लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने किया झंडोत्तोलन


 लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में झारखंड सरकार की मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने झंडोत्तोलन किया। इस मौके मंत्री ने झांकी का भी अवलोकन किया। मंत्री ने खेल शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को सम्मानित किया।

मंत्री ने कहा की हमें गर्व है कि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। हम स्वतंत्रता सेनानियों के आभारी हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे कर हमें आजादी दिलाई है।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार राज्य का विकास कर रही हैं। मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने का काम सरकार कर रही है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का काम किया जा रहा है। खेती में पारम्परिक चीजों से लोग अलग होते जा रहे हैं। उच्च उत्पादकों के क्षेत्र में ध्यान दिया जाए। कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमें खुश को सशक्त करना है।

इस अवसर पर डीसी, एसपी सहित जिले के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

जमशेदपुर के परसुडीह के तीन पंचायत क्षेत्र को खाली करने का रेलवे का नोटिस, क्षेत्र में मचा हड़कंप

झा. डेस्क 

जमशेदपुर : स्कूल और आंगनबड़ी सहित अपार्टमेंट और कई घरों को 30 जनवरी तक खाली करने का फरमान जारी हुआ है। इस आदेश के बाद रह वासियों में हड़कंप है।

 जानकारी के अनुसार रेल प्रशासन ने परसुडीह के तीन पंचायत क्षेत्र को खाली करने का नोटिस दिया है। जिन्हें खाली करने को कहा गया है, उसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुर्गा पाड़ा व झारखंड नगर आंगनबाड़ी केंद्र भी शामिल हैं।

जानकारी मिली है कि करनडीह फाटक के समीप स्थित चार मंजिला फ्लैट मां दुर्गा अपार्टमेंट को भी रेल प्रशासन द्वारा शनिवार को नोटिस भेजा है जिसमें उन्हें भी रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने को कहा गया है। सभी को 30 जनवरी तक की मियाद दी गयी है।

मालूम हो कि रेल प्रशासन ने तीनों पंचायत क्षेत्र के 540 परिवारों को नोटिस देकर 30 जनवरी तक जमीन खाली करने को कहा है, जिसके बाद से स्थानीय निवासी दहशत में हैं। इधर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र के भविष्य को लेकर स्थानीय लोग काफी चिंतित हैं। उत्क्रमित विद्यालय परिसर में स्थानीय निवासियों की बैठक हुई।

स्थानीय लोग ये जानना चाहते हैं कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र की कितनी जमीन रेलवे की है और कितनी जमीन शासकीय भूमि है। कहा जा रहा है कि रेल प्रशासन जितनी बड़ी जमीन का दावा करते हुए सभी को नोटिस भेज रही है, उतनी जमीन रेलवे की नहीं है। इसलिए जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता है कि कितनी जमीन रेलवे की और कितनी सरकारी है। तब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी।यदि जबरन कार्रवाई की जाती है तो वे मजबूरन इसका विरोध करेंगे।

गणतंत्र दिवस पर बच्चों को सिखाएं तिरंगे का महत्व


गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि यह दिन हमें अपने संविधान और राष्ट्रीय प्रतीकों के महत्व की याद दिलाता है। इस खास मौके पर बच्चों को हमारे तिरंगे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताना बेहद जरूरी है। तिरंगे के रंग, अशोक चक्र और इसे फहराने के नियमों को जानकर बच्चे न केवल देश के प्रति सम्मान महसूस करेंगे, बल्कि उनमें देशभक्ति की भावना भी प्रबल होगी। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर बच्चों को तिरंगे का महत्व सिखाकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करें।

1. खादी के कपड़े से बनता था तिरंगा

बच्‍चों को बताएं कि भारतीय झंडे का नाम तिरंगा है। जिसे इंग्लिश में ट्राई कलर भी कहते हैं। आज भले ही तिरंगा प्‍लास्टिक या पॉलिस्‍टर के कपड़े पर बनता है, लेकिन पहले राष्‍ट्रीय ध्‍वज को बनाने में हाथ से कटे गए सूत और हाथ से बने खादी के कपड़ों का ही इस्‍तेमाल होता था।

2. 2002 में मिली घरों में झंडा फहराने की इजाजत

पहले के समय में लोग घरों में झंडा नहीं लहरा सकते थे। लेकिन 22 दिसंबर 2002 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को घरों में झंडा फहराने की अनुमति दी गई थी।

3.झंडे पर लिखना गैरकानूनी

भारतीय झंडे तिरंगे पर कुछ भी लिखना या बनाना गैरकानूनी है। बच्‍चे से लेकर बूढों तक को इसका सम्‍मान करना जरूरी है। भारतीय तिरंगे का अनादर करने पर सजा भी हो सकती है। यहां तक की कोई व्‍यक्ति फ्लैग कोड ऑफ इंडिया में बताए गए नियमों का उल्‍लंघन करता है, तो उसे तीन साल की कैद और जुर्माना भी लग सकता है।

4. 24 घंटों को दर्शाती है चक्र में 24 तिलियां

राष्‍ट्रीय ध्‍वज में मौजूद अशोक चक्र को सम्राट अशोक की ओर से बनाए गए अशोक स्‍तंभ से लिया गया। ये स्‍तंभ इर्सा पूर्व 250 में बनवाए गए थे। इस चक्र में मौजूद 24 तिलियां दिन के 24 घंटों को दर्शाती हैं।

5.झंडे का सम्‍मान करना जरूरी

झंडा स्‍वतंत्र देश का प्रतीक होता है। तिरंगा पूरे देश के लिए राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इसलिए इसका सम्मान करना बेहद जरूरी है। बच्‍चों को बताएं कि आप झंडे को आप जमीन या फर्श पर नहीं फहरा सकते। इसे पानी में भी नहीं बहाया जा सकता। इसे वाहन या गाड़ी पर लपेटा नहीं जा सकता। यहां तक की किसी भी चीज को झंडे पर रखने की अनुमति नहीं है।

किताबों का जादू या नींद का बुखार? पढ़ते ही क्यों घिर जाता है आलस!


पढ़ाई के समय नींद आना या आलस महसूस करना एक सामान्य अनुभव है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या यह किताबों का जादू है या हमारे शरीर की प्रतिक्रिया? आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं।

1. मस्तिष्क की थकान

जब हम पढ़ते हैं, तो हमारा मस्तिष्क नई जानकारी को प्रोसेस करता है। यह प्रक्रिया ऊर्जा की खपत करती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है। खासकर जब विषय उबाऊ या कठिन हो, तो मस्तिष्क जल्दी थक जाता है और हमें नींद आने लगती है।

2. शरीर की मुद्रा का प्रभाव

पढ़ाई के दौरान यदि आप झुककर या लेटकर पढ़ते हैं, तो यह स्थिति शरीर को आराम का संकेत देती है। आरामदायक मुद्रा में पढ़ने से मस्तिष्क को लगता है कि यह आराम का समय है, और धीरे-धीरे नींद आने लगती है।

3. आंखों की थकावट

लंबे समय तक किताबों या स्क्रीन पर देखने से आंखें थक जाती हैं। आंखों की मांसपेशियों को आराम की जरूरत होती है, और यह थकावट पूरे शरीर में आलस का कारण बनती है।

4. रक्त प्रवाह में कमी

पढ़ाई के दौरान यदि आप लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं, तो शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे ऊर्जा की कमी महसूस होती है, और नींद का अहसास होता है।

5. सामान्य नींद की कमी

यदि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है, तो पढ़ाई के समय मस्तिष्क आराम की तलाश में होता है। इस वजह से किताब खोलते ही आपको नींद आने लगती है।

6. सामग्री का प्रभाव

यदि पढ़ाई की सामग्री रूचिकर नहीं है, तो मस्तिष्क उसे जल्दी समझने में रुचि नहीं लेता। इसके परिणामस्वरूप आलस और नींद हावी हो जाती है।

उपाय: पढ़ते समय नींद और आलस से बचने के तरीके

1मोटिवेशनल सामग्री से शुरुआत करें:  

रुचिकर विषय पढ़ने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है।

2 ब्रेक लें:

हर 30-40 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक लें।

3 अच्छी रोशनी का प्रयोग करें: मंद रोशनी से आंखें जल्दी थकती हैं।

4 शारीरिक मुद्रा बदलें:

 पढ़ाई के दौरान सीधा बैठें और हर थोड़ी देर में टहलें।

5 हाइड्रेटेड रहें: 

पानी पीने से शरीर ऊर्जावान रहता है।

6 गहरी सांस लें: 

ऑक्सीजन की कमी से आलस बढ़ता है, गहरी सांस लेने से मस्तिष्क सतर्क रहता है।

निष्कर्ष*

पढ़ाई के समय आलस या नींद आना कोई जादू नहीं, बल्कि हमारे शरीर और मस्तिष्क की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। सही आदतें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं और पढ़ाई को प्रभावी बना सकते हैं। तो अगली बार जब किताबों के साथ बैठें, तो इन उपायों को अपनाएं और पढ़ाई का आनंद लें!

हाथियों के लिए सुरक्षित कोरिडोर नहीं होने से एक तरफ जानमाल की हानि हो रही है तो दूसरी तरफ हाथियों की भी जान जा रही है

झारखंड में हाथियों का उत्पात निर्वाध जारी है तो संकरे जगहों में फंसकर हाथियों की जान भी जा रही है. हाथी पूछ रहे हैं कि कहां है- उनका सुरक्षित कॉरिडोर. गुरुवार की रात टुंडी में झुंड से बिछड़े एक हाथी ने जमकर उत्पात मचाया. पहाड़ी से उतरकर झिंगली देवी के खलिहान में लगी आलू और गोभी की फसल को क्षति पहुंचाने लगा. जब वह पहुंची तो  हाथी ने झिंगली देवी पर हमला बोल उसे पटक दिया.  जमीन पर गिरने से महिला की कमर टूट गई. हाथी का रौद्र रूप देख उसका पति भागने लगा. इस दौरान वह गिरकर चोटिल हो गया. महिला का इलाज फिलहाल धनबाद के सरकारी अस्पताल में चल रहा है.  

इधर गुरुवार की रात को ही बोकारो थाना क्षेत्र के महुआटांड़ में जंगली हाथी 5 फीट चौड़े कुएं में गिरकर फंस गया. दम घुटने से उसकी मौत हो गई.

कुएं में गिरा हाथी फसल खाने पंहुचा था 

 

 ग्रामीणों के अनुसार हाथी अपने दल से बिछड़ कर आलू की फसल खाने पहुंचा था. अंधेरे की वजह से वह कुएं में गिर गया. कुएं की चौड़ाई कम होने की वजह से हाथी रात भर फंसा रह गया. दम घुटने से उसकी मौत हो गई. शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने हाथी को देखा. फिर मुखिया को सूचना दी. मुखिया ने वन विभाग को जानकारी दी. उसके बाद क्रेन मंगा कर हाथी को निकाला गया. पोस्टमार्टम करने के बाद उसे तेनुघाट जंगल में दफना दिया गया है. बता दे कि टुंडी के रहने वाले हाथियों से सुरक्षा की गुहार लगा रहे है. उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. टुंडी से झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते है. ऐसे में उन लोगों को उम्मीद थी कि उनकी परेशानियों पर झारखंड सरकार तुरंत एक्शन में दिखेगी.  

लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. यह बात भी सच है कि टुंडी में हाथियों का आतंक कोई एक दिन में नहीं हुआ है. वन विभाग ने हाथियों को दूर करने की जो भी योजनाएं बनाई, कोई कारगर साबित नहीं हुई. हाथियों का आतंक और उत्पात जारी है.पहाड़ से उतरकर हाथी गांव में पहुंच जाते है. फसल को नुकसान पहुंचाते है. घर तोड़ देते है. लोगो की जान तक ले लेते है.

कल 26 जनवरी को जमशेदपुर में बंद रहेगी मांस -मछली और शराब की दुकाने


झारखंड डेस्क 

26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर जेएनएसी, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र में मांस-मछली और शराब की दुकानें बंद रहेगी. 

सभी वध शालाओं और मांस-मछली की दुकानों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बंद रखने का निर्देश दिया गया है.

आदेश के बावजूद गणतंत्र दिवस के दिन कहीं भी मांस, मछली या मुर्गे की बिक्री की जाती है, तो नगर निकायों की ओर से कानूनी कार्यवाई की जायेगी. साथ ही इस दौरान शहर में बड़े और भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है. शराब दुकानों को भी बंद रखने का निर्देश दिया गया है.

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपराजधानी दुमका में करेंगे झंडोत्तोलन


झा. डेस्क 

रांची गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन राज्य की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में झंडोत्तोलन

 करेंगे.

वहीं गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली परेड का फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया.

 गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन के आगमन को लकरे जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां कर ली गई है.

मसानजोर डैम में बने गेस्ट हाउस का वे उद्घाटन करेंगे.

अपने दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर 25 जनवरी की शाम को ही हेमंत सोरेन दुमका पहुंचेंगे. और उसी शाम वे दुमका के मयूराक्षी नदी पर अवस्थित मसानजोर डैम के समीप वन विभाग द्वारा बनाए गए गेस्ट हाउस का उद्घाटन करेंगे.

जिसके बाद दूसरे दिन यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराएंगे. इस अवसर पर आयोजित परेड 14 प्लाटून भाग लेंगे. जिसमें झारखंड सशस्त्र पुलिस (JAP), आईआरबी(IRB) के साथ प्रमंडल के सभी जिलों के पुलिस बल के अलावा एनसीसी कैडट शामिल होंगे.

परेड को प्रशिक्षु आईपीएस डॉ सैयद मुस्तफा हाशमी कमांड करेंगे. सेकेंड इन कमांड में प्रशिक्षु डीएसपी आकाश भारद्वाज शामिल होंगे. इस मौके पर अलग-अलग विभागों द्वारा बनाई गई झांकियां को भी प्रदर्शित किया जाएगा.

वहीं दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि सीएम के कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराए गए हैं.

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपराजधानी दुमका में करेंगे झंडोत्तोलन

झा. डेस्क 

रांची गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन राज्य की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में झंडोत्तोलन

 करेंगे.

वहीं गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली परेड का फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया.

 गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन के आगमन को लकरे जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां कर ली गई है.

मसानजोर डैम में बने गेस्ट हाउस का वे उद्घाटन करेंगे.

अपने दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर 25 जनवरी की शाम को ही हेमंत सोरेन दुमका पहुंचेंगे. और उसी शाम वे दुमका के मयूराक्षी नदी पर अवस्थित मसानजोर डैम के समीप वन विभाग द्वारा बनाए गए गेस्ट हाउस का उद्घाटन करेंगे.

जिसके बाद दूसरे दिन यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराएंगे. इस अवसर पर आयोजित परेड 14 प्लाटून भाग लेंगे. जिसमें झारखंड सशस्त्र पुलिस (JAP), आईआरबी(IRB) के साथ प्रमंडल के सभी जिलों के पुलिस बल के अलावा एनसीसी कैडट शामिल होंगे.

परेड को प्रशिक्षु आईपीएस डॉ सैयद मुस्तफा हाशमी कमांड करेंगे. सेकेंड इन कमांड में प्रशिक्षु डीएसपी आकाश भारद्वाज शामिल होंगे. इस मौके पर अलग-अलग विभागों द्वारा बनाई गई झांकियां को भी प्रदर्शित किया जाएगा.

वहीं दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि सीएम के कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराए गए हैं.

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया अपना मोबइल नंबर जारी


कहा सरकार के किसी योजना में गड़बड़ी होता है तो लोग दें जानकारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सार्वजनिक रूप से अपना मोबाइल नंबर जारी किया है. 

सार्वजनिक रूप से नंबर जारी करते हुए मंत्री राधा कृष्णकिशोर ने कहा कि सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो रही हो या समस्या या शिकायत है तो उन्हें कॉल करें या व्हाट्सएप करें. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपना मोबाइल नंबर 9431135292 को आम लोगों के लिए जारी किया है.

पलामू के सतबरवा प्रखंड के मलय डैम में जिला स्तरीय पंचायत सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी कार्यशाला में पलामू में संचालित विकास योजनाओं समेत कई बिंदुओं पर समीक्षा की गयी. इस बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाग लिया. लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना रेवड़ी नहीं है बल्कि यह माता बहनों की आराधना है.

मंत्री ने कहा कि पंचायत या जिला के विकास में पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण. शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना बेहद ही जरूरी है, इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. पंचायत जनप्रतिनिधि नियमित रूप से मध्यान भोजन का निरीक्षण करें. अबुआ आवास योजना का लाभ सीरियल के अनुसार ही मिलना चाहिए.

 अगर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या हो या विकास योजनाओं की क्रियान्वयन में दिक्कत हो रही हो बेहिचक लोग उन्हें कॉल कर सकते हैं या व्हाट्सएप कर सकते हैं.

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पलामू डीसी शशिरंजन ने कहा कि प्रत्येक तीन महीने में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित होगी. इस कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी, उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, नगर आयुक्त जावेद हुसैन, उप विकास आयुक्त शब्बीरअहमद मौजूद रहे.

झारखंड के मुख्य सचिव का निर्देश सभी सचिव केंद्र सरकार को समय से भेज दें उपयोगिता प्रमाण पत्र


राज्य सरकार को अपनी अधिप्राप्ति राशि का करना है दावा,यह तभी सम्भव है जब समय से पहुंच जाए खर्च की गई राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र

झा.डेस्क

पूंजी निवेश के लिए राज्यों को दी जानेवाली विशेष सहायता योजना के तहत झारखंड को मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र सरकार को समय से भेजने के लिए झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी सचिवों को निर्देश दिया है ताकि सरकार अपनी दावा प्रस्तुत कर सके।

 मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण समय से देने से उस मद में बची राशि पर दावा मजबूत होगा। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन के साथ ससमय योजना पूरी करने वाले राज्य के रूप में भी हमारी पहचान बनेगी।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना के तहत राज्यों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाता है। मुख्य सचिव शुक्रवार को स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट (एसएएससीआई) को लेकर संबंधित विभागों के सचिवों के साथ समीक्षा कर रही थीं।

झारखंड सरकार केंद्र को 1250 करोड़ रुपये का दावा कर सकता है

मुख्य सचिव अलका तिवारी को समीक्षा के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में झारखंड को केंद्र सरकार द्वारा 5255.14 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जिसमें से अभी तक 4580.62 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य द्वारा 4302 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को समर्पित किया गया है. इसके विरुद्ध 2763 करोड़ रुपये के प्रस्ताव की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी है. प्रस्ताव के तहत 1233 करोड़ रुपये की राशि झारखंड को मिल चुकी है.

 बताया गया कि इसके अतिरिक्त राज्य लगभग 1250 करोड़ रुपये का दावा एसएएससीआई के विभिन्न हिस्सों के लिए कर सकता है.

यूनिटी मॉल के लिए मिल चुके हैं 81.47 करोड़

अगर केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य हुआ, तो एसएएससीआई के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 4600 करोड़ रुपये की अधिप्राप्ति केंद्र सरकार से संभावित है. समीक्षा के दौरान बताया गया कि झारखंड में यूनिटी मॉल के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 162.94 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. उसके प्रथम किस्त के रूप में राज्य को 81.47 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. अब उद्योग विभाग को प्राप्त राशि का 75 प्रतिशत खर्च करने का उपयोगिता प्रमाण पत्र देना है, उसके बाद ही इस मद की शेष राशि केंद्र सरकार से मिलेगी. नेतरहाट, तिलैया एवं तेनुघाट डैम सौंदर्यीकरण के लिए 214.94 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य ने समर्पित किया है. तिलैया डैम के लिए केंद्र सरकार ने 34.87 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है.

250 करोड़ रुपये का क्लेम कर सकती है राज्य सरकार

डैमों की सौंदर्यीकरण योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा कुछ जानकारी तलब की गई है, उसके लिए पर्यटन विभाग को तत्संबंधी कार्रवाई के लिए कहा गया है. वर्किंग वुमेन हॉस्टल निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 163 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसके तहत झारखंड में कुल 8 हॉस्टल का निर्माण होना है. भारत सरकार द्वारा दो हॉस्टल को लेकर कुछ जानकारी मांगी गयी है, जिसे उद्योग विभाग को उपलब्ध कराना है. राज्य सरकार केंद्र सरकार से 31 जनवरी 2025 तक 250 करोड़ रुपये का क्लेम कर सकती है. बताया गया कि अर्बन प्लानिंग रिफॉर्म के तहत भवन निर्माण नियम को युक्तिसंगत करने के लिए 30 करोड़ रुपये का दावा केंद्र सरकार से किया गया है. समीक्षा बैठक में वित्त सचिव प्रशां कुमार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, परिवहन सचिव कृपानंद झा, खान सचिव जितेंद्र सिंह, भवन निर्माण सचिव अरवा राजकमल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.