झारखंड युवा सदन 4.0 युवा सभा कार्यक्रम में रामगढ़ के नितेश कुमार मोदी ने मानव तस्करी बिल में ईसाई मिशनरीयों पर साधा निशाना..

युवा सदन द्वारा रांची में आयोजित झारखंड युवा सदन 4.0 कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, रामगढ़ के नगर मंत्री नितेश कुमार मोदी विपक्ष में रामगढ़ के विधायक के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। प्रश्न कल के दौरान उन्होंने झारखंड में गणपति पूजा व दुर्गा पूजा के अवसर पर डीजे पर प्रतिबंध की समस्या को उठाया। इसकी जानकारी देते हुए नितेश ने बताया कि एक तरफ सरकार सभी को स्वावलंबी होने का नारा देती है वहीं दूसरी ओर जो त्यौहार हजारों लोगों को रोजगार देती है वा लोगो के आस्था का केंद्र है, उस पर प्रतिबंध लगा लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य करती है। हिंदू धर्म न्यास बोर्ड वा पर्यटन विभाग से तारांकित प्रश्न किया की पारसनाथ, रजरप्पा वा अन्य धार्मिक स्थल जिसे पर्यटक स्थल घोषित कर दिया गया है वह आस्था का केंद्र है, कोई मन लुभावक पर्यटक क्षेत्र नहीं, वा इस पर अपनी पक्ष रखने की बात कही। शून्य काल के दौरान सदन में महिलाओं से संबंधित मासिक धर्म पर चर्चा हुई जिसमें सामाजिक तौर पर किस तरह हम लोगों के बीच जागरूकता एवं कार्य कर सकते हैं इस पर खुलकर सदन की साथियों के साथ चर्चा की गई जिसमें एक स्वर में लोगो ने स्वीकारा की स्कूलों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग आराम और सम्मान के साथ मासिक धर्म का प्रबंधन कर सकें।

सदन में मानव तस्करी विधेयक - 2024 सत्ता पक्ष के द्वारा पेश किया गया, जिस पर विपक्ष के द्वारा सत्ता पक्ष के मंशा का जन्म का विरोध किया गया। नितेश ने ईसाई मिशनरियों का विरोध करते हुए बताया कि पुनर्वास के नाम पर आज तक झारखंड में मिशनरी परोपकार के नाम पर अनाथालय में लड़कियों का बलात्कार कर प्रेग्नेंट करना व उनके बच्चों को बेचने का कार्य करती है, वृद्धाश्रम के नाम पर अंगों के तस्करी करने का आरोप उन पर सिद्ध हुआ है जिसमें निर्मल हृदय वा मदर टेरेसा जैसी संस्थाएं लिप्त हैं एवं वर्तमान सरकार इसको संरक्षण देकर संपोषित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ओमान देश में अंगों की तस्करी में झारखंड राज्य सबसे अधिक दंश झेल रहा है। उन्होंने पिछले 3 महीने में रामगढ़ से गायब सात बच्चियों का मामला सदन में उठाया। बिल के दूसरे रीडिंग में नितेश ने कई सारे अमेंडमेंट का जिक्र किया जिसमें प्रत्येक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और विद्यालयों में एंटी रैगिंग सेल की तरह एंटी ह्यूमन ट्रैफिक सेल के गठन करने की बात, प्रत्येक जिलों में तस्करी रोकने एवं गुम हुए लोगों को खोजने के लिए ऑपरेशन मुस्कान , शक्ति वाहिनी एवं स्पेशल टास्क फोर्स गठन करने की बात कही एवं बजट को डेढ़ सौ करोड़ से बढ़ाकर 300 करोड़ करने का सुझाव दिया गया ,जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष में युवाओं की भूमिका को लेकर आयोजित युवा सदन का यह कदम काफी ऐतिहासिक और सार्थक सिद्ध होगा।