जिम्बाब्वे में अफगानिस्तान का ऐतिहासिक दौरा: 28 साल बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी

इंटरनेशनल क्रिकेट में सिर्फ 12 ही टीमें हैं, जिन्हें आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट खेलने का अधिकार दिया है. इनमें भी भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमें आमतौर पर सबसे ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलती हैं. लेकिन अब क्रिकेट में छोटा कद रखने वाली बांग्लादेश, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे जैसी टीमों टीमों ने भी इसे महत्व देना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में जिम्बाब्वे की टीम अब 2 टेस्ट मैचों में अफगानिस्तान की मेजबानी करने वाली है. ये दोनों की मुकाबले ऐतिहासिक होने वाले हैं.

28 साल बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट

अफगानिस्तान की टीम जल्द ही जिम्बाब्वे दौरे पर जाने वाली है. 9 दिसंबर से शुरू होने वाले इस दौरे पर टी20, वनडे और टेस्ट यानि तीनों ही फॉर्मेट की सीरीज खेली जाएगी. जिम्बाब्वे की टीम 3 टी20 और 3 वनडे के अलावा 2 ऐतिहासिक टेस्ट मैच की मेजबानी करेगी. इस दौरान 28 सालों के बाद जिम्बाब्वे की टीम बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी करेगी. इससे पहले उसने 1996 में अपने घर पर इंग्लैंड के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट खेला था. इतना ही नहीं जिम्बाब्वे की टीम पहली बार न्यू ईयर टेस्ट की भी मेजबानी करने वाली है.

अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच होने वाले ये दोनों मुकाबले बुलावायो में होंगे. जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने इसके आयोजन को लेकर उत्सुकता जताई है. बता दें दोनों टीमों ने इससे पहले एक-दूसरे के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेले हैं. ये दोनों ही मुकाबले अबु धाबी में खेले गए थे और दोनों ही टीमों ने 1-1 मैच जीता था. वहीं दोनों टीमों के बीच 28 वनडे और 15 टी20 मैच भी खेले जा चुके हैं.

क्या होता है बॉक्सिंग डे टेस्ट?

आम तौर पर क्रिसमस के एक दिन बाद यानि 26 दिसंबर को शुरू होने वाले टेस्ट मैच को बॉक्सिंग डे मुकाबला कहा जाता है. ये ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसे कॉमनवेल्थ देशों में मशहूर है. सबसे लोकप्रिय बॉक्सिंग डे टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेला जाता है.

पूरा शेड्यूल

अफगानिस्तान के जिम्बाब्वे दौरे की शुरुआत 3 मैचों की टी20 सीरीज से होगी. फिर 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी और अंत में टेस्ट सीरीज का आयोजन होगा. पहला टी20 मुकाबला 9 दिसंबर, वहीं दूसरा 11 दिसंबर और तीसरा टी20 12 दिसंबर को होना है. इसके बाद 15 दिसंबर को पहला वनडे, 17 दिसंबर दूसरा वनडे और 19 दिसंबर तीसरा वनडे खेला जाएगा. इन दोनों सीरीज के सभी मुकाबले हरारे में होंगे. फिर ,बुलावायो में 26 से 30 दिसंबर तक पहला टेस्ट और 2 से 6 जनवरी तक दूसरा टेस्ट खेला जाएगा.

आरसीबी के लिए विराट कोहली का फिर से कप्तान बनना लगभग तय, नवंबर में होगी पुष्टि: फैंस की खुशी!

आईपीएल 2025 सीजन के लिए खिलाड़ियों के रिटेंशन को लेकर लगातार हलचल जारी है लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा चौंकाने वाली और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु फैंस को खुश करने वाली खबर आ रही है. तीन सीजन पहले तक आईपीएल में बेंगलुरु के कप्तान रहे विराट कोहली एक बार फिर से टीम का नेतृत्व करते दिख सकते हैं. आईपीएल रिटेंशन की डेडलाइन से पहले ये बड़ा दावा सामने आया है, जिसके मुताबिक कोहली फिर से बेंगलुरु की कप्तानी करने का मन बना चुके हैं. अब ऐसा होगा या नहीं, ये नवंबर में होने वाली मेगा ऑक्शन के बाद ही सामने आएगा.

कोहली ने जताए इरादे- रिपोर्ट

विराट कोहली की कप्तानी को लेकर ये दावा किया गया है ईएसपीएन-क्रिकइंफो के एक वीडियो में, जहां आईपीएल रिटेंशन को लेकर बातें की जा रही थी. इस वीडियो में ये बताया गया है कि विराट कोहली ने RCB मैनेजमेंट के सामने अपने दिल की बात रखी है और एक बार फिर से टीम की कप्तानी करने की इच्छा जाहिर की है. कोहली लगातार 9 सीजन तक RCB के कप्तान थे लेकिन खिताबी सफलता नहीं मिलने के कारण उन्होंने 2021 सीजन के बाद इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही फाफ डुप्लेसी ने लगातार 3 सीजन टीम की कमान संभाली.

RCB को कप्तान की तलाश

अगले सीजन के लिए बेंगलुरु की ओर से डुप्लेसी को रिटेन किए जाने की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं. ऐसे में लगातार दावा किया जा रहा है कि RCB मेगा ऑक्शन के जरिए केएल राहुल, ऋषभ पंत या श्रेयस अय्यर में से किसी एक को खरीदकर टीम का कप्तान बनाने पर विचार कर रही है. इसमें भी राहुल का नाम सबसे आगे है, जिन्होंने करियर के शुरुआत में कुछ सीजन में बेंगलुरु में बिताए भी थे. लेकिन अब इस ताजा रिपोर्ट से सारे दावे गलत साबित होते दिख रहे हैं. अगर कोहली ने वाकई कप्तानी की इच्छा जाहिर की है तो इसकी बात की संभावना कम ही है कि RCB उन्हें मना करेगी क्योंकि कप्तानी के रिकॉर्ड के बावजूद कोहली फ्रेंचाइजी की पहचान रहे हैं.

9 साल में नहीं जीत पाए खिताब

अगर विराट के आईपीएल में कप्तानी के रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने 2013 सीजन में पूरी तरह से कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी लेकिन वो एक बार भी टीम को खिताब नहीं जिता पाए. उनकी कप्तानी में फ्रेंचाइजी ने सिर्फ 2016 में ही एक बार फाइनल खेला था, जहां उसे सनराइजर्स हैदराबाद से हार का सामना करना पड़ा था. कोहली ने कुल मिलाकर 143 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से टीम को सिर्फ 66 में जीत मिली जबकि 70 में हार झेलनी पड़ी. जहां तक पिछले 3 सीजन की बात है तो डुप्लेसी की कप्तानी में टीम ने 2022 और 2024 में प्लेऑफ का सफर तय किया लेकिन 2023 में टीम इससे चूक गई थी.

न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज: जसप्रीत बुमराह को आराम देने की मांग, मोहम्मद सिराज की वापसी की उम्मीद

टीम इंडिया के हाथ से टेस्ट सीरीज फिसल चुकी है. न्यूजीलैंड ने बेंगलुरु और पुणे टेस्ट मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है. अब आखिरी मुकाबला बचा है जो 1 नवंबर से मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेला जाएगा. टीम इंडिया के पास इस सीरीज में अपनी लाज बचाने का बस यही आखिरी मौका है. ऐसे में वो पूरी ताकत के साथ इस टेस्ट में उतरना चाहेगी लेकिन टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी को इस मैच से रेस्ट देने की मांग हो रही है. ये खिलाड़ी हैं स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मांग की है पूर्व विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने.

आखिरी टेस्ट जीतना बेहद जरूरी

टीम इंडिया को सिर्फ 3 दिन के अंदर पुणे टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही 12 साल के लंबे अंतराल के बाद टीम इंडिया घर में सीरीज हार गई. इसने न सिर्फ टीम इंडिया के वर्चस्व को खत्म किया बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की राह और भी मुश्किल बना दी. ऐसे में अगर टीम इंडिया को क्लीन स्वीप से बचना है और फाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखना है तो उसे मुंबई में जीत दर्ज करनी ही होगी और ऐसे में बुमराह की जरूरत टीम इंडिया को पड़ेगी ही.

फिर भी बुमराह को आराम देने की मांग

इसके बावजूद टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी कार्तिक का मानना है कि बुमराह को इस टेस्ट के लिए आराम दिया जाना चाहिए. कार्तिक ने क्रिकबज के एक शो में इस बारे में बात करते हुए कहा कि बुमराह को आराम की काफी जरूरत है और ऐसा होने जा रहा है. कार्तिक ने उम्मीद जताई है कि बुमराह की जगह मोहम्मद सिराज की प्लेइंग इलेवन में वापसी होगी. उन्होंने हालांकि आखिरी टेस्ट के लिए टीम में किसी भी और बदलाव की उम्मीद नहीं जताई. कार्तिक ने कहा कि सिर्फ किसी खिलाड़ी को चोट की स्थिति में ही बदलाव की जरूरत होगी.

क्यों जरूरी है बुमराह के लिए आराम?

अब सवाल ये है कि कार्तिक ने बुमराह को आराम दिए जाने की बात क्यों कही? क्या टीम इंडिया को ऐसा करने की जरूरत है? ये बात सही है कि भारत को आखिरी मैच जीतने की जरूरत है और इसमें बुमराह अहम भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वानखेडे स्टेडियम में तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलती है और बुमराह के पास इस मैदान पर खेलने का अच्छा खासा अनुभव है. इसके बावजूद उन्हें इसलिए आराम दिए जाने की जरूरत है क्योंकि मुंबई टेस्ट के बाद टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है, जहां 5 टेस्ट मैच खेले जाएंगे.

ऑस्ट्रेलिया में बुमराह पर ही सबसे ज्यादा दारोमदार होगा क्योंकि इस बार मोहम्मद शमी भी टीम का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में स्टार पेसर को वहां सभी 5 मैच खेलने पड़ सकते हैं जो नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. इसलिए बुमराह को एक टेस्ट से आराम देने का खतरा उठाना ही पड़ेगा. इसके अलावा एक संयोग भी इसमें जुड़ा है. बुमराह ने अपने करियर में अभी तक न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच खेले हैं और टीम इंडिया को इन सभी में हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में हो सकता है उन्हें आराम देने से शायद टीम को जीत भी मिल जाए.

अफगानिस्तान ए ने रचा इतिहास: एमर्जिंग एशिया कप में श्रीलंका ए को 7 विकेट से हराकर पहली बार जीता खिताब

विश्व क्रिकेट में लगातार अपनी पहचान मजबूत करता दिख रहा अफगानिस्तान क्रिकेट एशिया की बड़ी ताकत साबित होता जा रहा है. वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और एशिया कप जैसे टूर्नामेंट्स में सीनियर टीम के दमदार प्रदर्शन करने के बाद अब एमर्जिंग एशिया कप में अफगानिस्तान ए ने इतिहास रच दिया है. ओमान में खेले गए टूर्नामेंट में अफगानिस्तान ए ने फाइनल में श्रीलंका ए को आसानी से हराते हुए पहली बार खिताब अपने नाम कर लिया. टूर्नामेंट के स्टार साबित हुए सेदिकुल्लाह अटल ने फाइनल में एक और उपयोगी पारी खेली, जबकि 18 साल के स्पिनर मोहम्मद गजनफर फाइनल इस मुकाबले के स्टार साबित हुए.

मस्कट में पिछले कुछ दिनों से चल रहे इस टूर्नामेंट में इंडिया ए और पाकिस्तान शाहीन को खिताब का दावेदार माना जा रहा था. दोनों टीमों ने पिछले साल का फाइनल खेला था जहां पाकिस्तान ने खिताब जीता था. इस बार हालांकि दोनों ही टीमें सेमीफाइनल में ही हारकर बाहर हो गईं और इंडिया ए को दमदार अंदाज में हराने वाली अफगानिस्तान ए ने ही आखिरकार ट्रॉफी पर अपना नाम लिखाया. रविवार 27 अक्टूबर को हुए फाइनल में अफगानिस्तान ए ने 7 विकेट से जीत दर्ज की

बिलाल-गजनफर ने किया पस्त

डिफेंडिंग चैंपियन पाकिस्तान शाहीन को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंचने वाली श्रीलंका ए की शुरुआत खिताबी मुकाबले में अच्छी नहीं रही. सिर्फ 26 गेंदों के अंदर टीम ने अपने 4 विकेट गंवा दिए थे जबकि 15 रन ही बन पाए थे. बिलाल सामी और गजनफर ने 2-2 विकेट लेकर श्रीलंका की ये हालत की. हालांकि इसके बाद सहन अरच्चिगे ने पवन रत्नायके और निमेश विमुक्ति के साथ साझेदारियां कर टीम को 20 ओवर में 133 रन के मुकाबले लायक स्कोर तक पहुंचाया. अरच्चिगे ने 47 गेंदों में 64 रन की पारी खेली. वहीं सामी ने 22 रन देकर 3 और गजनफर ने 14 रन देकर 2 विकेट झटके.

अफगानिस्तान को नहीं हुई परेशानी

वहीं सेमीफाइनल में इंडिया ए के खिलाफ टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर 206 रन बनाने वाली अफगानिस्तान के लिए ये स्कोर भी बड़ा साबित नहीं हुआ. हालांकि उसने पहली गेंद पर ही विकेट गंवा दिया था लेकिन सेदिकुल्लाह और कप्तान दारविश रसूली ने मिलकर पारी को संभाला. सेदिकुल्लाह ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया और आखिर तक जमे रहे. उनका साथ देने के लिए पहले करीम जनत और फिर मोहम्मद इशाक ने अहम पारियां खेलीं, जिनके दम पर अफगानिस्तान ए ने 18.1 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया और पहली बार खिताब अपने नाम किया.

पाकिस्तान क्रिकेट टीम को मिला नया कप्तान: मोहम्मद रिजवान संभालेंगे कमान

पाकिस्तान क्रिकेट टीम को एक बार फिर नया कप्तान मिल गया है. हाल ही में बाबर आजम ने पाकिस्तान की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था. वह वनडे और T20I की कमान संभाल रहे थे. ये दूसरी बार था जब बाबर आजम ने पाकिस्तान की कप्तानी से इस्तीफा दिया. ऐसे में अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले नया कप्तान चुन लिया है. इस दौरे के शुरुआत 4 नवंबर से होने जा रही है, जहां दोनों टीमों के बीच 3 वनडे और 3 टी20 मैच खेले जाएंगे.

पाकिस्तान की टीम को मिला नया कप्तान

पाकिस्तान के नए व्हाइट बॉल टीम के कप्तान का ऐलान पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने लाहौर में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में किया. मोहसिन नकवी ने ऐलान किया कि मोहम्मद रिजवान अब पाकिस्तान की व्हाइट बॉल टीम के कप्तान होंगे. वहीं, सलमान आगा को व्हाइट बॉल टीम का उपकप्तान बनाया गया है. मोहम्मद रिजवान टीम की कमान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जाने वाली वनडे सीरीज से संभालेंगे. हालांकि, वह जिम्बाब्वे दौरे पर टी20 टीम का हिस्सा नहीं होंगे, ऐसे में सलमान आगा कप्तानी करते हुए नजर आ सकते हैं.

रिजवान को पहली बार मिली कमान

मोहम्मद रिजवान के पास घरेलू क्रिकेट में कप्तानी का काफी अनुभव है. वह पाकिस्तान की क्रिकेट लीग में भी कप्तानी करते हुए और अपनी टीम को खिताब भी जीता चुके हैं. हालांकि, ये पहला मौका होगा जब जब वह पाकिस्तान की व्हाइट बॉल टीम की कप्तानी करेंगे. इससे पहले वह टेस्ट टीम की कप्तानी कर चुके हैं. उनकी कप्तानी में पाकिस्तान की टीम ने 2020-21 के न्यूजीलैंड दौरे पर 2 टेस्ट मैच खेले थे. लेकिन इन दोनों मैचों में टीम का हार का सामना करना पड़ा था.

टीम के अहम बल्लेबाजों में से एक

मोहम्मद रिजवान व्हाइट बॉल क्रिकेट में पाकिस्तान के सबसे अहम बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने पाकिस्तान के लिए अभी तक 74 वनडे और 102 टी20 मैच खेले हैं. वनडे में उन्होंने 40.15 के औसत से 2088 बनाए हैं, जिसमें 13 अर्धशतक और 3 शतक शामिल हैं. वहीं, टी20 में वह 48.72 के औसत से 3313 रन बना चुके हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 29 अर्धशतक और 1 शतक निकला है.

टीम इंडिया की 12 साल बाद घर में टेस्ट सीरीज हारा: रोहित शर्मा ने बताया हार का कारण

पुणे टेस्ट मैच में 113 रन की हार के साथ ही टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवा दी है. तीन मैच की इस सीरीज के पहले और दूसरे मैच में टीम इंडिया को करारी शिकस्त मिली. इस तरह 12 साल में पहली बार भारतीय टीम को अपने घर पर टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है.

टीम की हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हार के कारणों पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया और इसी दौरान कुछ ऐसा बोला, जिसने हैरान कर दिया. भारतीय कप्तान ने कहा कि इन दो मुकाबलों की हार के बाद पोस्ट-मार्टम करने की या ओवररिएक्शन की जरूरत नहीं है. रोहित ने यहां तक कहा कि 12 साल में एकाध बार ऐसे नतीजे चलते हैं.

बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से जीत दर्ज करते हुए सबको चौंका दिया था. फिर पुणे टेस्ट को 3 दिन के अंदर ही उसने अपने नाम करते हुए सीरीज पर कब्जा कर लिया, जबकि एक मुकाबला अभी भी बाकी है. इंग्लैंड के खिलाप 2012 में घरेलू टेस्ट सीरीज में हार के बाद ये पहला मौका है, जब टीम इंडिया का ऐसा हाल हुआ है. ऐसे में टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं और मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम की गलतियों और खिलाड़ियों की काबिलियत पर कई तरह के सवाल हुए, जिस पर रोहित ने अपने साथियों का बचाव किया लेकिन कुछ अजीब जवाब भी दिए.

12 साल में एकाध बार होता है’

टीम इंडिया को घर में लगातार 18 सीरीज जीतने के बाद पहली बार हार का सामना करना पड़ा और कप्तान रोहित ने इसका ही हवाला देते हुए कहा कि कभी-कभार ऐसे नतीजे आ जाते हैं. भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम पिछली लगातार 18 सीरीज जीती और अब 2 टेस्ट मैच हारी है, जो बताता है कि लंबे समय तक टीम ने अच्छा किया और खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया. रोहित ने इन दो हार को लेकर ज्यादा न सोचने की बात करते हुए कहा कि बल्लेबाजों के लिए 2-3 पारियां खराब रहीं और एकाध सीरीज में ऐसा हो जाता है

कोई पोस्ट-मॉर्टम नहीं

उन्होंने साथ ही कहा इस नतीजे के बावजूद वो किसी तरह का पोस्ट-मॉर्टम नहीं करना चाहते और न ही अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर कोई ओवररिएक्शन दिखाते हुए पूरे सिस्टम को ही फेरबदल करना चाहते हैं. रोहित ने साथ ही कहा कि वो किसी भी खिलाड़ी की काबिलियत पर शक नहीं करेंगे क्योंकि इन्हीं खिलाड़ियों ने टीम को पहले भी कई मैच जिताए हैं. हालांकि भारतीय कप्तान ने ये जरूर कहा कि बल्लेबाजों के साथ अलग से बात की जाएगी और उनकी पारियों पर चर्चा होगी.

भारतीय क्रिकेट टीम की हार के कारण: अश्विन से लेकर बुमराह तक, कौन हैं जिम्मेदार?"

टीम इंडिया का अभेद किला भी अब टूट गया है. अपने घर में पिछले 12 साल से हर टेस्ट सीरीज जीतने वाली टीम इंडिया का वर्चस्व अब खत्म हो गया है. पिछले 4331 दिन से जो बादशाहत चली आ रही थी, वो खत्म हो गई है. न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट मैच में मिली 113 रन की हार के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज भी गंवा दी. टीम इंडिया की इस हार की बड़ी वजह बल्लेबाजों की नाकामी रही है लेकिन एक ऐसा कारण भी अब सामने आया है, जो चौंका देगा. इसका सीधा-सीधा संबंध 12 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार से है और ये वजह हैं स्टार ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन. इसके अलावा जसप्रीत बुमराह का भी एक कनेक्शन सामने आया है.

2012 में इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के बाद से ही टीम इंडिया ने घर में लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीती थीं और इसकी एक बड़ी वजह भारतीय स्पिनरों का जबरदस्त प्रदर्शन था, जिसके अगुवा रविचंद्रन अश्विन रहे हैं. रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर उन्होंने टीम इंडिया के किले को अभेद बना दिया था लेकिन इस बार वो टूट गया और इसमें अश्विन का प्रदर्शन भी एक बड़ी वजह बनकर उभरा है. ये कहना गलत होगा कि इस हार के दोषी सिर्फ अश्विन हैं, जबकि उन्होंने लगभग हर टेस्ट सीरीज में कमाल किया लेकिन इस सीरीज में उनका नहीं चल पाना टीम इंडिया के लिए घातक साबित हुआ.

2012 और 2024 की हार का अश्विन से कनेक्शन

आंकड़ों से इसे बेहद अच्छे से समझा जा सकता है, जो चौंकाने वाला है. इस सीरीज की अभी तक हुई 4 पारियों में अश्विन ने सिर्फ 6 विकेट झटके हैं और उनका बॉलिंग एवरेज 43.50 का है. यानि 43.50 रन पड़ने के बाद उन्हें एक विकेट मिला है. अश्विन ने अपने करियर में भारतीय जमीन पर जितनी भी टेस्ट सीरीज खेली हैं, उनमें ये उनका दूसरा सबसे खराब बॉलिंग एवरेज है. घरेलू टेस्ट सीरीज में अश्विन के करियर का सबसे खराब एवरेज 52.64 रहा है. उनका ये प्रदर्शन 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में आया था. संयोग से टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ हार मिली थी और अब वही हालत न्यूजीलैंड के खिलाफ भी हुई है.

इन आंकड़ों से ये तो पता चलता है कि अश्विन का प्रदर्शन इस सीरीज में अच्छा नहीं रहा लेकिन ये इस दिग्गज ऑफ स्पिनर की महानता को भी बताता है कि पिछले 12-13 साल से उन्होंने लगातार घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके दम पर ही टीम इंडिया लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीतने में सफल रही थी. इस सीरीज से ठीक पहले बांग्लादेश के खिलाफ भी अश्विन ने गेंद और बल्ले से कमाल किया था और प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए थे. ऐसे में अगर अश्विन की एक खराब सीरीज के कारण सारा ठीकरा उन पर नहीं फोड़ा जा सकता.

बुमराह के साथ जुड़ा अजब संयोग

सिर्फ इतना ही नहीं, स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के साथ भी हार का एक ऐसा संयोग जुड़ गया है, जिस पर यकीन करना मुश्किल है. असल में इस सीरीज से पहले बुमराह ने टीम इंडिया में रहते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ 3 टेस्ट मैच खेले थे. इनमें से 2 मैच 2020 के न्यूजीलैंड दौरे पर और तीसरा 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेला गया था. टीम इंडिया ये तीनों ही मैच हारी थी. इसके बाद इस सीरीज में बुमराह ने दोनों ही टेस्ट मैच खेले और दोनों में टीम इंडिया को शिकस्त मिली. यानि न्यूजीलैंड के खिलाफ जिन 5 टेस्ट का हिस्सा बुमराह रहे हैं, वो सभी टीम इंडिया ने हारे हैं. इतना ही नहीं, 2021 में जब न्यूजीलैंड की टीम भारत आई थी, तो बुमराह उस सीरीज का हिस्सा नहीं थे और टीम इंडिया ने 1-0 से सीरीज जीती थी.

ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया का एलान, रोहित शर्मा की कप्तानी में इन 18 खिलाड़ियों को मिली मौका

न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट में खस्ता हालत के बीच ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. बीसीसीआई ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए 18 खिलाड़ियों को चुना है. मौजूदा घरेलू सीरीज में खेल रहे कई खिलाड़ी इस स्क्वॉड का हिस्सा नहीं हैं. वहीं पिछले दो दौरों पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा करने में अहम योगदान देने वाले कई खिलाड़ी भी बाहर कर दिए गए हैं. इस बार हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा कुछ नए खिलाड़ियों के साथ ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरने वाले हैं. इस सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा. आइये जानते हैं सीरीज के दौरान टीम इंडिया की प्लेइंग XI कैसी दिख सकती है.

ऑस्ट्रेलिया में कैसी होगी प्लेइंग XI?

भारतीय टीम ने पिछले दो दौरों पर जब ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात दी, तब नए खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया था. इस बार भी 18 खिलाड़यों के स्क्वॉड में कई खिलाड़ी पहली बार ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर खेलने वाले हैं. वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिन्हें सीधे विदेशी धरती पर ही डेब्यू करने का मौका मिल सकता है. ऑस्ट्रेलिया की कंडिशन को देखते हुए टीम इंडिया की प्लेइंग XI में 3 पेसर, 1 स्पिनर, 1 पेस ऑलराउंडर और 1 विकेटकीपर के अलावा 5 मुख्य बल्लेबाजों के रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

इन बल्लेबाजों के खेलने की उम्मीद

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच की ओपनिंग जोड़ी कप्तान रोहित शर्मा पर निर्भर करेगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह पहला मैच मिस कर सकते हैं. ऐसे में बैक अप ओपनर अभिमन्यु ईश्वरन को डेब्यू का मौका मिल सकता है. हालांकि, अगर रोहित मौजूद रहते हैं तो वो यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करते हुए दिखेंगे.

शुभमन गिल ने नंबर 3 पर पिछले कुछ समय में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी अच्छी बल्लेबाजी की थी. वहीं नंबर 4 पर विराट कोहली और नंबर 5 पर ऋषभ पंत नजर आएंगे. नंबर 6 के लिए सरफराज खान और केएल राहुल के बीच जंग है. मौजूदा फॉर्म को देखते हुए सरफराज इसमें बाजी मार सकते हैं. इसके अलावा नंबर 7 पर नीतीश रेड्डी को पेस ऑलराउंडर के तौर पर खिलाए जाने की उम्मीद की जा रही है.

कैसा रहेगा भारत का बॉलिंग अटैक?

जसप्रीत बुमराह पिछले कुछ समय में भारतीय पेस अटैक का लीडर बनकर उभरे हैं. जाहिर तौर पर वह टीम में शामिल रहेंगे. उनके अलावा मोहम्मद सिराज दूसरे मुख्य तेज गेंदबाज के तौर पर खेलते हुए नजर आ सकते हैं. आकाशदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने के बाद से काफी प्रभावित किया है. अपनी सटीक लाइन-लेंथ और विकेट लेने की क्षमता के कारण तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर उनके खेलने की संभावना ज्यादा है.

वहीं स्पिन डिपार्टमेंट में भारत अनुभवी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन के साथ जा सकता है. वह बल्लेबाजी भी कर लेते हैं. पिछले दौरे उन्होंने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था. हनुमा विहारी के साथ मिलकर एक टेस्ट मैच भी बचाया था. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में संभावित प्लेइंग XI को देखें तो यशस्वी जायसवाल,सरफराज खान, नीतीश कुमार रेड्डी और आकाश दीप 4 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेलने वाले हैं. इन सभी पर ट्रॉफी डिफेंड करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी.

संभावित प्लेइंग XI:

रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उप-कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), नीतीश कुमार रेड्डी, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप.

टीम इंडिया का स्क्वॉड

रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उप-कप्तान), यशस्वी जायसवाल, अभिमन्यु ईश्वरन, शुभमन गिल, विराट कोहली, सरफराज खान, केएल राहुल, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश कुमार रेड्डी, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा.

रिजर्व/मुकेश कुमार नवदीप सैनी खलील अहमद

क्रिकेट के मैदान पर दर्दनाक हादसा: पाकिस्तानी खिलाड़ी साजिद खान की ठोड़ी में लगी गेंद , खून बहने के बाद भी खिलाड़ी ने दिखाया हौसला

पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच रावलपिंडी में खेला जा रहा तीसरा टेस्ट मैच रोमांचक स्थिति में है. मैच में दो दिन का खेल होने के बाद पाकिस्तानी टीम जीत की स्थिति में दिख रही है. मैच के दूसरे दिन हालांकि एक हादसा हो गया, जिसमें पाकिस्तानी खिलाड़ी का खून तक बहने लगा.

पिंडी क्रिकेट स्टेडियम में मैच के दूसरे दिन पाकिस्तानी टीम अपनी पहली पारी में बल्लेबाजी कर रही थी और उसके लिए स्पिनर साजिद खान अपने बल्ले से कमाल दिखा रहे थे लेकिन तभी लेग स्पिनर रेहान अहमद की एक गेंद पर शॉट खेलने में नाकाम रहे और गेंद उनकी ठोड़ी (चिन) में लग गई

जैसे ही गेंद उनके हेल्मेट को भी भेदते हुए ठोड़ी में लगी, तुरंत वहां एक घाव हो गया और खून की धार बहने लगी. उनकी सफेद जर्सी खून से लाल हो गई और वो उसे रोकने की कोशिश करने लगे.

इसी दौरान अंपायर ने तुरंत समझदारी दिखाते हुए रुमाल से उनके घाव को ढकते हुए खून को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद टीम के फिजियो मैदान पर आए और टांके लगाकर साजिद के घाव को बंद किया

वैसे ये घाव भी साजिद के हौसले को नहीं डिगा सका और उन्होंने रेहान के अगले ओवर में शानदार छक्का जमाया. साजिद ने 10वें नंबर पर आकर टीम के लिए 48 गेंदों में 48 रन की बेहद अहम पारी खेली और फिर दूसरी पारी में इंग्लैंड को एक झटका देकर टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया.

शमी की वापसी से भारतीय क्रिकेट टीम को मिलेगी मजबूती: ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए तैयार

टीम इंडिया के लिए पुणे टेस्ट एक बुरे सपने में बदलता जा रहा है. पहले ही बेंगलुरु टेस्ट हारकर सीरीज में पिछड़ चुकी भारतीय टीम पुणे टेस्ट में भी न्यूजीलैंड के सामने हार की कगार पर दिख रही है. ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टीम इंडिया का ये प्रदर्शन न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि टेंशन देने वाला भी है. पुणे में टीम इंडिया के इस पस्त हाल के बीच बेंगलुरु से एक राहत देने वाली खबर आई है. ये राहत वाली खबर है स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लेकर, जो पिछले एक साल से चोट के कारण क्रिकेट एक्शन से दूर हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शमी जल्द ही मैदान पर वापसी करने वाले हैं और इसके लिए वो रणजी ट्रॉफी का रुख कर रहे हैं, जहां वो अगले महीने बंगाल के लिए 2 मैच खेलते हुए दिख सकते हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले उनकी मैच फिटनेस और प्रैक्टिस भी हो जाएगी.

6 नवंबर को खत्म होगा इंतजार

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मोहम्मद शमी जल्द ही बेंगलुरु में ही अपनी घरेलू टीम बंगाल से जुड़ सकते हैं. बंगाल क्रिकेट टीम के हेड कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला के हवाले से इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 6 नवंबर से शुरू हो रहे मैच से शमी की वापसी हो सकती है. ये मैच बंगाल और कर्नाटक के बीच खेला जाएगा और बेंगलुरु में ही होगा. शुक्ला ने उम्मीद जताई कि स्टार भारतीय पेसर इस मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे और फिर इसके बाद मध्य प्रदेश के खिलाफ होने वाले मैच में भी खेल सकेंगे. अगर ऐसा होता है तो शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले लय हासिल करने के लिए 2 मैच मिल जाएंगे.

ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए टीम

इंडिया का सेलेक्शन पुणे टेस्ट मैच के बाद होने की संभावना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में तीसरा टेस्ट मैच खत्म होने के तुरंत बाद ही टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो जाएगी. ऐसे में अगर शमी इन रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में हिस्सा लेते हैं तो वो टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया नहीं जा पाएंगे. हालांकि, टीम इंडिया उनके मैच फिट होने को ज्यादा प्राथमिकता देगी ताकि वो बाद में ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर टीम के साथ जुड़ सकें. भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होगी. इस सीरीज में 5 टेस्ट मैच खेले जाएंगे.

पिछले 1 साल से बाहर हैं शमी

शमी को पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के दौरान टखने में चोट लगी थी और इसके बाद से ही वो मैदान से बाहर हैं. शमी ने इस साल लंदन में टखने की सर्जरी कराई थी और उसके बाद से घर के साथ-साथ नेशनल क्रिकेट एकेडमी में अपने रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. हालांकि शमी के इस महीने की शुरुआत में ही रणजी ट्रॉफी से वापसी की उम्मीद की जा रही थी, जिसके बाद वो न्यूजीलैंड सीरीज में खेल सकते थे लेकिन इसी दौरान उनके बाएं घुटने में सूजन हो गई, जिसके चलते उन्हें इंतजार करना पड़ा. हाल ही में बेंगलुरु टेस्ट मैच के दौरान वो नेट्स में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को गेंदबाजी करते दिखे थे.