खाद्य विभाग की टीम द्वारा रायपुर, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव सहित अन्य जिलों में स्थित राईस मिलों का किया गया आकस्मिक निरीक्षण

रायपुर-     खाद्य विभाग की टीम द्वारा आज रायपुर, धमतरी, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में स्थित राईस मिलों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें आर.टी. राईस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) के परिसर पर विधिक कार्यवाही की गई। आर.टी. राईस मिल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन कराने के उपरांत भी अनुमति एवं अनुबंध का निष्पादन नहीं कराया गया है। शासकीय धान का उठाव नहीं किया जा रहा है। मिल परिसर में 390 क्विंटल उसना चावल एवं 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन हेतु पाया गया, जो कि प्रथम दृष्टया छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन है। मिल परिसर को सील कर धान एवं चावल को जब्त कर लिया गया है। जांच दल में तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार राजेन्द्र चन्द्राकर, सहायक खाद्य अधिकारी बिन्दु प्रधान सम्मिलित थे।

इसके अतिरिक्त जिला महासमुंद में श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल, माँ लक्ष्मी राईस मिल, जिला धमतरी में आकांक्षा राईस मिल, जिला राजनांदगांव में अतुल राईस मिल में जांच टीम द्वारा दबिश दी गई है एवं नियमानुसार जांच किया जा रहा है।

NHM के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में लंबित मांगों को लेकर आक्रोश, 19 दिसंबर को सभी जिलों में करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस

रायपुर-    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं, लेकिन अब तक उन्हें किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिला है, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. लगातार झूठे वादों से त्रस्त NHM कर्मचारी अपने व्यथा बताने के लिए प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालयों में 19 दिसंबर को प्रेस के माध्यम से प्रेस कांफ्रेंस करने का फैसला लिया है.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी द्वारा बताया गया कि कोरोना कॉल में इन कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया था, जो प्रदेश के आम जनता को आज भी मालूम हैं. उक्त कर्मचारियों द्वारा अपने जान को जोखिम में डाल कर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के इन कर्मचारियों ने रात दिन काम करके प्रदेश की आम जनता की सेवा इलाज स्वास्थ्य व्यवस्था देखरेख लगन से किया था.

कोरोना योद्धा द्वारा अपनी व्यथा समस्याओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सभी 33 जिलों प्रेस कांफ्रेस कर अपनी व्यथा को फिर से आम जनता को बताएंगे. पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पतालों सहित मेडिकल कालेजों में 20 वर्षों से भी ज्यादा समय से अल्प वेतन एवं कम सुविधा के बावजूद प्रदेश के आम जनता को सेवा देते आ रहे हैं, एनएचएम संविदा कर्मचारियों के अच्छे कार्यों के कारण पुरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था गुणवत्ता में लगातार वृद्धि भी हो रहा है. अच्छे कार्यों के कारण इन अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक व्यवस्था पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा रहा है.

कर्मचारियों ने बताया कि उनका वेतन इतना काम है कि अपने परिवार के लालन-पालन दैनिक दिनचर्या की वस्तु खरीदने के लिए भी असमर्थ रहते हैं. खुद की जान को जोखिम में डालकर इन कर्मचारियों ने कोरोना काल प्रदेश की जनता की सेवा किया हैं जो आज भी आम जनता के दिलों में बसी हुई है.

कुछ दिन पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया के सामने इन कर्मचारियों के वेतन में 27 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, लेकिन वह भी उन्हें नहीं मिली है. कर्मचारी लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा सहित सभी मंत्रियों को आवेदन देकर उन्हें अपना वादा याद दिलाते रहे हैं.

बता दें कि पिछली सरकार के 31 दिन के आंदोलन में इन कर्मचारियों के मंच पर भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी डॉ. रमन सिंह, अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित अन्य प्रमुख नेता धरना स्थल पर आए थे और भाजपा सरकार बनने के 100 दिन के भीतर मामले के निराकरण करने की बात कही थी. इन कर्मचारियों ने भाजपा सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है और पूरे प्रदेश में इनकी संख्या 16 हजार से ज्यादा है.

गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर छत्तीसगढ़ के विकास में अपना योगदान देने की अपील

रायपुर-    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अपने छत्तीसगढ़ दौरे के पहले दिन रायपुर में छत्तीसगढ़ पुलिस को 'प्रेसिडेंट कलर' प्रदान किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति का निशान मिलना किसी भी सशस्त्र बल के लिए बहुत गर्व का विषय है और अपनी स्थापना के 25 साल की अल्पावधि में ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने राष्ट्रपति का विश्वास जीतकर इस सम्मान को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपने जुनून, वीरता और समर्पण के साथ देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में से एक है।

गृह मंत्री ने कहा कि अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश करते ही राष्ट्रपति के निशान से सम्मानित होना छत्तीसगढ़ पुलिस की कड़ी मेहनत, समर्पण, बहादुरी और जनता के प्रति लगाव का द्योतक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस विशिष्टता, प्रतिबद्धता, बहादुरी और समर्पण के साथ राज्य की जनता की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था को सुदृढ़ करने, नक्सलवाद मुक्त और नशामुक्त भारत अभियान, सार्वजनिक सुरक्षा औऱ नागरिकों के जीवन को सुलभ बनाने के अपने प्रयासों में छत्तीसगढ़ पुलिस हमेशा अग्रणी रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज सरदार पटेल की पुण्यतिथि है। उन्होंने कहा कि सरदार साहब के अदम्य साहस और दृढ़ता ने ही इस देश को एक करने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार साहब के अधूरे कामों को पूरा किया और धारा 370 को समाप्त कर कश्मीर को हमेशा के लिए भारत के साथ जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कृतज्ञता के साथ सरदार साहब को श्रद्धांजलि दे रहा है।

अमित शाह ने कहा कि दशकों से चली आ रही छत्तीसगढ़ के गठन की मांग को अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा किया था। गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 31 मार्च, 2026 से पहले छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों को भी नक्सलवाद से मुक्त कराने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस बहादुरी के साथ इस संकल्प की प्राप्ति की दिशा में बढ़ रही है और पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में कई उपलब्धियां प्राप्त की हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों ने 287 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज़ किया है, 1000 को गिरफ्तार किया है और 837 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों में 14 शीर्ष नक्सली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ मोदी सरकार की सख्त नीति के कारण 4 दशकों में पहली बार नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु का आंकड़ा 100 से नीचे आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में नक्सलवाद पर नकेल कसी गई है जिसके कारण सुरक्षाबलों की मृत्यु में पहले के 10 साल की तुलना में 73% और नागरिकों की मृत्यु में 70% की कमी आई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर पिछले एक वर्ष में नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में विकास के कई काम हुए हैं।

अमित शाह ने कहा कि 1951 में सबसे पहला राष्ट्रपति का निशान भारतीय नौसेना को दिया गया था और आज इस निशान को पाने के लिए किसी भी सशस्त्र बल को 25 साल तक सेवा देनी होती है। उन्होंने भारत की राष्ट्रपति महोदया को भी छत्तीसगढ़ पुलिस की 25 साल की सेवा, समर्पण, त्याग और बलिदान को सम्मानित करने के लिए धन्यवाद दिया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 से पहले छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के संपूर्ण खात्मे के प्रति कटिबद्ध हैं। गृह मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर विकास के रास्ते पर अग्रसर होने और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बहुत अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है जिसमें आत्मसमर्पण के बाद हर नक्सली के पुनर्वास की व्यवस्था की गई है।

अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने संगठित अपराधों और नारकोटिक्स के खिलाफ भी दृढ़ता के साथ काम करते हुए बड़ी सफलताएं अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक नारकोटिक्स के 1100 केस दर्ज किए गए हैं, 21 हज़ार किलोग्राम गांजा, 6 हज़ार किलोग्राम अफीम और लगभग 1 लाख 95 हज़ार नशीली दवाओं की गोलियों को ज़ब्त किया गया है और इन मामलों में 1400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि PITNDPS के उपयोग में भी छत्तीसगढ़ सबसे आगे रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि एक विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित बस्तर के संकल्प को सिद्ध करने में छत्तीसगढ़ पुलिस के हर जवान का बहुत बड़ा योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का भी बहुत बड़ा योगदान स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा।

गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों से कहा कि प्रेसिडेंट कलर मात्र एक अलंकरण नहीं है, बल्कि ये सेवा, त्याग और बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ये निशान उन अनगिनत चुनौतियों की याद दिलाता है जिनका सामना दृढ़ता के साथ करना है। श्री शाह ने कहा कि प्रेसिडेंट कलर, अलंकरण के साथ-साथ एक दायित्व भी है और छत्तीसगढ़ पुलिस का हर जवान यह दायित्व निभाएगा और अपने कर्तव्य को निभाने में एक कदम भी पीछे नहीं हटेगा।

देश की सबसे बहादुर पुलिस बलों में से है छत्तीसगढ़ पुलिस – केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह

रायपुर-     छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित बेहद गरिमामय कार्यक्रम में राज्य की पुलिस को राष्ट्रपति निशान (पुलिस कलर्स अवार्ड-2024) सौंपा। यह देश के सशस्त्र बलों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। विगत 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ पुलिस की असाधारण सेवाओं, बहादुरी और कर्तव्यपरायणता के लिए राज्य को यह सम्मान मिला है। छत्तीसगढ़ यह सम्मान हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है, जिसने अपने गठन के मात्र 24 वर्षों में ही यह उपलब्धि हासिल की है।

गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड केवल एक सम्मान नहीं है, यह सेवा और कर्तव्य का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलवाद, संगठित अपराध और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में जो साहस और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अभूतपूर्व है। छत्तीसगढ़ पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ और बहादुर पुलिस बलों में से एक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ और देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ और देश से नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा हो जाएगा। श्री शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि इसने न केवल कानून और व्यवस्था को बनाए रखा है, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, उनका हौसला और मनोबल बढ़ाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जांबाज पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपना मेरे लिए भी गर्व की बात है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की पुलिस की कड़ी मेहनत, समर्पण और जनता के प्रति लगाव का द्योतक है। छत्तीसगढ़ की पुलिस नक्सलियों के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की तैयारी में है। यहां की पुलिस ने कानून-व्यवस्था और नक्सल मोर्च के साथ ही कोरोना महामारी में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की। श्री शाह ने समारोह में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का जो कार्य किया, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद-370 को हटाकर और मजबूत किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के केवल 24 वर्षों में हमारे पुलिस बल को उनकी असाधारण सेवाओं और जनता के प्रति समर्पण के लिए मिला है। यह सम्मान न केवल पुलिस बल के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें और अधिक उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।

मुख्यमंत्री ने एंटी-नक्सल ऑपरेशनों में छत्तीसगढ़ पुलिस की सफलता पर कहा कि बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। भारत सरकार की नीति के अनुरूप हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल ट्रांजिट कैम्प में रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर देने की व्यवस्था की गई है। उनके कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

श्री साय ने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत 5 लाख या उससे अधिक के इनामी माओवादी के आत्मसमर्पण करने पर उन्हें आवास हेतु शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 डिसमिल जमीन या ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा इनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 15,000 पक्के आवास स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की पुलिस द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए ‘महिला थाना’, महिला हेल्प डेस्क और ‘अभिव्यक्ति’ ऐप जैसे प्रयास उनकी संवेदनशीलता और जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते हैं।

उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति निशान छत्तीसगढ़ पुलिस के साहस, सेवा और कर्तव्यपरायणता का सशक्त प्रतीक है। राष्ट्रपति पुलिस निशान का यह अलंकरण न केवल पुलिस बल को गर्वित करता है, बल्कि उन्हें नई ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। राज्य की पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि वह दुर्जनों के लिए भय और सज्जनों के लिए सम्मान का पर्याय है।

पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने अपने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि 1 नवम्बर 2000 को राज्य की स्थापना के बाद से पुलिस बल ने हर मोर्चे पर साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशनों, पुनर्वास नीतियों और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस जनता की सेवा में हर समय तत्पर रही है।

राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में परेड द्वारा मुख्य अतिथि अमित शाह को सलामी दी गई। श्री शाह ने सलामी के बाद परेड का निरीक्षण किया। महिला और पुरुष प्लाटून द्वारा मार्चपास्ट भी किया गया। मुख्य अतिथि श्री शाह ने धर्मगुरूओं द्वारा मंत्रोच्चार के बाद आकाश में तिरंगे गुब्बारों और शानदार आतिशबाजी के बीच छत्तीसगढ़ पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपा। उन्होंने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पुलिस की 24 वर्षों के सफर पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और सूचना ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी, जवान और शहीद जवानों के परिजन बड़ी संख्या में समारोह में उपस्थित थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया।

मैं हूँ बदलता बस्तर : QR कोड स्कैन करते ही दिखेगी बदलते बस्तर की तस्वीर, जनसम्पर्क विभाग की पहल

रायपुर-  बस्तर की तस्वीर बदल रही है, इस बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए आज अखबारों में “मैं हूँ बदलता बस्तर” का विज्ञापन छपा है, जिसमें दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही बदलते एक वीडियो डिस्प्ले होता है, जिसमें बस्तर के बदलते हालात को देखा जा सकता है. 

दरअसल, यह विज्ञापन जनसम्पर्क विभाग ने जारी किया है, जो आज सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. जनसम्पर्क का यह अभिनव प्रयोग है, जिसमें फिक्स्ड विज्ञापन प्रदर्शित करने के साथ ही वीडियो भी डिस्प्ले हो रहा है.

पिछले एक साल में राज्य सरकार ने नक्सली मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की है. कभी नक्सलियों के गढ़ रहे अधिकांश हिस्सों को नक्सलमुक्त कराने के साथ ही वहां विकास के काम शुरू किए गए हैं. यही सब बदलते बस्तर की तस्वीर में दिखाई गई है.

वन रक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी की मौत पर सीएम साय ने जताया दुख, सोशल मीडिया में 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बीते दिन वन रक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी महेंद्र कुमार कुरेटी की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. इसे लेकर सीएम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार को सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिजिकल टेस्ट के दौरान कांकेर में महेंद्र कुमार कुरेटी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है. 

संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार मृतक के परिजनो के साथ है. राज्य सरकार की ओर से उनके परिवार को दस लाख की सहायता राशि प्रदान की जा रही है और आगे भी हमारी सरकार हर संभव मदद के लिए तत्पर है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान प्रदान करें. 

आईईडी डिफ्यूज करते हुए बीएसएफ का जवान हुआ घायल, कैंप में इलाज जारी…

कांकेर-   नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी को डिफ्यूज करते समय बीएसएफ का जवान घायल हो गया. घायल जवान का कैंप में इलाज जारी है, जहां उसकी हालत स्थित बताई जा रही है.

मामला कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र का है. पानीडोबीर कैंप से बीएसएफ के जवान सर्च ऑपरेशन पर निकले थे. इस दौरान हेटारकसा के पास नक्सलियों ने प्लांट कर रखा था, जिसे जवान डिफ्यूज करने में जुटा था. इस दौरान हादसा हो गया.

छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड, पत्तों पर जमी बर्फ की चादर, रात का पारा 3 डिग्री से नीचे गिरा, 12 जिलों में शीतलहर का यलो अलर्ट…
रायपुर-   छत्तीसगढ़ में उत्तर से आ रही शुष्क और ठंडी हवा के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है. प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर के हालात बन गए हैं. राजधानी रायपुर समेत सभी जिलों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव जला रहे हैं. सबसे ज्यादा ठंड सरगुजा संभाग में पड़ रही है. बलरामपुर में न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है.  मौसम विभाग ने दुर्ग सहित 12 जिलों में अगले तीन दिनों के लिए कोल्ड वेव (शीतलहर) का यलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, बस्तर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की भी संभावना जताई गई है.

बीते दिन प्रदेश का मौसम ऐसा रहा:

सरगुजा संभाग में शीतलहर के कारण मौसम और ठंडा हो गया है. बलरामपुर में रात का तापमान 3 डिग्री से भी नीचे गिरा, जो इस मौसम में सबसे कम था. वहीं, सरगुजा में न्यूनतम तापमान 5.9 डिग्री, सूरजपुर में 7.5 डिग्री, कोरिया में 7.4 डिग्री और जशपुर में 10.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

वहीं राजधानी रायपुर में भी रात का तापमान सामान्य से कम होकर 13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है. दिन में भी हल्की ठंड महसूस हुई और अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. नगर निगम ने ठंड से बचाव के लिए शहर में अलाव जलाना शुरू कर दिया है, विशेष रूप से आउटर वार्डों में यह व्यवस्था की गई है.

शीतलहर का अलर्ट जारी 

मौसम विभाग ने 16 और 17 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में शीतलहर की स्थिति बनी रहने की संभावना जताई है. 16 दिसंबर को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, मुंगेली, दुर्ग, खैरागढ़-छुइखदान-गंडई, कबीधाम, जशपुर, कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, सरगुजा और बलरामपुर में शीतलहर का अलर्ट रहेगा. 17 दिसंबर को, खासकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, जशपुर, सरगुजा और बलरामपुर जिलों में शीतलहर की संभावना है.

बस्तर में हल्की बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक, 15 दिसंबर के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिसका असर बस्तर संभाग में दिख सकता है. 17 और 18 दिसंबर की रात से बस्तर में बादल छाए रहेंगे और यहां कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. दंतेवाड़ा जिले में रात का तापमान 12.6 डिग्री, बस्तर में 13.8 डिग्री और बीजापुर में 13.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जो यहां के सबसे ठंडे इलाके हैं.

निर्माणाधीन मकान की तीसरी मंजिल में काम कर रहा मजदूर पैर फिसलने से नीचे गिरा, मौके पर हुई मौत…

कोरबा-  निर्माणाधीन मकान में बिना सुरक्षा उपकरणों के काम रहा मजदूर तीसरी मंजिल से सीधे नीचे जा गिरा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना की जानकारी पर मौके पर पहुंची पाली पुलिस जांच में जुट गई है. 

जानकारी के अनुसार, पाली थाना के पास निर्माणाधीन तीन मंजिला मकान के ऊपरी हिस्से में ग्राम सैला निवासी 40 वर्षीय पंचराम रोहिदास, माखनपुर निवासी 56 वर्षीय आत्मा राम और मंगल सिंह प्लास्टर लगाने का काम कर रहे थे.

इस दौरान पंचराम रोहिदास पैर फिसल जाने की वजह से सीधे जमीन पर जा गिरा. सिर के बल गिरने से मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई. घटना की सूचना पर पहुंची पाली पुलिस पंचनामा तैयार करने के साथ आगे की कार्रवाई कर रही है.

दहेज प्रताड़ना मामला : कोर्ट ने 2 साल बाद सुनाया फैसला, पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत …

बिलासपुर-    अतुल सुभाष सुसाइड केस के बीच बिलासपुर जिला न्यायालय ने दहेज प्रताड़ना के मामले मेंं बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने महिला के सभी आरोपों को संदेहास्पद और झूठा पाया है. पति समेत अन्य आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. पूरा मामला साल 2022 का है.

दरअसल, 9 नवंबर 2022 को महिला ने अपने पति और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके एक महीने बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई. मामलें में दो साल बाद कोर्ट ने महिला के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. वहीं पति समेत सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, प्रार्थीया और अभियुक्त दोनों की दूसरी शादी हुई थी, पति की पहली पत्नी से एक पुत्री है. पहली पत्नी की मौत के बाद पति ने दूसरी शादी रचाई थी. अभियुक्त की बेटी को दूसरी पत्नी लगातार प्रताड़ित किया करती थी. इससे परेशान होकर नाबालिक पुत्री ने फिनाइल पी लिया था, जिसकी शिकायत भी की गई थी. इस अपराध से बचने के लिए प्रार्थिया ने रिश्तेदारों और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी शिकायत दर्ज की गई थी.