छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : भाजपा विधायक ने उठाया राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी का मामला

भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया कि 2020-21 के मुक़ाबले 2021-22 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को राशि कम क्यों दी गई? इस कमी का क्या कारण है? जबकि राशि बढ़नी चाहिए थी. इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है. राशि में कमी होने का प्रमुख कारण था कि सरकार ने किसानों के मेड़ का रकबा काटा और राशि घटाई. विष्णुदेव सरकार किसान हितैषी है. किसानों के बारे में बोलने का इनका मुँह नहीं है.

विधायक साहू ने कहा कि किसानों की संख्या बढ़ी थी फिर भी रक़बा काटकर राशि कम दी गई थी. अटल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आख़िरी किश्त कब देंगे? इस पर नेताम ने कहा कि एक साल के भीतर 17 हज़ार करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है. इसीलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में बूम है.

प्रश्नकाल के दौरान आदिम जाति के आश्रम/छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया. उन्होंने सवाल किया कि आदिम जाति विभाग की ओर से संचालित आश्रम/छात्रावास में बच्चों की मौत हो रही है. आदिवासी बच्चों की मौत हो रही है, और सरकार सुशासन की बात करती है, जबकि आदिवासी की सरकार होने की बात की जाती है.

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब में एक साल में आश्रम/छात्रावास के 11 बच्चों के मौत की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम, छात्रावासों में स्वास्थ्य और अन्य जाँच के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी किसी सदस्य को जानकारी है तो दें, जाँच करवा लेंगे. आदिवासी का बेटा मुख्यमंत्री है. आपने जो बिगाड़ा है, हम उसे बना रहे हैं. हमारी सरकार ने कहीं भी शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की है. आपके समय में 25 हज़ार बच्चों की मौत हुई थी, उन क्षेत्रों में ये राज्यभर में जानकारी आई है, इसलिए आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं.

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, कवासी लखमा ने भी आदिवासी बच्चों की मौत मामले पर सरकार को घेरा. कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चे की मौत हुई है. आदिवासी बच्चे मर रहे हैं, जिससे दिनों-दिन इसकी संख्या घट रही है. आसंदी ने कहा कि मामला गंभीर है, सभी अपनी जानकारी दे दें, मंत्री जाँच करवा लेंगे.

विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रश्नकाल में वेलकम डिस्टलरी चेकरबनधा कोटा के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इसे कब तक अनुमति प्रदान की जाएगी? शर्तें क्या-क्या होंगी? 2 वर्षों में और किसके द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत को जांच कब कब की गई है. क्या कार्यवाही की गई?

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली द्वारा 10/03/2024 को पर्यावरण स्वीकृति दी गई थी. इसमें चिमनी में उत्सर्जन उपचारित दूषित की गुदवाता निर्धारित मन के अनुरूप रखने स्पेनबॉश का बायो मिथेनेशन डाइजेस्टर,एक्टिवेट स्लज प्रोसेस और लैंपिटिंग के माध्यम से उपचारित कर प्रयोग किए जाने जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन आदि शर्ते शामिल हैं.

मंत्री चौधरी ने कहा कि हमने ग्रामवासियों ओर सरपंचों द्वारा शिकायत दर्ज की थी. वायलेशन के आधार पर उद्योग को 3 लाख 90 हजार की पेनाल्टी की गई है. तीसरी शिकायत पर 9 लाख की पुनः पेनाल्टी की गई है. विधायक श्रीवास्तव ने सवाल किया कि क्या पेनाल्टी से पर्यावरण दूषित होने से प्रदूषण रुक गया रेगुलर बेसिस से क्या जांच होती है? उसे बंद किया जाना चाहिए हमारा अनुरोध है.

मंत्री ने बताया कि निर्धारित फॉर्मूला के आधार पर ही हम फाइन लगा सकते है. जब भी कोई शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें इसी वित्तीय वर्ष में 3 शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें हम नोटिस के साथ एक टाइम देते है. अगर सुधार होता है तो पेनाल्टी के बाद प्रकिया चालू की जाती है.

विधायक ने कहा कि वहां के किसान, स्कूल के बच्चे शिकायत कर रहे है कि अरपा नदी में लगातार पॉल्यूशन हो रहा है. इसे बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? लगातार इस मामले पर शिकायत आ रही है? इस पर मंत्री ने कहा कि अगर सदस्य को ऐसा लगा रहा है तो इसमें मुझे लिखित में शिकायत दे दे जांच कराएंगे.

उमेश पटेल ने सुझाव दिया कि विधायक मंत्री जी को साथ लेकर चले जाए, जिससे वे स्वयं जाकर वहा की शिकायत सुन सके? बच्चे लगातार शिकायत करते है समस्या बढ़ती चलाई जा रही है.

मुख्यमंत्री के प्रयासों से नवा रायपुर बनेगा भविष्य का शहर, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर अगले 25 वर्षों के पेयजल सप्लाई की बनी योजना

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से नवा रायपुर अटल नगर अत्याधुनिक सुविधाओं वाला शहर बनने की तरफ अग्रसर है। राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर अटल नगर को देश के आधुनिक शहरों में शुमार करने के लिए इसे भविष्य के शहर के रूप मे तैयार करने हेतु प्रयासरत हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है आने वाले 25 वर्षों तक नवा रायपुर अटल नगर के लोगों को लिए निर्बाध पेयजल की सप्लाई। भविष्य में भूमिगत जल में कमी और बढ़ती जनसंख्या की मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इसके लिए अभनपुर के पास कोड़ापार से थनौद टीला एनीकट तक एक नई पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पाइप लाइन 16 किमी लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत लगभग 109 करोड़ रूपए होगी। नवा रायपुर अटल नगर में टीला एनीकट से पानी की सप्लाई होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की कमी होने से एक प्राकृतिक खुली नहर के द्वारा कोड़ापार से थनौद तक पानी की आपूर्ति की जाती है। कोड़ापार तक पानी रविशंकर जलाशय से आता है। कोड़ापार से थनौद तक खुली नहर की दूरी लगभग 25 किमी है। इतनी लंबी दूरी तक खुली नहर के माध्यम से छोड़ने पर काफी मात्रा में पानी का नुकसान हो जाता है। खुली नहर की वजह से पानी की वास्तविक क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पाता है।

नवा रायपुर के लोगों को पानी की दिक्कत न हो और साथ ही पानी का नुकसान भी न हो इसके लिए प्राकृतिक नहर के स्थान पर पाईपलाइन के माध्यम से नहर का पानी नया रायपुर अटल नगर तक पहुंचाया जायेगा। पाइप लाइन बिछाने से कोड़ापार से थनौद तक की दूरी भी कम होगी और बिना किसी नुकसान से अपनी वास्तविक क्षमता में पानी थनौद तक पहुंचेगा। इस परियोजना के अमल में आने और पूर्ण हो जाने से भविष्य में शहर के नागरिकों को पेयजल से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

आरंग में नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों में हुआ आरक्षण, 5 वार्ड OBC और 3 वार्ड SC के लिए आरक्षित

आरंग-    रायपुर जिले में नगरीय निकायों में आगामी चुनाव के मद्देनजर वार्डो में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसमें नगर पालिका आरंग के 17 वार्डों के लिए भी पार्षदों का आरक्षण तय किया गया है. 5 OBC में से 2 महिलाओं के लिए, ऐसे ही 3 वार्ड अनुसूचित जाति में 1 महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

वहीं 9 वार्डो में 3 महिला के लिए रिजर्व किया गया है. पार्षदों के आरक्षण के बाद अब महापौर और अध्यक्ष के आरक्षण पर सभी की निगाह टिकी है.

बता दें कि आरंग नगर पालिका क्षेत्र के 17 वार्डो में कुल 19124 मतदाता है. जिनमें 9415 पुरुष मतदाता,9708 महिला मतदाता और 1 तृतीय लिंग के मतदाता है.

MLA उत्तरी जांगड़े के विवादित बयान पर गुरु खुशवंत ने कहा – अपराध का पर्याय है कांग्रेस, समाज को बदनाम करने के लिए माफी मांगे विधायक

रायपुर-  आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में संवाददाता सम्मलेन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े द्वारा बलौदाबाजार की आगजनी की घटना को कांग्रेस का शौर्य उदाहरण प्रस्तुत किया और अपने कार्यकर्ताओं से ऐसा ही प्रदर्शन करने के लिए कहना छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे अपराध के पीछे विशेषकर बलौदाबाजार अग्निकांड में कांग्रेस की भूमिका की आत्म स्वीकृति है।

भाजपा विधायक गुरु खुशवंत साहिब ने पत्रकारवार्ता में कहा कि यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस अपराध की चिंता करने का दिखावा करती है और सभी मामलों में षड्यंत्र करके छत्तीसगढ़ की फिजा खराब करने का प्रयत्न करती है. कांग्रेस ने सामाजिक कार्यक्रम में असामाजिक तत्वों को घुसाकर समाज को बदनाम करने का षड्यंत्र किया. अब फिर वह वही षड्यंत्र कर रही है. इसके लिए उन्हें समाज से माफी मांगनी चाहिए.

गुरु खुशवंत ने कहा कि राजीव मितान क्लब बंद होने पर भूपेश बघेल का यह बयान की युवा खाली हो गए हैं इसलिए प्रदेश में बलात्कार और हत्या की घटनाएं व अपराध बढ़ रहे हैं. शिक्षक दिवस के दिन बलौदाबाजार के हेड मास्टर कांग्रेस के पूर्व मंत्री के ऊपर पैसा ऐंठने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं. सूरजपुर में एक पुलिस हेड कांस्टेबल की पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या के मामले में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के पदाधिकारी कुलदीप साहू की संलिप्तता सामने आई थी. यह सारी घटना कांग्रेस के आपराधिक चरित्र का शर्मनाक नमूना है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने गुण्डा तत्वों के जरिए कानून-व्यवस्था बिगाड़कर अराजकता और आतंक का जहर घोलने में लगी है. कांग्रेस अपराध का पर्याय बन चुकी है.

आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ में कांग्रेस के एक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कलेक्टर कार्यालय में अंदर घुसकर तोड़फोड़ करने के लिए उकसाया गया है. उत्तरी जांगड़े ने बाकायदा बलौदाबाजार में लगभग 6 माह पहले हुई आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उसी घटना की पुनरावृत्ति करने कहा है. कांग्रेस की इसी सभा में नगरपालिका अध्यक्ष सोनी अजय बंजारे के पति और विधायक प्रतिनिधि अजय बंजारे ने भरे मंच से भाजपा के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया हैं. इसी मंच में कांग्रेस के चार अन्य विधायकों कविता प्राण लहरे, उमेश पटेल, राम कुमार यादव राठिया, पूर्व विधायक प्रकाश नायक की मौजूदगी में विधायक उत्तरी जांगड़े का यह बयान बलौदाबाजार की हिंसक घटना समेत कानून-व्यवस्था को चुनौती देते तमाम आपराधिक कृत्यों की आत्म स्वीकृति है. कांग्रेस लगातार प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर मिथ्या प्रलाप कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि सुनियोजित तरीके से प्रदेश में बढ़ते अपराधों के पीछे कांग्रेस का षड्यंत्र ही काम कर रहा है.

अराजकता का माहौल बनाने षड्यंत्र रच रहे कांग्रेसी : नवीन मार्केंडेय

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली है, कांग्रेस के लोग यह हजम नहीं कर पा रहे हैं और रह-रहकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुनौती देकर प्रदेश में अराजकता का माहौल निर्मित करने के नित-नए षड्यंत्र रचने में लगे हैं. पिछले सालभर में अमूमन हर बड़े अपराध में कांग्रेसियों की संलिप्तता सामने आई है. दरअसल, कांग्रेस सत्ता छिन जाने के साथ-साथ अपने तमाम धत्कर्मों के सामने आने और आपराधिक चेहरे उजागर होने के इस कदर छटपटा रही है कि अब वह अपने गुर्गों के जरिए खून की नदियाँ बहाने में नहीं हिचक रही है. मार्कंडेय ने कहा कि कांग्रेसी खुद अपराध करके अपराध बढ़ने की चिंता जताती है. भारतीय जनता पार्टी उत्तरी जांगड़े के बयान को बेहद गंभीरता से ले रही है और उत्तरी जांगड़े समेत उस प्रदर्शन में मौजूद सभी विधायकों व कांग्रेस नेताओं की जवाबदेही तय करके कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने में प्रदेश की भाजपा सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखेगी. पत्रकारवार्ता में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सरला कोसरिया एवं प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे.

हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में ‘मोदी की गारंटी‘ के अंतर्गत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत पक्के आवास प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पहली मंत्रिपरिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को पक्के मकान देने के अपने वादे को निभाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने केंद्र और राज्यांश मिलाकर 2,560 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों को अंतरित करने के लिए जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह पहल केवल आवासीय सुविधा ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उत्थान का भी एक साधन है।

अब तक 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी

वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। पहली किश्त केंद्रांश 1,550.30 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,033.70 करोड़ रुपये कुल 2,584 करोड़ रुपये और दूसरी किश्त केंद्रांश 1,535.40 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,024.60 करोड़ रुपये कुल 2,560 करोड़ रुपये जारी की जा चुकी है। लाभार्थियों को राशि सीधे उनके खाते में शीघ्र पहुंचाई जाएगी, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उनके आवास का निर्माण शीघ्र पूर्ण हो सके।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बड़ा निर्णय- दलहन, तिलहन और गेहूँ पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्णतः छूट

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने दलहन, तिलहन तथा गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक पूर्णतः छूट प्रदान की है। राज्य सरकार इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों और दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों तथा व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों एवं व्यापारियों द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण-विनिर्माण के लिए लाए गए दलहन, तिलहन एवं गेहूं पर मंडी शुल्क में छूट दिए जाने हेतू मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को आग्रह किया था। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर 17 दिसम्बर 2024 को अधिसूचना जारी कर 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की सभी मंडियों में इन शुल्कों में पूर्ण छूट प्रदान की गई है।

छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एसोशिएसन के अध्यक्ष अमर परवानी ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह निर्णय प्रदेश के व्यापारिक और कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा है कि यह छूट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी और व्यापारियों किसानों के हितों की रक्षा करेगी। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट होने से व्यापारी पड़ोसी राज्यों से भी प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर व्यापार कर सकेंगे। इससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस फैसले का अभिनंदन करते हुए आमजनों व उद्योग जगत के लोगों ने आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन कर उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है। इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा व आम जनता को भी कम कीमत पर रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा प्रदेश में दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का आयात करना पड़ता है। मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार हेतु अन्य आवश्यक सामग्रियां क्रय करने में सक्षम हो सकेगा। साथ ही इन दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों से लगभग 30 हजार परिवारों को रोजगार प्राप्त होता है, जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा।

इस अवसर पर अमित चिमनानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ,रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीत गोयल ,सचिव श्याम सुंदर गोयल, हरिमल सचदेव, फ्लोर मिल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रमेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष धरम अग्रवाल, समीर अग्रवाल उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों में आक्रोश, लंबित मांगे पूरी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा आधार पर 16 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. इन कर्मचारियों के माध्यम से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंन्द्रों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र, वनांचल क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ प्रदेश की आम जनता को प्रदान की जाती हैं.

 देश में 12 अप्रैल 2005 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का आरंभ किया गया था. उस समय इसे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के नाम से शुरू किया गया जो बाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बन गया.

पिछले 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कई प्रकार के नए राष्ट्रीय कार्यक्रम जोड़े गए, नए स्वास्थ्य संस्थाओं का निर्माण हुआ, नए अस्पताल खुले जिनके लिए लगातार संविदा भर्ती की गई.

छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी जो की आम जनता को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते हैं, उनके काम करने की दशाएं बहुत जटिल हैं तथा विभिन्न प्रकार के संक्रमणों का भी खतरा बना रहता है.

संविदा में होने के कारण कर्मचारियों के वेतन , समकक्ष नियमित कर्मचारियों की तुलना में आधे से भी कम होते हैं इसके साथ ही साथ काम की अन्य कई सुविधाएं जैसे बीमा, पेंशन, मेडिकल अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति ,ट्रांसफर की नीति आदि महत्वपूर्ण सुविधाओं से भी छत्तीसगढ़ प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी आज पर्यंत तक वंचित हैं.

ऐसी अन्यायपूर्ण और पीड़ित स्थिति में सुधार के लिए छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ के माध्यम से विगत कई वर्षों से लगातार शासन- प्रशासन स्तर पर अपनी बात रख मांगों को पूरा करवाने का प्रयास किया जाता रहा है. और यह प्रयास वर्तमान सरकार के दौर में भी जारी है.

वर्तमान में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक वर्ष हुए हैं इस सरकार के कार्यकाल में पिछले एक वर्ष के दौरान एन एच एम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सांसदों तथा विधायकों को मिलकर अब तक 50 से अधिक बार ज्ञापन दिया जा चुका है.

भेंट के दौरान उक्त मंत्री, जनप्रतिनिधि लगातार यह बात संगठन के प्रतिनिधि मंडलों से कहते रहे हैं कि, हमारी सरकार आई है तो हम अवश्य आपका काम करेंगे परंतु यह अत्यंत दुख का विषय है कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के संबंध में किसी प्रकार का कोई सकारात्मक बदलाव वर्तमान की सरकार द्वारा नहीं किया गया है.

इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है 27% वेतन वृद्धि. वर्ष 2023 में प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने प्रांत व्यापी काम बंद आंदोलन किया जो 31 दिन तक चला इस आंदोलन के दौरान संविदा कर्मचारियों के लिए विधानसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा की और उसे जुलाई 2023 से देने की बात कही गई . कई विभागों जैसे मनरेगा, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन आदि में तत्काल 27% वेतन वृद्धि दे दिया गया परंतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में इस संबंध में आज पर्यंत तक कोई प्रयास नहीं हुआ है . एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तब निर्मित हो जाती है जब 27% में वित्त विभाग ने 22% की कटौती करके 5% वेतन वृद्धि देने का निर्देश दिया, परन्तु उसे भी आज तक नहीं दिया गया. मतलब यह है कि प्रदेश के एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों को ना तो 27% वेतन वृद्धि का लाभ मिला और उसमें भी जो कटौती की गई कटौती के बाद जो बचा वह भी अभी तक प्राप्त नहीं हुआ. यह स्थिति तब है जब प्रदेश में सुशासन का वर्ष मनाया जा रहा है.

ऐसा नहीं है कि इस संबंध में माननीय वित्त मंत्री ओपी चौधरी को अवगत नहीं कराया गया है. संघ का प्रतिनिधि मंडल 8 से 10 बार वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मिल चुका है तथा इस संबंध में निवेदन कर चुका है. परंतु वित्त विभाग से इस बाबत कुछ भी ठोस पहल नहीं हो रही है. अल्प वेतन में गुजारा करने वाले संविदा कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर ऐसी दृष्टि रखना और उसे रोकना यह किसी भी चुनी हुई सरकार की गरिमा के खिलाफ है.

छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारियों की हमेशा से मांग रही है कि उनका संविलियन किया जाए. ऐसा भी नहीं है कि,भारत में कहीं भी नियमितीकरण नहीं किया गया है. देश मे मणिपुर,महाराष्ट्र ,राजस्थान ऐसे ही राज्य हैं. कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ नियमितकरण जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं जैसे-समान काम समान वेतन,62 वर्ष जॉब सुरक्षा ,अनुकंपा नियुक्ति,सी आर प्रथा में सुधार, मेडिकल अवकाश एन पी एस आदि. पर दुःखद स्थिति है कि 20 वर्षों के बाद भी छग में हालात जस के तस हैं. किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई.

बहुत सारी सुविधाओं के अभाव में कोरोना काल में काल कलवित हुए बहुत सारे संविदा एनएचएम कर्मचारियों का परिवार आज बेहाल है तथा उनकी कोई पूछ परख करने वाला नहीं है.

बहुत से एन एच एम कर्मचारी जो जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं और जिन पर टीकाकरण , प्रसव, डाटा संबंधी कार्य करने वाले लोगों सहित चिकित्सा के विभिन्न विधाओं में वर्षों से कार्य कर रहे लोगों का वेतन श्रम विभाग से जारी कुशल श्रमिकों के निर्धारित मानदेय से भी कम है.

अल्प वेतन पाने वाले इन कर्मचारियों के बच्चे क्या बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य पाने के हकदार नहीं हैं? क्या शासन की जवाबदारी नहीं हैं कि वर्षों से कार्यरत, अनुभवी लोगों के लिए तय समय सीमा में क्रमशः नियमितीकरण किया जाए, जिस ऊर्जा, उत्साह, विश्वास दिलाकर आंदोलन के दौरान मंचों में आकर वादा पूरा करने का दावा करने वाले लोग जो आज सरकार के जिम्मेदार पदों पर हैं वो खामोश हैं, जबकि दर-दर भटक कर हमारे साथी हर जिलों, ब्लॉकों में लगातार अनुनय, विनय कर रहे हैं कि कोई तो उनकी मदद करें.

आज सरकार के एक साल पूरा होने पर जश्न मनाया जा रहा है कोविड जैसे महामारी के समय जब सभी लोग अपने घरों में कैद थे तब सभी एन एच एम कर्मी बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार कार्य किए . सैकड़ों लोगो ने अपनी जान गंवाई. इसके एवज में केवल कोरोना योद्धा का तमगा मिला पर जीवन आज भी जस का तस है.

ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मठ 16 हज़ार कर्मचारियों का नियमितीकरण ,वेतन विसंगति, ग्रेड पे, लंबित 27% वेतन वृद्धि, चिकित्सा बीमा , अनुकम्पा अनुदान में बढोतरी, अनुकम्पा नियुक्ति, आदि मांग तत्काल पूरी की जाए. हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा हम पूरी ताक़त से अपनी जायज मांग को सरकार के समय रखते रहेंगे.

आगामी 25 दिसंबर माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जी छत्तीसगढ़ के जन्मदाता, सुशासन के पर्याय महापुरुष की जन्म जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में स्थापित अटल जी की प्रतिमा, चौक आदि स्थानों पर पुष्प चढ़ाकर अपना ज्ञापन प्रस्तुत कर निवेदन करेंगे कि हमारी मांगों को सुशासन सरकार तक पहुंचाने में मदद करे.

लगातार अपनी समस्याओं को शासन -प्रशासन के समक्ष रखने, प्रदेश के सभी बड़े सत्ता पक्ष के राजनेताओं से भेंट के पश्चात भी यदि हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है तो प्रदेश के 16 हज़ार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी और भी ज्यादा निराश और हताश होंगे. हम मजबूर हो जाएंगे और इसका आन्दोलन के रूप में चरण बद्ध तरीके से विरोध किया जाएगा. सुनवाई न होने पर बड़ा आंदोलन भी विवश होकर किया जाएगा.प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी, डॉ रवि शंकर दीक्षित, प्रदेश मिडिया प्रभारी पुरन आनंद,निर्मला साहू,संतोषी वर्मा, डीकेश्वरी साहू, पार्वती नेताम, गायत्री साहू, पोखराज धिवर, जीतेन्दरी साहू, ज्ञानेश्वरी साहू,लिखेशवरी गजेंद्र, जागेश्वर साहू प्रेस कांफ्रेस कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया.

IPS जीपी सिंह को राज्य सरकार ने किया बहाल, आदेश जारी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शासन ने IPS अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह (बैच 1994) को सेवाओं पर बहाल कर दिया है. इसका आदेश गृह विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने राज्यपाल की स्वीकृति के साथ जारी किया है. यह निर्णय भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली और राज्य शासन की ओर से जारी आदेश के तहत लिया गया है.

इससे पहले गुरजिंदर पाल सिंह को अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16(3) के अंतर्गत सेवा से हटाया गया था. इस आदेश के खिलाफ जीपी सिंह ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT), मुख्य बेंच, नई दिल्ली में चुनौती दी थी. CAT ने अपने निर्णय में 30 अप्रैल 2024 को भारत सरकार के 20 जुलाई 2023 के आदेश को निरस्त कर दिया और राज्य सरकार से सिंह को उनके सभी लाभों और अधिकारों के साथ पुनः सेवा में लेने का निर्देश दिया. इसके बाद गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन ने उन्हें सेवा पर पुनः बहाल कर दिया है. इस फैसले से गुरजिंदर पाल सिंह को उनके पूर्व के सभी लाभ और अधिकार बहाल हो गए हैं.

ये हैं महत्वपूर्ण घटनाक्रम

20 जुलाई 2023: गुरजिंदर पाल सिंह को सेवा से सेवानिवृत्त किया गया।
30 अप्रैल 2024: CAT ने सेवा बहाली का आदेश दिया।
23 अगस्त 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने CAT के आदेश को बरकरार रखा।
10 दिसंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार की S.L.P. खारिज की।
12 दिसंबर 2024: भारत सरकार ने सेवा बहाली का आदेश दिया।
19 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ सरकार ने पुनर्स्थापन आदेश जारी किया।

नगरीय निकायों में कर्मचारियों और सफाई कर्मियों की हड़ताल समाप्त, उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात के बाद संघ के पदाधिकारियों ने लिया निर्णय

रायपुर- उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव से मुलाकात के बाद विभिन्न नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारी, स्वच्छता दीदियां एवं कमांडोज तथा प्लेसमेंट कर्मचारी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल नि:शर्त समाप्त कर काम पर लौट आए हैं। श्री साव के रायपुर स्थित शासकीय निवास कार्यालय में 18 दिसम्बर को हुई मुलाकात के बाद दोनों संघों द्वारा तत्काल हड़ताल समाप्ति की घोषणा के उपरांत आज से सभी काम कर लौट आए हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव से छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ एवं छत्तीसगढ़ स्वच्छता दीदी, महिला/पुरूष महासंघ के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर अपनी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया। श्री साव ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांगों पर संवेदनशील है। विभाग इन पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगा। हमारी कोशिश होगी कि मांगों पर उचित कार्यवाही हो।

श्री साव ने संघ के प्रतिनिधियों से कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए सजग और गंभीर है। समस्याएं मनुष्य के निजी एवं सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। किन्तु किसी भी विषय व समस्याओं को रखने के लिए केवल हड़ताल या आंदोलन ही उचित माध्यम नहीं है। समस्याओं को रखने के अन्य विकल्प भी हैं। आपके हड़ताल पर जाने से शहरों की महत्वपूर्ण सेवाएं बाधित होती हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी, प्रवक्ता विकास मिश्रा, कोषाध्यक्ष संदीप चन्द्राकर और संरक्षक संजय शर्मा मौजूद थे। वहीं छत्तीसगढ़ स्वच्छता दीदी, महिला/पुरूष महासंघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष पवन नायक, उपाध्यक्ष निर्मला मैथ्यू और सचिव सुनीता देवांगन उपस्थित थीं।

अम्बेडकर अस्पताल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड विभाग ने किया  संयुक्त फायर एंड रेस्क्यू मॉक ड्रिल प्रदर्शन

रायपुर-    एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिकिया बल) और जिला अग्निशमन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आज डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में फायर एंड रेस्क्यू (अग्नि और सुरक्षा) मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। अस्पताल में आग लगने की संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने आपसी समन्वय से सुरक्षा एवं बचाव का जीवंत अभ्यास प्रदर्शन कर आपदा से निपटने के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी।

मॉक ड्रिल के दौरान तीनों टीम ने अभ्यास प्रदर्शन करते हुए संभावित घटना के लिए तैयारियों का आकलन किया। वहां उपस्थित नर्सिंग स्टॉफ, कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड्स को आग लगने की घटनाओं और उससे निर्मित परिस्थितियों पर विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि जटिल आपात स्थितियों में कैसे काम किया जाता है। प्रतीकात्मक रूप से आग लगने की घटना को प्रदर्शित करते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फायर सायरन बजाते हुए मौके पर पहुंची। पानी के प्रेशर पाइप के जरिये अस्पताल के तीसरे मॉले पर आग बुझाने की प्रैक्टिस की गई। टीम ने अस्पताल के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने संबंधी अभ्यास किया। इसी तारतम्य में घायल लोगों को स्ट्रेचर पर लिटाकर प्राथमिक उपचार देकर एम्बुलेंस के जरिये दूसरे अस्पताल भेजा। जिला अग्निशमन कर्मियों द्वारा अग्नि मॉक ड्रिल में आग बुझाने, फायर सेफ्टी उपकरणों के प्रयोग के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। कहीं भी छोटी सी आग लगे उसके लिए आम लोगों को फर्स्ट एड फायर फाइटिंग का प्रशिक्षण दिया। कौन सा यंत्र किस प्रकार का आग बुझा सकता है, इसका भी प्रदर्शन किया गया। विभिन्न प्रकार के फायर एक्सटिंग्विशर या अग्निशामक यंत्र और उसमें भरे जाने वाले गीला रसायन, कॉर्बन डाइ ऑक्साइड, फोम और पानी के बारे में जानकारी दी।