छत से घर में घुसे चोरों ने नकदी समेत लाखों के गहने चुराए

सिकरीगंज गोरखपुर।थाना क्षेत्र के फरेनियां खुर्द गांव में अज्ञात चोरों ने छत के रास्ते घर में घुस कर बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया। फरेनियां खुर्द गांव के निवासीगिरीराज सिंह बीती रात एक मांगलिक कार्यक्रम में सिकरीगंज गए थे इसी प्रकार उनके पुत्र विभव सिंह लखनऊं एक मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इस दौरान घर में सिर्फ एक अकेली महिला विद्यावती देवी पत्नी गिरीराज सिंह मौजूद थीं। बीती रात अज्ञात चोरों ने घात लगाकर घर में घुस कर 10 हजार रुपए नकद सहित कीमती गहनों और दस्तावेजों से भरा बाॅक्स उठा ले गए। उन्हें जैसे ही घटना की जानकारी हुई तत्काल 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी गई। साथ ही सिकरीगंज थाने में पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई गई है।

बताया गया कि बाॅक्स में सोने का बना कान का टप्स, झाला, 2 अंगूठी एक लाकेट, एक चैन, चांदी की लगभग 300 ग्राम की पाजेब, पायल, रजिस्टर्ड वसीयत के दस्तावेज, पासपोर्ट, सर्टिफिकेट समेत जरूरी कागजात रखे हुए थे,जिसे चोर उठा ले गए। देर शाम मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष सिकरीगंज ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है।

खादी प्रदर्शनी में बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रूपईया के नाटक का मंचन हुआ

गोरखपुर। 15 दिवसीय मण्डल स्तरीय खादी तथा ग्रामोद्योग प्रदर्शनी चम्पा देवी पार्क-गोरखपुर में आयोजित है। प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के अचार मुरब्बा, सीतापुर के दरी, भदोही के कालीन, जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट, उत्तराखण्ड के सदरी जैकेट, भागलपुर बिहार के सिल्क, पटियाला के तिल्ला जुती, कन्नौज के धूप बत्ती, लखनऊ के चिकन इम्ब्राइडरी, राजस्थान (बीकानेर) के पापड़, बड़ी, भुजिया, नमकीन, इटावा के चूर्ण, कानपुर के लेदर, सहारनपुर का फर्नीचर घरेलू वस्तुएं एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद के अतिरिक्त माटीकला के अन्तर्गत उत्पादित वस्तुए व अन्य राज्यों जनपदों से आये हुए उत्पाद रियायती दर पर उपलब्ध है।

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में चौथे दिन मंगलवार को मंडल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में सांस्कृतिक संगम सलेमपुर की ओर से नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के सौजन्य से मानवेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में नाटक बाप बड़ा न भईया सबसे बड़ा रुपया का मंचन चंपा देवी पार्क रामगढ़ ताल गोरखपुर में किया गया। विभिन्न भूमिकाओं में नाटक के कलाकारों ने अपनी उल्लेखनीय भूमिका से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। नाटक के कथानक में धन दौलत के लालच में व्यक्ति मानवीय संवेदना को तार तार करता नजर आता है। जानवरों से भी बद्तर मनोवृति दिनों दिन मनुष्यता की पहचान बनती जा रही है।

गांव के दो जमींदारों की कहानी। जो एक अजनबी लाश को अपने-अपने खेत में होने से इनकार करते हैं। लेकिन जब पता चलता है उस लाश के नाम एक बड़ी धनराशि जुड़ी हुई है। तो इस लाश को महापुरुष की लाश तक कहने से नहीं चूकते हैं। पैसे के लोभी समाज के ऐसे लोग मानवता एवं मनुष्यता की हर सीमा को लांघकर सारे रिश्ते-नाते, मनुष्यता और मानवता को कलंकित कर रहे हैं। आज के वर्तमान सामाजिक स्थिति को देखते हुए नाटक व्यंग के माध्यम से समाज को एक बड़ा मैसेज देता है। इस नाटक में मल्लू नाम का पियक्कड़ जो समाज में बदनाम है। लेकिन उसके अंदर मानवीय गुण आज भी विद्यमान है।

वह चरित्र समाज के लिए आईना है। ऐसे समसामयिक, शिक्षाप्रद विषय से सजा यह नाटक समाज को एक बड़ा संदेश देता है। नाटक में मल्लू शराबी-पारितोष कुमार, जमींदार 1, नवनीत जायसवाल, जमींदार 2, मनीष श्रीवास्तव, अलोपी (लटैत 1), राधेश्याम गुप्ता, रमई (लटैत 2), सनी सिंह, सोनू (ग्रामीण), विजय सिंह, शहरी युवक गोपाल, अनिल गौर, लाश-पंकज कुमार, गंगा राधेश्याम की भूमिका में रहे जबकि मेक अप राधेश्याम का रहा। मंच संचालन नवीन पाण्डेय ने किया। नाटक के समापन पर परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ए0के0 पाल ने कलाकारों को सम्मानित किया और नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के चेयरमैन नवीन पाण्डेय ने आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रदर्शनी में तीन दिनों में 16.50 लाख की बिक्री हो चुकी है।प्रदर्शनी में प्रतिदिन गीत संगीत का कार्यक्रम होता रहेगा। आप लोग इन कलाकारों के कार्यक्रम का लुफ्त उठायें। खादी बोर्ड की तरफ से प्रमोद श्रीवास्तव, मार्कण्डेय सिंह, विजय कुमार, शिवेन्द्र सिंह, आरिफ समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

लड़की को भगाने का वांछित आरोपित भेजा गया जेल

सिकरीगंज गोरखपुर।लड़की को बहला फुसलाकर भगाने वाले वांछित अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बीते 23 जुलाई को लड़की की मां की तहरीर पर सिकरीगंज पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 326/2024 में बीएनएस की धाराओं 137(2),61(2),127(2), 131 में केस दर्ज किया गया था। वांछित आरोपित ऋषिकेश पुत्र सुभाष गौंड़ 19 वर्ष निवासी बारीगांव की तलाश में थी, जिसे थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उसरैन तिराहे से आज दिन में 11 बजे गिरफ्तार किया था। विधिक कार्रवाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

"महिलाओं मे आत्मनिर्भरता से ही एक मजबूत समाज खङा हो सकता है: प्रो पूनम टण्डन, कुलपति

दीनदयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में मिशन शक्ति फेज 5 के तहत कृषि छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। आज 3 दिसंबर को प्रतिभागी छात्राओं के प्रमाण पत्र वितरण के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था।18 नवंबर 2024 को कृषि विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में नांदी फाउंडेशन (महिंद्रा प्राइड क्लासरूम) की तरफ से"महिलाओं के लिए रोजगार कौशल पर 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम" का उद्घाटन किया गया था।

इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्देश्य छात्राओं को व्यापक रूप से प्रशिक्षित करना तथा उनके स्किल को विकसित करना था। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन थीं। उन्होंने कृषि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ भारत मे कल्चरल कम्युनिटी बनाकर छात्रों की ऊर्जा को चैनेलाइज करने का सुझाव दिया। उन्होंने भारत को कृषि प्रधान देश बताते हुए कृषि के छात्रों को फार्म प्रैक्टिस के लिए प्रोत्साहित किया ह्णउन्होंने संस्थान के विकास के साथ-साथ छात्रों के प्लेसमेंट की बातों पर विशेष चर्चा की। उन्होने कहा कि हमे किसी भी प्रकार के वाद मे नही पङना चाहिए लेकिन बराबरी का दर्जा जरूर मिलना चाहिए।

मिशन शक्ति फेस 5 की नोडल अधिकारी प्रोफेसर विनीता पाठक ने मिशन शक्ति फेज 5 के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होने मानसिक स्तर पर नागरिकों को मजबूत तथा जागरूक होने पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों द्वारा महिलाओं की वर्तमान स्थिति तथा उसमें सुधार के सुझाव दिए। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शरद कुमार मिश्र के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने इसके बाद कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के फार्मलैण्ड मे हो रही गतिविधियों को प्रदर्शित करने हेतु, इस वर्ष हुई फॉर्म प्रैक्टिस पर एक वीडियो भी प्रस्तुत की । कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी द्वारा मिशन शक्ति फेस 5 के कार्यक्रम की सराहना करते हुए आने वाले समय में भी ऐसे कार्यक्रमों को करने की बात कही।

हिंदी विभाग के प्रोफेसर तथा एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विमलेश कुमार मिश्र द्वारा कई साहित्यिक कविताओं के माध्यम से स्त्री की वर्तमान स्थिति पर चर्चा एवं उसे स्थिति को सुधारने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में पद्म श्री प्रो रामचेत चौधरी, निदेशक पीआरडीएफ ने भी छात्रों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त मे प्रो चौधरी ने अपने 50 साल की वैज्ञानिक यात्रा का बहुत रोचक वर्णन किया। उनके व्याख्यान से छात्र बहुत उत्साहित रहे। प्रो चौधरी ने कालानमक चावल और सुनहले शकरकंद पर उनकी संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे मे बताया। छात्रों को कृषि अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपनी जिज्ञासा बनाए रखने की बात की। कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्राओं द्वारा पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अनुभवों को भी साझा किया गया। कार्यक्रम में एमएससी एक्सटेंशन के छात्र ऋषिकेश यादव ने भोजपूरी मे महिला शस्त्रीकरण पर गीत सुनाकर सबको मोहित कर लिया तथा बी एस सी कृषि की छात्रा सृष्टि सिंह द्वारा शास्त्रीय नृत्य का प्रस्तुतिकरण सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत किया गया जो की नारी सशक्तिकरण पर आधारित था। सृष्टि सिंह ने मॉ दुर्गा पर आधारित एकल नृत्य प्रस्तुत कर सम्मोहित कर लिया।

कार्यक्रम में पंजीकृत छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के लिए आयोजित कार्यशाला को सफलतापूर्वक सम्पन्न के उपरान्त कुलपति द्वारा प्रमाणपत्र वितरित किए गये।कार्यक्रम का सफल समन्वय डॉक्टर नूपुर सिंह, संचालन डॉक्टर सरोज चौहान तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मोनालिसा साहू ने किया।कार्यक्रम में कृषि एवं प्राकृतिक संस्थान के डॉ मोहम्मद ताल्हा अंसारी डॉक्टर, अनुपम दुबे, डॉक्टर रूद्राजय मिश्रा, डॉक्टर पांडुरंग, तथा अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

जमीनी रंजिश में गोली मारकर हत्या

गोरखपुर कगोरखपुर में जमीनी विवाद में हत्या हो गई। दो पक्षों के बीच कई दिनों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। मंगलवार को विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष ने अपने लाइसेंसी असलहे से दूसरे पक्ष पर फायरिंग कर दी। जिसमें रामधनी निषाद (55) की गोली लगने से मौत हो गई।

घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। घटना गीडा इलाके के अमटौरा गांव की है। सूचना पर पहुंची रामधनी को अस्पताल ले गई। लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार से जो भी तहरीर मिलेगी, उसके आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

एक दिन पहले भी हुआ था विवाद

दरअसल, गीडा इलाके के अमटौरा गांव के रहन पटेश्वरी सिंह और रामधनी निषाद में जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। आसपास के लोगों के मुताबिक, सोमवार की रात भी दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ था। इस दौरान रामधनी ने पटेश्वरी सिंह की पत्नी पर डंडे से हमला कर दिया था। जिसमें महिला घायल हुई थीं।

पुलिस ने करा दिया था समझौता

ग्रामीणों का कहना है कि मामला पुलिस के पास भी पहुंचा था लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय दोनों पक्षों में समझौता करा दिया। लेकिन, आरोप है कि मंगलवार की दोपहर भी दोनों पक्षों में एक बार फिर विवाद हो गया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि पटेश्वरी सिंह के बेटे टिकलू सिंह ने अपने लाइसेंसी असलहे से फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें रामधनी निषाद को गोली लगी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

गोली मारने के बाद हमलावर मृतक के घर में तोड़फोड़ किए और घर के बाहर छप्पर और अन्य सामान में आग लगा दिए। जिससे पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई। फिलहाल पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी है और मामले की पड़ताल में जुट गई है।

मृतक के बेटे का आरोप-हमलावरों से मिली है पुलिस

घटना के बाद मृतक के बेटे ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि कल विवाद के बाद जब फोन किया गया तो एक घंटे के बाद पुलिस पहुंची थी, फिर भी कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई की गई होती तो आज मेरे पिता की हत्या नहीं होती। बेटे का आरोप है कि गीडा पुलिस हमलावरों से मिली हुई है। सभी वीडियो मौजूद हैं, जो सामने लाया जाएगा।

तहसील मुख्यालय में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया अधिवक्ता दिवस

खजनी गोरखपुर। तहसील परिसर में स्थित बार एसोसिएशन सभागार में अधिवक्ताओं के द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया। इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित अधिवक्ताओं ने अपने पेशे के महत्व और जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा की।

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अधिवक्ता समाजिक न्याय व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।बार के पूर्व अध्यक्ष महेश प्रसाद दूबे ने बताया कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार राज्य के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता दिवस न्याय प्रशासन में कानूनी पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ ही कानून के शासन को बनाए रखने के लिए उनके समर्पण की याद दिलाता है।

अधिवक्ताओं को अपने पेशे के प्रति निष्ठावान और ईमानदार होना चाहिए तथा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करनी चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। मौके पर सभी अधिवक्ताओं ने वादकारियों को सुगम न्याय दिलाने का सामूहिक संकल्प लिया।

इस अवसर पर बार के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह, ईश्वर सिंह, रामवृक्ष यादव, रामप्रीत यादव, यदुवंश लाल, विनोद कुमार पांडेय, के.के. सिंह, अनूप सिंह, कामेश्वर प्रसाद, संजय पांडे, कृष्णानंद शुक्ला, दीपक मिश्र, अच्युतानंद मिश्र, प्रमोद तिवारी सहित बार के सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।

ज्ञान नगरी गोरखपुर की ख्याति में नींव का पत्थर है एमपी शिक्षा परिषद

गोरखपुर, 3 दिसंबर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में आज विकास के पैमाने पर चमक रहे गोरखपुर की पहचान ज्ञान नगरी (नॉलेज सिटी) के रूप में भी है। 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर इस ज्ञान नगरी की नींव रखी थी योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने। उसकी संरचना को विस्तारित किया वर्तमान पीठाधीश्वर के पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार से राष्ट्रीयता, मूल्यपरकता और स्वावलंबन को मजबूत करने के दादागुरु और अपने गुरुदेव के संकल्पो को विभिन्न प्रकल्पों के विस्तार से पूरा करने का बीड़ा उठा रखा है योगी आदित्यनाथ ने।

ज्ञान के मंदिर के रूप में साकार कर रहा पीठ की तीन पीढ़ियों का संकल्प

गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के सतत संकल्पित प्रयास का सुफल है कि आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की अगुवाई में गोरखपुर ज्ञान नगरी की ख्याति अर्जित कर चुका है।

सर्वविदित है कि गोरखपुर जनपद पूर्वी उत्तर, पश्चिमी बिहार तथा नेपाल की तराई तक करीब पांच करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है। एजुकेशन हब के रूप में विकसित गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद नौ दशक से अधिक समय से प्रकाश स्तम्भ की भूमिका में है। गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने इस स्तम्भ से प्रकाश पुंज का फैलाव निरंतर विस्तारित किया है। महाराणा प्रताप परिषद का प्राथमिक शिक्षा से लेकर निजी विश्वविद्यालय तक हो चुका विस्तार इसकी शैक्षिक सेवा यात्रा का साक्षी है।

उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए तीन क्रियाशील विश्वविद्यालय, आयुष चिकित्सा शिक्षा पद्धति के नियमन के लिए प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स और मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान, आईटीआई, नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज और प्राथमिक से लेकर महाविद्यालयों की फेहरिस्त इतनी लंबी की गिनने वाला थक जाए। किसी भी ज्ञान नगरी की यही तो पहचान होती है। यही पहचान आज गोरखपुर की है। इस पहचान को गढ़ने की शुरुआत नौ दशक पहले ही हो गई थी।

गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के लिए गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने 92 साल पहले महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के रूप में बीजारोपण किया था। वह उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और तदनुक्रम में वर्तमान पीठाधीश्वर एवं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में वटवृक्ष बन चुका है। इस साल एमपी शिक्षा परिषद का 92वां स्थापना वर्ष है और गोरक्षपीठ का यह शैक्षिक प्रकल्प स्थापना के प्रथम वर्ष से ही ज्ञान की मशाल को अहर्निश प्रज्ज्वलित किए हुए है। आयुर्वेद कॉलेज से लेकर मेडिकल कॉलेज को समेटे महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय खुद महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का विस्तृत पड़ाव है तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस अंचल में स्थापित पहले विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में भी इस परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ द्वारा 1932 में बक्शीपुर में किराए के मकान में स्कूल खोलने के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की यात्रा प्रारंभ हुई। 1935 में जूनियर हाईस्कूल की मान्यता मिली और 1936 से हाईस्कूल तक की भी पढ़ाई शुरू हो गई। इस बीच महंत दिग्विजयनाथ के प्रयास से सिविल लाइंस में जमीन मिल गई और यह हाईस्कूल यहां शिफ्ट हो गया। महाराणा प्रताप के नाम शुरू हुआ शैक्षिक जागरण का प्रकल्प इंटर कॉलेज होते हुए 1949-50 तक डिग्री कॉलेज तक पहुंचा। भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के अनुरूप शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध इस संस्था के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ को गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना का भी श्रेय जाता है जिन्होंने 1958 में अपने द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज को विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु समर्पित कर दिया। उनके बाद उनके शिष्य तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने इस शिक्षा परिषद के जरिये ज्ञान के प्रसार का क्रम आगे बढ़ाया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का प्रबंधकीय दायित्व संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इसके ज्ञानदायी कार्यक्षेत्र को कई आयामों से विस्तार दिया है। वर्तमान में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा, अंग्रेजी, संस्कृत, तकनीकी शिक्षा (पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेज), मेडिकल (एमबीबीएस और बीएएमएस) पैरामेडिकल (नर्सिंग) के दर्जनों संस्थान संचालित हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रकल्प है महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय। परिषद द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों का कार्यक्षेत्र गोरखपुर के अलावा महराजगंज, कुशीनगर, देवीपाटन और वाराणसी तक है।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर व्हीलचेयर रेस, ट्राईसाइकिल रेस, लेमन रेस, बैलून रेस आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें सोनू मिश्रा, संजीव कुमार, कृष्णा सिंह, अनुष्का गौड़, आशुतोष सिंह, निष्ठा सिंह तथा वंदना आदि विजेता रही।आज आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में दिव्यांगजनों का उत्साह दर्शनीय था। इस अवसर पर दिव्यांगजनों हेतु ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर जैसे सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने बताया कि एक समता मूलक समाज के निर्माण में सभी का प्रतिभाग होना आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस शायद उसी का प्रतीक है कि हम दिव्यांगजनों को विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। आज के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आरईसी लिमिटेड की निदेशक डॉ दुर्गेश नंदिनी ने कहा कि हम सभी को दिव्यांगजनों के पुनर्वास हेतु अपने हिस्से की भागीदारी का निर्वाह करना चाहिए तथा दिव्यांगजनों को भी अपने को किसी से काम नहीं आंकना चाहिए बल्कि अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक विजय गुप्ता, राजेश कुमार यादव और सुश्री संध्या सिंह सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे। राजेश कुमार ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

मैरेज हॉल के उद्घाटन में सपा के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा,पूर्व एमएलसी ने फीता काट कर किया उद्घाटन

खजनी गोरखपुर। बांसगांव मार्ग पर हरदीडीह चौराहे के निकट सरयां तिवारी गांव में सपा के पूर्व एमएलसी संतोष यादव उर्फ सन्नी भैया एवं वयोवृद्ध हाजी इम्तियाजअली सिद्धिकी ने देव गंगा मैरिज ग्रिन्स मैरिज हॉल का फीता काट कर उद्घाटन किया। पूर्व एमएलसी ने कहा कि यह विशाल मैरेज हॉल स्थानीय लोगों के मांगलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों को यादगार बनाने के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण स्थान होगा। इसका निर्माण स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

आयोजन में क्षेत्रीय समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं और कार्यकतार्ओं का जमावड़ा रहा। जिसमें सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहम्मद फहद महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला अध्यक्ष राहुल यादव पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव, विनय शंकर तिवारी, यशपाल रावत, जिला अध्यक्ष बृजेश कुमार गौतम, पूर्व जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी, जिला सचिव आनंद राय जिला उपाध्यक्ष गिरीश यादव, हरी यादव, रूपावती बेलदार पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजमन यादव युवा नेता अरविंद शुक्ला मनोज यादव मास्टर दुर्गेश आदि का आयोजक सर्वेश राम त्रिपाठी ने आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों में देवेश राम त्रिपाठी,लालमन तिवारी, तरंग यादव, गोरख बेलदार, श्रीप्रकाश मिश्रा, ध्यानचंद चौरसिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान सभी ने आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों को बधाई दी।

नवभारत निर्माण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान संस्कृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गोरखपुर। विश्व दिव्यांग दिवस उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृत संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व नवभारत निर्माण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में नवभारत केंद्र (नार्मल पुलिस चौकी, गोरखपुर ) में आज विश्व दिव्यांग दिवस पर सौ से ज्यादा मूक बधिर बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं (कुर्सी दौड़, बैडमिंटन, चित्रकला ) आयोजित हुई े कार्यक्रम में चित्रकला थकाता एवं विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं कई घंटों तक चली । दोपहर 1 बजे कार्यक्रम के अतिथि कर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करने के पश्चात कार्यक्रम के संचालक सरिता सिंह द्वारा ई अतिथिगण का सम्मान हेतु सशक्त मंच पर आमंत्रित किया गया ।

कार्यक्रम के संरक्षक- नितेश शुक्ला व नवभारत निर्माण ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह समेत अभिषेक तिवारी गोलू, पूजा गुप्ता द्वारा कार्यक्रम के अतिथियों -

०मुख्य अतिथि युवा कल्याण विभाग के उप निदेशक अजय त्रिवेदी

०विशिष्ट अतिथि गोरखपुर के डाइट प्रिंसपल अभिषेक पांडेय

०सुधा मोदी,

०मूक बधिर विद्यालय के प्रिंसिपल श्रवण कुमार संग नीलम कुरि, विनय व अन्य का सम्मान किया गया ।

कृतिका गुप्ता , महेंद्र यादव व अंजली गुप्ता द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया ।

कुर्सी दौड़, बैडमिंटन संग सांस्कृतिक कार्यक्रम के कलाकारों को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि युवा कल्याण विभाग के उप निदेशक अजय त्रिवेदी ने कहा उन्हें इस बात का हर्ष हो रहा की युवा कल्याण विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित विक्रमादित्य इतने कम उम्र में दिव्यांग जनों के नि:श्वार्थ सेवा भाव से लगे हुए हैं ।

उन्होंने कहा की दिव्यांग जनों के अनुकूली खेलों में भाग लेने के लाभ के बारे में बताया की ऐसे खेल दिव्यांग जनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार जिसमें मनोदशा और स्वास्थ्य भी शामिल है लाते हैं , मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में वृद्धि ,अवसाद और चिंता के लक्षणों में कमी व सामाजिक जीवन और पारिवारिक जीवन में सुधार लाते हैं ।