अधिकारियों एंव जनप्रतिनिधियों के लापरवाही से जनता के पैसा कूड़े में हुवे तब्दील, जानें क्या है पुरा मामला
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तिसरी, गिरीडीह
गिरीडीह जिले के तिसरी प्रखंड में इन दिनों जनता का पैसा भरपुर दुरुपयोग किया जा रहा है कहीं सरकारी फंड से शौचालय के भवन बनाए गए हैं तो कहीं अस्पताल लेकिन उसमे जड़ा ताला होने के कारण कर्मियों के मजदूगी नही होने के कारण यह सभी बेकार पड़े हुवे है. ऐसा ही एक मामले की अगर बात करें तो तिसरी चौक के समीप वर्ष 2020 में लोगों के लिए बनाए गए शौचालय भवन अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है.हैरानी की बात यह है कि इस शौचालय के निर्माण के बाद से अब तक कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी इससे देखने आ चूके है लेकिन शौचालय भवन के गेट में जड़े ताले को खुलवाने की किसी ने जहमत नहीं उठाई, जिस कारण यह शौचालय न तो आने जाने वाले राहगीरों के और ना ही स्थानीय दुकानदारों का काम आ रहा है वहीं इसके उलट शौचालय के द्वार के बाहर कूड़े के ढेर लग जाने के कारण और वही लोगों द्वारा पेशाब कर दिए के कारण फैली दुर्गंध से आस पास के लोगों का वहां रहना दूभर होता जा रहा है। आपको बता दे शौचालय को चालु कराने को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने अपना आवाज भी उठाया है और कई बार इसे पेपर और टीवी चैनल के माध्यम से प्रसारित किया गया है जिससे पूर्व में तिसरी प्रखंड मुख्यालय पदस्थापित बीडीओ एवं खोरिमहुआ अनुमंडल में पदस्थापित एसडीएम भी जांच के लिए यहां आए थे, लेकिन अब तक न तो वे शौचालय में लगे ताले को खुलवा सके और न ही उसे लोगों के प्रयोग में लाया जा सका। अब स्थिति यह हो गई है कि उक्त शौचालय का भवन भी जर्जर होता जा रहा है। ऐसे में यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि अगर यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते तो आज न सिर्फ जनता के पैसों की बरबादी होने से बचता बल्कि आने जाने वाले महिलाओं एवं राहगीरों को भी शौच जाने में किसी प्रकार का कोई परेशानी नहीं होता। वही इस मामले को लेकर बीडीओ मनीष कुमार से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें शौचालय बंद होने की कोई जानकारी नहीं है। अब उन्हें जानकारी मिल रही है तो जांच कर शौचालय को चालु करवाने का प्रयास करवाया जायेगा।


बता दें यह कार्रवाई तिसरी के लोकाई नयनपुर थाना प्रभारी अमित कुमार चौधरी के नेतृत्व में किया है। जबकि गिरिडीह उत्पाद विभाग एवं बिहार के नवादा जिले के उत्पाद विभाग की टीम भी संयुक्त रूप से शामिल रही। इस दौरान घने जंगलों को खंगालने के लिए ड्रोन का भी मदद लिया गया है।
तिसरी प्रखंड के खटपोंक पंचायत में माले कार्यकर्ता मदन यादव के नेतृत्व में मंगलवार को भाकपा माले का मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम के दौरान लगभग सैकड़ों लोगों ने अन्य पार्टी को छोड़कर माले का दामन भी थामा। कार्यक्रम के दौरान धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा तिसरी प्रखंड में कोई भी काम बिना पैसा का नही होता है
। सभी कामों को कराने के लिए प्रखंड के पदाधिकारियों को दक्षिणा चढ़ाना पड़ता है। लेकिन अफसोस है कि यहां के विधायक एक बार भी प्रखंड कार्यालय जाकर पदाधिकारियों को फटकार नही लगाते हैं, जिससे प्रखंड कार्यालय में पुरा लूट मची हुई है। इसके अलावा उन्होंने और भी कई मुद्दों प वहर वर्तमान विधायक बाबूलाल मरांडी को घेरा। साथ ही कहा कि यहां के वर्तमान विधायक आज तक क्षेत्र की समस्याओं को विधानसभा में नहीं उठाते हैं।
जिसका इलाज कराने वह किसी के कहने पर लक्ष्मी अस्पताल नामक क्लीनिक आई। जहां पर कान दर्द के इलाज के नाम पर उक्त महिला का खून जांच किया गया और खून जांच के एवज में उससे एक हजार सात सौ रुपया दोहन कर लिया गया और उस महिला को ना तो कोई दवा व सूई दिया गया और ना ही जांच रिपोर्ट ही दिया गया। इसी तरह का एक मामला और प्रकाश में आया है। तिसरी के भुराय गांव के विरेंद्र कुमार के 11 वर्षीय पुत्र को बुखार लगा था। विरेंद्र की पत्नी शांति देवी अपने बच्चे का इलाज कराने तिसरी के लक्ष्मी अस्पताल लाई थी। जहां पर उनके बच्चे को तीन दिनों के लिए भर्ती कर लिया गया और उससे दवा, सुई एवं बेड चार्ज के नाम पर 16 हजार रुपया ले लिया गया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त अस्पताल में मामूली से लेकर गंभीर बीमारियों का भी इलाज किया जा रहा है। साथ ही गर्भपात भी कराया जाता है। इतना ही नहीं अगर अस्पताल में अगर किसी बीमारी का इलाज नहीं हो पाता है तो अस्पताल के कर्मी उक्त मरीज को दूसरे क्लिनिक में रेफर करते हैं, जहां उनका कमीशन भी बंधा होता है। वहीं अगर बात करें क्लिनिक की रजिस्ट्रेशन की तो संचालक का कहना है कि क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन किया गया है। किंतु उक्त क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन है तो किन शर्तों के साथ रजिस्ट्रेशन है और गंभीर बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर फर्जी और नौसीखिए है या ट्रेंड और डिग्री धारक यह जांच का विषय है।
Dec 02 2024, 18:01
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