छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस : सर्वसमाज के बीच गूँजा छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का मुद्दा…विधानसभा मार्च की बनी रणनीति
रायपुर-   छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर ‘मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी’ की ओर से सर्मसमाज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का मुद्दा जोर-शोर से उठा था. साहित्यकारों ने बताया कि 2000 में मध्यप्रदेश से पृथक होने के बाद जब छत्तीसगढ़ नया राज्य बना, तो उसका आधार छत्तीसगढ़ीभाषी क्षेत्र होना था, लेकिन राज्य निर्माण के बाद से ही छत्तीसगढ़ी के साथ छल शुरू हो गया है. साजिश के तहत छत्तीसगढ़ को ‘ख’ वर्ग की जगह से ‘क’ वर्ग में शामिल करा दिया गया था. इसी का नुकसान आज 3 करोड़ छत्तीसगढ़ीभाषी लोगों को उठाना पड़ रहा है. सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य के मुद्दे पर सर्वसमाज के साथ विधानसभा मार्च की रणनीति भी बनी. सम्मेलन में पहुना के रूप में विधायक चातूरी नंद सहित साहू, कुर्मी, यादव, पनिका, सेन, ठाकुर, ब्राम्हण, निषाद, चौहान आदि कई छत्तीसगढ़िया समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. इसके साथ ही बड़ी संख्या में कवि, गीतकार, साहित्यकार, पत्रकार और कलाकार जगत के लोग भी मौजूद रहे.

विधानसभा म उठावत रइहूँ मुद्दा- चातूरी नंद

विधायक चातूरी नंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा और रोजगार से संबंधित हर मुद्दे को विधानसभा में मैं प्रमुखता से उठाती रहूँगी. सदन के अंदर और बाहर कहीं महतारीभाषा के लिए मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ. छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग शामिल कराने के अभियान में मैं हर मोर्चे पर शामिल हूँ.

पाछू के गलती सुधारे काम साय सरकार ल करना चाही- नंदकिशोर शुक्ल

छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संरक्षक और संघ के पूर्व प्रचारक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि 2003 के समय में जो गलती पूर्व की सरकार से हुई है अब उसे सुधारने का काम साय सरकार को करनी चाहिए. क्योंकि महतारीभाषा में पढ़ाई-लिखाई की गारंटी मोदी सरकार की है. इस गारंटी को साय सरकार पहली प्राथमिकता में पूरी करनी चाहिए. लेकिन इसके साथ-साथ साय सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर तत्काल केंद्र सरकार भेज देनी चाहिए.

वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से सक्षम- डॉ. सुधीर शर्मा

साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से वैज्ञानिक भाषा है. छत्तीसगढ़ को चाहे ख वर्ग में शामिल करने की बात हो या आठवीं अनुसूची में तकनीकी रूप से पूरी तरह से छत्तीसगढ़ी सक्षम भाषा है. छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हिन्दी के व्याकरण से 30 साल पूर्व प्रकाशित हो गया था. छत्तीसगढ़ी के पास समृद्ध साहित्य भंडार और 40 से अधिक शब्दकोश है.

महतारीभासा बर परान दे ल परही त देबो- लता राठौर

सम्मेलन की आयोजक साहित्यकार लता राठौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की अस्मिता से बढ़कर कुछ नहीं है. छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राथमिक शिक्षा बच्चों को मिलना चाहिए. इस मांग को हम कई संगठनों के साथ आंदोलन कर रहे हैं, अभियान चला रहे हैं, जनगारण कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी राज्य की न सिर्फ महतारी भाषा है, बल्कि राजभाषा भी है. हमारी पहचान हमारी भाषा से हैं. ऐसे में अगर इसके लिए हमें जान भी देनी पड़ी तो हम सब आंदोलकारी देने के लिए तैयार हैं.

बेरा हे सर्वसमाज ल एकजुट होय के- अमित बघेल

छत्तीसगढ़ीभाषी आंदोलनकारी अमित बघेल ने कहा कि महतारीभाषा को लेकर सर्वसमाज को एकजुट करना जरूरी है. इसके लिए सभी छत्तीसगढ़िया समाज के बीच हमें जाकर काम करना है, रणनीति बनानी है.

लड़ाई जारी हे, जारी रखबो- जागेश्वर प्रसाद

वरिष्ठ साहित्यकार जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर लड़ाई कई दशकों से जारी है. इसी लड़ाई का परिणाम है कि 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में गठित हुआ, 2007 में राजभाषा बना और आज जन-जन के बीच में सबसे बड़ा मुद्दा और अभियान है.

समाज के बीच सतत्-सतत् जागरणन जरूरी- आशीष तिवारी

समाजसेवी आशीष तिवारी ने कहा कि महतारीभाषा का मुद्दा हर छत्तीसगढ़िया का मुद्दा होना चाहिए. इसके लिए समाज के बीच सतत्-सतत् जागरण जरूरी है. हम सभी को मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाना जरूरी है.

सम्मेलन कई समाज के पदाधिकारियों, पत्रकारों ने भी सम्बोधित किया. सम्मेलन का संचालन डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने और आभार संजीव साहू ने किया.

छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।

मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री की पहल पर तिलहन फसलों के बीज उत्पादन और वितरण पर अनुदान राशि प्रति क्विंटल 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने की स्वीकृति

रायपुर-   कृषक समग्र विकास योजना के तहत अक्ती बीज संवर्धन योजना के अंतर्गत तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर अनुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर तिलहनी फसलों के लिए बीज उत्पादन और वितरण अनुदान को प्रति क्विंटल 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से तिलहन उत्पादक किसानों को लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि अक्ती बीज संवर्धन योजना की शुरुआत से अब तक बीज उत्पादन और वितरण अनुदान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। अब तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर प्रति क्विंटल 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा, जो किसानों को बीज की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा है। इस वृद्धि से किसान तिलहन फसलों की कृषि के लिए प्रोत्साहित होंगे और तिलहन की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। इस पहल से तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार से मिली बड़ी सौगात, 147.66 करोड़ रूपए की मिली स्वीकृति,मुख्यमंत्री के प्रयासों को मिला मजबूत आधार

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को केंद्र सरकार से एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार ने स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2024-25 के तहत राज्य की दो महत्वपूर्ण पर्यटन परियोजनाओं के लिए 147.66 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। इसके अंतर्गत 95.79 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण तथा 51.87 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में जनजातीय और सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण शामिल है। छत्तीसगढ़ में इन परियोजनाओं के शुरू होने से राज्य में पर्यटन ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। ये योजनाएं रोजगार सृजन, विकास और छत्तीसगढ़ को पर्यटन के वैश्विक मानचित्र में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से 15 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में मुलाकात कर छत्तीसगढ़ की पर्यटन गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट योजना के तहत राजधानी रायपुर में फिल्म सिटी, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसॉर्ट और नेचर सिटी के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे जिसके परिप्रेक्ष में फिल्म सिटी और कन्वेंशन सेंटर निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 147.66 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

पर्यटन मंत्रालय,भारत सरकार के इस ठोस कदम से छत्तीसगढ़ में फिल्म मेकिंग और फिल्म टूरिज्म के लिए फिल्म सिटी निर्माण के माध्यम से अपार संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। यह सफलता छत्तीसगढ़ के पर्यटन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और राज्य को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में नए अवसर खोल रही है।

सरगुजा यूनिवर्सिटी का कारनामा : कोरोना काल में हुआ ऑनलाइन एग्जाम, यूनिवर्सिटी ने खरीदी लाखों की उत्तरपुस्तिका, कुलपति बोले –

सरगुजा-    संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी सरगुजा का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है. यूनिवर्सिटी ने कोरोना काल के समय जब ऑनलाइन एग्जाम हो रहे थे तब 5 लाख रुपए की उत्तरपुस्तिका और 17 लाख रुपए की पूरक उत्तर पुस्तिका खरीदी है. इस मामले में यूनिवर्सिटी के कुलपति ने जांच टीम का गठन किया है.

दरअसल कोरोना काल के समय सभी स्कूलों और कॉलेजो में ऑनलाइन एग्जाम करवाया जा रहा था, लेकिन संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना काल के दौरान 5 लाख की उत्तर पुस्तिका के साथ 17 लाख से अधिक की पूरक उत्तर पुस्तिका की खरीदी की गई. इसकी जानकारी छात्र संगठन ने आरटीआई के माध्यम से निकाली है.

आरटीआई से हुआ मामले का खुलासा

आरटीआई से साफ हो गया कि जब ऑफलाइन एग्जाम हुआ ही नहीं तो उत्तर पुस्तिका क्यों खरीदी गई. विश्वविद्यालय के पास उत्तर पुस्तिका की स्टॉक रजिस्टर में भी दर्ज नहीं है कि उत्तर पुस्तिका कहां गई और कहा है. इस पूरे मामले को लेकर सरगुजा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रेमप्रकाश सिंह का कहना है कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है. जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

निगम जोन कार्यालय रायपुर में बवाल : टेंडर को लेकर ठेकेदार और भाजपा पार्षद के बीच मारपीट, दोनों पक्ष पहुंचे थाना

रायपुर- राजधानी के नगर निगम जोन 9 कार्यालय में टेंडर फॉर्म लेने पहुंचे ठेकेदार और भाजपा पार्षद के बीच मारपीट का मामला सामने आया है. ठेकेदार लहूलुहान हो गया है. घटना की जानकारी मिलते ही ठेकेदार संघ मामले की शिकायत करने थाने पहुंचा है. बताया जा रहा पार्षद रोहित साहू को भी चोट आई है. पार्षद भी एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंचा है.

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वार्ड के पार्षद रोहित कुमार साहू ने ठेकेदार ओम राठौर को पेपर वेट में मारा है, जिससे ठेकेदार की नाक में चोट आई है. जानकारी के मुताबिक, भाजपा पार्षद रोहित साहू और निगम में रजिस्टर्ड ठेकेदार ओम राठौर के बीच टेंडर को लेकर विवाद हो गया था. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वार्ड के भावना नगर में सीसी रोड निर्माण के लिए टेंडर निकला था, लेकिन पार्षद रोहित साहू नहीं चाहते थे कि ठेकेदार ओम उनके वार्ड में काम करें.

ठेकेदार ओम राठौर

गुरुवार को जब ठेकेदार ओम राठौर टेंडर फॉर्म लेने पहुंचे, तभी पार्षद रोहित साहू भी मौके पर पहुंच गए. दोनों के बीच विवाद छिड़ गया. इसी दौरान टेबल पर पड़े पेपर वेट को रोहित ने ओम की नाक पर दे मारा. इस हमले में ओम को चोट आई है. विवाद के बाद ओम का एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वह कह रहे हैं कि अगर मैं मरता हूं या मुझे कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार पार्षद रोहित साहू होंगे. ठेकेदार ने अपनी जान को खतरा भी बताया है.

नायब तहसीलदार और तहसीलदारों का तबादला, कलेक्टर ने जारी किया आदेश…
रायपुर-  रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने जिले में पदस्थ कई तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला आदेश जारी किया गया है. कलेक्टर की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक 6 तहसीलदार और 4 नायब तहसीलदारों के प्रभार में फेरबदल किया गया है.
रायपुर आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल के लिए पंजीयन शुरू, जानिए पूरी डिटेल…
रायपुर-  बहुप्रतीक्षित रायपुर आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल (RALFF) 2024 के लिए पंजीयन शुरू हो गया है। कार्यक्रम के निदेशक कुणाल शुक्ला ने बताया कि कला, साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाला यह फेस्टिवल इस बार कई नई और खास पहल के साथ प्रस्तुत हो रहा है. शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता के लिए पंजीयन शुरू हो चुका है। फिल्मों की एंट्री जमा करने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। चयनित फिल्मों की घोषणा 10 जनवरी 2025 को की जाएगी। अवार्ड सेरेमनी 8 और 9 फरवरी 2025 को रायपुर में होगा।

फेस्टिवल के एडवाइजरी बोर्ड मेंबर मनोज वर्मा, अनिरुद्ध दूबे, रॉकी दासवानी ने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में विजेताओं को प्रमाणपत्र और ट्रॉफी के साथ आकर्षक नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा समाज को समर्पित फिल्मों को पहचान देने के लिए “सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म” का पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह पहल उन फिल्मों को प्रोत्साहित करेगी, जो सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में योगदान देती है। यह फेस्टिवल न केवल कला और सिनेमा की दुनिया में एक प्रेरणा बनकर उभर रहा है, बल्कि साहित्य और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने सभी कलाकारों, सिने प्रेमियों और युवाओं से आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया है।

कार्यक्रम की संयोजक प्रीति उपाध्याय ने बताया कि शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता में पंजीयन के लिए एक हजार रुपए का शुल्क निर्धारित है, लेकिन विद्यार्थियों के लिए “स्पेशल कूपन कोड” उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोड का उपयोग कर विद्यार्थी रियायती दरों पर अपनी प्रविष्टियां जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही 10 दिसंबर तक पंजीयन कराने पर अर्ली बर्ड डिस्काउंट मिलेगा। पंजीयन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म प्लेटफॉर्म www.filmfreeway.com/RALFF के माध्यम से किया जाएगा। डिस्काउंट कोड के साथ फिल्म फेस्टिवल से जुड़ी अपडेट्स के लिए www.ralff.in का अवलोकन किया जा सकता है।

पुरस्कार श्रेणियां

  • प्रोडक्शन अवॉर्ड्स: -सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म, -सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
  • क्रिएटिव अवॉर्ड्स: -सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी
  • परफॉर्मेंस अवॉर्ड्स:- -सर्वश्रेष्ठ अभिनेता-
  • -RALFF 2024 विशेष पुरस्कार: -सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म

महत्वपूर्ण तिथियां और डेडलाइन्स

शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता- प्रवेश की शुरुआत: 25 नवंबर, 2024
प्रवेश की अंतिम तिथि: 25 दिसंबर, 2024
चयन सूचना की तिथि: 10 जनवरी, 2025

पीसीसी चीफ दीपक बैज की मौजूदगी में सुबोध हरितवाल से हुए विवाद पर राजेश पांडे से मांगा गया जवाब…
बिलासपुर- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की मौजूदगी में बुधवार को कांग्रेस की बैठक में जिला प्रभारी महामंत्री सुबोध हरितवाल और कांग्रेस नेता राजेश पांडे के बीच विवाद हो गया था. अब मामले में शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने राजेश पांडे से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. 

बता दें कि बुधवार को बिलासपुर के कांग्रेस भवन में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में एक बड़ी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्य रूप से पीसीसी चीफ दीपक बैज भी शामिल हुए थे.

बैठक पूर्व मेयर राजेश पांडे को बोलने का मौका नहीं दिया गया, जिसके बाद राजेश पांडे और सुबोध हरितवाल के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई. बैठक में मौजूद कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराई थी.

भारत सरकार ने 15 हजार आवासों की दी स्वीकृति: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोले-
रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा समय समय पर अपने दौरे के दौरान आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों से मिलते रहते हैं और उनकी समस्याओं को महसूस करते हैं।

बता दें कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति के लिए निवेदन किया था, जिसके परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवंटित 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।

इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी। इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है।