आज का इतिहास: 2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला पहला राज्य बना था उत्तर प्रदेश

नयी दिल्ली : 27 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना था।

1815 में 27 नवंबर को ही पोलैंड साम्राज्य ने संविधान अपनाया था।

1895 में आज ही के दिन अल्फ्रेड नोबेल ने नोबेल पुरस्कार की स्थापना की थी।

2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना था।

2008 में आज ही के दिन विश्वनाथ प्रताप सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का निधन हुआ था।

2002 में 27 नवंबर को ही प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि शिवमंगल सिंह सुमन का निधन हुआ था।

2004 में 27 नवंबर को ही अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अध्यक्ष जुआन सोमाविया भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे।

1995 में आज ही के दिन मिर वेनेजुएला जौकेलीन एग्वीलेरा मार्कानो ‘मिस वर्ल्ड’ चुनी गईं थीं।

1978 में आज ही के दिन भारत की प्रख्यात समाज सुधारक लक्ष्मीबाई केलकर का निधन हुआ था।

1966 में 27 नवंबर को ही उरुग्वे ने संविधान अपनाया था।

1947 में आज ही के दिन पेरिस में पुलिस ने कम्युनिस्ट समाचार-पत्र के कार्यालय पर कब्जा कर लिया था।

1912 में 27 नवंबर को ही अल्बानिया ने राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था।

1895 में आज ही के दिन अल्फ्रेड नोबेल ने नोबेल पुरस्कार की स्थापना की थी।

1815 में 27 नवंबर को ही पोलैंड साम्राज्य ने संविधान अपनाया था।

1795 में आज ही के दिन पहले बांग्ला नाटक का मंचन हुआ था।

27 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1986 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना का का जन्म हुआ था।

1952 में 27 नवंबर को ही हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का जन्म हुआ था।

1940 में आज ही के दिन मार्शल आर्ट के महानायक ब्रुस ली का जन्म हुआ था।

1907 में 27 नवंबर को ही प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन का जन्म हुआ था।

1888 में आज ही के दिन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म हुआ था।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर से बुलडोजर ऐक्शन इस इलाके में हटाया गया अवैध कब्जा,कल भी चला था अभियान


नयी दिल्ली : दिल्ली में बुलडोजर ऐक्शन; इस इलाके में हटाया गया अवैध कब्जा, कल भी चला था।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ एमसीडी ने एकबार फिर ऐक्शन शुरू कर दिया है। एमसीडी ने सोमवार को भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया था। अब मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उसकी कार्रवाई सामने आई है।

मंगलवार को डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क से नगर निगम ने अतिक्रमण हटा दिया। निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में फुटपाथ पर लंबे समय से अवैध कब्जा था।

स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में निगम प्रशासन को शिकायतें भी की थीं। इस कार्रवाई के दौरान बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। कार्रवाई में जेसीबी मशीनों के जरिए अतिक्रमण को हटाते हुए सामान को जब्त किया गया। इस दौरान निगम के विभागों के अधिकारी, कर्मचारी के साथ दिल्ली पुलिस की टीम भी मौजूद रही।

इससे पहले दिल्ली नगर निगम ने सोमवार को शाहदरा उत्तरी और दक्षिण जोन में अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान चलाया था। एमसीडी ने शाहदरा उत्तरी और दक्षिण जोन में सड़कों से अतिक्रमण को हटाया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एमसीडी ने सोमवार को वार्ड-218 सुंदरनगरी के कब्रिस्तान रोड से लगभग आधा किलोमीटर तक सड़क पर किए गए अस्थायी अतिक्रमण को हटाया।

इसके साथ ही एमसीडी के अधिकारियों ने न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास भी अवैध रूप से लगाई गई रेहड़ी एवं अस्थाई दुकानों को हटवाया। शाहदरा उत्तरी जोन के उपायुक्त कर्नल विनोद अत्री के निर्देश पर निगम की जनरल ब्रांच, आरपी सेल, जूनियर इंजीनियर रखरखाव व दिल्ली पुलिस की टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त शाहदरा दक्षिण जोन के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर भी अवैध कब्जे को हटाया गया।

बेंगलुरु में बड़ी वारदात: 10 लाख रुपये से भरी एटीएम मशीन उखाड़ ले गए लुटेरे, फिर जो हुआ उसे चोरों ने भी सोचा नहीं था


बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में चोरों का हौसला बुलंद है। बेंगलुरु के पास आनेकल से ATM मशीन चोरी की घटना सामने आई है। अत्तिबेले इलाके में केनरा बैंक के ATM को दो बदमाशों ने कल आधी रात के बाद चुरा लिया। 

दोनों बदमाश एटीएम मशीन को उखाड़कर उसे टेम्पो में भरकर बैंक से दूर ले गए। मंगलवार तड़के चोर जब सड़क के किनारे झड़ियों में मशीन को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो आस-पास से गुजरते लोगों की नज़र पड़ गई।

डर के नाते चोर हुए फरार

राहगीरों को शक हुआ तो डर के मारे दोनों लुटरे वहां से भाग खड़े हुए। स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। अत्तिबेले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एटीएम मशीन को जब्त कर लिया। इस मशीन में 10 लाख रुपये थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर एटीएम चोरों की तलाश शुरु कर दी है।

पहले भी सामने आए हैं इस तरह के मामले

इससे पहले कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं के पार सक्रिय चोरों के एक गिरोह ने इसी साल जुलाई में सरजापुर मेन रोड पर एक एटीएम कियोस्क से 16 लाख रुपये उड़ा लिए। 

एटीएम की सुरक्षा एजेंसी द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, बेलंदूर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 (एक आवास घर, या परिवहन के साधन या पूजा स्थल में चोरी) और 331 (अतिक्रमण या घर में सेंध लगाना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

आज का इतिहास:1885 में आज ही के दिन पहली बार ली गई थी उल्कापिंड की तस्वीर

नयी दिल्ली : 26 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1885 में आज ही के दिन पहली बार उल्कापिंड की तस्वीर ली गई थी। 

1921 में 26 नवंबर को ही देश के श्‍वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्‍म में हुआ था। 

1932 में आज ही के दिन महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे। 

2002 में आज ही के दिन बीबीसी के सर्वेक्षण में विंस्टन चर्चिल महानतम ब्रिटिश नागरिक चुने गए थे।

1997 में 26 नवंबर को ही पाक सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने मुख्य न्यायाधीश को निलंबित किया था।

1992 में आज ही के दिन ब्रिटेन की संसद ने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में तय किया था कि ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को अपनी आय पर कर देना होगा।

1990 में 26 नवंबर के दिन ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने ब्रिटेन की महारानी को अपना इस्तीफा सौंपा था।

1984 में आज ही के दिन इराक एवं अमेरिका ने कूटनीतिक संबंधों को दोबारा स्थापित किया था।

1960 में 26 नवंबर के दिन ही भारत में पहली बार कानपुर और लखनऊ के बीच एसटीडी सेवा शुरू हुई थी।

1949 में आज ही के दिन आजाद भारत के संविधान पर संविधान सभा के अध्यक्ष ने साइन किए थे। 

1949 में 26 नवंबर के दिन ही देश का सर्वोच्‍च कानून हमारा संविधान अंगीकार किया गया था।

1932 में आज ही के दिन महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे।

1921 में 26 नवंबर के दिन ही देश के श्‍वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्‍म हुआ था।

1885 में आज ही के दिन पहली बार उल्कापिंड की तस्वीर ली गई थी।

26 नवंबर क को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1926 में आज ही के दिन भारत के मशहूर वैज्ञानिक और शिक्षाविद यशपाल (वैज्ञानिक) का जन्म हुआ था।

1923 में 26 नवंबर के दिन ही हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफ़र वी. के. मूर्ति का जन्म हुआ था।

1922 में आज ही के दिन अमेरिकी कार्टूनिस्ट चार्ल्स एम. शल्ज़ का जन्म हुआ था।

26 नवंबर को हुए निधन

2014 में आज ही के दिन प्रसिद्ध इतिहासकार तपन राय चौधरी का निधन हुआ था।

2008 में 26 नवंबर को ही मुंबई पुलिस में सेवारत एक वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर का निधन हुआ था।

1995 में आज ही के दिन भारत के राजनेता और हिंदी साहित्यकार शंकर दयाल सिंह का निधन हुआ था।

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीव के हमले से मौत पर मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का लिया निर्णय


भोपाल : मध्य प्रदेश में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगा।

वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी।

एक साल में करीब 40 मामले

वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है।

बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।

पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत

मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है।

मप्र से सटे राज्यों में अलग-अलग है मुआवजा राशि

छत्तीसगढ़ : जनहानि पर छह लाख रुपये व स्थाई अपंगता पर कोई राशि देय नहीं है।

उत्तर प्रदेश : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर चार लाख रुपये।

राजस्थान : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर तीन लाख रुपये।

गुजरात : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये।

महाराष्ट्र : जनहानि पर 25 लाख रुपये एवं स्थाई अपंगता पर साढ़े सात लाख रुपये।

बुलंदशहर में भुने चने खाने से दादा-पोते की मौत, बहू और पोती की हालत गंभीर

बुलंदशहर : जिले के नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में एक परिवार के सभी सदस्यों की भुने हुए चने खाने के बाद अचानक ही तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद दादा-पौत्र (पोते) की मौत हो गई. जबकि की बहू और पोती का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

परिवार के सदस्यों को इस दौरान खून की उल्टियां होने लगीं थीं.नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में कलवा (58) अपने परिवार के साथ रहते थे. कलवा रविवार की शाम दौलतपुर की एक दुकान से भुने हुए चने खरीद कर लाए थे. देर रात भुने हुए चनों को परिवार के सभी सदस्यों ने खाया. 

चने खाते ही परिवार के सभी सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी. कलवा, उसकी पुत्रवधु, पौत्र व पोती शिवानी को खून की उल्टियां होने लगीं. चीख पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग कलवा के घर पहुंचे और मदद में जुट गए. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते कलवा ने दम तोड़ दिया.

आनन-फानन में लोग परिवार के बाकी तीन सदस्यों को अस्पताल ले गए. रास्ते में कलवा के पौत्र गोलू (7) की भी मौत हो गई. कलवा की बहू जोगिन्द्री देवी और पोती शिवानी का कस्बे के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है।

जांच टीम का गठन : एसडीएम स्याना गजेंद्र सिंह ने बताया कि दादा-पोते की मौत हो गई है. परिवार के बाकी दो सदस्यों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नायब तहसीलदार और डीओ फूड सेफ्टी की अगुवाई में जांच टीम का गठन कर दिया गया है. 

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह का पता लग पाएगा. रिश्तेदारों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने रात में भुने हुए चने का सेवन किया था.

फूड सेफ्टी विभाग ने की कार्रवाई :

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 'फूड सेफ्टी विभाग के अफसर टार्गेटेड कार्रवाई करते हैं. जहां मिलावटी और मानक के उलट खाद्य सामग्री बिकती है, वहां विभाग के अफसर जांच करने तक नहीं आते हैं. यही वजह है कि जगह-जगह मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन खुलेआम किया जा रहा है.' डीओ फूड सेफ्टी विनीत कुमार का कहना है कि जांच के लिए टीम रवाना कर दी गई है. संयुक्त रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल जाएगा कि मौत कैसे हुई.

राजस्थान में जीका वायरस का पहला मामला, जयपुर में एक व्यक्ति की मौत

जयपुर: राजधानी जयपुर में वर्ष 2018 में जीका वायरस ने हाहाकार मचाया था. उस समय राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर स्थित भट्टा बस्ती में बड़ी संख्या में इस वायरस से पीड़ित मरीज सामने आए थे. हालांकि, उस समय किसी भी व्यक्ति की मौत जीका वायरस के चलते नहीं हुई थी, लेकिन एक बार फिर इस वायरस ने चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा दिया है.

दरअसल, बीते दिन एक निजी अस्पताल में जयपुर के रहने वाले एक वृद्ध की मौत जीका वायरस से होने की आशंका जताई जा रही है. जयपुर के रहने वाले 66 वर्षीय राजेंद्र को करीब 5 दिन पहले जयपुर के इस अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्राइवेट अस्पताल ने अपने स्तर पर जांच करवाई तो मरीज में जीका वायरस रिपोर्ट हुई और उसके बाद मरीज की मौत हो गई.

मामले को लेकर चिकित्सा विभाग जयपुर जोन के जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि करीब 6 साल पहले जीका वायरस आउटब्रेक एक क्षेत्र में हुआ था.

हालांकि, उस वायरस से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी, लेकिन जयपुर के एक व्यक्ति को कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था और उसकी मौत हो गई है. आशंका है कि राजस्थान में जीका वायरस से मौत का यह पहला मामला है.

पुणे भेजा सैंपल : डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जिस मरीज की मौत हुई है उसे हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां भी थीं और फिलहाल निजी अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार

जीका वायरस की पुष्टि हुई है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से भी सैंपल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही जीका वायरस की पुष्टि हो सकेगी. 

डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण भी आम बुखार की तरह होते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है.

आसपास के क्षेत्र में सर्वे : मृतक मरीज जिस क्षेत्र का रहने वाला था, चिकित्सा विभाग की टीम ने उस क्षेत्र में स्क्रीनिंग का काम शुरू कर दिया है. एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है और यदि किसी व्यक्ति में लक्षण दिखाई देते थे तो उसे चिकित्सकिय परामर्श दिया जाएगा. 

फिलहाल, पूरी स्थिति नियंत्रण में है और टीम लगातार काम कर रही है. चिकित्सकों का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं.

जयपुर में हुआ था आउटब्रेक : वर्ष 2018 में राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर भट्टा बस्ती इलाके में जीका वायरस के मामले बड़ी संख्या में देखने को मिले थे. जिसके बाद चिकित्सा विभाग गया था. उस दौरान तकरीबन 150 से अधिक पॉजिटिव केस जीका वायरस के सामने आए थे।

मामी ने पति के साथ मिलकर की थी प्रेमी भांजे की हत्या, 6 महीने बाद गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक महिला और उसके पति ने मिलकर अपने प्रेमी भांजे की हत्या कर दी। घटना 6 महीने पहले हुई थी, लेकिन पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी में इतना समय लग गया।

पुलिस ने बताया कि महिला और उसके पति ने मिलकर प्रेमी भांजे की हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

पुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिए पंपलेट छपवाकर जगह-जगह बंटवाए। शख्स की शिनाख्त तब हुई, जब उसके भाई ने पंपलेट को देखा। इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल तेज की और आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।

मध्य प्रदेश: बाबा बागेश्वर की पदयात्रा में मंत्री दिलीप अहिरवार ने लिया हिस्सा


छतरपुर: कथावाचक बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री हिंदुओं को एक करने और जातपात खत्म करने के लिए 9 दिनों की पैदल यात्रा पर निकले हैं. यात्रा बागेश्वर धाम से ओरछा तक चल रही है. वन एवं पर्यवारण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार भी यात्रा में शामिल हुए. पन्ना जिले के गुनौर से विधायक डॉ राजेश वर्मा भी पदयात्रा में शामिल होने पहुंचे।

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलपति ने भी बाबा बागेश्वर की यात्रा का स्वागत किया. कांग्रेस ने सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी शिकायत राज्यपाल से करेंगे।

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार हुए शामिल

हिन्दू जगाओ यात्रा पर निकले बाबा बागेश्वर की पद यात्रा में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार भी शामिल हुए. उन्होंने बाबा की यात्रा का स्वागत किया. राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने मंदिरों में दलित पुजारी होने की बाबा की बात का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि "हम भी ब्राह्मणों का सम्मान करते हैं. पूजा पद्धति के लिए ब्राह्मणों का सम्मान हमेशा से होता आया है और आज भी है. दलित समाज के भी लोग कई मंदिरों में है. विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस को हर बात पर तकलीफ है अगर हिन्दू किसी के साथ खड़ा हो तो उन्हें दर्द होता है, सनातन की बात हो तो कांग्रेस को दर्द होता है।

गुनौर विधायक डॉ राजेश वर्मा ने लिया संकल्प

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा में पन्ना जिले के गुनौर विधायक डॉ राजेश वर्मा भी शामिल हुए. इस पदयात्रा का समापन ओरछा में 29 नवंबर को होगा. यहां विधायक राजेश वर्मा ने संकल्प लिया कि वे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ समापन में ओरछा पहुंचेंगे. पदयात्रा के प्रभारी सदानंद गौतम ने बताया कि " आज नौगांव से देवरीबांधा तक 22 किमी का सफर तय किया. 

महाराज श्री की इस पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. महाराज श्री प्रतिदिन 20 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार हिंदुओं को एकजुट होने और जात पात खत्म कर आगे बढ़ने का संकल्प दिला रहे हैं।

भोपाल में नकली एएसपी पकड़ाई, वर्दी पहनकर दिखा रही थी रौब


भोपाल:- राजधानी के न्यू मार्केट में फर्जी आईपीएस बनकर घूम रही एक युवती को टीटी नगर थाना पुलिस ने पकड़ा है। इंदौर की यह युवती एडिशनल एसपी की वर्दी में अपने भाई के साथ न्यू मार्केट में घूम रही थी। इस दौरान उसने वहां नियमित गश्त कर पुलिस कर्मियों पर रौब जमाने की कोशिश की। पुलिस कर्मियों को शक हुआ तो पूछताछ में युवती के फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।

दिखा रही थी वर्दी का रौब

बताया जा रहा है कि इंदौर की 28 वर्षीय शिवानी चौहान न्यू मार्केट में अपना रौब जमाने में कामयाब हो गई थी। इसी दौरान उसे वहां खड़े पुलिसकर्मी दिख गए। साथ आए भाई-भाभी को वर्दी का असर दिखाने के लिए वह पुलिस वालों के पास गई और भौंरी का रास्ता पूछने लगी। पुलिस वाले पहले तो एक एएसपी रैंक की अफसर को इस तरह देखकर चौंके, फिर उनका ध्यान युवती की वर्दी के साथ लगे नेमप्लेट पर गया।

नेमप्लेट देख हुआ शक

वर्दी पर लगी नेमप्लेट पर उसके नाम के साथ नंबर लिखे हुए थे। ऐसा नंबर अक्सर आरक्षक-प्रधान आरक्षक श्रेणी के पुलिस कर्मियों के नेमप्लेट पर लिखा जाता है। यह उनका रेजिमेंटल नंबर होता है, जिससे पुलिस लाइन में आरक्षक की पहचान होती है। अधिकारियों के नेम प्लेट पर इस तरह का नंबर नहीं लिखा जाता।

पुलिस ने दर्ज किया अपराध

पुलिस कर्मियों ने उससे उसका बैच, प्रशिक्षण, भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम आदि पूछने शुरू किये तो वह घबरा गई।

पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने लाई, जहां निजी मुचलके पर जमानत देकर रिहा कर दिया गया।

पुलिस ने उस पर लोक सेवक की वर्दी पहनकर खुद को आईपीएस दिखाने के अपराध में मामला दर्ज किया है।

यह अपराध साबित हुआ तो उसे अधिकतम तीन महीने की जेल और पांच हजार रुपये तक जुर्माने की सजा हो सकती है।

पुलिस को सुनाई भावुक कहानी

पुलिस की पूछताछ में नकली आईपीएस बनी शिवानी चौहान ने बताया कि मैं कई वर्षों से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। मेरी मां चाहती थी कि मैं बड़ी अधिकारी बनूं। फिलहाल वे बीमार हैं और उन्हें खुश करने के लिए ही मैंने बोल दिया था कि मेरा चयन हो गया है और मैं आईपीएस बन गई हूं। इसके लिए इंदौर में वर्दी सिलवाई, बेल्ट-बूट लिया, यूट्यूब पर आईपीएस के वीडियो देख-देखकर एएसपी की रैंक और बैच आदि लगाये।

घरवालों से कहा, मीटिंग के लिए भोपाल जाना है

पुलिस के अनुसार 28 वर्षीय शिवानी चौहान इंदौर में एमआईजी थाना क्षेत्र के एमआर-9 में परिवार के साथ रहती है। युवती ने बताया कि उसके पिता देशराज सिंह चौहान नगर निगम की उद्यानिकी शाखा में हैं। वह पिछले करीब छह वर्षों से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। उसने 2018 और 2019 में परीक्षा भी दी थी, लेकिन चयन नहीं हो सका था। शुक्रवार को मीटिंग के लिए कहकर भोपाल आई थी। उसका मौसेरा भाई भी उसके साथ था, इसलिए वह रौब दिखाना चाहती थी और इसी चक्कर में उसकी पोल खुल गई।