पंजाब में 'गुमनाम' विभागः20 महीने कागजों पर चला धालीवाल का मंत्रालय, जानें कैसे सच्ची आई सामने
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पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। इसी आम आदमी पार्टी की सरकार में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक मंत्री के पास वो विभाग था जिसका अस्तित्व ही नहीं है। यह जानकारी खुद पंजाब सरकार के एक संशोधन से सामने आई है। संशोधन की जानकारी गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी गई है। इसमें बताया गया है कि मंत्री कुलदीप धालीवाल के पास डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स और एनआईआई अफेयर्स था। जिनमें से डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स अस्तित्व में नहीं है।
एक दिन पहले ही भगवंत मान सरकार ने 21 अफसरों के ट्रांसफर करने के साथ-साथ मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार मंत्रालय छीन लिया। अब यह जानकारी सामने आ रही है कि जिस प्रशासनिक सुधार मंत्रालय को धालीवाल से छीना गया है वो वास्तव में कहीं था ही नहीं। यह मंत्रालय केवल कागजों पर चल रहा था। सीएम भगवंत मान को 20 महीने बाद होश आया।
धालीवाल से अब तक कुल तीन विभाग वापिस लिए जा चुके हैं। इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायत और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी उनसे वापिस लिया गया था। कुलदीप सिंह धालीवाल के पास एनआरई मामलों के साथ प्रशासनिक सुधार मंत्रालय भी था, लेकिन अब करीब 20 महीने बाद पंजाब सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि ये विभाग है ही नहीं करता है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर ये मान लिया है कि इस तरीके के किसी विभाग का कोई अस्तित्व ही नहीं था।
प्रशासनिक सुधार मंत्रालय में ना किसी अफसर की नियुक्ति की गई थी और ना ही कोई कर्मचारी पंजाब सरकार के इस विभाग के अंतर्गत काम कर रहे थे। मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को प्रशासनिक सुधार मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। अब पंजाब के राज्यपाल ने सीएम भगवंत मान की सलाह पर एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके तहत कहा गया है कि अब धालीवाल केवल एनआरआई मामलों के मंत्रालय को संभालेंगे। बताया जा रहा है कि 20 महीनों तक प्रशासनिक सुधार विभाग और एनआरआई विभाग कुलदीप सिंह धारीवाल के पास था।
इस बीच, विपक्षी दलों ने शनिवार को आप सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि आप सरकार शासन को लेकर कितनी गंभीर है। पंजाब भाजपा के महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा, यह सरकार के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है कि एक ऐसा विभाग आवंटित किया गया है, जो अस्तित्व में नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो इसे आवंटित करने वालों को, और न ही जिन्हें विभाग आवंटित किया गया था, उन्हें इस तथ्य की जानकारी थी कि यह विभाग अस्तित्व में नहीं है।
Feb 22 2025, 20:33