाज कराने आये लोको पायलट का किया ट्रांसफर, पत्नियों का आरोप अफसरों ने बना लिया बंधुआ मज़दूर
रेलवे में चालक की भूमिका ठीक वैसी होती है जैसा कि सीमा पर सेना की, इनके हाथ में लाखों लोगों की जिंदगी होती है, रात -दिन एक कर अपने सारे अरमानो को ताक पर रखकर कठोर ड्यूटी रेलवे चालक करते हैं इसी लिए रेलवे का जवाबदेही है कि ऐसे लोगो के लिए ऐसी नीति बने की वे तनाव मुक्त रहे और ख़ुशी मन सें ड्यूटी करें. लेकिन अफसरों की तानाशाही और रवैया के कारण चालक हमेशा तनाव में रहते हैं. जिसका परिणाम हुआ की रेलवे के लोको पायलट की पत्नी का सब्र का बाँध टूट गया और वे गोमो रेलवे स्टेशन के क्रू लॉबी में जमकर हंगामा मचाया और धरना देकर काम काज बंद वाधित कर दिया.
क्या था वजह
दर असल गोमो लॉबी में कार्यरत लोको पायलट एन के गौतम के बेटे को खून की उलटी हो रही थी.
पत्नी ज्योतिमाला कुमारी ने मोबाइल में खून की उल्टी की तस्वीर को दिखाते हुए बताया कि मेरे बेटे को खून की उल्टी हो रही थी, जिसके कारण मेरे पति गौतम कुमार अपनी ड्यूटी करने के बाद कोडरमा रनिंग रूम में थे, वहां से सूचना पाकर वे गोमो घर आ गए, जिसके कारण मेरे पति का ट्रांसफ शक्तिनगर कर दिया गया.इस तरह हादसा में रेलवे के अधिकारी ने किसी तरह मानवीय संवेदना के बजाय दंड के रूप में एन के गौतम का ट्रांसफर कर दिया. इस घटना के बाद आस पासमें रहने वाले लोको पायलट की पत्नियों का सब्र का बाँध टूट गया और गोमो रेलवे क्रू लॉबी में लोको पायलट की पत्नियों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने डीआरएम हाय हाय के नारे भी लगाए. इतना ही नहीं महिलाओं ने कुछ पल के लिए रेल क्रू लॉबी का कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया.
महिलाओं का मांग
महिलाओं ने कहा कि जब तक रेल प्रशासन एनके गौतम का ट्रांसफर वापस नहीं लेती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. इधर महिलाओं के रौद्र रूप देखते हुए अधिकारियो के आश्वासन के बाद महिलाओं का धरना समाप्त हुआ. इस दौरान करीब 3 घंटे तक महिलाओं ने क्रू लॉबी में धरना दिया.
दरअसल, गोमो के लोको पायलट एनके गौतम का ट्रांसफर शक्तिनगर कर दिया गया है. जिसके कारण उनकी पत्नी सहित सैकड़ों की संख्या में लोको पायलट की पत्नियों ने गोमो क्रू लॉबी को घेरकर ट्रांसफर को रद्द करने की मांग करने लगी.
कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके लोको पायलट पातियों से बंधुआ मजदूरों की तरह से रेल के अफसरों द्वारा काम करवाया जा रहा है. हम लोको पायलट के परिवार किसी तरह के त्योहारों को नहीं मना पाते हैं.
धरना दे रही महिलाओं ने डीआरएम धनबाद के नाम लिखित रूप से अपनी मांगों को लेकर आवेदन दिया. अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया. करीब 3 घंटे तक महिलाओं ने जमकर हंगामा किया.
May 06 2025, 17:46