ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को सीएम ने दिया बड़ा तोहफा, 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदान के निर्माण कार्य का किया शुभारंभ

डेस्क : ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा तोहफा दिया है। उन्हें जल्द ही खेल के लिए मैदान समेत अन्य सुविधाए मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदान के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त, मनरेगा अभिलाषा शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे तथा कार्यारंभ स्थल पर वेब कास्टिंग के माध्यम से पंचायत जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में युवा भी कार्यक्रम से जुड़े थे।

ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के, 533 प्रखंडों के, 5671 ग्राम पंचायतों में प्रथम चरण में 6659 खेल मैदानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें कुल 63,827.35 लाख रुपये की राशि सन्निहित है। खेल मैदान निर्माण कार्य में अनुमानित 41 लाख मानव दिवस का सृजन होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कार्यारंभ की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

गौरतलब है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल कूद के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ खेल की आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं।

खेल मैदान के विकास के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उत्साहवर्द्धन भी होगा। खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के बीच खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्द्धाओं के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। खेल मैदान के विकास के क्रम में ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

भूमि की उपलब्धता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न तीन प्रकार के खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं।

पहले प्रकार के खेल मैदान बड़े आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 04 एकड़ तक का है। बड़े खेल मैदान में गाँव के युवाओं को खेलने के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद, लम्बी कूद, कबड्डी और खो-खो खेलों की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी।

दूसरे प्रकार के खेल मैदान मध्यम आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 01 से 1.5 एकड़ तक का है। मध्यम आकार के खेल मैदान में क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद और लम्बी कूद की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी।

जबकि तीसरे प्रकार के खेल मैदान छोटे आकार के हैं जिनका क्षेत्रफल एक एकड़ से कम है। इसमें कुल चार प्रकार की खेल सुविधाओं बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन को शामिल किया गया है।

संसद में भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच धक्कामुक्की में दो भाजपा सांसदों को लगी चोट के बाद पटना में बवाल, बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के

डेस्क : संसद में भाजपा और कांग्रेस सांसदों की धक्कामुक्की में दो भाजपा सांसदों को लगी चोट को लेकर राजधानी पटना में जमकर बवाल हुआ। बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम के पास बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़ गए और दोनो ओर से जमकर लाठी-डंडे चले। जिसमें दोनो ओर से कई कार्यकर्ताओं को चोट लगी।

दरअसल संसद में आज गुरुवार की सुबह I.N.D.I.A. ब्लॉक आंबेडकर पर दिये गये बयान को लेकर अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान भाजपा और विपक्षी सांसद आमने-सामने आ गए। इस दौरान धक्का-मुक्की होने लगी। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि राहुल ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है। जिसके कारण उनके सिर में चोट आई। बीजेपी के एक अन्य सांसद मुकेश राजपूत ने भी राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया। इस मामले पर राहुल गांधी ने उल्टे बीजेपी सांसदों पर ही आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें संसद में जाने से रोका, धमकाया और धक्का-मुक्की की।

उस घटना के विरोध में बिहार के बीजेपी कार्यकर्ता सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस के दफ्तर के पास प्रदर्शन करने लगे और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वही इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गये और फिर जमकर हंगामा हुआ। दोनों तरफ के लोग लाठी-डंडे एक दूसरे पर दिखाने लगे। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हुई। समय रहते मौजूद पुलिस कर्मियों ने दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं को शांत कराया। जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।

नये वर्ष में पटनावासियों को मिलेगी बड़ी सौगात, अशोक राजपथ के डबल डेकर पुल पर इस माह से दौड़ेंगी गाड़िया

डेस्क : नये वर्ष में राजधानी पटनावासियों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। पटना गांधी मैदान से सांयस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर बन रहे डबल डेकर पुल पर फरवरी से गाड़ियां दौड़ेंगी। निर्माणाधीन डबल डेकर पुल फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण कार्य में तीन जगहों पर आ रही बाधा को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मेट्रो और पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर दूर कराया। इस पहल के बाद बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। डीएम बुधवार को निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

डीएम ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक की मौजूदगी में गांधी मैदान से कारगिल चौक होते हुए मेट्रो और डबल डेकर पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से करगिल चौक-गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए पटना सायंस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर 2.2 किलोमीटर की लंबाई में डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। स्थल निरीक्षण में देखा गया कि कार्य में अच्छी प्रगति है।

अशोक राजपथ में डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 15 जनवरी 2022 में शुरू हुआ था और फरवरी 2025 तक पूरा होना है। अंजुमन इस्लामिया हॉल के पास डबल-डेकर फ्लाईओवर के स्पैन नंबर 26 से 32 तक पुल निर्माण निगम लिमिटेड के आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ वे) में मेट्रो की ओर से बैरिकेडिंग किये जाने के कारण डबल-डेकर फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में समस्या आ रही है। डीएम ने मेट्रो के अधिकारियों को रोड के किनारे बाउंड्री वॉल की तरफ बैरिकेडिंग बोर्ड चार मीटर पीछे करते हुए डबल डेकर निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा ताकि पुल निर्माण निगम को भी कार्य करने में कोई समस्या न हो।

डीजीपी विनय कुमार का सख्त निर्देश, अब कोई वारदात होने पर थानाध्यक्ष के साथ एसपी को भी करना होगा यह काम

डेस्क : डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों को सख्त हिदायत दी है। किसी बड़ी वारदात या खासतौर से आपराधिक घटना होने पर संबंधित थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर से लेकर जिला के एसपी तक को स्वयं घटना स्थल पर जाना होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय में मौजूद कंट्रोल रूम को अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। सभी थाना से लेकर जिला मुख्यालय तक सीधे मुख्यालय कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे। घटना के बाद संबंधित थाने से लेकर एसपी तक को यहां से फोन कर जानकारी ली जाएगी कि वे कितनी देर में वहां पहुंचे। फिर इसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय से सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे फोन पर किसी घटना की सूचना आने पर औपचारिकता पूरी नहीं करें। स्पॉट पर जाकर स्वयं तफ्तीश कर उचित दिशा-निर्देश दें। नए डीजीपी ने पद संभालने के अगले दिन सभी जिलों के एसपी के मूवमेंट की जानकारी ली, तो पता चला कि मधुबनी एसपी को छोड़कर अन्य किसी जिले के एसपी ने घटना स्थल पर जाकर किसी मामले की तफ्तीश नहीं की है।

साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि पेट्रोलिंग के दौरान वे अपने साथ अनिवार्य रूप से पिस्टल या अन्य छोटे हथियार रखें। बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं करें। अगर बिना हथियार कोई पेट्रोलिंग करते पाया गया, तो कार्रवाई होगी। सभी जिलों की पुलिस लाइन में हथियारों की कोई कमी नहीं है। हथियार पुलिस वर्दी का हिस्सा होता है। इस कारण भी इसे रखना आवश्यक है।

शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश, बच्चों के अभिभावक को महीने में एकबार करना होगा यह काम

डेस्क : महीने में एक दिन बच्चे के साथ अभिभावक भी स्कूल आएंगे। अभिभावकों को अलग-अलग समय पर स्कूल बुलाया जाएगा। माह में किसी एक शनिवार को सभी स्कूलों में शिक्षक-अभिवाक संगोष्ठी होगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें उक्त आदेश का अनुपालन कराने को कहा है।

विभाग ने सरकारी स्कूलों में प्रभावी रूप से शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी के आयोजन को लेकर बताया है कि इस दिन कौन-कौन सी गतिविधियां करनी हैं। प्रधानाध्यापक और शिक्षक की जवाबदेही भी तय की है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने जिलों को लिखे पत्र में कहा है कि महीने के प्रारंभ में ही संगोष्ठी की तिथि तय कर अभिभावकों को फोन पर अथवा संपर्क कर सूचना दी जाएगी। स्कूल में बच्चों की संख्या अधिक होगी तो प्राथमिक और मध्य विद्यालय के बच्चों के लिए अलग-अलग तिथि रखी जाएगी। हर अभिभावक को अलग-अलग समय में स्कूल बुलाया जाएगा, ताकि भीड़ नहीं हो। इससे शिक्षक बच्चे के बारे में पूरी बात अभिभावक से कह सकें।

शिक्षक अभिभावकों को बताएंगे कि उनके बच्चे की पढ़ाई में क्या प्रगति है, किन सुधारों की जरूरत है। अभिभावकों से शिक्षक आग्रह करेंगे कि उनके बच्चे घर में प्रतिदिन कम-से-कम एक घंटे के लिए हिन्दी और अंग्रेजी का पाठ जोर-जोर से बोलकर पढ़ें। अभिभावक अपने बच्चों से जरूर पूछें कि वे गृह कार्य पूरा किये हैं या नहीं। बच्चों को साफ-सुथरे स्कूल ड्रेस और जूता-चप्पल पहना कर भेजें। हर दिन बच्चों को अभिभावक स्कूल भेजें, इसका भी आग्रह करें।

राज्य के सभी 137 निबंधन कार्यालयों में ई निबंधन सेवा की हुई शुरूआत, अब घर बैठे जमीन-मकान की रजिस्ट्री के लिए कर सकते है आवेदन

* डेस्क : बिहार के लोगों को अब जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री के लिए जटिल प्रक्रिया और कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार ने प्रक्रिया को आसान कर दिया है। राज्य के सभी 137 निबंधन कार्यालयों में ई निबंधन सेवा शुरू हो गई है। सोमवार को शेष बचे 50 निबंधन कार्यालयों में भी यह सेवा शुरू कर दी गई। इस व्यवस्था से अब जमीन-फ्लैट रजिस्ट्री कराने के साथ ही विवाह निबंधन आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के अनुसार आवश्यक कागजात जमा करने के लिए निबंधन कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा। लोग घर बैठे ही आसानी से सॉफ्टवेयर पर कागजात अपलोड कर सकते हैं। साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस में अनावश्यक भीड़ भी नहीं लगेगी। विभाग के निबंधक उप महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने बताया कि छह चरणों में सभी निबंधन कार्यालय में ई निबंधन की सुविधा लागू हो गई है। जमीन और फ्लैट आदि निबंधन के लिए निर्धारित तिथि पर जाकर लोग एकरार कर लेंगे। यहां बायोमेट्रिक डिवाइस से आधार सत्यता जांच के बाद रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे जमीन और फ्लैट रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रुकेगा। जमीन रजिस्ट्री होते ही तुरंत दस्तावेज भी मिल जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर से 15 जिलों के निबंधन कार्यालय में ई निबंधन की सुविधा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद अलग-अलग चरणों में अन्य निबंधन कार्यालय में इस सेवा की शुरुआत हुई। इस सुविधा के लागू होने से जमीन रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों के साथ ही निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों को सर्वर डाउन होने की समस्या से निजात मिल रही है। पहले निबंधन के लिए एक साथ लोग निबंधन कार्यालय आ जाते थे। इससे सर्वर डाउन होने की समस्या रहती थी।
पटना में आज से दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन का होगा आगाज, देश के कई जाने-माने उद्योगपति करेंगे शिरकत

* डेस्क : बिहार बिजनेस कनेक्ट के तहत राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में आज गुरुवार से वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आगाज होने जा रहा है। दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा की उपस्थिति में होगी। पहले दिन छह सत्र होंगे, जिसमें देश के कई प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी होगी। इसमें प्रमुख रूप से जेके लक्ष्मी सीमेंट के निदेशक अरविंद शुक्ला, प्रिस्टीन ग्रुप के सीईओ आनंद झा, पिनेक्स स्टील के एमडी संजय खेमका और अन्य उद्योगपति शामिल होंगे। आज पहले दिन के सत्र के दौरान उद्योग विभाग, आईटी विभाग, ऊर्जा विभाग, एमएसएमई, स्टार्टअप, और अन्य विभागों के सचिवों की ओर से प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। इसमें वे राज्य में उपलब्ध संभावनाओं तथा राज्य सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। वहीं सम्मेलन के दूसरे दिन कई बड़ी कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसमें एनएचपीसी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और एवीपीएल जैसी कंपनियां शामिल हैं। दूसरे दिन सम्मेलन के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे। इस दिन एक सीईओ राउंड टेबल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उद्योग-सह-पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा भी मौजूद रहेंगे। उनकी मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।
बिहार में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी का होगा निर्माण, केन्द्र सरकार से मांगा गया है 200 करोड़ रुपये : विजय सिन्हा

* डेस्क : बिहार में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी का निर्माण होगा। इसके लिए 200 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। फिलहाल राजगीर में ही इसे बनाया जाना प्रस्तावित है। फिल्म सिटी के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इस बात की जानकारी बीते बुधवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार के डिप्टी सीएम व कला संस्कृति एवं युवा मंत्री विजय सिन्हा ने दी। उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी प्रोजेक्ट बिहार में फिल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति लाएगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर होगा। रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कहा कि भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) का क्षेत्रीय केन्द्र भी बिहार में खोला जाएगा। फिल्म निर्माण, अभिनय, सिनेमैटोग्राफी, साउंड डिजाइन, एडिटिंग में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा। उभरते कलाकारों को लाभ होगा। फिल्म महोत्सवों व मीडिया कार्यक्रमों की मेजबानी से फिल्म निर्माताओं और पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है। बिहार में फिल्म स्टूडियो व लैबोरेटरी की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना के लिए भी 100 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में लागू फिल्म नीति का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मुंबई में फिल्म कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए इन्वेस्टर मीट का प्रस्ताव है। हैदराबाद के अलावा दिल्ली या उत्तर भारत के किसी और राज्य में बिहार महोत्सव का आयोजन होगा। गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से बिहार की विलुप्तप्राय कला का संरक्षण होगा। अनुभवी कलाकारों को गुरुकुल शैली में प्रशिक्षण देने के लिए जोड़ा जाएगा। राज्य युवा महोत्सव में विजयी 30 प्रतिभागियों की सूची केन्द्र को भेजी जा रही है ताकि वे राष्ट्रीय युवा महोत्सव में शामिल हो सकें। सरकार की कोशिश है कि स्कूल स्तर से ही युवाओं का चयन किया जाए। मौके पर विभाग के सचिव दयानिधान पांडेय, विशेष सचिव सीमा त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रंगमंच के कलाकारों को मंच देने के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की तर्ज पर बिहार में भी राज्य नाट्य विद्यालय की स्थापना की जाएगी। यह विद्यालय एक सोसाइटी के रूप में गठित होगा, जिसमें विभाग के स्तर से अध्यक्ष और एक कला जगत के निदेशक रहेंगे। स्नातक के बाद पारा स्नातक स्तर पर डिग्री अथवा दो वर्षीय डिप्लोमा मिलेगा। शीघ्र ही कैबिनेट से इसकी मंजूरी ली जाएगी। फिल्म सिटी प्रोजेक्ट बिहार में फिल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति लाएगा। यहां फिल्म निर्माण, अभिनय, सिनेमैटोग्राफी, साउंड डिजाइन, एडिटिंग में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा।
पटना में फिर पकड़े गए पांच साइबर ठग, लोन दिलाने के नाम पर हजारों लोगो से कर चुके है करोड़ो की ठगी

डेस्क : पटना साइबर थाने की पुलिस ने राजधानी पटना से एकबार फिर तेलंगाना से साइबर अपराध की घटना को अंजाम देने वाले सरगना सहित पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है। ये शातिर ठग सोशल मीडिया पर बड़ी फाइनेंस कंपनियों के नाम पर आईडी बनाकर लोगों को लोन दिलाने का झांसा देते थे और फिर उनसे ऑनलाइन पैसे की डिमांड करते थे। गिरफ्तार साइबर ठगों के पास से पुलिस ने एक लैप टॉप,13 मोबाइल ,3 स्टंप,बजाज फाइनेंस एल टी डी मनी रिसिप्ट सहित अन्य सामान जब्त किया है। इन ठगों ने लगभग चार करोड़ की साइबर ठगी करने की बात कबूल की है।

मामले की जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी ने बताया कि पांच साइबर ठगों को रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के आदर्श कॉलोनी में बने एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि साइबर पुलिस की टीम लगातार ऐसे लोगों की निगरानी कर रही थी। इसी दौरान उनके यहां होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें गिरोह के सरगना नालंद के कतरी सराय का रहनेवाला 26 वर्षीय राहुल कुमार, तेलंगाना के रहने वाले गुट्टा शिव कुमार,मारुति , वारला सुधाकर और पी विक्रम रंगा रेड्डी शामिल हैं। फिलहाल इस मामले में सरगना गोपाल कुमार उर्फ राहुल का एक अन्य साथी फरार बताया जा रहा है जिसकी तलाश में पुलिस लगी हुई है।

डीएसपी ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार युवकों ने बताया कि उसे 3 महीने पहले सरगना गोपाल ने पटना बुलाया था और उसके बाद उन लोगों को प्रति महीना 15000 देने के नाम पर ऑनलाइन ठगी में लगाया था। उन्होंने बताया कि बरामद लैपटॉप से कई जानकारियां पुलिस के हाथ लगी है। जिसमें लगभग इन ठगों ने अब तक 2000 लोगों को लोन देने के नाम पर लगभग चार करोड़ की ठगी की घटना को अंजाम देने की जानकारी मिली है।

साइबर डीएसपी ने बताया कि बिहार में साइबर अपराध के हॉटस्पॉट तीन जगह को चिन्हित किया गया है जिसमें नालंदा नवादा और पटना है। वही आम जनों से अपील करते हुए साइबर डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठीने कहा कि किराए पर मकान या रूम देने से पहले लोगों की पूरी जानकारी मकान मालिकों को रखनी चाहिए साथ-साथ उनके गतिविधि पर भी ध्यान रखना चाहिए, एक फ्लैट में यदि 5 से 6 युवक रहते हैं तो उन सभी का आइडेंटी मकान मालिकों को रखना चाहिए साथ ही साइबर सेल द्वारा लगातार जागरूकता पर अमल करें।

बिहार में सड़कों का बिछेगा जाल, 2 बड़े एक्सप्रेसवे सहित इन 13 सड़क परियोजनाओं के निर्माण को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने दी मंजूरी

डेस्क : बिहार में सड़को का जाल बिछेगा। राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने रजौली-बख्तियारपुर समेत 13 सड़क परियोजनाओं के विभिन्न खंडों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। विभाग की ओर से इन परियोजनाओं पर सहमति प्रदान करने के लिए विभाग की ओर से भारत सरकार को भेज दिया गया है। ताकि, सड़क निर्माण में तेजी आये।

राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 में किए गए संशोधन से राज्य में कई सड़क परियोजनाओं को गति मिलेगी।

बैठक में मंत्री ने बताया कि वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के कारण राज्य में 20 राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाएं बाधित हो गई थी। विभाग के प्रयास से अधिनियम में सितंबर, 2024 को किये गये संशोधन के आलोक में 20 राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि विभाग का प्रयास है कि राज्य में सड़कों का बुनियादी ढांचा मजबूत हो और लोगों को बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध हो।

महत्वपूर्ण परियोजनाएं

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे: यह परियोजना बिहार के विकास को नई ऊंचाइयां देगी और राज्य को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर ढंग से जोड़ेगी।

आरा-सासाराम-पटना का चौड़ीकरण: इस परियोजना से दक्षिणी बिहार के लोगों को फायदा होगा और यातायात की सुविधा में सुधार होगा।

अन्य परियोजनाएं: वैशाली, मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान, मधुबनी, सहरसा और सुपौल जिलों में कई अन्य सड़क परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली है।

पटना और भागलपुर में सड़कों का नवीनीकरण

पथ निर्माण विभाग ने पटना में दीघा सर्विस लेन और भागलपुर में NH-131B के नवीनीकरण को भी मंजूरी दी है। इससे इन शहरों में यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। इसी क्रम में पटना और भागलपुर जिले की दो सड़कों के नवीनीकरण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है।

पथ प्रमंडल पटना पश्चिम में चैनल 3.370 से 11.430 तक और दीघा सर्विस लेन के नवीनीकरण को मंजूरी दी गई है। इस मद में 9 करोड़ 33 लाख 53 हजार खर्च होंगे