छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : शून्यकाल में उठा कानून-व्यवस्था का मुद्दा, विपक्ष ने की चर्चा की मांग

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को शून्यकाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष स्थगन लाते हुए चर्चा की मांग की. आसंदी के अग्राह्य करते ही कांग्रेस विधायक गर्भ गृह में पहुंचकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया. इस पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित किया.

शून्यकाल में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शांति का टापू छत्तीसगढ़ अशांति का टापू बन गया है. पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. इस पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ. पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई. स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए. समझाने के बाद भी शांत नहीं होने पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित कर दिया.

सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि लगातार हमारे विधायकों के खिलाफ एफआईआर हो जाते हैं. सारंगढ़ में एक विधायक के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. उसके 10 दिन पहले उनके पति के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. लगातार भाजपा कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ, वो भी खासतौर पर सतनामी विधायकों के खिलाफ, एफआईआर क्यों कर रही है. अपराधियों के खिलाफ ये एफआईआर नहीं करते हैं.

विपक्ष ने भाजपा के मन में सतनामी समाज के प्रति द्वेष भावना का आरोप लगाया. इस दौरान विपक्षी दल के सदस्य लगातार जय भीम, जय सतनाम के नारे लगाते रहे. विपक्ष के सदस्य कानून व्यवस्था को लचर बताया. सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा संसद में की गई धक्का-मुक्की का जिक्र किया. राहुल गांधी को लेकर बयान पर जोरदार हंगामा मचा. विपक्ष ने भी जमकर नारेबाजी की. इस पर आसंदी ने कहा कि सदन के सदस्य नहीं हैं, उनके ऊपर लगाए गए आरोप के नाम को विलोपित किया.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : वन अधिकार पट्टा वितरण में शिकायत पर मंत्री से हुआ सवाल…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन वन अधिकारी पट्टा वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया. मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि अधिकार पत्र के दुरुपयोग की शिकायत नहीं आई है. वहीं लंबित प्रकरणों का अतिशीघ्र निवारण करने का भरोसा दिलाया. 

विधायक अम्बिका मिश्रा ने प्रश्नकाल में विधानसभा क्षेत्र सिहावा में वन अधिकारी पट्टा वितरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2021-22 से जिन 2024 तक कितने पट्टे वितरित किए गए है? इसका रकबा भी बताए? कितने को पट्टा वितरित की जाना प्रक्रियाधीन है? कितने अपात्र होने के कारण अस्वीकृत है? पट्टा वितरण का लक्ष्य कब तक पूरा किया जाएगा?

इस पर मंत्री राम विचार नेता ने बताया कि अब तक 519 सामुदायिक वन अधिकार पर वितरित किए जा चुके है. अब तक कोई भी प्रक्रियाधीन वन अधिकार पत्र दिए जाने के लिए नहीं है. अपात्र कारण कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं है. इसमें अलग से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, और समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है.

इस पर विधायक मरकाम ने सवाल किया कि 519 पत्रों के दुरुपयोग की कितनी शिकायत प्राप्त हुई है, और उनमें क्या कार्यवाही हुई है? मंत्री ने बताया कि वन अधिकार के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है. दुरुपयोग के बारे में इसकी शिकायत नहीं आई है, शिकायत देंगे तो उसे दिखावा लेंगे.

इसके साथ विधायक मरकाम ने सवाल किया कि कितने समूह और समितियों से वर्षवार पत्र प्राप्त है कितने लम्बित है? इस पर मंत्री ने बताया कि नगरीय सिहावा में 30 जून 24 तक कुल आवेदन 9 लाख 39 हजार 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अभी धमतरी जिले में अनिश्चित जनजाति के 4 हजार 313 दावे निरस्त हुए हैं. वन अधिकार के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई हैं.

इसके साथ ही अम्बिका मरकाम ने सवाल किया कि लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक होगा? इस पर मंत्री ने अतिशीघ्र निराकरण करने की बात कही.

हिस्ट्रीशीटर रंजन गर्ग के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए फार्म हाउस पर चला बुलडोजर…

बिलासपुर-  कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रंजन गर्ग के मस्तूरी हाईवे के पास सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए फार्म हाउस पर आज सुबह से बुलडोजर चलना शुरू हो गया है. जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कार्रवाई कर रही है.

मस्तूरी हाईवे के पास ग्राम पंचायत ढेका के पास एक एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया गया फार्म हाउस शराब, जुआ जैसे अवैध धंधों का अड्डा बना गया था.

कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व और पुलिस टीम कार्रवाई कर रही है. हत्या सहित कई गंभीर अपराधों में आरोपी रंजन गर्ग फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद जेल से बाहर है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर पांच अधिकारियों का सदन में हुआ निलंबन…

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़कों का मामला उठाते हुए सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या इस सड़क के निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इसमें किस तरह की गड़बड़ियां पाई गई और जो दोषी पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

सवालों के बीच उन्होंने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों के तहत भुगतान को लेकर सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या ठेकेदार को अधिक भुगतान किया गया है. इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यह कार्य पीएम ग्राम सड़क के तहत डीएमएफ में स्वीकृत ही नहीं है. बल्कि जिला निर्माण समिति समिति के विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है.

उप मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले में शिकायत मिली थी. दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित कर प्रथम स्तरीय जांच कराई गई. इसके भीतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण कार्य, डब्लूबीएम और सोल्डर कार्य, रिटनिंग वॉल में अनियमितता का उल्लेख है.

डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट में ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली का जिक्र किया. तब चंद्राकर ने पूछा कि जब भुगतान ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात की वसूली कर रही है. इस पर डिप्टी सीएम एक द्वारा माप पुस्तिका के आधार पर कम भुगतान और वसूली के आदेश होने की बात कही.

इस पर चंद्राकर बिफर पड़े. उन्होंने डिप्टी सीएम पर का आरोप लगाए कि आप भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं. भ्रष्टाचार को उजागर क्यों नहीं कर रहे, संरक्षण क्यों दे रहे हैं. इस बात इस पर सदन में विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच दोनों में तीखे लहजे में बहस और टकराव की स्थिति बन गई.

टकराव पर आसंदी की समझाइश

सदन में डिप्टी सीएम और भाजपा सदस्य के बीच टकराव और तीखे लहजे में बहस के दौरान आसंदी ने मामला संभाला. उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि इतनी ऊंची आवाज में न बोलें. माइक लगा है इसलिए सब धीरे बोलने से भी सुन लेते हैं. इसलिए टोन नीचे करें. आरोप-प्रत्यारोप की जरूरत नहीं है. संसदीय तरीके से समझाने का प्रयास करें.

कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है ठेकेदार

सदन में बहस के दौरान विपक्ष के सदस्य टोकाटाकी करते रहे. डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि वो ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, उसका कारनामा है. क्या ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि निःसंदेह जांच कराई जाएगी.

इनके निलंबन की घोषणा

- डिप्टी सीएम ने सदन में दोषी अफसरों के निलंबन और कार्रवाई की घोषणा की.

- सेवानिवृत्त हो चुके कार्यपालन अभियंता अनिल राठौर के विरूद्ध जांच की जा रही है.

- कार्यपालन अभियंता दामोदर सिंह सिदार को निलंबित कर विभागीय जांच की घोषणा

- अनुविभागीय अधिकारी तारकेश्वर दीवान को निलंबित कर विभागीय जांच की घोषणा.

- सहायक अभियंता आरवी पटेल को निलंबित कर विभागीय जांच का ऐलान.

- एक उपअभियंता का निधन हो चुका है.

- उपअभियंता रविकांत सारथी को निलंबित किया जा चुका है.

- ठेकेदार के खिलाफ वसूली, जांच के आदेश हो गए हैं, एफआईआर का आदेश हो गया है.

- ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी में ब्लैक लिस्टेड किया गया है.

कर्ज में डूबा धमतरी नगर निगम, गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के लिए पैसे नहीं
धमतरी-    धमतरी नगर निगम पर संकट के बादल छाए हुए हैं. पेट्रोल-डीजल के 20 लाख रुपए से अधिक के कर्ज में नगर निगम डूबा हुआ है. जिसके चलते कई महीनो से पेट्रोल पंप संचालक को भुगतान नहीं हो पाया है. अब इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्षद लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं.
धमतरी निगम के नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा का कहना है कि इतनी ज्यादा कर्ज और उधारी से निगम की छवि लगातार खराब होती जा रही है. सिर्फ डीजल पेट्रोल नहीं बल्कि अलग-अलग विकास कार्य के ठेकेदारों को भी लंबा चौड़ा भुगतान करना बाकी है.
फंडिंग की कमी से बनी स्थिति
वहीं धमतरी नगर निगम की कमिश्नर ने बताया कि फंडिंग की कमी होने के कारण इतनी ज्यादा कर्ज की स्थिति बनी है. धमतरी निगम अपने आय के स्रोतों का अध्ययन कर रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इस भारी कर्ज के बोझ से मुक्ति पाई जा सके.
बता दें कि 40 वार्ड के 2 लाख लोगों के लिए धमतरी नगर निगम पानी, बिजली, साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के लिए चार जेसीबी सहित 50 वाहन का इस्तेमाल करता है. टैक्स वसूली में कमजोर, राशियों के व्यवस्थापन और उपयोग में असफल होने से धमतरी नगर निगम शुरूआत से ही सरकार पर निर्भर रहता है. लेकिन खराब प्रबंधन के चलते सीधा प्रभाव जनता पर ही पड़ता है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : भाजपा विधायक ने उठाया राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी का मामला

भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया कि 2020-21 के मुक़ाबले 2021-22 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को राशि कम क्यों दी गई? इस कमी का क्या कारण है? जबकि राशि बढ़नी चाहिए थी. इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है. राशि में कमी होने का प्रमुख कारण था कि सरकार ने किसानों के मेड़ का रकबा काटा और राशि घटाई. विष्णुदेव सरकार किसान हितैषी है. किसानों के बारे में बोलने का इनका मुँह नहीं है.

विधायक साहू ने कहा कि किसानों की संख्या बढ़ी थी फिर भी रक़बा काटकर राशि कम दी गई थी. अटल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आख़िरी किश्त कब देंगे? इस पर नेताम ने कहा कि एक साल के भीतर 17 हज़ार करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है. इसीलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में बूम है.

प्रश्नकाल के दौरान आदिम जाति के आश्रम/छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया. उन्होंने सवाल किया कि आदिम जाति विभाग की ओर से संचालित आश्रम/छात्रावास में बच्चों की मौत हो रही है. आदिवासी बच्चों की मौत हो रही है, और सरकार सुशासन की बात करती है, जबकि आदिवासी की सरकार होने की बात की जाती है.

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब में एक साल में आश्रम/छात्रावास के 11 बच्चों के मौत की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम, छात्रावासों में स्वास्थ्य और अन्य जाँच के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी किसी सदस्य को जानकारी है तो दें, जाँच करवा लेंगे. आदिवासी का बेटा मुख्यमंत्री है. आपने जो बिगाड़ा है, हम उसे बना रहे हैं. हमारी सरकार ने कहीं भी शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की है. आपके समय में 25 हज़ार बच्चों की मौत हुई थी, उन क्षेत्रों में ये राज्यभर में जानकारी आई है, इसलिए आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं.

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, कवासी लखमा ने भी आदिवासी बच्चों की मौत मामले पर सरकार को घेरा. कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चे की मौत हुई है. आदिवासी बच्चे मर रहे हैं, जिससे दिनों-दिन इसकी संख्या घट रही है. आसंदी ने कहा कि मामला गंभीर है, सभी अपनी जानकारी दे दें, मंत्री जाँच करवा लेंगे.

विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रश्नकाल में वेलकम डिस्टलरी चेकरबनधा कोटा के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इसे कब तक अनुमति प्रदान की जाएगी? शर्तें क्या-क्या होंगी? 2 वर्षों में और किसके द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत को जांच कब कब की गई है. क्या कार्यवाही की गई?

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली द्वारा 10/03/2024 को पर्यावरण स्वीकृति दी गई थी. इसमें चिमनी में उत्सर्जन उपचारित दूषित की गुदवाता निर्धारित मन के अनुरूप रखने स्पेनबॉश का बायो मिथेनेशन डाइजेस्टर,एक्टिवेट स्लज प्रोसेस और लैंपिटिंग के माध्यम से उपचारित कर प्रयोग किए जाने जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन आदि शर्ते शामिल हैं.

मंत्री चौधरी ने कहा कि हमने ग्रामवासियों ओर सरपंचों द्वारा शिकायत दर्ज की थी. वायलेशन के आधार पर उद्योग को 3 लाख 90 हजार की पेनाल्टी की गई है. तीसरी शिकायत पर 9 लाख की पुनः पेनाल्टी की गई है. विधायक श्रीवास्तव ने सवाल किया कि क्या पेनाल्टी से पर्यावरण दूषित होने से प्रदूषण रुक गया रेगुलर बेसिस से क्या जांच होती है? उसे बंद किया जाना चाहिए हमारा अनुरोध है.

मंत्री ने बताया कि निर्धारित फॉर्मूला के आधार पर ही हम फाइन लगा सकते है. जब भी कोई शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें इसी वित्तीय वर्ष में 3 शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें हम नोटिस के साथ एक टाइम देते है. अगर सुधार होता है तो पेनाल्टी के बाद प्रकिया चालू की जाती है.

विधायक ने कहा कि वहां के किसान, स्कूल के बच्चे शिकायत कर रहे है कि अरपा नदी में लगातार पॉल्यूशन हो रहा है. इसे बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? लगातार इस मामले पर शिकायत आ रही है? इस पर मंत्री ने कहा कि अगर सदस्य को ऐसा लगा रहा है तो इसमें मुझे लिखित में शिकायत दे दे जांच कराएंगे.

उमेश पटेल ने सुझाव दिया कि विधायक मंत्री जी को साथ लेकर चले जाए, जिससे वे स्वयं जाकर वहा की शिकायत सुन सके? बच्चे लगातार शिकायत करते है समस्या बढ़ती चलाई जा रही है.

मुख्यमंत्री के प्रयासों से नवा रायपुर बनेगा भविष्य का शहर, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर अगले 25 वर्षों के पेयजल सप्लाई की बनी योजना

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से नवा रायपुर अटल नगर अत्याधुनिक सुविधाओं वाला शहर बनने की तरफ अग्रसर है। राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर अटल नगर को देश के आधुनिक शहरों में शुमार करने के लिए इसे भविष्य के शहर के रूप मे तैयार करने हेतु प्रयासरत हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है आने वाले 25 वर्षों तक नवा रायपुर अटल नगर के लोगों को लिए निर्बाध पेयजल की सप्लाई। भविष्य में भूमिगत जल में कमी और बढ़ती जनसंख्या की मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इसके लिए अभनपुर के पास कोड़ापार से थनौद टीला एनीकट तक एक नई पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पाइप लाइन 16 किमी लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत लगभग 109 करोड़ रूपए होगी। नवा रायपुर अटल नगर में टीला एनीकट से पानी की सप्लाई होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की कमी होने से एक प्राकृतिक खुली नहर के द्वारा कोड़ापार से थनौद तक पानी की आपूर्ति की जाती है। कोड़ापार तक पानी रविशंकर जलाशय से आता है। कोड़ापार से थनौद तक खुली नहर की दूरी लगभग 25 किमी है। इतनी लंबी दूरी तक खुली नहर के माध्यम से छोड़ने पर काफी मात्रा में पानी का नुकसान हो जाता है। खुली नहर की वजह से पानी की वास्तविक क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पाता है।

नवा रायपुर के लोगों को पानी की दिक्कत न हो और साथ ही पानी का नुकसान भी न हो इसके लिए प्राकृतिक नहर के स्थान पर पाईपलाइन के माध्यम से नहर का पानी नया रायपुर अटल नगर तक पहुंचाया जायेगा। पाइप लाइन बिछाने से कोड़ापार से थनौद तक की दूरी भी कम होगी और बिना किसी नुकसान से अपनी वास्तविक क्षमता में पानी थनौद तक पहुंचेगा। इस परियोजना के अमल में आने और पूर्ण हो जाने से भविष्य में शहर के नागरिकों को पेयजल से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

आरंग में नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों में हुआ आरक्षण, 5 वार्ड OBC और 3 वार्ड SC के लिए आरक्षित

आरंग-    रायपुर जिले में नगरीय निकायों में आगामी चुनाव के मद्देनजर वार्डो में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसमें नगर पालिका आरंग के 17 वार्डों के लिए भी पार्षदों का आरक्षण तय किया गया है. 5 OBC में से 2 महिलाओं के लिए, ऐसे ही 3 वार्ड अनुसूचित जाति में 1 महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

वहीं 9 वार्डो में 3 महिला के लिए रिजर्व किया गया है. पार्षदों के आरक्षण के बाद अब महापौर और अध्यक्ष के आरक्षण पर सभी की निगाह टिकी है.

बता दें कि आरंग नगर पालिका क्षेत्र के 17 वार्डो में कुल 19124 मतदाता है. जिनमें 9415 पुरुष मतदाता,9708 महिला मतदाता और 1 तृतीय लिंग के मतदाता है.

MLA उत्तरी जांगड़े के विवादित बयान पर गुरु खुशवंत ने कहा – अपराध का पर्याय है कांग्रेस, समाज को बदनाम करने के लिए माफी मांगे विधायक

रायपुर-  आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में संवाददाता सम्मलेन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े द्वारा बलौदाबाजार की आगजनी की घटना को कांग्रेस का शौर्य उदाहरण प्रस्तुत किया और अपने कार्यकर्ताओं से ऐसा ही प्रदर्शन करने के लिए कहना छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे अपराध के पीछे विशेषकर बलौदाबाजार अग्निकांड में कांग्रेस की भूमिका की आत्म स्वीकृति है।

भाजपा विधायक गुरु खुशवंत साहिब ने पत्रकारवार्ता में कहा कि यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस अपराध की चिंता करने का दिखावा करती है और सभी मामलों में षड्यंत्र करके छत्तीसगढ़ की फिजा खराब करने का प्रयत्न करती है. कांग्रेस ने सामाजिक कार्यक्रम में असामाजिक तत्वों को घुसाकर समाज को बदनाम करने का षड्यंत्र किया. अब फिर वह वही षड्यंत्र कर रही है. इसके लिए उन्हें समाज से माफी मांगनी चाहिए.

गुरु खुशवंत ने कहा कि राजीव मितान क्लब बंद होने पर भूपेश बघेल का यह बयान की युवा खाली हो गए हैं इसलिए प्रदेश में बलात्कार और हत्या की घटनाएं व अपराध बढ़ रहे हैं. शिक्षक दिवस के दिन बलौदाबाजार के हेड मास्टर कांग्रेस के पूर्व मंत्री के ऊपर पैसा ऐंठने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं. सूरजपुर में एक पुलिस हेड कांस्टेबल की पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या के मामले में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के पदाधिकारी कुलदीप साहू की संलिप्तता सामने आई थी. यह सारी घटना कांग्रेस के आपराधिक चरित्र का शर्मनाक नमूना है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने गुण्डा तत्वों के जरिए कानून-व्यवस्था बिगाड़कर अराजकता और आतंक का जहर घोलने में लगी है. कांग्रेस अपराध का पर्याय बन चुकी है.

आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ में कांग्रेस के एक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कलेक्टर कार्यालय में अंदर घुसकर तोड़फोड़ करने के लिए उकसाया गया है. उत्तरी जांगड़े ने बाकायदा बलौदाबाजार में लगभग 6 माह पहले हुई आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उसी घटना की पुनरावृत्ति करने कहा है. कांग्रेस की इसी सभा में नगरपालिका अध्यक्ष सोनी अजय बंजारे के पति और विधायक प्रतिनिधि अजय बंजारे ने भरे मंच से भाजपा के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया हैं. इसी मंच में कांग्रेस के चार अन्य विधायकों कविता प्राण लहरे, उमेश पटेल, राम कुमार यादव राठिया, पूर्व विधायक प्रकाश नायक की मौजूदगी में विधायक उत्तरी जांगड़े का यह बयान बलौदाबाजार की हिंसक घटना समेत कानून-व्यवस्था को चुनौती देते तमाम आपराधिक कृत्यों की आत्म स्वीकृति है. कांग्रेस लगातार प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर मिथ्या प्रलाप कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि सुनियोजित तरीके से प्रदेश में बढ़ते अपराधों के पीछे कांग्रेस का षड्यंत्र ही काम कर रहा है.

अराजकता का माहौल बनाने षड्यंत्र रच रहे कांग्रेसी : नवीन मार्केंडेय

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली है, कांग्रेस के लोग यह हजम नहीं कर पा रहे हैं और रह-रहकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुनौती देकर प्रदेश में अराजकता का माहौल निर्मित करने के नित-नए षड्यंत्र रचने में लगे हैं. पिछले सालभर में अमूमन हर बड़े अपराध में कांग्रेसियों की संलिप्तता सामने आई है. दरअसल, कांग्रेस सत्ता छिन जाने के साथ-साथ अपने तमाम धत्कर्मों के सामने आने और आपराधिक चेहरे उजागर होने के इस कदर छटपटा रही है कि अब वह अपने गुर्गों के जरिए खून की नदियाँ बहाने में नहीं हिचक रही है. मार्कंडेय ने कहा कि कांग्रेसी खुद अपराध करके अपराध बढ़ने की चिंता जताती है. भारतीय जनता पार्टी उत्तरी जांगड़े के बयान को बेहद गंभीरता से ले रही है और उत्तरी जांगड़े समेत उस प्रदर्शन में मौजूद सभी विधायकों व कांग्रेस नेताओं की जवाबदेही तय करके कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने में प्रदेश की भाजपा सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखेगी. पत्रकारवार्ता में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सरला कोसरिया एवं प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे.

हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में ‘मोदी की गारंटी‘ के अंतर्गत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत पक्के आवास प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पहली मंत्रिपरिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को पक्के मकान देने के अपने वादे को निभाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने केंद्र और राज्यांश मिलाकर 2,560 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों को अंतरित करने के लिए जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह पहल केवल आवासीय सुविधा ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उत्थान का भी एक साधन है।

अब तक 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी

वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। पहली किश्त केंद्रांश 1,550.30 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,033.70 करोड़ रुपये कुल 2,584 करोड़ रुपये और दूसरी किश्त केंद्रांश 1,535.40 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,024.60 करोड़ रुपये कुल 2,560 करोड़ रुपये जारी की जा चुकी है। लाभार्थियों को राशि सीधे उनके खाते में शीघ्र पहुंचाई जाएगी, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उनके आवास का निर्माण शीघ्र पूर्ण हो सके।