आज कैबिनेट की होगी बैठक, दो निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता को मिल सकती है हरी झंडी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को शाम चार बजे कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें दो निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। पूर्व में खुले निजी विवि को प्रोत्साहन राशि का प्रस्ताव भी पास हो सकता है। इसके अलावा औद्योगिक विकास विभाग के दो प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिलने की संभावना है।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दो अक्तूबर पर 155वें गांधी जयंती समारोह को वैभवपूर्ण मनाने के लिए निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी राजकीय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही कार्यालयों व विद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, गांधीजी के जीवन संघर्ष, उनकी देश सेवा और जीवन मूल्यों पर व्याख्यानों के साथ अन्य कार्यक्रमों के बारे में निर्देश दिए। साथ ही शांति व सद्भाव का वातावरण बनाने के लिए जनमानस की सहभागिता और जागरूकता के बारे में भी चर्चा के लिए कहा।
एक लाख रुपये के लिए डिलीवरी ब्वॉय की हत्या कर शव को बैग में भरकर इंदिरा नहर में फेंका, दो गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से सनसनीखेज मामला सामने आया है। लखनऊ के चिनहट में मोबाइल देने पहुंचे डिलीवरी ब्वॉय की तीन युवकों ने साजिश रचकर मार डाला। उसे गला दबाकर मारने के बाद दो मोबाइल (कुल कीमत एक लाख रुपये) और करीब 35 हजार रुपये लूट लिए।

फिर डिलीवरी ब्यॉय के बैग में ही उसका शव डाला और बाराबंकी के माती इलाके में जाकर इंदिरा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने दो आरोपियों हिमांशु कनौजिया और आकाश को दबोच लिया है। तीसरे आरोपी गजानन की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। एसडीआरएफ की टीम शव बरामद करने के प्रयास में जुटी है।मूलरूप से अमेठी के जामो निवासी भरत कुमार प्रजापति (32) अपनी पत्नी अखिलेश कुमारी के साथ चिनहट इलाके में सतरिख रोड के सविता विहार में रहता था। वह इंस्टा कार्ड प्रा.लि कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय था।

24 सितंबर की दोपहर 49 ग्राहकों का सामान पहुंचाने के लिए भरत दफ्तर से निकला। उसके देर रात तक न लौटने पर हब इंचार्ज आदर्श कोष्टा ने परिजन को जानकारी देने के साथ चिनहट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।पुलिस के मुताबिक, वारदात देवा रोड स्थित बाबा अस्पताल के पास घर में अंजाम दी गई। जांच में सामने आया कि हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर जब भरत ने कॉल किया तो उसने गजानन से कांफ्रेंसिंग पर बात कराई। गजानन ने कहा, वह मोबाइल रिसीव कर लेगा। जब दोपहर को भरत मोबाइल लेकर पहुंचा तो गजानन ने आकाश के साथ मिलकर उसे घर के अंदर घसीट लिया।

फिर हत्या कर मोबाइल और पैसे लूट लिए। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने भरत की लाश के टुकड़े किए और फिर उसके बाद उसे नहर में फेंका। कुछ ऐसी जानकारी सामने आईं, जिससे एक आशंका ये भी है कि कहीं शव के टुकड़े कर बैग में तो नहीं भरे गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने भरत के मोबाइल नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली। आखिरी लोकेशन हत्यारोपियों के घर के पास की मिली। भरत के नंबर से आखिरी कॉल हिमांशु और फिर गजानन के नंबर पर की गई थी, इसलिए पुलिस ने इनकी भी डिटेल निकाली। इससे खुलासा हुआ कि उस शाम दोनों की लोकेशन माती में नहर के पास थी। सीसीटीवी फुटेज से भी साफ हो गया कि भरत गजानन के घर के अंदर तो गया, लेकिन बाहर नहीं आया।

आरोपी कार में उनका बैग रखकर जाते दिखे, जिससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया। आरोपियों को उठाकर सख्ती से पूछताछ की तो खुलासा हो गया। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम मंगलवार को भी नहर में शव की तलाश करेगी।भरत के पिता राम मिलन खादी ग्रामोद्योग विभाग में कर्मचारी हैं। भाई प्रेम कुमार अधिवक्ता हैं। ये सभी निशांतगंज में शिक्षा निदेशालय की कॉलोनी में रहते हैं। पिता ने बताया कि गजानन पहले भरत के साथ उसकी कंपनी में काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस इस पहलू पर भी तफ्तीश कर रही है कि हत्या की वजह कुछ और तो नहीं है? अभी तक मोबाइल और नकदी लूट की बात सामने आई है।

मानव संपदा पोर्टल पर 99 फीसदी से अधिक पुलिसकर्मियों ने दिया अपनी संपत्तियों का ब्योरा

लखनऊ । मानव संपदा पोर्टल पर 3,15,857 पुलिसकर्मियों ने अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा दे दिया है। रविवार दोपहर तक 99 फीसदी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा डीजीपी मुख्यालय को उपलब्ध करा दिया, जिसे पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि तकरीबन शत-प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने आदेश का पालन किया है।

ब्योरा नहीं देने वालों में अधिकांश कर्मी लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे हैं।बता दें कि डीजीपी मुख्यालय की तकनीकी सेवा शाखा ने 3,17,657 कर्मियों में से 3,15,857 की संपत्तियों का ब्योरा जुटा लिया है। एक माह पूर्व भी पोर्टल पर संपत्तियों का ब्योरा देने में पुलिस विभाग अन्य विभागों के मुकाबले आगे था। मुख्य सचिव के आदेश का अनुपालन कराने के लिए एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोरा का नोडल अधिकारी बनाया था, जिन्होंने सभी कमिश्नरेट, जिलों, शाखाओं में तैनात कर्मियों से उनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटाकर पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित कराया। इस दौरान पोर्टल में कर्मियों द्वारा खुद डाटा अपलोड करने में दिक्कत आई तो उनसे दो फॉर्म में चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा लेकर पोर्टल पर अपलोड कराया गया।
जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर योगी सख्त, खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की तलब की रिपोर्ट

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर सख्त रुख अख्तियार किया है। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही और हीलाहवाली की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर उन्होंने ऐसे जिलों के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी) की रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट मिलते ही बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही उन्होंने लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाल ही में आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पाया कि 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में प्रदेश के कई जिलों का प्रदर्शन ठीक नहीं है। इसमें शिकायतों के निस्तारण के बाद सीएम हेल्पलाइन एवं सीएम डैशबोर्ड से लिये गये फीड बैक में शिकायतकतार्ओं ने असंतोष जताया है। इनमें देवरिया, भदोही, गोंडा, ललितपुर, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, आजमगढ़ और मीरजापुर के जिले शामिल हैं। इन जिलों के शिकायतकतार्ओं ने अपनी शिकायत के निस्तारण के फीडबैक पर 70 प्रतिशत तक असंतोष जाहिर किया है। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इन जिलों के डीएम और एसएसपी, एसपी को फटकार लगाते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिये हैं। वहीं मुख्य सचिव समीक्षा बैठक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने वाले हैं। जानकारों की मानें तो रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकते हैं। शासन के सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में पाया कि प्रदेश के कुछ जिलों का अगस्त, सितंबर माह में आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निस्तारण करने में अच्छा प्रदर्शन रहा है। इन्होंने समयबद्ध तरीके से शिकायतों को निस्तारित कर स्पेशल क्लोज रिपोर्ट समिट की है। इसमें अगस्त माह में औरैया, लखीमपुर खीरी और लखनऊ शामिल हैं। इसी तरह सितंबर माह में औरैया, लखीमपुर खीरी, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर के जिले शामिल हैं। इस पर मुख्य सचिव ने इन जिलों के डीएम और एसएसपी, एसपी की प्रशंसा करते हुए अन्य जिलों के अधिकारियों को इसी आधार पर काम करने के निर्देश दिये।
नोएडा में सड़क दुर्घटना में दिल्ली के चार युवकों की मौत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख


लखनऊ /गौतमबुद्धनगर। थाना सेक्टर -24 क्षेत्र के सेक्टर -11 में रविवार देर रात तेज रफ़्तार ट्रैक्टर ने कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चार युवकों की मौत हो गयी। जबकि एक युवक घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों घायल के समुचित उपचार के निर्देश दिए।

पांच युवक दिल्ली से खाना खाने नोएडा आए थे

जानकारी के अनुसार एक कार में पांच युवक दिल्ली से खाना खाने नोएडा आए थे। रात में करीब दो बजे वे वापस जा रहे थे। उसी समय सेक्टर -11 एच ब्लॉक रेड लाइट के पास तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने कार में टक्कर मार दी। घटना में कार सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। मरने वालों की पहचान मोहित, विशाल, मनीष और हिमांशु उर्फ बिट्टू के रूप में हुई है। जबकि घायल युवक उत्तम है, जिसका अस्पताल में उपचार जारी है। चारों मृतक और घायल उत्तम न्यू कोंडली दिल्ली के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि हिमांशु उर्फ बिट्टू कार चला रहा था।

अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

एसीपी का कहना है कि घायल उत्तम की हालत खतरे से बाहर है। उसकी शिकायत पर अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटनास्थल से ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया गया है। जल्द ही आरोपित ट्रैक्टर चालक काे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उधर मौत की जानकारी मिलते ही परिवार को कोहराम मच गया है।
दबंग ने दलित परिवार की बेटी किया अपहरण ,परिजन डिप्टी सीएम से मिलकर न्याय की लगाई गुहार

लखनऊ। बलिया से एक पीड़ित दलित परिवार न्याय की गुहार लगाने रविवार को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के जनता दरबार में पहुंचा। पीड़ित दलित परिवार ने जिस दबंग सपा नेता पर लड़की के अपहरण का आरोप लगाया है उस परिवार को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उन्हें जरूर न्याय दिलाएगी। पीड़ित परिवार का कहना है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भरोसा दिया है कि मामले पर गंभीरता से एक्शन लिया जाएगा।

मामला बलिया जिले के उभांव थाना अंतर्गत गोंड गांव से जुड़ा हुआ है। यहां के एक दलित परिवार का आरोप है कि समाजवादी पार्टी का एक बड़ा नेता शंभू यादव जो पहले सहकारिता बैंक में जिलाध्यक्ष था उसने बेटी का अपहरण कर लिया है। लड़की के पिता रामचरण (परिवर्तित नाम) का कहना है कि आरोपी शंभू यादव का भाई अमरनाथ यादव हिस्ट्रीसीटर है। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं। इस यादव परिवार ने कुछ समय पहले एक झोपड़ी में ही आग लगा दी थी, बमुश्किल लोगों की जान बची थी।

हिस्ट्रीसीटर होने के बावजूद वह खुलेआम घूम रहे हैं और इसी यादव परिवार ने मेरी लड़की का अपहरण किया है। पूरे मोहल्ले ने यह देखा कि शाम के समय स्कॉर्पियो में बिठाकर जबरदस्ती ले गए हैं। पिता का आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन कार्रवाई के नाम पर हीलाहवाली कर रही है। 25 सितंबर से बेटी घर से गायब है। उसका अपहरण हो गया है, लेकिन पुलिस ने अब तक कुछ नहीं किया है। लड़की के पिता, मां और ताऊ रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के जनता दरबार में पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। डिप्टी सीएम ने पीड़ित परिवार को विश्वास दिलाया कि इस मामले में न्याय जरूर होगा। इस मामले में थानाध्यक्ष के सीयूजी नंबर पर कॉल करने पर जानकारी दी गई कि फिलहाल इस मामले में मुकदमा दर्ज है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। कुछ नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है। जैसे ही लोकेशन ट्रैस होगी, गिरफ्तारी की जाएगी। फिलहाल पीड़ित दलित परिवार को पुलिस की हीलाहवाली से न्याय की उम्मीद कम नजर आ रही है।

पशुधन प्रसार अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश संघ के अध्यक्ष पद पर रविंद्र यादव को मिली ऐतिहासिक जीत

लखनऊ । पशुधन प्रसार अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश का द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन व चुनाव पशुपालन विभाग निदेशालय के प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। इस प्रान्तीय अधिवेशन में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत लगभग 1300 पशुधन प्रसार अधिकारियों ने प्रतिभाग किया । संघ के कुल 6 पदों पर हुए चुनाव में 1244 अधिकारियों ने मतदान किया ।

जिसमें प्रदेश अध्यक्ष पद पर रविंद्र यादव जनपद लखनऊ, प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर अरुण कुमार प्रजापति जनपद सिद्धार्थनगर, प्रदेश महामंत्री पद पर पीसी सुमन जनपद सुल्तानपुर कोषाध्यक्ष पर अखिलेश पांडे जनपद कन्नौज, संयुक्त मंत्री पर हरीश सिंह जनपद गोंडा तथा आॅडिटर पद पर शालिनी गुप्ता जनपद सीतापुर निर्वाचित हुई। इस अवसर पर अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा द्विवार्षिक सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले सभी साथियों का आभार व्यक्त किया और संघ की तरफ से सभी सदस्यों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का विश्वास दिलाया ।

इस अवसर पर प्रदेश मंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद डॉक्टर नरेश कुमार सिंह कार्यकारिणी का साथ देने और संवर्ग की हर प्रकार की सहायता उच्च स्तर पर प्रदान करने का आश्वासन दिया जिस पर वर्तमान कार्यकारिणी के निर्वाचित पदाधिकारियों द्वारा विशेष आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ. पीएन सिंह तथा डॉ. एके वर्मा अपर निदेशक ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को आशीर्वाद दिया ।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो  में यूपी पुलिस की स्टॉल को मिला प्रथम पुरस्कार

लखनऊ। यूपी सरकार एवं India Exposition Mart limited द्वारा संयुक्त रुप से गौतम बुद्ध नगर में UP International Trade Show 2024 का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशान्त कुमार के निर्देशन में उक्त ट्रेड शो के हॉल नम्बर चार में यूपी पुलिस द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के सन्दर्भ में एक स्टॉल लगाई गई थी।

आयोजकों द्वारा उक्त ट्रेड शो के सभी 15 हॉल में लगाई गई स्टॉल में से स्टॉल की साइज, उसका सेटअप, वहां के माहौल तथा स्टॉल पर आने वाले लोगों की संख्या के आधार पर प्रत्येक हॉल में प्रथम तीन स्टॉल को पुरस्कृत किया गया। ट्रेड शो के हॉल नम्बर 4 में लगाई गई उत्तर प्रदेश पुलिस की स्टॉल को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

27 सितंबर  को  केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह एवं कैबिनेट मंत्री उराकेश सचान द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक UP112 मोहनी पाठक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव यूपी सरकार, खेल एवं युवा कल्याण,एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन,खादी एवं ग्रामोद्योग,व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, श्री आलोक कुमार तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।डीजीपी प्रशान्त कुमार द्वारा उक्त स्टॉल को लगाने एवं वहां पर कार्यरत कर्मियों के उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए उनको प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
योगी सरकार के अथक प्रयास से बीमारू से स्वस्थ प्रदेश बना यूपी,एमबीबीएस की सीटों में 108 तो पीजी की सीटाें में 181 प्रतिशत का हुआ इजाफा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का संकल्प लिया। साढ़े सात वर्षों में निरंतर किए गए प्रयासों के चलते आज उनका संकल्प साकार होता दिखाई दे रहा है।

वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालि

वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों और विदेशों का रुख करना पड़ता था। आज उन्हे प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदेश में पहले की अपेक्षा डॉक्टर्स की कमी दूर हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों की तुलना में प्रदेश में मेडिकल कॉजेल की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या महज 39 थी। इसी तरह प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

एमबीबीएस की 11,200 तो पीजी की 3,781 सीटोंं पर हो रहा दाखिला

मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प की दिशा में लगातार काम हो रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे। इनमें 14 सरकारी और 25 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। वहीं योगी सरकार के प्रयासों से पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में दोगुने का इजाफा हआ है।

इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल

वर्तमान में प्रदेश में कुल 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,390 थी। इनमें एमबीबीएस की 1,840 सीटें सरकारी और 3550 सीटें प्राइवेट थीं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में कुल सीटें 11,200 हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 5150 सरकारी सीटें और 6050 प्राइवेट सीटें शामिल हैं। इसी तरह पीजी की सीटों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 1,344 सीटें थी। इनमें सरकारी 741 और प्राइवेट की 603 सीटें शामिल हैं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में इनकी कुल संख्या 3,781 हैं। इनमें सरकारी 1,759 और प्राइवेट की 2022 सीटें शामिल हैं।

बागपत, हाथरस व कासगंज में भी होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 12 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय क्रमश: बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों को ऑल इंडिया कोटा के तहत काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है। जबकि 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य स्तरीय यूजी नीट प्रथम चक्र की काउंसिलिंग से अधिकांश पर आवंटन किया जा चुका है। वहीं सोनभद्र के मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष द्वितीय अपील योजित की गई। अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है।

नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा

इसका निर्माण कार्य 34 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 100 सीटों की लेटर ऑफ परमिशन प्राप्त करने के लिए एनएमसी, नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा। इसी तरह पीपीपी मोड के तहत मऊ में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां पर एनएमसी के लेटर ऑफ परमिशन के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड के वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।
भाजपा कोई भी चुनाव निष्पक्ष नहीं होने देना चाहती : अखिलेश यादव
लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा कोई भी चुनाव निष्पक्ष नहीं होने देना चाहती है। बेईमानी करके सभी पदों पर कब्जा करना चाहती है। इन दिनों गन्ना समितियों के चुनाव में भी भाजपा समर्थक सत्ता के संरक्षण में अराजकता पर उतारू हैं।

लखीमपुर खीरी, बरेली, हापुड़, मेरठ, मुरादाबाद समेत अन्य जिलों में सत्ता संरक्षित भाजपाई बेईमानी और गुण्डई करके अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान कर रहे हैं। अधिकारियों पर दबाव बनाकर जबरदस्ती पर्चे खारिज करा रहे हैं। ये सब निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देना चाहते हैं। भाजपाई अराजकता और गुण्डई के खिलाफ कई जिलों में किसान धरना देकर विरोध कर रहे हैं। सत्ता के मद में चूर भाजपा प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करके चुनावों को प्रभावित कर रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि जबसे प्रदेश में भाजपा सरकार आयी है वह हर चुनाव में धांधली कर रही है। भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में भी कई सीटों पर बेईमानी की। 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए वोट दिया लेकिन भाजपा ने बेईमानी और धांधली से परिणाम प्रभावित किया। लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा सरकार ने पुलिस प्रशासन के बल पर सत्ता का जिस तरह से दुरूपयोग किया था यह सभी ने देखा था। मतदाताओं को मारा-पीटा गया था और वोट नहीं डालने दिया गया था। यह काम भाजपा हर चुनाव में कर रही है। ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी सत्ता का दुरुपयोग करके लोकतंत्र को शर्मसार किया था। लोकसभा चुनाव में हार से बौखलाई भाजपा सरकार प्रदेश में संभावित उपचुनाव में भी लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने पर अमादा है। उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जाति-धर्म के आधार पर बीएलओ हटाए और तैनात किये जा रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बन गयी है। जनता भाजपा के लोकतंत्र और संविधान विरोधी कार्यों से बेहद नाराज और गुस्से में है। आने वाले चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। हर दिन हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं हो रही है। इस सरकार में राजधानी लखनऊ में भी लोग सुरक्षित नहीं है। लखनऊ में रिटायर्ड आईएएस के साथ लूट हो गयी। सरकार का दावा रात में बेखौफ निकलने का था लेकिन लोग दिन में लुट जा रहे हैं। प्रदेश में महिलाएं, बच्चियां सुरक्षित नहीं है। देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध की घटनाएं उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। भाजपा सरकार का कानून व्यवस्था और महिला अपराध पर जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो हो चुका है।