आदिवासी सेवा सहकारी समिति में खराब धान खरीदी का मामला, नायब तहसीलदार ने शुरू की जांच

तखतपुर-     तखतपुर के जुनापारा में आदिवासी सेवा सहकारी समिति में खरीदी संस्था प्रबंधक द्वारा खराब धान को खरीदने का मामला सामने आया है. खराब धान खरीदे जाने की शिकायत किए जाने पर नायब तहसीलदार रोशनी तिर्की ने जांच कर खराब धान की जब्ती बनाए जाने की बात कही है.

जानकारी के अनुसार, आदिवासी सेवा सहकारी समिति के चोरहा धान उपार्जन केंद्र में खराब धान खरीदने को शिकायत की गई. शिकायत की जांच करने के लिए बुधवार को नायब तहसीलदार रोशनी तिर्की धान उपार्जन केंद्र पहुंची थी. उन्होंने ने शिकायतकर्ता सहित संस्था प्रबंधक और एक किसान का बयान दर्ज किया.

शिकायतकर्ता अश्वनी अग्रवाल ने बताया कि संस्था प्रबंधक द्वारा अपने गोदाम में रखे खराब धान को खपाने के लिए धान उपार्जन केंद्र में ट्रैक्टर से मंगवाया. उसके नीचे काम करने वाले कर्मचारी नन्हे जायसवाल के द्वारा ट्रैक्टर के भरकर जुनापारा से चोरहा धान उपार्जन केंद्र लाया. कुल 124 कट्टी धान लाया गया था, जिसमें से मात्र 96 कट्टी यहां पर है. बाकी रात को ट्रक में लोड होकर चला गया है. उन्होंने बताया कि हमारे पास इसके सारे साक्ष्य हैं.

वहीं संस्था के प्रबंधक महेंद्र जायसवाल ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि धान किसने यहां लाकर रखा. उन्होंने कहा कि जब वे पहुंचे तो देखा कि धान रखा हुआ था. उन्होंने इसकी पूछताछ की, लेकिन किसी ने नहीं बताया कि धान यहां किसने रखा. धान के बोरों की जांच की तो धान खराब थे. इसलिए उसमें उन्होंने रिजेक्टेड लिखवाकर अलग कर दिया है

कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली मामला : हाईकोर्ट ने खारिज की आराेपी रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका

बिलासपुर-  कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली के आरोपी राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. साथ ही कोर्ट ने जेल प्रशासन को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. बता दें कि रोशन ने मेडिकल आधार पर नियमित जमानत याचिका लगाई गई थी.

ईडी ने कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली व मनी लॉड्रिंग के मामले में प्रदेश के राइस मिलरों से पूछताछ की. इसमें राइस मिलर एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष द्वारा प्रति क्विंटल के हिसाब से लेवी वसूली करने की बात सामने आई. ईडी ने विवेचना के बाद 14 अक्टूबर 2023 को रोशन चंद्राकर सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया.

ईडी के पास अवैध वसूली का ठोस साक्ष्य

इस मामले में ईडी ने रोशन चंद्राकर को 15 मई 2024 को पूछताछ के बाद हिरासत में लेकर जेल दाखिल किया है. जेल में बंद रोशन चंद्राकर ने मेडिकल आधार पर नियमित जमानत दिए जाने आवेदन किया था. आवेदन पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अवैध वसूली करने एक मजबूत सिंडीकेट बनाया गया था. इस संबंध में जांच एजेंसी के पास ठोस साक्ष्य है.

कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेसियों ने कराया सुकमा बंद, प्रदर्शन जारी…

सुकमा- पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर जिला कांग्रेस ने एक दिवसीय सुकमा बंद का आह्वान किया है, जिसका जिला मुख्यालय में असर देखने को मिल रहा है. सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में नारेबाजी करते हुए लखमा की गिरफ्तारी पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बुधवार को ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर रिमांड के लिए जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया था. जहां सुनवाई के बाद लखमा को 22 जनवरी तक के लिए 7 दिन की रिमांड में भेज दिया गया था. इस मामले में लखमा के बेटे हरीश को भी आरोपी बनाया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.

साल 2019 में उजागर हुआ था मामला

ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था.

नियमों में बदलाव कर दिया टेंडर

ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में बदलाव कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया था. ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था. यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया.

बीते साल आया था कवासी का नाम

ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक, ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था.

SI, ASI समेत 121 पुलिसकर्मियों का हुआ तबादला, देखें लिस्ट

राजनांदगांव- जिला पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बुधवार को जिले में पदस्थ 121 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इनमें आरक्षक, पुरुष और महिला प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षकों का नाम शामिल है।

देखें लिस्ट –

नगरीय निकाय चुनाव : कांग्रेस ने की चुनाव और घोषणा-पत्र समिति गठित, जानिए नेताओं के नाम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी चुनाव समिति और घोषणा-पत्र समिति का गठन किया है. इस संबंध में आदेश छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने जारी किया है.

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव: मुख्यमंत्री साय और डिप्टी सीएम साव का बड़ा बयान

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. दोनों चुनाव के मद्देनज़र आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. हालांकि, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज है. इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव का बड़ा बयान सामने आया है. एक ओर मुख्यमंत्री ने आरक्षण प्रक्रिया को न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप और अन्य राज्यों से बेहतर बताया, तो वहीं डिप्टी मुख्यमंत्री ने चुनाव की संभावित तारीखों को लेकर सरकार की मंशा साफ करते हुए कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आरक्षण और पंचायती राज विधेयक संशोधन को लेकर कहा कि जो आरक्षण लागू हुआ है. यह उच्चतम न्यायालय के अनुसार हुआ है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई इसे कोर्ट में चुनौती देता है, तो उसपर बंदिश नहीं है. कोर्ट न्याय करेगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है. बल्कि और प्रदेशों से अच्छा हमने किया है. कई प्रदेशों में ऐसा प्रयास नहीं हुआ, जिसके कारण ओबीसी आरक्षण शून्य भी करना पड़ा. यहां इसपर बेहतर और बहुत अच्छे से काम किया गया है.’

डिप्टी सीएम अरुण साव ने आगामी चुनावों की तारीखों को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है. सरकार की मंशा है कि फरवरी में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत दोनों चुनाव एक साथ कर लें. इस मंशा से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया गया है. राज्य सरकार ने अपने जिम्मे का काम चुनाव की दृष्टि से पूरा कर लिया है. पदों के आरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, अब आगे की कार्यवाही राज्य निर्वाचन आयोग को करनी है. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 18 जनवरी तक बढ़ाई गई है.

राजधानी रायपुर में बड़े पैमाने पर थाना प्रभारियों का तबादला, 17 निरीक्षक किये गए इधर से उधर, देखिये लिस्ट …

रायपुर-  रायपुर पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कुल 17 निरीक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. तबादला आदेश रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने जारी किया है. लंबे समय के बाद इतनी बड़ी संख्या में राजधानी में थाना प्रभारियों का तबादला हुआ है.

जारी आदेश के अनुसार, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के जिन 17 निरीक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. उसमें निरीक्षक वैभव मिश्रा को यातायात प्रभारी बनाया गया है. निरीक्षक अनीश सारथी को पुलिस लाइन में रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) और निरीक्षक जितेंद्र ताम्रकर को आजाद चौक थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है.

देखिए लिस्ट-

फ्लोरा मैक्स चिटफंड घोटाला: महिला आयोग अध्यक्ष ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए गठित की दो सदस्यीय टीम

कोरबा- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कोरबा में फ्लोरा मैक्स चिटफंड घोटाला सहित महिला उत्पीड़न से संबंधित 24 मामलों पर जन सुनवाई की। इस सुनवाई में आयोग की सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा भी मौजूद रहीं। यह सुनवाई प्रदेशव्यापी 291वीं और कोरबा जिले की 9वीं सुनवाई थी।

बता दें कि कोरबा में गरीब महिलाओं के साथ ठगी करने वाली फ्लोरमैक्स चिटफंड कंपनी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायतों पर आयोग ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई का निर्णय लिया है। यह कदम कोरबा जिले के पत्रकारों के सामूहिक प्रस्ताव पर उठाया गया। महिला आयोग ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया और मामले के ऑर्डर शीट्स की एक कॉपी कलेक्टर कोरबा को सौंप दी है।

पीड़ित महिलाओं की शिकायतें लेने के लिए टीम का किया गठन

आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ित महिलाओं की शिकायतें लेने के लिए दो सदस्यीय टीम, जिसमें सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा शामिल हैं, कोरबा मुख्यालय पर कैंप लगाएगी। कलेक्टर कोरबा ने इस कार्य में प्रशासनिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है और कहा कि वह शासन से अनुमति लेकर इस पहल में सहयोग करेंगे।

जन सुनवाई के दौरान इन प्रकरणों में भी हुई सुनवाई

प्रथम प्रकरण: पारिवारिक विवाद का समाधान

आवेदिका के बेटे का निधन हो गया है और अनावेदिका उसकी विधवा पत्नी है। अनावेदक का 4 साल का बेटा है। आवेदिका के बेटे की मृत्यु के पश्चात अनावेदिका को उसके पति की नौकरी मिली है। दोनों पक्षों के बीच लिखित इकरारनामा किया गया है, जिसमें यह तय किया गया कि आवेदिका अपने पोते से मिल सकेगी। उभयपक्ष को समझाईश देने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अपने बेटे को उसके दादी-दादा से हफ्ते में 2 दिन, शनिवार और रविवार को भेजना स्वीकार किया है। इस बात के लिए दोनों पक्षों के बीच कोई भी विवाद नहीं होगा। महिला आयोग की समझाईश पर दोनों परिवार आपस में जुड़कर रहेंगे और एक वर्ष तक सखी सेंटर द्वारा निगरानी की जाएगी। इस निर्देश के साथ प्रकरण निस्तीबद्ध किया गया।

दूसरा प्रकरण: उच्च न्यायालय द्वारा आदेश और कार्यवाही में विलंब

अनावेदक क्रमांक 1 ने उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश दिनांक 5.5.2023 को आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अनावेदक को बी.आर.सी. पद से हटाकर अन्यत्र भेजे जाने पर स्थगन मांगा गया था। हालांकि, माननीय उच्च न्यायालय ने उसे स्थगन नहीं दिया और केवल यथास्थिति का आदेश दिया था, जिसका मतलब था कि इस प्रकरण में अनावेदक को कोई लाभ नहीं मिल सकता था। आवेदिका माननीय उच्च न्यायालय में उसके दूभिक्ता के माध्यम से उपस्थित हो चुकी है, और इस प्रकरण में अब तक आंतरिक विवाद समिति से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, यह जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के पत्र दिनांक 27.11.2024 से पुष्टि होती है। इस मामले में 2 साल से कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण आयोग ने आवेदिका को सुझाव दिया कि वह इन बिंदुओं को माननीय उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से प्रस्तुत करें। चूंकि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसे आयोग द्वारा स्थगित किया गया और निस्तीबद्ध किया गया।

तीसरा प्रकरण: दहेज उत्पीड़न और संपत्ति का विवाद

आवेदिका के पति स्व. विनोद कटियारे के निधन के बाद आवेदिका का विवाह में दिया गया सारा सामान अनावेदकगण ने रख लिया था। आवेदिका की शिकायत को पंजीबद्ध नहीं किया जा रहा था। आवेदिका ने कई बार थाने और एस.पी. कार्यालय में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके आधार पर आवेदिका ने यह निर्णय लिया कि वह इन सभी अनावेदकगणों के खिलाफ धारा 498ए के तहत अपराध पंजीबद्ध कराएगी और अपना समस्त सामान वापस प्राप्त करेंगी। महिला आयोग ने इसे न्यायालय में विचाराधीन मामला मानते हुए निस्तीबद्ध किया।

चौथा प्रकरण: संपत्ति विवाद और कानूनी प्रक्रिया

आवेदिका ने शिकायत की थी कि अनावेदक ने उसके द्वारा बनाए गए मकान पर कब्जा कर लिया है। अनावेदक का कहना था कि आवेदिका के पति ने उससे पैसा लिया था, जबकि आवेदिका के पति का कहना था कि पूरा पैसा वापस कर दिया गया था। इसमें उल्लेख किया गया कि जिस नोटरी दस्तावेज के आधार पर अनावेदक ने मकान खरीदने का दावा किया था, उसमें गवाह आज आयोग में उपस्थित हुए, जिन्होंने यह पुष्टि की कि आवेदिका के पति ने अनावेदक को पूरा पैसा तीन किश्तों में वापस कर दिया था। दोनों पक्षों के बीच मध्य न्यायालय में कानूनी प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। आयोग ने इस मामले में एस.पी. कोरबा से 02 माह में थाना दीपका से पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त करने का निर्देश दिया है, ताकि अंतिम निर्णय लिया जा सके। पुलिस रिपोर्ट आने के बाद ही आयोग इसे अंतिम रूप से निपटाएगा।

पाँचवां प्रकरण: वन विभाग की ज़मीन पर कब्जा विवाद

वन विभाग की जमीन पर अनावेदक ने बेजा कब्जा किया है, और आवेदिका ने इसकी शिकायत की थी। इस पर एक अपराधिक मामला दर्ज किया गया था जो कि न्यायालय में विचाराधीन था। चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इसे निस्तीबद्ध किया गया।

छठा प्रकरण: अनुपस्थित आवेदिका और सुनवाई की अगली तारीख

इस प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित थी और उसने आगामी सुनवाई के लिए आवेदन दिया था। न्यायालय ने 16 जनवरी 2025 को सुनवाई की तारीख तय की और कहा कि अनावेदक को उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। मामले की अगली सुनवाई रायपुर में होगी।

सातवाँ प्रकरण: संपत्ति विवाद पर तहसील न्यायालय का निर्णय

आवेदिका और अनावेदक के बीच संपत्ति विवाद था, जिसका समाधान तहसील न्यायालय द्वारा किया गया था। आवेदिका चाहें तो राजस्व न्यायालय में अपील कर सकती हैं। इस निर्देश के साथ प्रकरण को निस्तीबद्ध किया गया।

आठवाँ प्रकरण: सुलहनामा और पारिवारिक विवाद

आवेदिका और उसकी ननद के बीच सुलहनामा का मामला था। आयोग ने दोनों पक्षों के सामने सुलह कराई और इसे शांति से निपटाया। इस मामले को निस्तीबद्ध किया गया।

नवाँ प्रकरण: अवैध संबंधों का आरोप

आवेदिका ने आरोप लगाया था कि अनावेदिका के साथ उसके पति के अवैध संबंध थे। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था, इसलिए इसे निस्तीबद्ध किया गया।

दसवाँ प्रकरण: भरण पोषण का मामला और कानूनी सहायता

आवेदिका ने भरण पोषण के मामले में न्यायालय में अपील की थी। आयोग ने आवेदिका को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और प्रकरण को निस्तीबद्ध किया।

ग्यारवां प्रकरण: संपत्ति विवाद और धमकी

आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदक ने उसकी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर लिया और धमकी दी। आयोग ने कलेक्टर कोरबा से पत्र भेजने का निर्देश दिया कि वह एस.डी.एम., तहसीलदार, और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण करें और रिपोर्ट 03 माह में आयोग को भेजें। इस प्रकरण में अनावेदक के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है। पुलिस प्रतिवेदन मिलने के बाद अगली कार्यवाही की जाएगी। अनावेदक क्रमांक 01 और 02 को थाना पाली के माध्यम से आगामी सुनवाई में उपस्थित कराया जाएगा।

लखमा की गिरफ्तारी पर PCC चीफ बैज का बयान, कहा – प्रदेश में अब जो भी भ्रष्टाचार पर सवाल करेगा उसे मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा…

रायपुर-   कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर हमला बोला है. बैज ने लिखा है कि कवासी लखमा की ED द्वारा गिरफ़्तारी पूरी तरह द्वेषपूर्ण है. प्रदेश में अब जो भी भ्रष्टाचार पर सवाल खड़ा करेगा उसे या तो स्व. पत्रकार मुकेश चंद्राकर की तरह मार दिया जाएगा या फिर कवासी लखमा की तरह जेल भेज दिया जाएगा.

बैज ने आगे लिखा है कि लखमा को विधानसभा में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने की सजा दी जा रही है. जिस दिन उन्होंने विधानसभा में सवाल पूछा, उसके दूसरे ही दिन लखमा के यहां ED ने रेड मार दी थी. भाजपा ED और CBI के माध्यम से कांग्रेस को डराना चाहती है और इनके दम पर देश में राज करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस के हमारे पूर्वजों ने हमें डरना नहीं सिखाया. हम जनता के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ते रहेंगे.

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के 11 वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

रायपुर-  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के 11 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सब युवा नये भारत के राजदूत हैं। देश को आपको अपना शत-प्रतिशत देना होगा। कोई भी व्यक्तिगत हित राष्ट्र हित से बढ़कर नहीं है। युवाओं को अपने चारों ओर देखना होगा, सिर्फ सरकारी नौकरियां ही जीवन का लक्ष्य न हो। युवाओं के पास अब नये भारत में धरती से लेकर आकाश तक असीमित अवसर हैं।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास एकता और समानता के प्रतीक थे। हमें उनकी शिक्षाओं और संदेशों का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को बदलते तकनीक से तालमेल बैठते हुए कौशल एवं नवाचार के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी भी असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उससे सीख लेते हुए आगे बढ़ें। उन्होंने समारोह में सत्र 2022-23 के 78 एवं सत्र 2023-24 के प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 77 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 09 दानदाता पदक, 01 गुरू घासीदास पदक तथा 01 कुलाधिपति पदक सहित 85 पदक प्रदान किये गये। इसके साथ ही सत्र 2022-23 एवं सत्र 2023-24 के कुल 122 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज बाहुल्य राज्य है। यहां समृद्धि की काफी संभावनाएं हैं, इसलिए विकास की ऐसी रणनीति बनाएं जिससे सामूहिक समृद्धि बढ़े और जन-जन का विकास संभव हो। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में नक्सली उन्मूलन की दिशा में काफी अच्छे प्रयास हुए हैं और इन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व विकास वाले राज्य में नक्सलवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इस समय जो विकास हो रहा है, वह समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों, समाज के कमजोर तबके पर केन्द्रित है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जन हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों से राज्य के समग्र विकास को एक नई दिशा दी है।राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, एक ऐसी संस्था है जिसने लगातार छत्तीसगढ़ में शिक्षा और ज्ञान के मार्ग को रोशन किया है। राज्यपाल ने कहा कि स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वालों के वर्षों के समर्पण, लगन और कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि विविधता का सम्मान करें और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखें।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात रहा है, इसके पीछे नालंदा और तक्षशिला जैसे ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध विश्वविद्यालय रहे हैं। छत्तीसगढ़ की युवा शक्ति की प्रदेश ही नहीं देश के नवनिर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्र-छात्राओं के लिए केवल एक औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो आत्ममंथन, बदलाव और प्रेरणा का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का इकलौता केन्द्रीय विश्वविद्यालय महान संत बाबा गुरु घासीदास के नाम पर स्थापित है, जो ज्ञान, समावेशिता और हमारे सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के समय के ही इस विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की बौद्धिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी प्रतिष्ठा केवल हमारे राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जानते हैं शिक्षा समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों का आधार है और इस विश्वविद्यालय ने बार-बार यह साबित किया है कि शिक्षा कैसे परिवर्तन का साधन बन सकती है। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि नवाचारों के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि हर छात्र को न केवल शिक्षा मिले बल्कि एक बेहतर जीवन जीने का मौका भी मिले।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए हमने नई औद्योगिक नीति तैयार की है। इसमें छत्तीसगढ़ में निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए उद्यमियों को अनेक रियायतें प्रदान की हैं, जिससे प्रदेश में अगले 5 साल में ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और 5 लाख नए रोजगारों का सृजन होगा। आईटी सेक्टर में अवसरों को देखते हुए हमारी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। हम नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में स्थापित करने जा रहे हैं, जहाँ बड़ी आईटी कंपनियाँ तेजी से अपने यूनिट आरंभ कर रही हैं। साथ ही बौद्धिक रूप से संपन्न छत्तीसगढ़ के युवाओं को यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हमने दिल्ली के द्वारका में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 185 कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पीएससी में पारदर्शिता, शुचिता और निष्पक्षता लाने कदम उठाए। हमने युवाओं का भरोसा सिस्टम में लौटाया। वर्ष 2047 में जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे। इस अवसर के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। विकसित भारत के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ का विजन भी हमने तैयार किया है और इसे हासिल करने में आप सभी युवाओं की अहम भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि आप केवल नौकरी खोजने तक सीमित न रहें। नवाचार करें और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करें। आप बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान दें।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने गोल्ड मेडल एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। समारोह में केन्द्रीय आवासन शहरी एवं राज्यमंत्री तोखन साहू, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला सहित गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल, एआईसीटी के प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, राष्ट्रीय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रमुख डॉ. अतुल भाई कोठारी सहित शिक्षाविद, अनुसंधानकर्ता और बड़ी संख्या में विद्यार्थी-अभिभावक, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।