मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हटाई गई हाजिरी लगाने की शर्त


नई दिल्ली:- AAP लीडर मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. SC ने आबाकरी नीति मामले से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत की शर्तों में बदलाव की उनकी मांग को मंजूरी दे दी. जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी.

कोर्ट ने सिसोदिया के आग्रह पर इस शर्त को आज हटा लिया. हालांकि कोर्ट ने सिसोदिया को कहा कि वो नियमित रूप से ट्रायल में शामिल हो.

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दी गई जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग की थी, जिसमें मनीष सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सीबीआई और ईडी के दफ्तर जाकर हजारी लगानी होती है. 

सिसोदिया ने इन शर्तों को हटाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि सिसोदिया जांच एजेंसियों के अफसरों के समक्ष 60 बार जा चुके हैं.

वहीं, इस राहत के बाद मनीष सिसोदिया ने अदालत का आभार जताया. उन्होंने कहा माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार, जिसने जमानत की शर्त को हटाकर राहत प्रदान की है. यह निर्णय न केवल न्यायपालिका में मेरी आस्था को और मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की शक्ति को भी दर्शाता है. मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों का सम्मान करता रहूंगा. जय भीम, जय भारत.

यह मामला न्यायमूर्ति बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि यह शर्त जरूरी नहीं है. हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिसोदिया को नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए. 

वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया. सिसोदिया ने जमानत शर्तों में छूट की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

शीर्ष अदालत ने 9 अगस्त, 2024 को यह देखते हुए कि मुकदमे में देरी और लंबे समय तक कैद में रहने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता के उनके अधिकार पर असर पड़ा, सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत दे दी थी. 

शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय की याचिका खारिज कर दी थी, जिसने सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. जमानत की शर्त के तौर पर सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया था. उन्हें 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली कोचिंग हादसा: आरोपी सीईओ को मिली अंतरिम जमानत पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस


नई दिल्ली:- दिल्ली हाईकोर्ट ने RAU’S IAS स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत मामले में बुधवार को मृतक छात्र के पिता दलवीन सुरेश की याचिका पर नोटिस जारी किया. 

उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा कोचिंग के सीईओ अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिका हादसे में मृत छात्र नेविन डेल्विन के पिता डेल्विन सुरेश ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि इस हादसे के आरोपियों और कोचिंग के सीईओ अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को ट्रायल कोर्ट ने 23 सितंबर को अंतरिम जमानत दी थी. 

हाल ही में कोर्ट ने अंतरिम जमानत को बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 तक कर दिया. इसके पहले हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को आरोपियों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह को जमानत दी थी. उसके पहले इस मामले में एक आरोपी और थार चालक मनुज कथूरिया को तीस हजारी कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जमानत दी थी.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया. दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAU’s IAS स्टडी सर्कल के चारों सह मालिकों और थार चालक को गिरफ्तार किया था. 

28 जुलाई को कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार गया था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

जानिए 5 पॉइंट में राजेंद्र नगर हादसे की वजह:

27 जुलाई की रात को बिल्डिंग में पावर कट के कारण बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी का बायोमेट्रिक गेट जाम हो गया था. जिसकी वजह से छात्र अंधेरे में लाइब्रेरी के अंदर फंस गए थे.

गेट बंद होने के कारण पानी शुरुआत में बेसमेंट में नहीं घुसा था, लेकिन कुछ मिनट बाद ही पानी का प्रेशर तेज हुआ और बेसमेंट में पानी भरने लगा था.

बेसमेंट में पानी का बहाव इतना तेज था कि छात्रों को बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था.

चश्मदीद ने बताया था कि कुछ सेकेंड में बेसमेंट में घुटनों तक पानी भर गया था. स्टूडेंट बेंच पर खड़े हो गए थे, लेकिन महज 2-3 मिनट में पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया था.

छात्रों को बचाने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी गंदा था, इसलिए रेस्क्यू में दिक्कतें हुई. देर रात 3 छात्रों के शव मिले थे. वहीं, 14 छात्रों को रस्सियों के सहारे निकाला गया था.

दिल्ली कोचिंग हादसे में अब तक क्या हुआ: दिल्ली कोचिंग हादसे में अब तक 75 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा जा चुका है. वहीं, 35 कोचिंग संस्थानों को बंद किया गया है, जबकि 25 संस्थानों को सील किया गया है.

बता दें कि RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है. इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन स्टूडेंट फंस गए थे और उनकी मौत हो गई थी।

दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए एलजी का बड़ा आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र लिखा. उन्होंने आदेश दिए हैं कि स्पेशल ड्राइव चलाकर दो महीने में अवैध बांग्लादेशियों पर कारवाई की जाए.

दरअसल, बीते कुछ दिनों से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे हैं बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं को लेकर बड़ा मुद्दा बना हुआ है. दिल्ली में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है. 

वहीं, बीजेपी का कहना है कि कानून व्यवस्था खराब करने में इन घुसपैठियों की अहम भूमिका है. दिल्ली सरकार इन्हें सभी सुविधाएं दे रही है जिस वजह से यह कहीं नहीं जा रहे. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले रोहिंग्या प्रवासियों को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. 

अब दिल्ली एलजी ने पुलिस कमिश्नर को सभी जिले में विशेष अभियान चला कर अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दो महीने की मोहलत दी गई है।

AAP पर संविधान उल्लंघन का आरोप: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी को पिछले माह पत्र लिखकर रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा शहर के फुटपाथों और सड़कों पर किए अवैध निर्माण पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें तुरंत हटाने की मांग की थी.

आतिशी को लिखे पत्र में कहा था कि आम आदमी पार्टी द्वारा रोहिंग्या प्रवासियों की अवैध बसावट में उन्हें सहायता देने से न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के नागरिकों के बीच गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई है. आप पर आरोप लगाया गया कि रोहिंग्या प्रवासियों को अपना संरक्षण देकर इस तरह के अवैध कामों के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर लोकतंत्र की अखंडता को खतरे में डाल रही है.

AAP कर रही देश के साथ विश्वासघात: पत्र में यह भी लिखा गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अपनी प्रशासनिक निगरानी में रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों और पार्कों पर अतिक्रमण की घटनाएं वास्तव में देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती है. इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि इन अवैध प्रवासियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर कार्ड तक जारी किए जा रहे हैं. 

आम आदमी पार्टी द्वारा इनकी उपस्थिति को जायज ठहराना और उन्हें भारतीय नागरिकों के लिए बने लोकतांत्रिक अधिकार प्रदान करना देश के साथ विश्वासघात है. रोहिंग्या प्रवासियों की इन अवैध हरकतों के मुद्दे पर आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार चुप क्यों है? उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर एक विशेष वोट बैंक को खुश करने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत राजनीतिक चाल चल रही है? अवैध प्रवासियों को वोटर आईडी प्रदान करना केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, यह हमारी चुनाव प्रणाली की पवित्रता पर सीधा हमला भी है।

कोविड वैक्सीनेशन पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का बड़ा बयान,वैक्सीनेशन से बची लोगों की जान: केंद्र


नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कोविड-19 एक भयंकर आपदा थी और वैक्सीनेशन से लोगों की जान बची है। यह जवाब तब दाखिल किया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीन की वजह से दो महिलाओं की मौत से जुड़ी एक याचिका दाखिल की गई थी।

इस केस की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि कोविड महामारी एक ऐसी आपदा थी, जो आज से पहले कभी नहीं देखी गई।

माता-पिता ने लगाई है याचिका

इस पर याचिकाकर्ता के वकील कोलिन गोंसाल्विस ने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। हमें इस पर असहमति भी नहीं है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दो महिलाओं के माता-पिता ने याचिका दाखिल की है।उनका आरोप है कि कोविशील्ड के पहले डोज के बाद महिलाओं में गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिले।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम अदालत ने पहले ही कोविड वैक्सीनेशन पर गहन चर्चा की थी और एईएफआई को लेकर आदेश पारित किया था।

'कोविड एक आपदा'

भाटी ने कहा, 'यह संतुलन का मामला है। कोविड एक आपदा थी। वैक्सीनेशन से महामारी के दौरान लोगों की जान बची है। हमारे पास एक नियामक तंत्र है।' इस पर बेंच ने कहा कि अदालत ने याचिका पर ध्यान दिया है, हमें तय करना ही होगा।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र को अगस्त 2022 में ही नोटिस जारी किया था और सरकार का हलफनामा रिकॉर्ड पर है। हालांकि गोंसाल्विस ने ध्यान दिलाया कि मामले को विस्तृत रूप में देखने की जरूरत है।

वकील ने कहा कि 2021 में कोविशील्ड को यूरोपियन देशों ने खतरनाक बताते हुए बंद कर दिया था। अदालत ने उनसे अपने एप्लीकेशन की कॉपी सॉलिसिटर जनरल को उपलब्ध कराने को कहा।

चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा

अदालत ने भाटी से कहा, 'हम आपको एप्लीकेशन पर जवाब देने के लिए समय का समय दे रहे हैं। इसके बाद हम पूरे मामले को देखेंगे।' अदालत ने केंद्र को एप्लीकेशन पर जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है।

29 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए इस दलील पर गौर किया था कि 18 वर्षीय एक लड़की को 29 मई 2021 को कोविशील्ड की पहली डोज दी गई थी और 19 जून 2021 को उसकी मौत हो गई है।

एक अन्य याचिकाकर्ता ने भी दलील दी थी कि उसकी 20 वर्षीय बेटी को भी जून 2021 में कोविशील्ड की पहली डोज दी गई थी और अगले महीने उसकी मौत हो गई है।

याचिका में जांच की मांग

अदालत ने कहा था, 'यह दलील दी गई है कि लड़कियों में वैक्सीनेशन के बाद गंभीर साइड इफेक्ट को मिले याचिकाकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों को भी लिखा था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।

याचिका में मांग की गई है कि लड़कियों की मौत मामले में जांच के लिए सरकार से स्वतंत्र एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और इसकी रिपोर्ट तय समयसीमा के भीतर साझा की जाए।

दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए एलजी का बड़ा आदेश


नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र लिखा. उन्होंने आदेश दिए हैं कि स्पेशल ड्राइव चलाकर दो महीने में अवैध बांग्लादेशियों पर कारवाई की जाए.

दरअसल, बीते कुछ दिनों से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे हैं बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं को लेकर बड़ा मुद्दा बना हुआ है. दिल्ली में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है. 

वहीं, बीजेपी का कहना है कि कानून व्यवस्था खराब करने में इन घुसपैठियों की अहम भूमिका है. दिल्ली सरकार इन्हें सभी सुविधाएं दे रही है जिस वजह से यह कहीं नहीं जा रहे. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले रोहिंग्या प्रवासियों को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. 

अब दिल्ली एलजी ने पुलिस कमिश्नर को सभी जिले में विशेष अभियान चला कर अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दो महीने की मोहलत दी गई है।

AAP पर संविधान उल्लंघन का आरोप: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी को पिछले माह पत्र लिखकर रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा शहर के फुटपाथों और सड़कों पर किए अवैध निर्माण पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें तुरंत हटाने की मांग की थी.

आतिशी को लिखे पत्र में कहा था कि आम आदमी पार्टी द्वारा रोहिंग्या प्रवासियों की अवैध बसावट में उन्हें सहायता देने से न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के नागरिकों के बीच गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई है. आप पर आरोप लगाया गया कि रोहिंग्या प्रवासियों को अपना संरक्षण देकर इस तरह के अवैध कामों के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर लोकतंत्र की अखंडता को खतरे में डाल रही है.

AAP कर रही देश के साथ विश्वासघात: पत्र में यह भी लिखा गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अपनी प्रशासनिक निगरानी में रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों और पार्कों पर अतिक्रमण की घटनाएं वास्तव में देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती है. इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि इन अवैध प्रवासियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर कार्ड तक जारी किए जा रहे हैं. 

आम आदमी पार्टी द्वारा इनकी उपस्थिति को जायज ठहराना और उन्हें भारतीय नागरिकों के लिए बने लोकतांत्रिक अधिकार प्रदान करना देश के साथ विश्वासघात है. रोहिंग्या प्रवासियों की इन अवैध हरकतों के मुद्दे पर आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार चुप क्यों है? उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर एक विशेष वोट बैंक को खुश करने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत राजनीतिक चाल चल रही है? अवैध प्रवासियों को वोटर आईडी प्रदान करना केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, यह हमारी चुनाव प्रणाली की पवित्रता पर सीधा हमला भी है।

एक देश एक चुनाव: भारत की नई दिशा,चुनाव सुधार की ओर बड़ा कदम!

नयी दिल्ली : वन नेशन-वन इलेक्शन बिल होगा संसद में पेश! शीतकालीन सत्र में ही ला सकती है केंद्र सरकार "एक देश एक चुनाव" को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए कम से कम छह विधेयक लाने होंगे और सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी.

सरकार एक देश एक चुनाव के लिए तैयार है और संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश कर सकती है. कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे दी है. 

सूत्रों ने बताया कि सरकार अब विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है और इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है.

रिपोर्ट में बताया है कि जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया में अन्य हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा. देश भर के बुद्धिजीवियों के साथ-साथ सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों को भी बुलाया जा सकता है. आम लोगों की राय भी ली जाएगी. 

सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में सरकार लोगों को इसमें शामिल करना चाहती है और इसे हासिल करने के तरीकों और साधनों पर बाद में चर्चा की जा सकती है. 

संसद से कैसे पास होगा एक देश एक चुनाव विधेयक

आम सहमति के अभाव में वर्तमान प्रणाली को बदलना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होगा. एक देश एक चुनाव स्कीम को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए कम से कम छह विधेयक लाने होंगे और सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी. हालांकि एनडीए के पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है, फिर भी किसी भी सदन में दो-तिहाई बहुमत हासिल करना एक कठिन काम हो सकता है।

संसद में किसके पास बहुमत?

राज्यसभा की 245 सीटों में से एनडीए के पास 112 और विपक्षी दलों के पास 85 सीटें हैं. दो तिहाई बहुमत के लिए सरकार को कम से कम 164 वोटों की जरूरत है. लोकसभा में भी एनडीए के पास 545 में से 292 सीटें हैं. दो तिहाई बहुमत का आंकड़ा 364 है लेकिन स्थिति परिवर्तनशील हो सकती है, क्योंकि बहुमत की गणना केवल उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के आधार पर की जाएगी.

सरकार कुछ समय से एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है, उसका तर्क है कि मौजूदा प्रणाली समय, धन और प्रयास की बर्बादी है. इसके अलावा चुनाव से पहले घोषित आदर्श आचार संहिता का सवाल भी है, जो विकास के काम काज पर ब्रेक लगाती है. 

कोविंद रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि सरकार को द्विदलीय समर्थन और देशव्यापी आख्यान तैयार करना चाहिए. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि "एक राष्ट्र एक चुनाव" का क्रियान्वयन 2029 के बाद ही हो सकता है.

नहाने का टेंशन खत्म! जापानी मशीन से 15 मिनट में साफ होगी बॉडी


नयी दिल्ली : आमतौर पर आप सबने अब तक कपड़े धोने मशीनों को देखा होगा, जिसमें सिर्फ कपड़े डालने होते है और महज कुछ मिनटों में वह साफ हो जाते हैं. लेकिन जैसे-जैसे दुनिया तरक्की कर रही है, वैसे-वैसे साइंस द्वारा बनाई गई नई चीजें दुनियाभर में लॉन्च हो रही है.इस बार साइंस ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है, जिसमें 15 से 20 मिनट के अंदर इंसान भी धुल सकते हैं।

जापान के इंजीनियरों ने कर दिखाया कमाल

दरअसल, जापान के इंजीनियरों ने नई और अनोखी इंसानों की धुलाई करने वाली मशीन बनाई है. उन्होंने इसे मिराई निन्जेन सेंटाकुकी नाम दिया है. बताया जा रहा है कि यह मशीन एआई (AI) की मदद से पहले लोगों के शरीर का विश्लेषण करेगी और फिर उनकी जरूरत के मुताबिक शरीर को साफ करेगी.

सिर्फ 15 मिनट में साफ हो जाएगी बॉडी

इस मशीन का आविष्कार ओसका स्थित शावरहेड कंपनी साइंस को ने किया है. कंपनी का दावा है कि यह वॉशिंग मशीन केवल 15 मिनट के अंदर एक व्यक्ति को पूरी तरह साफ करने की क्षमता रखती है. भविष्य की यह मशीन बहुत जल्द ओसाका कंसाई एक्सपो में प्रदर्शित की जाएगी, जहां इस मशीन को 1000 से ज्यादा लोग इसे आजमाएंगे.

कैसे काम करेगी यह मशीन?

इस मशीन में आपको पारदर्शी पॉड में बैठना होगा, जिसमें पहले तो वहां आधा गर्म पानी से भर जाएगा. फिर बाद में पानी के जेट्स से हवा से बनने वालें छोटे-छोटे बुलबुले बनने शुरू हो जाएगे. ये बुलबुले एक छोटी लेकिन शक्तिशाली दबाव तरंग बनाते हैं, जो त्वचा से गंदगी को हटा देगी. जिस कुर्सी में आप मशीन के अंदर बैठे होगें, उसमें मौजूद इलेक्ट्रोड आपकी जैविक जानकारी निकालता रहेगा. इससे वह यह सुनिश्चित कर सकेगा कि आपके शरीर के हिसाब से उचित तापमान से धुलाई हो रही है कि नहीं.

पहले भी बन चुकी है ऐसी मशीन

मानव धुलाई करने वाली यह मशीन का साल 1970 में पहली बार निर्माण हुआ था. जिसको सैन्यो इलेक्ट्रिक कंपनी (आज के वक्त की पैनासोनिक होल्डिंग्स कॉर्पपेशन) ने किया था. 

उस दौर में इस मशीन में माइक्रो-बबल्सऔर गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें प्सास्टिक की मसाज बॉल्स भी मौजूद थी. हालांकि, इस मशीन को कभी व्यावसायिक रूप से जारी नहीं कियी गया था. लेकिन विश्व एक्सपो में लोगों को यह मशीन बहुत पसंद आई थी।

IRCTC वेबसाइट ठप,टिकट बुकिंग पर असर


नयी दिल्ली : IRCTC की वेबसाइट ठप हो गई है. इसके चलते रेल टिकटों की बुकिंग नहीं हो पा रही है. इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.

सबसे बड़ी बात तो यह है कि तत्काल टिकट बुकिंग के समय ही IRCTC की साइट ठप पड़ गई.

IRCTC ने बयान जारी कर कहा साइट पर मेंटेनेंस का काम चल रहा है इसलिए अगले 1 घंटे तक कोई बुकिंग नहीं होगी.

आज का इतिहास:1946 में आज ही के दिन नई दिल्ली के कांस्टीट्यूनल हॉल में हुई थी संविधान सभा की पहली बैठक


नयी दिल्ली : 9 दिसंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1946 में आज ही के दिन नई दिल्ली के कांस्टीट्यूनल हॉल में संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। 

1992 में 9 दिसंबर के दिन ही प्रिंस चार्ल्सऔर प्रिंसेस डायना ने अलग होने के लिए अनाउंसमेंट कर दिया था।

2008 में आज ही के दिन इसरो ने यूरोप के प्रसिद्ध उपग्रह प्रणाली विशेषज्ञ ईएडीएम एस्ट्रीयस के लिए सेटेलाइट का निर्माण किया था।

2001 में 9 दिसंबर के दिन ही यूनाइटेड नेशनलपार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।

1998 में आज ही के दिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्लेयर शेन वार्न और मार्क वॉ ने भारतीय सट्टेबाज़ से 1994 में श्रीलंका दौरे पर रिश्वत लेने की बात स्वीकारी थी।

1992 में 9 दिसंबर के दिन ही प्रिंस चार्ल्स और प्रिंसेस डायना ने अलग होने की औपचारिक रूप से घोषणा की थी।

1971 में आज ही के दिन लिबरेशन वॉर के दौरान भारतीय सेना ने हवाई अभियान मेघना हेली ब्रिज छेड़ा था।

1946 में 9 दिसंबर के दिन ही संविधान सभा की पहली बैठक नई दिल्ली के कांस्टीट्यूनल हॉल में हुई थी।

1941 में आज ही के दिन चीन ने जापान, जर्मनी और इटली के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी।

1931 में 9 दिसंबर के दिन ही जापानी सेना ने चीन के जेहोलप्रांत पर हमला किया था।

1917 में आज ही के दिन जनरल अलेनबाय के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने यरुशलम पर कब्जा किया था।

1910 में 9 दिसंबर के दिन ही फ्रांसीसी सेनाओं ने मोरक्को के बंदरगाह शहर अगादीर पर कब्जा किया था।

1762 में आज ही के दिन ब्रिटिश संसद ने पेरिस संधि को स्वीकार किया था।

1758 में 9 दिसंबर को ही भारत में मदरास का तेरह महीनों तक चलने वाला युद्ध शुरू हुआ था। 

9 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1972 में आज ही के दिन फ्रांस के टेनिस खिलाड़ी फेब्रिस सांतारो का जन्म हुआ था।

1946 में 9 दिसंबर के दिन ही प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी का जन्म हुआ था।

1945 में आज ही के दिन हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म हुआ था।

1929 में 9 दिसंबर के दिन ही हिंदी के साहित्यकार व पत्रकार रघुवीर सहाय का जन्म हुआ था।

1922 में आज ही के दिन अमेरिकी हास्य अभिनेता रेड फॉक्स्स का जन्म हुआ था।

1913 में 9 दिसंबर के दिन ही भारत की प्रथम महिला फ़ोटो पत्रकार होमी व्यारावाला का जन्म हुआ था।

9 दिसंबर को हुए निधन

2007 में आज ही के दिन प्रगतिशील काव्यधारा के प्रसिद्ध कवि त्रिलोचन शास्त्री का निधन हुआ था।

1997 में 9 दिसंबर को ही कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार के शिवराम कारंत का निधन हुआ था।

1761 में आज ही के दिन हंबीरराव मोहिते की बेटी ताराबाई का निधन हुआ था।

कुरुक्षेत्र जिले में एक ही परिवार के चार लोगों की गई निर्मम हत्या, खून से लथपथ मिले शव,13 साल के बच्चे की हालत गंभीर

कुरुक्षेत्र: जिले में शाहाबाद कस्बे में एक ही परिवार के चार लोगों की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई. वहीं, एक 13 साल के बच्चे की हालत गंभीर है. उसका इलाज जारी है. इधर, घटना की सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने मौके से शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. मौके पर एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया. फिलहाल टीम जांच में जुटी हुई है.

एक ही परिवार के चार सदस्य की हत्या: दरअसल, ये पूरी वारदात कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे के यारा गांव की है. शनिवार रात यहां एक ही परिवारके चार लोगों की हत्या कर दी गई. रविवार सुबह जब परिवार के अन्य सदस्य ने घर का दरवाजा खटखटाया तो कोई नहीं निकला. इस पर जब परिवारवालों को संदेह हुआ तो उन्होंने घर के अंदर जाकर देखा. घर के अंदर का नजारा देख सबकी रूह कांप गई.

13 के लड़के की हालत गंभीर: घर में घर का मुखिया नैब सिंह की गला रेतकर हत्या कर दी गई. उसकी पत्नी भी मृत पाई गई. उसके दो बेटे और एक बेटी खून से लथपथ पड़े थे. परिवारवारों ने पुलिस को घटना की सूचना दी. इस बीच तीनों बच्चों को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में डॉक्टर ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया. हालांकि एक 13 साल के बच्चे का इलाज जारी है. हालांकि उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

घर के अंदर जाकर देखा तो नैब सिंह और उसकी पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि उसके तीनों बच्चे गंभीर पड़े हुए थे. सभी को इलाज के लिए भेजा गया. दो की मौत हो गई, एक 13 साल का केशव गंभीर है. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. मेरे भाई की और उसके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. -मांगेराम, मृतक के चचेरे भाई

घटना की सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में ले लिया. परिवार के तीन बच्चों को अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया. इलाज के दौरान दो बच्चों की मौत हो गई. एक की हालत गंभीर बनी हुई है. मृत पति के गले पर निशान है. हालांकि पत्नी के गले पर कोई निशान नहीं है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि हत्या कैसे हुई और किसने की? घर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन उसका पासवर्ड किसी को मालूम नहीं है. पासवर्ड पता करने के बाद कैमरे की चेकिंग की जाएगी. -सतीश, थाना प्रभारी, शाहाबाद थाना

हत्या के कारण का नहीं चल पाया कोई पता: फिलहाल पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. मौके पर एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया. फिलहाल टीम जांच में जुटी हुई है. बताया जा रहा है कि मृतक शाहाबाद कोर्ट में प्यादे के तौर पर काम कर रहा था. उसकी और उसके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि हत्या क्यों और किसने की है? पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।