प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के स्वागत में लखनऊ में बना भव्य सेल्फी प्वाइंट


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजधानी के अति महत्वपूर्ण 1090 चौराहे पर उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा भव्य 'महाकुम्भ सेल्फी प्वाइंट' का निर्माण किया गया है। यह सेल्फी प्वाइंट यहां आने वाले लोगों के बीच उत्सुकता और उत्साह का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

सेल्फी प्वाइंट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कट आउट के साथ ही महाकुम्भ का विशाल लोगो और महाकुम्भ के दौरान होने वाले विशेष स्नान पर्वों की तारीखों का भी उल्लेख किया गया है। महाकुम्भ सेल्फी प्वाइंट का निर्माण श्रद्धालुओं और आगंतुकों को आगामी महाकुम्भ 2025 के महत्व से परिचित कराने और इस आयोजन के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महाकुम्भ आयोजित होने जा रहा है। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महाकुम्भ में दुनियाभर के सनातनधर्मी, साधु-संत और अखाड़े गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
लखनऊ में भी झांसी जैसा हो सकता है अग्निनकांड, कई सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आग से निपटने के नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

लखनऊ । झांसी ही नहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में भी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं है। यहां भी झांसी जैसा अग्निकांड हो सकता है। चूंकि राजधानी के अंदर बड़े पैमाने पर अस्पतालों में आग से निपटने का इंतजाम ही नहीं है। आज भी 29 सरकारी अस्पताल में आग से बचाव के इंतजाम वेंटिलेटर पर हैं। बिना अग्निशमन के अनापत्ति प्रमाणपत्र के ये अस्पताल चल रहे हैं। साफ है कि घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में आग लगने से 10 नवजातों की मौत हो गई। इस घटना ने सबको झकझोर दिया। अस्पतालों में आग से बचाव के इंतजाम और मानकों का पालन सवालों के घेरे में है। राजधानी की बात करें तो यहां 29 सरकारी अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी नहीं है।

इस कतार में बड़े अस्पतालों में शुमार सिविल अस्पताल, डफरिन, झलकारीबाई, बीआरडी, रानीलक्ष्मीबाई, रामगसागर मिश्रा, जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय शामिल हैं। यही नहीं इन अस्पतालों में स्मोक अलार्म तक बंद पड़े हैं। वार्डों में अग्निशामक यंत्र नहीं लगे हैँ। यही नहीं इन अस्पतालों के बाहर जाम जैसे हालात रहते हैं। जो किसी भी हादसे की भयावहता को बढ़ा सकते हैं।सीएमओ के अधीन 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें अलीगंज, रेडक्रॉस, इंदिरानगर, आलमबाग चंदरनगर, गोसाईंगंज, गुडंबा, बेहटा, हजरतगंज एनके रोड, सिल्वर जुबली, मोहनलालगंज, इटौंजा, बीकेटी, चिनहट, ऐशबाग, टुड़ियागंज, माल, मलिहाबाद, काकोरी, नगराम व अन्य सीएचसी शामिल हैं। इनमें से किसी के पास फायर एनओसी नहीं है। सरकारी के साथ ही अगर निजी अस्पतालों को जोड़ दिया जाए तो बगैर अनापत्ति प्रमाणपत्र के चल रहे अस्पतालों की संख्या 650 तक पहुंच जाती है। स्वास्थ्य विभाग छोटे निजी अस्पतालों से शपथ पत्र लेकर उनका पंजीकरण कर लेता है। निजी केंद्रों में अग्निशामक यंत्र दिखाकर खानापूर्ति की जाती है। अहम बात यह है निजी अस्पतालों में प्रवेश-निकास का गेट भी एक है। इसके बाद भी उनके संचालन पर विभाग मुहर लगा रहा है।

शपथ पत्र दिया...सिस्टम ने मान लिया...और हो जाता है अस्पताल का पंजीकरण

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है 50 बेड से अधिक अस्पतालों के लिए फायर एनओसी जरूरी है। इससे कम बेड वाले अस्पतालों के लिए एनओसी की जरूरत नहीं है। इसका फायदा निजी अस्पताल उठाते हैं। मानक पूरे करने के नाम पर आग बुझाने में काम आने वाले सिलिंडर टांगकर खानापूर्ति कर लेते हैं। ज्यादातर निजी अस्पतालों में स्मोक अलार्म सिस्टम नहीं है। ये निजी अस्पताल शपथ पत्र देकर पंजीकरण करा लेते हैं। शपथ पत्र में हवाला देते हैं कि अगर अस्पताल में आग लगने से जन हानि हुई तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।
कब-कब हादसे

2024 : 2 जनवरी सिविल अस्पताल की पैथोलॉजी में आग लगी।
23 मई को गोमतीनगर के ऋषि हॉस्पिटल में आग लगी।
2 नवंबर को क्वीन मेरी अस्पताल में आग लगी। इसी दिन गोमतीनगर में डॉक्टर के क्लीनिक में भी आग लगी थी।
2023 : 9 जुलाई को आलमबाग के सिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में आग लगी।
19 सितंबर को रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल की इमरजेंसी में आग लगी।
2023 में ही 18 दिसंबर को आग लगने से पीजीआई में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
2020 : केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में 8 अप्रैल को आग लगी थी। गनीमत रही जनहानि नहीं हुई।
2018 : 19 मई को ग्लोब हॉस्पिटल निरालानगर में घटना।
अदब, तहज़ीब और मोहब्बतों का शहर लखनऊ इस समय किताबों के खुमार की गिरफ्त में

लखनऊ । अदब, तहज़ीब और मोहब्बतों का शहर लखनऊ इस समय किताबों के खुमार की गिरफ्त में है। गोमती किनारे रिवर फ्रंट पर भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय और नेशनल बुक ट्रस्ट के तत्वावधान में गोमती पुस्तक महोत्सव चल रहा है। पुस्तक मेले में बच्चों और युवाओं के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रम इसका एक आकर्षण है।

डॉ आकांक्षा दीक्षित की पुस्तक 'प्रेमदूत' और 'लखनौव्वा गड़बड़झाला' पर चर्चा

गोमती पुस्तक महोत्सव में 16 नवंबर को लेखक गंज के मंच पर 'वैदिक साहित्य से अद्यतन साहित्य में प्रेम का बदलता स्वरुप - लौकिक एवं आध्यात्मिक' विषय पर परिचर्चा हुई। इसमें डॉ आकांक्षा दीक्षित से कंकना लोहिया द्वारा प्रेम के विभिन्न स्वरुपों को जानने की चेष्टा की गई। इस कार्यक्रम में डॉ आकांक्षा दीक्षित की पुस्तक 'प्रेमदूत' और 'लखनौव्वा गड़बड़झाला' की विषयवस्तु पर भी बातचीत हुई।इस पुस्तक मेले ने एक हजार से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध है। मेले में लेखकों से मिलने का अवसर भी पाठकों को मिल रहा है। इस मेले में बच्चों और युवाओं द्वारा प्रतिभाग किया जाना एवं रुचि दिखाया जाना बहुत उत्साहजनक है।

पद्मश्री मालिनी जी ने कुछ लोकगीत भी सुनाए

लेखकगंज के मंच पर प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी और प्रख्यात फिल्मकार मुजफ्फर अली की उपस्थिति ने रौनक बढ़ाने का काम किया। पद्मश्री मालिनी जी ने कुछ लोकगीत भी सुनाए। लेखक गंज के मंच पर डॉ आकांक्षा दीक्षित और सुश्री कंकना लोहिया के मध्य हुई रोचक परिचर्चा ने दर्शकों को बहुत आनंदित किया। पुस्तक मेला 9 नवंबर से 17 नवंबर के मध्य आयोजित किया गया है। इसमें लेखक गंज के मंच पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई साथ ही मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने 1.94 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित ड्रग ऑक्सीटोसिन पकड़ी

लखनऊ । राजधानी में चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने 1.94 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित ड्रग ऑक्सीटोसिन पकड़ी है। लखनऊ जंक्शन स्टेशन के पार्सल घर से यह बरामद की गई है। ड्रग बिहार से छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से लाई गई थी। मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।चारबाग जीआरपी प्रभारी मुकेश सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सतर्क के तहत यह कार्रवाई की गई है। बीते 14 नवंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि 15053 छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन ड्रग अवैध रूप से लखनऊ लाई जा रही है।

38 पैकेट बरामद किए गए, जिनका कोई रिसीवर नहीं था

यह दवा 43 पैकेटों के खेप में है। इसमें पांच पैकेट पार्टी द्वारा ले लिए गए हैं तथा शेष लखनऊ पहुंच रहे हैं।  इस पर सतर्कता दिखाते हुए उपनिरीक्षक प्रशांत सिंह यादव की टीम ने दोपहर दो बजे पार्सलघर की जांच-पड़ताल की। इसमें 38 पैकेट बरामद किए गए, जिनका कोई रिसीवर नहीं था। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वाणिज्य अधीक्षक संजीव चौधरी से पार्सल पैकेट का पूरा विवरण निकलवाया गया, जिसमें पैकेटों को भेजने व किसको भेजा गया है, इसका विवरण मिला।

जीआरपी ने प्रतिबंधित दवा को कब्जे में लिया

टीम पैकेटों को रिसीव करने वालों का इंतजार करती रही। पर, उन्हें कोई रिसीव करने नहीं पहुंचा। इसके बाद जीआरपी ने प्रतिबंधित दवा को कब्जे में लिया। आगे बताया कि कुल 10.87 लाख एमएल संदिग्ध ऑक्सीटोसिन बरामद की गई है। इसकी कीमत 1,93,73,904 रुपये बताई जा रही है। पार्सल के प्रेषक के रुप में बिहार छपरा के रहने वाले संतोष सिंह का नाम दर्ज था तथा यह सीतापुर निवासी राम लौटन को भेजी गई है।ऐसे में पैकेटों पर छपे नामों के साथ ही इस तस्करी में और भी कई लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए जीआरपी ने रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ दो नामजद के साथ अन्य के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा किया गया है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने सहारनपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यायल का किया निरीक्षण

लखनऊ । उत्तर प्रदेशराज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान ने सहारनपुर प्रवास के दौरान स्पर्श दृष्टिबाधित राजकीय बालिका विद्यालय, कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए । महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि बालिकाओं को शुद्ध और ताजा भोजन कराया जाए। उन्होंने राज्य महिला आयोग की सदस्य सपना कश्यप के साथ खलासी लाइन स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय और रामपुर में विद्यालय का निरीक्षण किया।

शनिवार को निरीक्षण के दौरान विद्यालय में व्यवस्था ठीक मिली। अध्यक्ष ने विद्यालय में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शुद्ध और ताजा भोजन कराएं। बालिकाओं का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाए। इसके उपरांत उन्होंने राजकीय दृष्टि बाधित बालिका विद्यालय रामपुर मनिहारान का निरीक्षण किया, जिसमें प्रधानाचार्य द्वारा अवगत कराया कि विद्यालय में एक म्यूजिक प्रशिक्षिका की आवश्यकता है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सपना विजय कश्यप एवं संगीता जैन,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कोमल, जिला समाज कल्याण अधिकारी व प्रभारी जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी अर्चना, जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक कुमार पांडेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी नंदलाल प्रसाद मौजूद रहे।

हर हाल में पत्नी-बच्चों का भरण-पोषण करना पति का कर्तव्य: हाईकोर्ट
लखनऊ । यूपी में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पारिवारिक मामले में एक अहम फैसला दिया। इसमें कोर्ट ने कहा कि पत्नी व बच्चों का हर हाल में भरण-पोषण करना पति का पवित्र कर्तव्य है। वैवाहिक कार्यवाहियों में अक्सर पतियों की तुलना में पत्नियां व बच्चे अधिक आर्थिक संकट झेलते हैं। क्योंकि उन्हें परिवार या आय से सीमित मदद मिलती है। उनकी इस हालत में पतियों की ओर से लगातार परेशानी बढ़ाई जाती है। इससे उन्हें ऐसे कार्यवाहियों का सामना करने में मुश्किलें आती हैं।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने इस टिप्पणी के साथ पत्नी को तलाक के मामले में अदालती कार्यवाहियों का खर्च देने के आदेश के खिलाफ दाखिल सैन्य अफसर पति की अपील खारिज कर दी। इसमें लखनऊ की पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।पति की ओर से दाखिल तलाक के दावे के दौरान पारिवारिक अदालत ने पत्नी की अर्जी पर सुनवाई की थी। इस दौरान सैन्य अफसर को आदेश दिया था कि अदालती कार्यवाही के लिए 50,000 समेत खर्चे के 10,000 रुपये एकमुश्त अदा करें।

प्रत्येक सुनवाई पर 500 रुपये भी पत्नी को देने का आदेश दिया था। बीते सितंबर में दिए गए इस आदेश के खिलाफ सैन्य अफसर ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। उनके वकील का कहना था कि यह आदेश देते समय पारिवारिक अदालत ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि पत्नी, पति से अलग रह रही है।हाईकोर्ट ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने सिर्फ तलाक के दावे के खर्चों के लिए यह आदेश दिया है। शादी होते ही पत्नी के भरण पोषण का दायित्व पति का होता है। बच्चों के पैदा होने पर उनके भरण पोषण का दायित्व भी कानूनी तौर पर लागू हो जाता है। मामले में पति सेना में कर्नल हैं और पर्याप्त वेतन पा रहे हैं।
झांसी अग्निकांड में चौंकाने वाला खुलासा, एसएनसीयू  में दिन में हुआ था शॉर्ट सर्किट लेकिन स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया
लखनऊ । यूपी के झांसी अग्निकांड के बाद से नये-नये चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है। अब नई बात निकल कर आ रही कि मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में शुक्रवार की शाम पांच बजे शॉर्ट सर्किट हुआ तो उस समय गंभीरता पूर्वक से नहीं लिया गया। जिसका परिणाम रहा कि रात में जब दोबारा आग लगी तो उसकी चपेट में आने से दस नवजात की मौत हो गई। इस पूरे मामले में अभी तक अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही निकल कर सामने आ रही है।

जैसा की मीडिया से ललितपुर का जखौरा निवासी कृपाल सिंह ने बताया कि उनका नाती एसएनसीयू में भर्ती था। शाम करीब 5 बजे एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ। जिसकी जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को दी थी। अफसोस की बात है कि किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रात करीब 10 बजे फिर से शॉर्ट सर्किट हुआ और तेजी से आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग लगने के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक नर्स हल्की झुलस गई। उसने आवाज लगाते हुए कहा 'अंकल आग लग गई है, बच्चों को बाहर निकालो'। उसकी बात सुनकर वह भी बच्चों को बाहर निकालने में लग गए। आग में झुलसने से मरी दो नवजात बेटियों के पिता  ने बताया कि शाम 5 बजे शॉर्ट सर्किट हुआ था मगर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

जानकारी के लिए बता दें कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में कुल 55 बच्चे भर्ती थे।  यहां शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। वहीं, शनिवार सुबह पहुंचे उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने आग पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए।डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अग्निकांड के त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार सुबह पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन टीमें मामले की जांच करेंगी। इन टीमों में शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच होगी। तीनों जांच का मुख्य बिंदु आग लगने की वजह का पता लगाना है। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंडलायुक्त ने शुरू की जांच, नर्सिंग स्टाफ के दर्ज किए गए बयान

मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने शनिवार को अग्निकांड की जांच शुरू कर दी। ड्यूटी पर तैनात नौ डॉक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के बयान दर्ज किए गए। अब वह अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। उसके आधार पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।अग्निकांड में झांसी के पूनम की बेटी, संध्या के बेटे, बबीना के सुनील के बेटे, कटेरा के कविता पत्नी बालकिशन के बेटे की मौत हो गई। वहीं, ललितपुर की पूजा, संजना और भगवती के एक-एक बेटे ने दम तोड़ दिया। हमीरपुर की नजमा की जुड़वा बेटियों की भी जान चली गई। जालौन के संतोषी पत्नी संतराम के बेटे की भी मौत हो गई।

इनके नवजातों का नहीं चला पता

झांसी के एरच की संध्या कंचन, बंगरा की कविता, राजगढ़ की नैंसी के नवजात शिशु का पता नहीं चल पाया है। वहीं, ललितपुर के फुलवारा की संजना, जालौन जनपद के पचनादेव की संतोषी, हमीरपुर के रिगवारा की सुखवती के बच्चे के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।


आयुक्त ने पूछे जेआर, स्टाफ से सवाल, भेजेंगे रिपोर्ट

अग्निकांड के समय एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात रहे स्टाफ के बयान मंडलायुक्त ने दर्ज किए। उन्होंने जूनियर रेजिडेंट और स्टाफ से पूछताछ की। बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। जिस समय ये अग्निकांड हुआ, तब ड्यूटी पर डॉ. विजय कीर्ति, डॉ. मेघा, स्टाफ नर्स मेधा जेम्स, पवन, रीना, मोहिनी, आरती, निशा आदि की ड्यूटी थी। चूंकि, शासन स्तर से जांच करके रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में शनिवार को सुबह सभी को बयान दर्ज करने के लिए प्राचार्य कार्यालय बुलाया गया।

एसएनसीयू में आग कैसे लगी?

यहां पर मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने जूनियर रेजिडेंट और स्टाफ से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक स्टाफ से पूछा गया कि एसएनसीयू में आग कैसे लगी। जब घटना हुई, तब आपकी ड्यूटी कहां थी। आग बुझाने के लिए क्या प्रयास किए गए। आग से बचाव के केंद्र में क्या इंतजाम थे समेत कई बिंदुओं पर बयान दर्ज किए गए हैं। अब आयुक्त अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई तय है।

लापरवाही से नवजातों की मौत पर एनएचआरसी सख्त, मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झांसी के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 नवजातों की मौत की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एस सप्ताह में घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। आयोग ने पाया है कि यह घटना लापरवाही की वजह से हुई, जो कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। आयोग ने मामले में एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान की जा रही चिकित्सा और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे की जानकारी देने को कहा है। साथ ही, यह भी पूछा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

हेल्पलाइन नंबर जारी

नवजातों के बारे में जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया है। इस पर संपर्क करके जानकारी ली जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजन को सात लाख रुपये दिए जाएंगे। इनमें राज्य सरकार की ओर से पांच और केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये हैं। वहीं, राज्य सरकार की ओर से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने नमोघाट और देव दीपावली उत्सव का किया उद्घाटन
लखनऊ /वाराणसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार शाम यहां नमोघाट का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने देव दीपावली उत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने काशी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि धरती जहां की पारस है, नाम उसका बनारस है। परंपरा और संस्कृति को संजोए रखने वाली काशी निरंतर विकास कर रही है। धनखड़ ने नमो घाट को दुनिया को सबसे बड़ा घाट बताया और कहा कि आज वह पल हमारे जीवन में आया है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सनातन हमें एक रहने और मजबूत रहने का संदेश देता है। भारत सनातन की भूमि है। काशी इसका प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तो उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से बदल रहा है। अपना भारत बदल रहा है और तेजी से बदल रहा है। भारत की उपलब्धियों को पूरी दुनिया सराह रही है। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। इसके पहले नमो घाट पर जैसे ही उपराष्ट्रपति पहुंचे लोगों ने हर-हर महादेव का परम्परागत उद्घोष कर उनका स्वागत किया। देव दीपावली को लेकर उपराष्ट्रपति में भी उत्साह दिखा। वह घाट पर मौजूद लोगों का अभिवादन लगातार हाथ जोड़ कर करते रहे।

उल्लेखनीय है कि प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की शृंखला में एक और पक्का घाट जुड़ गया है। यह वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में जुड़ा है। इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट (लगभग 1.5 किलोमीटर) तक हुआ है। घाट की बनावट और अंतरराष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते का स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जल, थल और नभ से जुड़ने वाला यह पहला घाट होगा, जहां हेलीकाप्टर भी उतारा जा सकता है। यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड तथा चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है। योग स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफेटेरिया के अलावा कई अन्य सुविधाएं हैं। यह वाराणसी का पहला घाट है, जो दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। नमो घाट का पुनर्निर्माण दो फेजों मे किया गया है। इसका निर्माण 81 हजार वर्ग मीटर में 91.06 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। नमोघाट पर सुबह-ए-बनारस का नजारा पर्यटक विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ ले सकेंगे। यहां उदीयमान भगवान सूर्य का अभिवादन करता 75 फीट ऊंचा नमस्ते स्कल्पचर पर्यटकों को भा रहा है।

मंडलायुक्त और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने बताया कि नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा। भविष्य में लोग यहां वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स और हेली टूरिज्म का भी लुत्फ ले सकेंगे। सेहतमंद रहने के लिए मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे। दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है। ओपेन थियेटर, लाइब्रेरी, लाउंज, बाथिंग कुंड, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट और मल्टीपर्पज प्लेटफार्म है। यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन व क्राउड मैनेजमेंट में भी काम आ सकता है। जेटी से नाव के जरिए श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती देखने जा सकेंगे। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहां अलग से सीएनजी स्टेशन है। नमो घाट से क्रूज के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी ने नगाड़ा बजाकर किया अन्तर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को संगीत नाटक अकादमी में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ नगाड़ा बजाकर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनजाति समाज भारत का मूल सम्प्रदाय के साथ माटी से जुड़ा समाज है। मातृभूमि के प्रति 'माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या:' के भाव को अंगीकार करने वाला समाज है। इसी भाव के साथ ही जब यह देश गुलाम था, उस कालखण्ड में भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति गौरव के लिए अपना बलिदान देकर देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती माता के प्रति कृतज्ञता का भाव रखने वाला जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए डबल इंजन सरकार काम कर रही है। पहले जनजातीय समाज को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। सभी जनजातियों को सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। वीर एकलव्य नाम से चलने वाले विद्यालयों की श्रंखला खड़ी की जा रही है। उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा रहा है।

अपनी परम्परा व माटी के प्रति अनुराग रखने वाले यही लोगों ने भारतीय संस्कृति की रक्षा की। उनकी विरासत व संस्कृति सुरक्षित रहे, इसके लिए कई स्थानों पर म्यूजियम बनाये जा रहे हैं। अपनी विरासत से मोहभंग नहीं होने देना है। बलरामपुर व सोनभद्र में एक भव्य म्यूजिकयम बना है।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि हमारी जो धरोहर है, उसे हमें संजोकर चलना है। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि वनों में रहने वाला जो वनवासी समाज है, उसे वनाधिकार मिले।इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गौड़, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वैजनाथ रावत, भाजपा अनुसूचित मोर्चा संजय गौड़, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा. हरिओम, प्रमुख सचिव
योगी के मंत्री के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ की ठगी, नंदी के बेटे का फोटो लगाकर किया था ये मैसेज
लखनऊ । साइबर ठगों ने सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये ठग लिए। व्हाट्सएप डीपी पर नंदी के बेटे की तस्वीर लगाए ठग ने मैसेज भेजा, मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है, तुरंत पैसे भेजो। अकाउंटेंट ने तुरंत बताए तीन खातों में पैसे भेज दिए। भेद खुलने पर सनसनी मची। साइबर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। ठगी की यह वारदात बुधवार को हुई। मंत्री नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से मैसेज आया। डीपी नंदी के बेटे की लगी हुई थी।

मैसेज में लिखा था कि यह मेरा नया नंबर है। मैं एक बहुत जरूरी बिजनेस मीटिंग हूं। यह मीटिंग अभी काफी देर तक चलेगी। मुझे कुछ पैसों की तुरंत जरूरत है। इसके बाद साइबर ठगों ने बैंक खातों के तीन नंबर भेजे। कहा, पैसा तुरंत ट्रांसफर कर दो। मैसेज देखने के बाद अकाउंटेंट ने तीन बार में 2.08 करोड़ रुपये बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद रितेश को पता चला कि मंत्री के बेटे ने इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा है और न ही अपने खाते में पैसा ही मंगवाया।

इसके बाद प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक खलबली मची। ठगी की सूचना साइबर सेल थाना पुलिस को बुधवार रात करीब 11:30 बजे दी गई। मामला कैबिनेट मंत्री से जुड़ा होने के कारण एक बारगी आला पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए। साइबर पुलिस रातभर जालसाजों के बैंक खातों का डिटेल खंगालने में जुटी रही।

तीन खातों में ट्रांसफर हुआ पैसा

साइबर पुलिस की जांच में पता चला कि जालसाज ने ठगी के लिए तीन बैंकों के खातों का इस्तेमाल किया है। इनमें आईसीआईसीआई, एचडीएफसी समेत एक अन्य बैंक का खाता शामिल है। साइबर पुलिस ने तीनों खातों की जानकारी बैंक अधिकारियों से मांगी है। साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि संबंधित खाते फ्रीज कराने के लिए मेल किया है। ठगों का ब्योरा खंगाल रहे हैं। वहीं, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता से अमर उजाला संवाददाता ने घटना के बारे में बात की कोशिश की, लेकिन उनके पीआरओ ने कहा कि अभी बात कराएंगे, पर यह हो नहीं सकी।