थानागद्दी में सिर कूंची मिली लाश हड़कंप,नृशंस हत्या से इलाके में दहशत
जौनपुर। थानागद्दी चौकी क्षेत्र अंतर्गत बुधवार की सुबह अधेड़ की लाश मिलने से हड़कंप मच गया,सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।मालूम हो कि थानागद्दी बाजार निवासी असलम पुत्र अलाउद्दीन दो दिन से लापता था,घर वाले ढूंढ रहे थे कि बुधवार की सुबह अज्ञात लाश मिलने की सूचना मिली, प्रत्यक्ष दर्शियों ने सूचना अलाउद्दीन को दी। मौके पर पहुंचे परिवार ने शव को शिनाख्त असलम के रूप में की। असलम का चेहरे व शरीर पर चोट के कई निशान थे जिसे देखकर लग रहा था। क्रूरता की हदें पार करते हुए असलम को मृत्यु के घाट उतारा गया है। मामले में क्षेत्राधिकारी ने बताया कि परिजनों से तहरीर प्राप्त कर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया हैं।
लापरवाह दरोगा के चलते,क्षेत्र में अपराध बेकाबू
थानागद्दी चौकी इंचार्ज विद्यासागर सिंह अपनी लचर कार्यशैली की वजह से चर्चा में बने रहते हैं,दरोगा का गाली व पैसे मांगने का ऑडियो भी वायरल हुआ। लेकिन ऊंची पैठ के चलते कुर्सी बच गई। दरोगा का सोशल मीडिया पर सम्मान ग्रहण करते समय फोटो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हैं। जिसपर लिखा हैं कि दरोगा विद्यासागर सिंह उत्तर प्रदेश लोक सेवक आचरण अधिनियम 1956 के नियम 5 की धज्जी उड़ा रहे हैं। दरोगा निजी व राजनीतिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर शासन व नियम को पंगु कर रहे हैं। बल्कि अन्य नियमों को भी तार- तार करते रहते हैं।
दरोगा विद्यासागर के पंद्रह दिन की कार्यशैली
25 नवंबर को दरोगा विद्यासागर पर आरोप लगाते हुए पिपरसाथ के विशाल ने हलधरपुर थाने पर तहरीर दी कि नशे में धुत होकर दो अंगूठी, व सोने की चैन को छिन लिया.हालांकि स्थानीय पुलिस की कृपा से दरोगा बच गए। 9 दिसंबर की रात में बमबावन के किसान जनार्दन की भैंस चोर लेके चले,दरोगा ने अभियोग दर्ज नहीं किया,मामला दब गया।
11 दिसंबर को खून से लथपथ अधेड़ की लाश मिली
नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि दरोगा विद्यासागर सिंह पहले सिपाही थे,बड़ी मस्क्कत करके दरोगा बने,फिर मिन्नतों के बाद चौकी का प्रभार मिला। जिसे दरोगा किसी भी तरह से भुनाना चाहते हैं,क्योंकि महज कुछ दिन में रिटायर हो जाएंगे। इसके लिए हर भरशक प्रयास कर रहे हैं,जिससे रुपया बटोरा जा सके। रिटायरमेंट के बाद का जीवन सुगमता पूर्वक चल सके। इसलिए चौकी इंचार्ज लोगों के निजी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए एक निश्चित रकम लेते हैं। जिससे कि उनके अवैध कामों को संरक्षण दे सके। जिसके लिए बकायदा एक कार्यक्रम भी आयोजित करवाते हैं। जिसमें बतौर अतिथि शामिल होते हैं। खाकी में रहने के कारण कोई व्यक्ति उलझना नहीं चाहता। जिससे दरोगा का मनोबल दिनों दिन बढ़ रह रहा हैं। क्षेत्र में एक के बाद एक अपराध भी बढ़ रहे हैं।
Dec 11 2024, 14:08